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दोस्तो, जैसा कि आपने कहानी के पिछले भाग उत्तेजना की चाहत बन गयी शामत-1 में पढ़ा कि हम दोनों मर्दों (मुझे और मेरे डॉक्टर दोस्त) को एक दूसरे की बीवियों के बदन के साथ मजे लेने का मन कर रहा था. फिर आखिरकार वो घड़ी भी आ ही गई जब हम दोनों की बीवियों की अदला-बदली होकर हमें एक दूसरे की बीवी के बदन को छेड़ने और प्यार करने का मौका मिला.
हम दोनों ही मर्द उत्तेजित अवस्था में केवल निक्कर में थे और हम दोनों की ही पत्नियां सिर्फ पेंटी और ब्रा में ही हमारे साथ थीं और हम उनके जिस्म से लिपट रहे थे. बहुत मजा आ रहा था. मेरी इस बात को वही समझ सकता है जिसने किसी गैर की बीवी के जिस्म को भोगा हो.
भारत में इस तरह की सोच बहुत उत्तेजक लगती है. लेकिन दोस्तो, गोवा का माहौल ही ऐसा है कि वहां ये सब कुछ हो जाता है. यही हम चारों के साथ हुआ क्योंकि जहां हम पहले चट्टानों के पीछे छुपने का सोच रहे थे वहां अब हालत यह थी कि हम नाम मात्र के कपड़ों में ही चूमा-चाटी कर रहे थे.
इससे भी आगे बढ़ कर हम अब हालत ऐसी होती जा रही थी कि पहले जहां बाकी कपल्स की नजरों से काफी दूर होकर भी हमारी बीवियों को कपड़े उतारने में संकोच हो रहा था, अब वही बीवियां हम दोनों मर्दों के आधे नंगे जिस्मों से नागिन की तरह लिपटने लगी थीं.
माहौल की गर्मी का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि चट्टानों के पीछे से चल कर अब हम चारों के चारों ही बाहर खुले में आ गए थे.
वहां बहुत तेज हवा चल रही थी. तेज बहती हवा में दोनों ही सेक्सी औरतों के बाल उड़ रहे थे. दोनों बहुत मस्त लग रही थी. जब हम खुले में आए तो वहां हमारे जैसे दो-तीन और कपल भी थे जो हमें बाहर आने के बाद दिखाई दिये.
यहां यह बताना जरूरी होगा कि हमारे साथ हमारी बीवियां निहायत उत्तेजक लग रही थीं. इसलिए जो दूसरे मर्द हमारे आस-पास मौजूद थे, अपने पार्टनर के साथ वो भी हमारी बीवियों के जिस्म को निहारने से कोई परहेज नहीं कर रहे थे.
काफी देर तक चूमा-चाटी करने के बाद मेरा लंड तो तन कर ठोस हो चुका था. मन कर रहा था कि इसको भी पूरी आजादी दे दूं लेकिन भारतीय होने के नाते थोड़ा लिहाज करना भी जरूरी था. उसके बाद हम चारों नहाने के लिए समुद्र की ओर चल पड़े.
समुद्र की अठखेलियां करती हुई लहरें हमारी तरफ जब पहुंच रही थी तो दिल में अलग ही तरंगें सी पैदा हो रही थीं और वह नजारा बेहद रोमांचकारी लग रहा था. अगले कुछ ही मिनट के अंदर हम लोग समुद्र की उफान भरती हुई झाग वाली लहरों के बीच में थे.
पानी में पहुंचने के बाद जो हुआ उसने लंड में जैसे आग ही लगा दी. अगर आप नहीं सोच पा रहे हैं तो बता ही देता हूं कि जो ब्रा और पैंटी हमारी बीवियों ने पहनी हुई थी वो पानी में भीगने के कारण उनके चूचों और चूतड़ों से एकदम जैसे चिपक ही गई थी.
अब अंदाजा लगा सकते हैं कि ब्रा और पैंटी जो पहले से औरत के जिस्म में गड़ी हुई हो तो वह भीगने के बाद किस तरह से उसके चूचों और गांड को सबके सामने उभार दे रही होगी. चूचों के निप्पल तक उठे हुए साफ दिखने लगे थे.
पैंटी भी गांड में जैसे अंदर ही घुसने को हो गई थी. आह्ह … वो नजारा तो सच में बहुत ही उत्तेजक था जिसमें समुद्र के पानी ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई.
अब तक तो हम एक-दूसरे की बीवियों को वैसे ही देख कर इतनी उत्तेजना महसूस कर रहे थे लेकिन जब उनकी ब्रा और पैंटी भीग गई तो आप हमारी हालत के बारे में सोच सकते हैं. मेरी पत्नी का ऊपर वाला हिस्सा तो जैसे नग्न ही होने वाला था क्योंकि उसके चूचे भी इतने भारी थे कि गीली ब्रा तो उनको किसी हाल में संभाल नहीं पा रही थी.
मेरी बीवी की गीली ब्रा बार-बार उसके बूब्स पर से फिसल कर नीचे जा रही थी और कई बार उसके बूब्स अपने जोड़े को छोड़कर बाहर झांक चुके थे जिनको वो बार-बार ढकने का व्यर्थ प्रयास करती दिखाई दे रही थी.
