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मेरा नाम विनय है, मैं नौकरी करता हूं और मेरी शादी को काफी साल हो चुकी है। मेरी पत्नी का नाम नीलम है।
मैं उस समय की बात बता रहा हूं जब मेरी शादी को केवल 7-8 महीने का वक्त हुआ था। मेरी पोस्टिंग देहात के इलाके में थी जो एक छोटा कस्बा था वहां पर मकान मिलने की बहुत बड़ी समस्या थी. साथ ही वहां पर बिजली भी बहुत कम आती थी।
उस कस्बे से पूर्व मेरी पोस्टिंग एक बहुत बड़े शहर में थी। इस कस्बे में आने के बाद मुझे किराए का मकान ढूंढने के लिए बहुत दिक्कत हुई। मुझ पूरा मकान तो नहीं मिल सका मगर एक मकान में मुझे एक कमरा किराए पर मिल गया. बहुत छोटा कमरा था और उसमें केवल एक बड़ी चारपाई या तख्त आ सकता था।
मेरी पत्नी उस वक्त अपने पिता के घर पर रह रही थी और हम दोनों को एक दूसरे के साथ रहने की बहुत इच्छा थी। प्यार के मामले में हम दोनों में गहरी समझ थी और एक दूसरे से बहुत प्यार किया करते थे और जिंदगी के खूब बजे लेने का वक्त था। एक दूसरे के बिना रहना बहुत मुश्किल हो रहा था।
कमरा मिलने के बाद मैं अपनी पत्नी को अपने पास ले आया। मुझे पड़ोस से एक लाइट और एक पंखा चलाने के लिए जेनरेटर से कनेक्शन भी मिल गया।
हम पति-पत्नी एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे और सेक्स के मजे भी कर रहे थे। कोई रात ऐसी नहीं बीती थी जब हमने दो-तीन बार सेक्स ना किया हो। लेकिन तभी एक ऐसा मजेदार किस्सा हुआ जिसे मैं आप को शेयर करना चाहता हूं।
पहले बड़े शहर में जहां मेरी पोस्टिंग थी, मैं जिस मकान में किराए पर रह रहा था और मेरी पत्नी भी दो-तीन महीने मेरे साथ रही थी. उस मकान मालिक से मेरा बहुत अच्छा सम्बन्ध हो गया था उनकी पत्नी और उनकी लड़कियों से मेरी पत्नी के भी बहुत अच्छे सम्बन्ध हो गए थे। उन्हीं की जान पहचान का एक लड़का हमारे कस्बे में ही प्राइवेट परीक्षा का इंटरमीडिएट का इम्तिहान देने आया. उसके रुकने की व्यवस्था करने के लिए हमारे पूर्व मकान मालिक के घर से खबर आई थी और उसके रुकने की व्यवस्था करने का आग्रह हमसे किया गया था.
अच्छे सम्बन्ध होने के कारण उस लड़के को रुकवाने की जिम्मेदारी मैंने और मेरी पत्नी ने ले ली और वह लड़का परीक्षा देने के लिए हमारे पास आ गया।
उसके 9-10 पेपर थे जिनके बीच में कुछ गैप भी रहता था। उस लड़के का नाम रवि था जिसकी उम्र 19-20 वर्ष रही होगी। दिन में अपनी पढ़ाई की तैयारी वह मकान मालिक के लड़के के कमरे में किया करता था, रात के वक्त ऊपर छत पर खुले में सोने के लिए व्यवस्था कर दी गई थी क्योंकि गर्मियों के दिन थे।
सब कुछ ठीक था। उसे आए हुए दो-तीन दिन हो ही चुके थे।
तभी उस रात मौसम खराब हो गया और बूंदाबांदी शुरू हो गई। रवि को सुलाने की दिक्कत हो गई। मजबूरी में हमने अपनी बड़ी चारपाई पर ही अपने पास रवि को सुला दिया। एक तरफ रवि बीच बीच में मैं तथा दूसरी साइड में मेरी पत्नी लेटी। यह रात बिना सेक्स के बहुत ही मुश्किल से गुजरी। सब्र करना बहुत मुश्किल था। मेरी खूबसूरत पत्नी मेरे साथ सो रही थी और मैं बिना सेक्स के उसके साथ रात भर रहा।
दुर्भाग्य से मौसम साफ नहीं हुआ. अगली 2-3 रात भी मौसम की वजह से हमें रवि को साथ लेकर सोना पड़ा।
चौथी रात मेरी हालत बहुत खराब थी, मैं बिना सेक्स की रह नहीं पा रहा था। रवि की परवाह न करते हुए मैंने अंधेरे में अपनी पत्नी को अपनी तरफ खींचकर उसकी तरफ करवट लेकर उसे किस करना शुरू किया. पत्नी को भी रहना मुश्किल हो गया और वह भी मुझे कस के किस करने लगी।
