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दोस्तो, मैं हॉट कॉलेज गर्ल चाहत खन्ना हूं. भूले तो नहीं ना मुझे? चलो, मैं खुद ही याद दिला देती हूं. मैं चाहत खन्ना, हाईट 5’7″, गोरा रंग, बड़ी बड़ी आंखें, फिगर 34-24-34 का और जैसा कि आप महसूस कर सकते हैं, बहुत ही विकसित मम्मे हैं मेरे.
मेरी पिछली कहानी बॉयफ्रेंड ने मेरे जिस्म की अन्तर्वासना जगाई तीन भागों में प्रकाशित हुयी थी. अगर आपने नहीं पढ़ी तो उसे भी अवश्य पढ़ें.
हॉट कॉलेज गर्ल की कामुकता की यह नयी सेक्स स्टोरी मेरे बॉयफ्रेंड के दोस्त के बारे में है, जिसने मुझे बड़ी हसरत से चोदने के लिये पटा लिया.
कॉलेज में मेरा पांचवां सेमेस्टर चल रहा था और राज मेरा बॉयफ्रेंड था. हमने चुदाई के अलावा सब कुछ कर लिया था, जबकि मैं अपनी कामुकता के कारण चुदाई के लिए भी पूरी तरह से तैयार थी. अब मैं कोई अनछुई कली तो थी नहीं, बल्कि खेली खाई आइटम थी.
राज और मैंने बहुत बार लिप किस किए थे और कितनी ही बार उसने कॉलेज बाथरूम में मेरे बूब्स चूसे थे. हम क्या करते थे कि मैं कॉलेज के बाथरूम में चली जाती और कुछ मिनटों के बाद वो भी आ जाता और मैं कॉलेज में ही उससे अपने मम्मे चुसवाने का मज़ा लेती.
राज का सबसे अच्छा दोस्त था कबीर … हालांकि मुझे और राज को चुदाई के बहुत मौके मिले लेकिन राज मुझे चोदना ही नहीं चाहता था. मुझे नहीं पता था कि क्यों वो ऐसा करना नहीं चाहता था. उसका ये रवैया मुझे असमंजस में डाल रहा था. मैं वर्जिन नहीं थी और मुझे अपनी चूत में एक लंड चाहिए था. इसकी वजह से हमारे बीच में अक्सर झगड़े होने लगे. हालांकि कबीर ने भी मुझे प्रपोज किया था, लेकिन तब तक मैं राज को हां कह चुकी थी.
एक बार मैं और राज चुदाई के लिए किसी फ्रेंड के फ्लैट में गए. वहां हमने सब कुछ किया, लेकिन जब बात चूत में लंड डालने की आई, तो राज मेरी कामुकता को शांत किये बिना ही वहां से भाग गया. मुझे बहुत गुस्सा आया. अगले कुछ दिन मैंने उससे बात नहीं की, लेकिन फिर उसने मुझे मना लिया.
अब मैं आपको कबीर के बारे में बताती हूं. कबीर रोज़ जिम जाने वाला तगड़ी मांसपेशियों वाला हैंडसम हॉट लंबा लड़का था. वो 6 फुट लंबा, गोरा चिट्टे रंग का और अत्यंत हंसमुख लड़का था. उसने बहुत अच्छी बॉडी बना रखी थी. पूरी तरह वेक्सड छाती, सिक्स पैक एब्स, बाइसेप्स, ट्राइसेप्स और पत्थर जितनी सख्त पीठ. पूरे कॉलेज में उसकी सबसे अच्छी बॉडी थी और लड़कियां तो उसके पीछे पागल थीं.
वैसे मैं आपको बता दूं कि मैं भी कुछ कम नहीं थी. हॉट कॉलेज गर्ल के 34-24-34 के फिगर पर पूरा कॉलेज दीवाना था. बहुत लड़के मुझ पर लाइन मारते थे लेकिन मैं किसी को ज़्यादा भाव नहीं देती थी. मेरी 24 की कमर पूरे कॉलेज के लड़कों के दिल पर जैसे बिजली गिराती थी और मेरी 34 की मटकती गांड में बुड्ढों के लंड भी खड़े करने का दम था.
बहुत सी लड़कियां मुझसे जलती थीं. कॉलेज में मैंने सुना था कि कबीर का लंड भी बहुत बड़ा और मोटा था. इधर कई महीने से रिलेशनशिप में होने के बावजूद भी मैं और राज कभी चुदाई नहीं कर सके थे. इससे मुझे बड़ी चुदास चढ़ी थी.