इधर मेरा डॉक्टर दोस्त इस नजारे का भरपूर मजा ले रहा था. वो मेरी बीवी के नजदीक ही था.
अब मेरी बीवी थोड़ी सी परेशान होकर कहने लगी- यह तुम दोनों का ही प्लान था न हम दोनों को इस तरह सबके सामने नंगी करने का? यह तुम्हारी अच्छी बात नहीं है. मैंने भी कह दिया- जब तुम्हारे बूब्स ही बाहर आने को बेताब हो रहे हैं तो तुम क्यूं उनको बेवजह कैद करके रखना चाह रही हो? मेरी इस बात पर मेरी पत्नी खीझते हुए हंसने लगी. मैंने कहा- सही तो कह रहा हूं. इसमें इतना छुपाने की क्या बात है, सब तो मजे ले रहे हैं. तुम भी ले लो।
मेरे मन में पता नहीं क्या आया कि मैंने मजाक और वासना के वशीभूत होकर अपनी बीवी की ब्रा को निकाल दिया. उसके मोटे चूचे उसके गीले बदन पर झूलने लगे. ऊपर से ब्रा अलग होने के बाद वो केवल पैंटी में ही पानी के अंदर खड़ी थी. पैंटी भी ऐसी कि उसको नाममात्र ही कहा जाये तो सही रहेगा.
माहौल में गर्मी और बढ़ गई थी मेरी इस हरकत के बाद. मेरी बीवी के नंगे चूचों को देख कर अब मेरे डॉक्टर दोस्त को भी यही शरारत सूझी और उसने भी अपनी बीवी की ब्रा को निकलवा दिया. दोस्त की बीवी के बूब्स की असली खूबसूरती तो अब मुझे दिखाई दी।
जहां मेरी पत्नी के बूब्स बड़े भारी और थोड़े लटके हुए थे वहीं दोस्त की बीवी के चूचे मीडीयम साइज के थे लेकिन उभरे हुए थे. उसके निप्पल का घेरा गहरे काले रंग का और बड़ा था. मेरी वाइफ दूध जैसी गोरी है इसलिए निप्पल भी एकदम गुलाबी और छोटे-छोटे हैं मेरी बीवी के.
अब हम चारों लोग समुद्र की उफनती हुई लहरों में मस्ती करने लगे, उछलने लगे, एक दूसरे पर पानी फेंकने लगे और एक दूसरे की बीवियों के साथ ज्यादा खुल गए. मैं बार-बार देख रहा था कि वह दोस्त मेरी बीवी के नंगे जिस्म को पकड़ रहा था.
समुद्र की लहरों से मेरी वाइफ की अंडरवियर भी बार-बार सरक रही थी. वो उसके कूल्हों से सरक कर उसकी गोरी सी गांड के दर्शन करवा देती थी और मेरी पत्नी अपनी गांड को फिर से ढकने की कोशिश करती और इसका मजा वह दोनों पति-पत्नी भी ले रहे थे.
तभी मुझे शरारत सूझी और मैंने कहा- आज हम चारों के पास एक मौका है. हम खुले आसमान में पूरी तरह नग्न हो सकते हैं! ऐसा मौका फिर जिंदगी में दोबारा नहीं मिलेगा.
मेरे इस प्रस्ताव को दोनों औरतों ने सिरे से नकार दिया.
मगर मेरे दोस्त को सुनकर मजा आ गया और उसने कहा भी वही. वो बोला- अब हम लोगों के जिस्म पर ज्यादा कपड़े हैं भी तो नहीं, वैसे भी अब हम लगभग नंगे ही हैं. तो फिर एक कपड़ा और उतारने में क्या ऐतराज है?
लेकिन पत्नियों ने दोनों ही मर्दों में से किसी की नहीं सुनी और बोली- हम अभी तक इतना को-ऑपरेट कर रही हैं वही काफी है. ज्यादा हवा में उड़ना भी ठीक बात नहीं है. पूरे नंगे होने का आइडिया बिल्कुल अच्छा नहीं है.
इधर मेरा दोस्त बहुत ही ज्यादा उत्तेजक हो चला था और बोला- नहीं भाभी, मुझे तो आपको आज पूरी तरह नंगी देखना ही है. मगर मेरी बीवी ने उसकी इच्छा को नकारते हुए साफ मना कर दिया. हम दोनों ने काफी मनाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं मान रही थी.
उसके बाद मैंने एक और सुझाव दिया. मैंने कहा- ठीक है, ऐसा करते हैं कि हम थोड़े से और गहरे पानी में चलते हैं. वहां पर अगर नीचे से नंगे हो भी गये तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. अगर कमर तक पानी रहेगा तो वहां जाकर हम आराम से अपना अंडरवियर उतार सकते हैं. मैंने कहा कि एक बार बस अंडरवियर उतार कर उसको ऊपर हाथ में लेकर हवा में लहरा देंगे. इतना सा ही काम तो करना है.
