This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
हेलो, मैं मनीषा दिल्ली से … मैं आपके सामने एक बार फिर हाजिर हूं अपनी नई कहानी लेकर अंतर्वासना पर! मेरी पिछली कहानियों मैंने अपने पति की तमन्ना पूरी की मैंने दूसरे लंड से चुदने की इच्छा पूरी की पर मुझे बहुत से मेल आये, मैंने पुरजोर कोशिश की कि मैं सबके जवाब दूं. पर ऐसा नहीं हो पाया. मुझे बहुत सारे मेल चुदाई के ले आते थे. मैं इतने मेल पाकर अंदर ही अंदर बहुत खुश थी. सब कुछ सामान्य चल रहा था. बहुत दिन हो गए थे यही ईमेल का सिलसिला चलते हुए … अब मैं बोर होने लगी थी तो मैंने अपने हस्बैंड से यह ईमेल की बात सुनाने की सोची.
मैंने उनसे कहा- मैं अंतर्वासना पर कहानी लिखती हूं और मुझे वहां से बहुत सारे ई-मेल आते हैं जिनमें बहुत सारे लोग मुझे चोदने के लिए कहते हैं. मैं अपने हस्बैंड से सारी बातें खुलकर कर लेती हूं इसलिए उन्होंने मेरी बात ध्यान से सुनी और मुझसे कहा- ठीक है, जैसा तुम्हें अच्छा लगता है, करो! पर मैं अपने हस्बैंड से बहुत प्यार करती हूं इसलिए मैंने उनसे कहा- हम कुछ नया करते हैं. पर इसमें तुम मेरा साथ दोगे? उन्होंने कहा- क्या करना होगा?
मैंने उनसे कहा- क्यों ना कुछ नया किया जाए और कुछ पैसा भी कमाया जाए? ई-मेल पर बहुत सारे लोग जो मुझे प्यार करने वाले हैं, मुझे चोदने के लिए पैसे देने के लिए भी तैयार हैं. तो मेरे हसबैंड ने कहा- ठीक है!
बस फिर क्या था मैंने अपने पहले चाहने वाले से बात की और और वह मान गया. उसने मुझसे कहा- मैं आपके लिए कुछ भी करने को तैयार हूं. फिर हम लोगों ने एक दिन योजना बना कर उसे जगह बताई कि उसे कहां आना है और कब आना है. हमने एक होटल में एक रूम बुक किया।
बस फिर क्या था … वह दिन आ गया. हम तीनों एक जगह मिले. मुझे देखते ही उसकी आंखों में एक चमक सी आ गई जैसे वह मुझे अभी खड़ी खड़ी को चोद देगा. मैं उसकी आंखों में देखकर समझ गई कि आज यह मुझे जी भर कर चोदेगा।
मेरे हस्बैंड ने उनसे कहा- आपको मेरी वाइफ कैसी लगी? उसने कहा- बहुत अच्छी! फिर उसने हमें पेमेंट किया जो हमने उसे बताया था.
और बस फिर हम तीनों लग गए अपनी मौज मस्ती में।
सबसे पहले मैं बेड पर चली गई. वह वहीं आ गया. वह मेरा कमीज उतारने लगा. मैंने उसे मना नहीं किया. बस मैं तो सब देख रही थी कि आज मेरे साथ क्या होने वाला है.
फिर बेड पर मेरे हस्बैंड भी आ गए और उन्होंने मुझे लिटा दिया. फिर मेरा वो चाहने वाला मेरे पेट पर चुम्बन करने लगा. मेरी वासना जागने लगी और मेरी सांसें तेज होने लगी. इसके बाद उसने मेरी सलवार उतार दी. अब मैं उसके सामने ब्रा और पेंटी में थी. मेरा गोरा बदन उसके सामने नंगा पड़ा था.