एक बार क्या हुआ कि पहले की तरह राज ने मुझे कॉलेज के बाथरूम में जाने को कहा और कहा कि वो मेरे पीछे आ रहा है. उसके कहे अनुसार मैं कॉलेज के बाथरूम में चली गई और उसका इंतज़ार करने लगी. कुछ देर बाद एक लड़का आया और जल्दी से बाथरूम की लाइट्स बंद कर दी. मुझे लगा कि वो राज है. वह मेरे करीब आया और जल्दी जल्दी मेरी शर्ट के बटन खोलने लगा.
मैं भी उसका साथ देने लगी. मेरी शर्ट खोलने के बाद उसने मेरी ब्रा भी उतार दी और मेरे संतरे चूसने लगा. वो बहुत ज़ोर ज़ोर से मेरे मम्मे दबाने लगा और बीच बीच में वो मेरे होंठों पर भी चुम्बन कर रहा था. हम बिल्कुल भी आवाज़ नहीं कर रहे थे. मुझे अपने बूब्स चुसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था. वो मेरे निप्पल्स पर हल्का हल्का अपने दांतों से काट भी रहा था. हमने कुछ देर तक मज़ा लिया और फिर वह चला गया. जाते जाते वह मुझे एक पर्ची पकड़ा गया.
जब मैं अपने कपड़े पहन के बाहर आई और मैंने वो पर्ची पढ़ी, तो मेरे होश उड़ गए. उसमें लिखा था कि जो लड़का अभी मेरे बूब्स चूस कर गया था, वो राज नहीं कोई और था. मेरे तो पैरों तले से ज़मीन खिसक गई. बावजूद इसके फिर भी मैंने अपने आप को संभाला. मैं इसके बारे में राज को पता नहीं लगने दे सकती थी.
अगर राज को यह बात लगती तो बना-बनाया खेल बिगड़ सकता था. राज शायद मुझ पर कभी भरोसा नहीं करता और मेरी चूत, मेरी कामुकता प्यासी ही रह जाती. यह सोच कर मैंने इस घटना को अपने अंदर ही दबा कर रख लिया. मगर रोज दिमाग में यही बात घूमती रहती थी कि उस दिन बाथरूम में मेरे चूचे किसने दबाये! यह बात मुझे अन्दर ही अन्दर बहुत परेशान कर रही थी.
अब मैं इस बात को किसी के साथ शेयर करना चाहती थी. सिर्फ कबीर ही वह शख्स था, जिसके साथ मैं खुल कर यह बात शेयर कर सकती थी. इसलिए मैंने कबीर को शुरूआत से सब कुछ बता दिया कि कैसे बिना किसी वजह से राज मेरे साथ चुदाई नहीं कर रहा था और कैसे एक अन्जान शख्स मेरे 34 के रसीले आम चूस गया.
मैंने कबीर के सामने अपनी सारी कहानी कह सुनाई. पहले तो वो मेरी बात को सुनता रहा. लेकिन फिर उसने जो कहा वह सुन कर मुझे झल्लाहट होने लगी. कबीर ने कहा कि मैं जानता हूं कि राज तुम्हारे साथ सेक्स क्यूं नहीं कर रहा है.
मेरे मन में अब और उत्सुकता जाग उठी. मैंने पूछा- सच, बताओ फिर, वो ऐसा क्यूं कर रहा है मेरे साथ? कबीर ने मुझे उसका कारण बताते हुए एक और शॉक दे दिया कि राज में स्टेमिना नहीं है और वो ज़्यादा देर टिक नहीं पाता है. इसलिए वो तुम्हारे जैसी हॉट लड़की को नहीं चोद रहा है. उसे डर है कि वह तुझे संतुष्ट नहीं कर पाएगा.
कबीर के मुंह से यह बात सुन कर मैं उस दिन बहुत परेशान हो गई. मुझे राज पर गुस्सा आने लगा. राज को देख कर बिल्कुल नहीं लगता था कि उसके अंदर स्टेमिना नहीं है. मेरी चूत चुदाई के सारे अरमानों पर पानी फिर गया. इधर कबीर ने मुझे भरोसा दिलाया कि वह उस बन्दे को ढूंढ़ने की कोशिश करेगा जो बाथरूम में उस दिन मेरे मम्मे चूस गया.
कुछ दिन बीत गए और मैं अब राज से दूर ही रहती थी. जब भी वो सामने होता था तो मैं उसको इग्नोर करना शुरू कर देती थी. शायद वो भी समझ गया था. उसने भी कभी मुझसे यह जानने की कोशिश नहीं कि मैं उससे बात क्यों नहीं कर रही हूं. ऐसा कई दिनों तक चलता रहा. फिर हमने एक तरह से ब्रेकअप कर लिया.