मेरी पत्नी भी गर्म हो रही थी और मैं तो पहले से ही सेक्स के मूड में था बर्दाश्त नहीं हो रहा था। रवि की तरफ से मुझे झिझक थी मगर मेरी वासना मुझे कंट्रोल नहीं करने दे रही थी। मैंने पत्नी को नंगी कर लिया और अपने भी कपड़े उतार कर उस पर चढ़ गया।
चुदाई के वक्त मेरी पत्नी चीखने लगती थी। उस वक्त भी सेक्स करते हुए पत्नी मजे में गर्म होकर सिसकारियां देने लगी हम दोनों ही होश में नहीं थे सेक्स की वासना और जोर में थे।
रवि के बारे में हमें मालूम था वह काफी दूर का रहने वाला है और भविष्य में उसे कोई डर भी नहीं है और शायद भविष्य में उससे कभी मुलाकात भी ना हो इसीलिए उसकी तरफ से शर्मिंदा रहने का कोई डर नहीं था। मेरे दिमाग में यह भी था कि रवि किसी को भी हमारे सेक्स के बारे में नहीं बताएगा।
सेक्स को करते समय झटकों से चारपाई भी खूब हिली और रवि भी करवटें बदल रहा था। यह जाहिर हो गया था कि रवि जाग चुका है और हमारी जुदाई के बारे में उसे मालूम है कि हम पति पत्नी चुदाई में व्यस्त है।
एक बार सेक्स करने के बाद हम पति-पत्नी की झिझक खत्म हो गई कुछ देर बाद फिर मुझे सेक्स करने की तलब हुई चादर के नीचे पत्नी नंगी थी मैंने फिर से उसे चोदना शुरू कर दिया। वह पागलपन था … सच में उन हालात में एक पागलपन था। मगर सेक्स चीज ही ऐसी है कि लोग पागल हो जाते हैं। हम दोनों भी पागल थे सेक्स में मज़े में चुदाई में।
सुबह उठने पर हम शर्मिंदा थे। रवि भी शांत था मगर उसे अकेले मेरी पत्नी से बात करने का मौका मिला तो मेरी पत्नी पर उसने मज़ाक किया। मेरी पत्नी भी हंसने लगी।
तभी मैं आ गया तो रवि चुप हो गया।
पर मेरी पत्नी ने मुझसे कहा- ये रवि बच्चा नहीं है, इसकी तो शादी करानी पड़ेगी। रवि ने मेरी वजह से गर्दन झुका ली।
उसके बाहर जाने पर मेरी पत्नी ने बताया- रात की बात इसे पता है और मुझसे कह रहा है कि रात तो भैया के साथ मज़े किए हैं। हम दोनों हंसने लगे और आपस में कहा- कुछ दिन बाद तो रवि चला ही जाएगा, कोई परवाह नहीं करनी चाहिए।
मुझे पत्नी की तरफ से झिझक थी कि शायद उसे एतराज हो मगर उसे कोई एतराज नहीं था तो मुझे भी रवि की अब कोई खास परवाह नहीं थी।
अगली रात फिर रवि हमारे साथ ही लेटा और पत्नी भी लेटते ही मुझसे चिपक गई। तब तक रवि सोया भी नहीं था। हाँ रूम में अंधेरा था। लेटते ही पत्नी रवि से बोली- रवि, उधर मुंह करके लेटो और हमें डिस्टर्ब मत करना। रवि बोला- नहीं भाभी जी, मैं आराम से लेटा हूँ, आप चिंता मत कीजिये।
फिर हम पति पत्नी आपस में प्यार करने लगी और सेक्स करते वक्त हम लोग दोनों सीरियस हो चुके थे, वासना में डूब चुके थे. मैंने अपनी पत्नी को पूरी नंगी किया और धीरे धीरे उसे चोदने लगा। हमें तो बिल्कुल भी रवि के वहां होने का कोई फर्क झिझक या शर्म मुझे नहीं थी. मुझे ऐसा लग भी रहा था कि मेरी पत्नी को भी रवि की उपस्थिति की कोई परवाह नहीं है।
हमने खूब सेक्स किया। रात में कई बार सेक्स किया. बल्कि रवि के पास होने के कारण और दिन में रवि और पत्नी के बीच में मजाक के कारण मुझसे अलग तरह की फीलिंग आ रही थी और मैं और भी उत्तेजित होकर पत्नी के साथ सेक्स का खेल खेल रहा था।
अगली सुबह जब मैं मेरी पत्नी और अभी साथ साथ में थे तो मेरी पत्नी ने रवि की खिंचाई की। मेरी पत्नी भी मजे और मजाक के मूड में थी और कहा- की रवि तुमने रात में कुछ देखा तो नहीं? रवि ने कहा- नहीं मैंने कुछ नहीं देखा. अंधेरा था मैं क्या देखता और कैसे देखता? फिर हम तीनों हंसने लगे।
मेरी पत्नी ने कहा- रवि, अब तुम्हारी शादी हो जानी चाहिए, अब तुम शादी के लायक हो गए हो. रवि ने कहा- आपको कैसे पता कि मैं शादी के लायक हो गया हूं? मैंने तो अभी कुछ देखा ही नहीं है आप मुझे कुछ सिखाओ. मेरी पत्नी ने कहा- जब तुम्हारी पत्नी आएगी तो वह सब कुछ सिखा देगी.