दोनों की बीवियों ने एक दूसरे को देखा और बेमन से राजी हो गईं. उसके बाद हम चारों गहरे समुद्र में जाने लगे. वहां जाकर भी दोनों औरतें संकोच कर रही थीं. इसलिए मैंने उनके काम को आसान करने के मकसद से अपनी बीवी का अंडरवियर खुद ही उतार दिया.
अपनी बीवी की चड्डी उतार कर मैंने अपने दोस्त के हाथ में दे दी. मेरी इस हरकत पर मेरी पत्नी मुझे गुस्से से मारने के लिए पानी में ही मेरी तरफ दौड़ी. मगर मेरे दोस्त की उत्तेजना इतना बढ़ गई कि उसने मेरी बीवी को बीच में ही अपनी गोद में उठा कर पानी से ऊपर कर दिया.
मेरी नंगी बीवी मेरे दोस्त की बांहों में लटकी हुई थी. इधर मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए उसकी बीवी को अपनी गोद में उठा लिया और उसको आलिंगन करने लगा. अब माहौल इतना गर्म हो गया कि नहाने की बजाय चूमा-चाटी होने लगी वहीं पर।
चूंकि मेरी बीवी नंगी थी इसलिए मैंने दोस्त की बीवी को भी नंगी करने के लिए उसकी पेंटी में हाथ देकर उसको खींचना शुरू किया लेकिन वो मुझसे मिन्नतें करते हुए मना करने लगी. मगर फिर भी मैंने उसकी बीवी की पैंटी में हाथ डाल ही दिया.
इधर मेरा दोस्त मेरी पत्नी के साथ भरपूर मस्ती करने में लगा था. बहुत खुल कर मजे ले रहा था और मेरी बीवी के बारे में तो अंतर्वासना के लगभग सभी पाठक जानते हैं. जैसे ही उसकी वासना की चिंगारी सुलगती है वह निहायत ही बेशर्म बन जाती है.
मैंने अपनी पहले की कहानियों में वह सब लिखा हुआ है कि कैसे मेरी बीवी की उत्तेजना उसको बेशर्म बना देती है. ऐसा ही कुछ वह यहां कर रही थी. वह जिद पर अड़ गई कि जब वह खुद नंगी है तो उसे (मेरे दोस्त को) भी नंगा करेगी.
मगर उस बेवकूफ औरत को यह पता नहीं था कि ऐसे उत्तेजना भरे माहौल में तो मर्द खुद ही नंगा होने के लिए बेचैन हो उठता है. मेरे दोस्त का हाल भी वैसा ही था. मेरी बीवी की पहल पर उसने आसानी से अपनी निक्कर उतार दी.
मेरी पत्नी मेरे दोस्त का तना हुआ लंड अपने हाथ में लेकर उसकी बीवी को दिखाने लगी. दोस्त की बीवी बोली- बहुत अच्छा किया। इस बात पर मैं भी मुस्करा दिया.
अब मेरे दोस्त ने जब ये देखा कि जब इन पति-पत्नी को इस तरह गैर की बांहों में मस्ती करने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है तो उसकी हिम्मत और बढ़ गई. वो उसी अवस्था में मेरी बीवी के उन्नत वक्ष अपने मुंह में लेकर चूसने लगा, उनको चाटने लगा.
अब मेरी पत्नी भी उसके लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी. दोनों ही मजा ले रहे थे. मैंने भी मौके का फायदा उठाया और उसकी पत्नी के बूब्स को चूसना शुरू कर दिया. मुझे इस बात से तसल्ली भी हुई कि उसकी पत्नी भी मेरा सहयोग कर रही थी.
इसी बीच मेरा वह दोस्त और मेरी पत्नी हम दोनों आलिंगनरत जोड़े के पास आए और मेरी बीवी ने मेरी अंडरवियर और उसके पति ने अपनी पत्नी की अंडरवियर पूरी तरह निकाल कर अलग कर दी. इस बार उसकी पत्नी ने भी कोई आपत्ति नहीं की और अब गोवा के खुले समुद्र में आसमान के नीचे हम चारों पूर्णतया निर्वस्त्र हो गए.
अब हमें यह डर भी नहीं था कि आस पास के सेक्सी कपल भी हमारी नग्न मस्ती को देख रहे थे और देखते हुए मजे ले रहे थे. कुछ देर मस्ती करने के बाद फिर सोचा कि कुछ नया किया जाए इसलिए मैंने सुझाव दिया कि इन दोनों औरतों को थोड़ा दूर रेत में पूर्णतया नग्न अवस्था में ऐसी जगह लिटा दिया जाए जहां समुद्र की लहरें इन दोनों के ऊपर आएं और स्वयं ही फिर बह कर उतर जाएं.
दोनों के हाथ सिर के ऊपर कर दिए जाएं और दोनों पैरों को चौड़ा कर दिया जाए जिससे कि चूत लहरों के सामने खुल जाए और फिर समुद्र की लहरें उन पर आने दी जाएं. और सच में यह बहुत ही कामुक मुद्रा थी.
कहानी जारी रहेगी. [email protected]
कहानी का अगला भाग: उत्तेजना की चाहत बन गयी शामत-3
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