अब कबीर ही मेरा दोस्त था, जिसके साथ मैं सब कुछ शेयर करती थी. हम दोनों काफी घुल मिल गए थे. मैं और राज भी अब पहले की तरह मित्र बन गए थे लेकिन अब हमारे बीच कोई जिस्मानी रिश्ता नहीं रह गया था. न ही राज मेरे करीब आने की कोशिश करता था और न मैं ही उसके साथ कुछ करने के ख्याल मन में लाती थी.
कुछ दिन के बाद मुझे मेरे बैग में एक पर्ची मिली, जिसमें लिखा था: “मैं वही हूं, जिसने उस दिन बाथरूम में तुम्हारे बोबे चूसे थे और मुझे पता है कि तुम्हें उस दिन मेरा तुम्हारे मम्मों को चूसना और तुम्हारी हॉट बॉडी के साथ खेलना बहुत मज़ा दे गया. मुझे यह भी पता है कि तुम्हारा बॉयफ्रेंड राज अब तुम्हें संतुष्ट नहीं कर पाता. मेरे पास तुम्हारे लिए एक ऑफर है. कल, दोपहर 12 बजे मुझे फिर कॉलेज बाथरूम में मिलना और हम दोनों फिर से वही मज़ा करेंगे. अगर कल तुम नहीं आईं, तो मैं तुम्हें आगे से कभी नहीं लिखूंगा.”
मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं. दिमाग कह रहा था कि मत जाओ और कामुकता वश मेरा दिल कह रहा था कि सब कुछ भूल जाओ और जो मज़ा मिल रहा है, उसे मत छोड़ो. मैंने कबीर को भी यह सोचकर कुछ नहीं बताया कि पता नहीं वो मेरे बारे में क्या सोचेगा. पूरी रात सोचने के बाद मैंने फैसला लिया कि मैं जाऊंगी.
अगले दिन ठीक 12 बजे मैं उस आदमी का इंतजार कॉलेज के बाथरूम में जाकर करने लगी. कुछ देर के बाद वो आया और बिना कुछ कहे ही मेरे होंठ चूसने लगा. मैंने उससे पूछा भी कि वो कौन है. मगर उसने मुझे इग्नोर किया और मेरी शर्ट के बटन खोलने लगा. उसने मेरा दायां मम्मा मेरी ब्रा से आज़ाद किया और उसे पीने लगा और अपने हाथ से मेरा बायां मम्मा ज़ोर से दबाने लगा.
वो बहुत अच्छे तरीके से चूचे चूसता था और मैं बहुत खुश थी और मज़ा ले रही थी क्यूंकि वह हल्का हल्का मेरे बूब्स को काट भी रहा था. मैंने फिर पूछा कि वो कौन है, लेकिन उसने ‘शशशशशश..’ कहते हुए मुझे चुप कर दिया.
उसने भरपूर मेरे संतरे चूसे और जाने से पहले मेरे हाथ में एक और पर्ची थमा गया. उस पर्ची में उसने आने के लिए मेरा धन्यवाद दिया और कहा कि अब ऐसा प्यार मुझे रोज़ मिलता रहेगा. इस तरह से पर्चियों के माध्यम से ऐसे हमारी कहानी शुरू हुई.
वो मेरे बैग में चुपके से पर्ची रख जाता और मैं अपनी जवानी लुटाने अपनी वासना शांत करने उस अन्जान मर्द के लिए बाथरूम में चली जाती. वो चुपके से बाथरूम में आ जाता और चूमा-चाटी करने के बाद फिर से एक मैसेज पर्ची पर लिख कर छोड़ जाता था. पहले तो मैं मजा लेती रही. मगर कई बार ऐसा होने के बाद भी उसने अपनी पहचान नहीं बताई.
अब मेरे मन में जो जिज्ञासा थी वो और बढ़ने लगी थी. अपने जिस्म की भूख को शांत करना अलग बात थी लेकिन इस तरह किसी अन्जान के साथ कब तक? आखिर मुझे भी तो पता होना चाहिए कि जो मर्द मेरे जिस्म के मजे ले रहा है वो है कौन? मैंने इसके बारे में पता करने के लिए ठान लिया था.
फिर एक दिन अपनी तरकीब के अनुसार मैंने उस आदमी की गर्दन में अपना नाखून चुभो दिया. मेरी तरकीब काम कर गई और मैं हैरान रह गई, जब मैंने कबीर की गर्दन पर चोट देखी. वो बहुत नॉर्मल बर्ताव कर रहा था.