रवि ने कहा- नहीं भाभी, हो सकता है मैं अनाड़ी साबित होऊँ … आप ही मुझे कुछ सिखा दो. तो उसने कहा- तुम्हारे भैया सब सिखा देंगे। रवि ने कहा- भैया मुझे कहां सिखाएंगे? आप दोनों ही मुझे कुछ सिखा सकते हो. पर आप तो लाइट बंद करके मुझे कुछ देखने नहीं देते, मैं कैसे सीख लूंगा?
फिर हमने खूब मजाक किया और हंसते रहे।
मौसम अब भी खराब था. अगली रात फिर से रवि हमारे साथ लेटा, मेरी पत्नी मेरे पास लेटने के लिए आई और कमरे की लाइट बंद करने लगी तो रवि ने मजाक किया- मैं कैसे कुछ सीख लूंगा आप लाइट बंद कर दोगी तब? मेरी पत्नी ने लाइट बंद नहीं की और मेरे पास आ कर लेट गई।
हम तीनों आपस में बात करने लगे और रवि के बारे में, रवि के परिवार के बारे में, फिल्मों की और इधर उधर की बात करते रहे. काफी देर बात करते-करते आधी रात हो गई, तब सोने का सोचने लगे।
रवि ने कहा- आज मुझे कुछ सिखाओगे या नहीं? सब लोग हंसे और मेरी पत्नी ने रवि को डांटा। फिर हम सो गए।
लेकिन कुछ देर बाद ही मेरी आंख खुल गई और मुझे सेक्स की बहुत तलब लगी हुई थी। मैंने पत्नी को अपनी तरफ खींचकर होठों पर प्यार किया. उसने भी अंगड़ाई ली. मैंने उसके नाजुक अंगों को सहलाना शुरू किया तो वह भी वासना में डूबने लगी।
मुझे लगा कि वह सेक्स करने से पहले मुझे कमरे में जल रही लाइट बंद करने को कहेगी क्योंकि उसी कमरे में हमारे बगल में रवि लेटा हुआ था जो सेक्स के वक्त मेरी पत्नी को एकदम नंगी देख सकता था। मगर मेरी पत्नी ने मुझे लाइट बंद करने को नहीं कहा।
मैंने रोशनी में ही उसे प्यार करना जारी रखा. रवि या तो सोया नहीं था या फिर से अब जाग उठा था। लेकिन अब दिन में जो मजाक हुए थे वैसा माहौल नहीं था बल्कि माहौल वासना से भरा हुआ गंभीरता से भरा था। शांति थी लेकिन गहरी सांसें थी।
मैं अपनी नंगी पत्नी के ऊपर चढ़ा हुआ था उसके वक्षस्थल को सहला रहा था, होठों को चूम रहा था. उसकी टांगें मेरी बांहों में लिपटी हुई थी, मेरा लंड उसकी प्यासी चूत में अंदर तक घुसा हुआ था। तभी रवि आंखें खोल कर हमारे सेक्स को देखने लगा।
हम पति पत्नी वासना में डूबे हुए थे और हमने रवि की कोई परवाह नहीं की। रवि बहुत ही हसरत से हमारे प्यार को देख रहा था, उसके सामने सेक्स का नंगा खेल हो रहा था, चुदाई हो रही थी। रवि उठ कर बैठ गया। उसके सामने उसी चारपाई पर एक पति पत्नी का जोड़ा नंगा होकर चुदाई का सेक्सी मजेदार खेल खेल रहा था जिसे देख किसी का भी लंड खड़ा हो सकता था. निश्चित रूप से रवि का लंड भी फनफना रहा होगा। हमारे पूरे सेक्स को उसने हमारे सामने बैठकर देखा और मजा लिया. उसकी भी हालत खराब थी, हमने उसे सेक्स का खेल दिखाया जिसमें खूब मजा आया और रवि को सेक्स का खेल दिखाते हुए उसे सताने में बहुत मजा आया।
यह खेल अगली कई रातों तक चला. फिर रवि वापस अपने घर चला गया. उसके बाद कभी जिंदगी में उससे मुलाकात नहीं हुई।
यह कहानी मैं और मेरी पत्नी भूल चुके हैं और कभी मैं और मेरी पत्नी ने इस विषय पर फिर आपस में बात नहीं की।
लेकिन कभी अकेले में फुर्सत में मुझे वे दिन याद आ जाते हैं, यह कहानी जरूर याद आती है. वह प्यार भरे सेक्स के मजे वाली कहानी आंखों के सामने सपने की तरह तैर जाती है।
शादीशुदा लोगों को जरूर कहानी पसंद आई होगी मुझे यकीन है। यह मेरी जिंदगी का एक राज है जो आज मैंने कहानी के रूप में आप सबको शेयर किया है। सच में अपनी चुदाई किसी दूसरे को दिखाना बहुत ही बहुत ही मजेदार गेम है. देखने वाले को मजा आता है और दिखाने वाले को भी भरपूर आनंद आता है।
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