बात अब शीशे की तरह साफ थी. मुझे पता चल गया था कि वो कबीर ही था जो बाथरूम में आकर मेरे मजे ले रहा था. मगर ये सब मैं उसके मुंह से सुनना चाहती थी. इसलिए मैंने उससे सब कुछ पूछने का फैसला कर लिया लेकिन मेरे कुछ पूछने से पहले ही उसने मुझे सब बता दिया कि कैसे वो हमेशा मेरे जैसी हसीं हॉट कॉलेज गर्ल को पाने के लिए तड़पता था और हमेशा मेरा बॉयफ्रेंड बनना चाहता था.
जब हम दोनों के बीच में सारी बातें साफ हो गईं तो उसने मुझसे पूछा- तुम सच बताना, क्या तुमको वो सब करने में मजा नहीं आया? उसके सवाल का मेरे पास कोई जवाब नहीं था. मैं जानती थी कि मुझे उसके साथ ये सब करने में मजा आता है लेकिन अपने मुंह से कुबूल नहीं कर पा रही थी.
उसके बाद कई दिनों तक मैंने कबीर से बात नहीं की. हालांकि मेरा मन तो करता था कि वो मेरे करीब आये. जिस तरह से बाथरूम में उसने बोबों को मसलते हुए चूसा था, मेरा मन भी उसके लिए मचल जाता था. मगर उसने यह सब अपनी पहचान छिपा कर किया इसलिए मैं उससे थोड़ी नाराज थी.
मैंने सब कुछ भूल जाने का फैसला लिया और फिर जब एक दिन कबीर ने मुझे रिलेशनशिप के लिए पूछा तो वासना के वशीभूत मैं मना नहीं कर पाई क्योंकि मेरे मन में भी कबीर के लिए कहीं न कहीं वो भावनाएं दबी हुई थीं जिसका सपना वो भी देख रहा था.
उसके प्रपोज करने के बाद अब हम बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड बन गए थे. हमारे बीच में अभी तक जो कुछ भी हुआ था वो अन्जाने में ही हुआ था. हां, कबीर को पता था कि वो किसके चूचे चूस और दबा रहा है लेकिन मुझे पता नहीं था कि मैं किस मर्द के साथ रंगरेलियां मना रही हूं. हमने दोबारा से अपना मम्मे चूसने का प्रोग्राम कॉलेज बाथरूम में शुरू कर दिया.
उस दिन जब वो मुझसे मिलने के लिए आया अब मेरे दिल में उसके लिए एक जगह सी थी क्योंकि मैं जानती थी कि मेरे जिस्म के साथ कौन खेलेगा. अब से पहले तो मेरे दिमाग में यही बात रहती थी कि पता नहीं मैं किसके साथ अपने जिस्म की प्यास अपनी कामुकता को शांत कर रही हूं. जिसके कारण मैं खुल कर उसके मजे नहीं ले पाती थी.
मगर उस दिन जब उसने मेरे बूब्स को नंगा किया तो मैंने खुद को उसकी बांहों में सौंप दिया. हम दोनों ने एक दूसरे को खूब चूसा. अब मैंने भी उसकी शर्ट को उतारा. उसकी छाती को किस किया. उसके बाइसेप्स और ट्राइसेप्स पर चुम्बन किया. उसकी पीठ को अपने कोमल हाथों से सहलाया.
उसने मेरी पैंटी में हाथ डाल कर मेरी चूत को मसला. मैंने भी उसकी पैंट को नीचे करके उसके अंडरवियर में हाथ डाल दिया. उस दिन पहली बार मैंने कबीर के लंड को अपने हाथ में लेकर फील किया था. मैं मन ही मन खुश हो रही थी कि अब मेरी कामुकता को काबू में करने के लिए यह लंड मिल रहा है.
मैं आपको बता दूं कि उसका लंड सच में बहुत बड़ा और लंबा था. जब पहली दफा मैंने उसके अंडरवियर में हाथ डाला था तो मुझे उसके लंड को छूकर एक करंट सा लग गया था. जैसा कि मैंने बाकी लड़कियों के मुंह से सुना हुआ था कि कबीर का लंड एकदम सॉलिड है वो बिल्कुल वैसा ही था.
अभी तक मैंने कबीर को अपनी नजरों के सामने दिन के उजाले में नंगा नहीं देखा था. हम अब तक जितनी बार भी मिले थे केवल अंधेरे बाथरूम में ही मिले थे. शायद उसको भी मेरे नंगे जिस्म को उजाले में देखने की ललक थी और ऐसा ही मैं उसके बारे में सोच रही थी.
आगे क्या हुआ वो मैं अगले भाग का में बताऊँगी. इस हॉट कॉलेज गर्ल की कामुकता और सेक्स स्टोरी और मेरे बारे में अपने विचार नीचे दी गई मेल आईडी पर शेयर कीजिए. [email protected]
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