चिकना बदन देख कर उसकी आंखों में बस मुझे चोदने के ख्याल आ रहे थे।
बस फिर क्या था … मैं पागलों की तरह मुझे चूमने लगा. मेरे हस्बैंड भी मुझे माथे पर किस कर रहे थे. मुझे यह सब बहुत अच्छा लग रहा था. पर मैं आंखें बंद करके बस महसूस करना चाहती थी.
फिर वह मेरी चूचियों पर आ गया, उसने मेरी ब्रा खोल दी. वह मेरी चूची अपने हाथ में पकड़ कर उसका निप्पल चूसने लगा. मेरे हाथ एकाएक उसकी कमर पर आ गए. फिर झटके से उसने मेरी पैंटी उतार दी. इन सबके बीच मेरी चूत बहुत गीली हो गई थी.
शायद वह भी बहुत भूखा था वासना का … उसने सीधा कंडोम लगाकर अपना लंड मेरी चूत में उतार दिया. एक मिनट के लिए मुझे दर्द हुआ और मेरी चीख सी निकल गई. पर धीरे धीरे मैं उसका साथ देने लगी, मेरे हस्बैंड मेरे गालों पर मुझे किस कर रहे थे और मुझे किसी और से चुदने का मजा लेते हुए देख रहे थे.
बहुत देर तक हम इसी पोजीशन में सेक्स करते रहे. फिर उसने मुझे घोड़ी बनने के लिए कहां और मुझे पलट दिया. मैं अपने नंगे चूतड़ उठा कर उसके लिए घोड़ी बन गई. फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में सटा दिया और एक धक्का मारा … उसका पूरा का पूरा लंड मेरी गीली चूत के अंदर … लंड जाकर जैसे मेरे गर्भाशय से टकराया हो क्योंकि घोड़ी बन कर चूत चुदवाने से लंड ज्यादा अंदर तक जाता है.
कुछ देर के बाद मेरे हस्बैंड मेरी कमर पर किस करने लगे. यह मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. कमर पर किस करना मेरे लिए मानो सबसे बड़ा आनंद था, चुदते वक्त कमर पर किस पागल कर देती है.
बस कुछ देर के बाद उसने जोर जोर से कुछ झटके मेरी चूत में मारे, मेरी उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकल गयी. उसने अपना सारा वीर्य मेरी चूत में छोड़ दिया। मैं घोड़ी बनी रही. फिर धीरे से उसने अपना लंड मेरी चूत में से निकाला और वीर्य से भरा कंडोम अपने मुरझाते लंड पर से निकाला और डस्टबिन में डालने चला गया.
फिर मेरे हस्बैंड ने मुझे ऐसे ही घोड़ी बनाए रखा और अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगे. कुछ देर के बाद वे भी मुझे ऐसे चोदते चोदते झड़ गए और उन्होंने भी सारा वीर्य मेरी चूत में निकाल दिया.
अब तक मैं दो मर्दों का पानी निकाल चुकी थी.
लेकिन अभी हमारे सामने बहुत समय था और हमें भूख भी लग रही थी. हम सब खाना खाने चले गए।
खाना खाकर जब हम वापस आए तो एक बार फिर से मैं चुदने के लिए तैयार थी। अबकी बार मुझे बेड पर लेटा कर दोनों मर्द मुझे पागलों की तरह चूमने चाटने लगे. मैं बस पड़ी पड़ी उनका साथ देने का अलावा और कुछ नहीं कर सकती थी.
अबकी बार मेरे हस्बैंड ने मुझे अपने ऊपर लेटाया और मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया. फिर पीछे से वो मेरी चूत का आशिक आया और वह भी कंडोम से लगा हुआ लंड मेरी चूत में डालने की कोशिश करने लगा.
कुछ देर की कोशिश के बाद दोनों के लंड मेरी चूत ने ले लिए और बस फिर क्या था मेरे हस्बैंड मुझे नीचे से चूमने चाटने लगे और ऊपर से वो! मैं दोनों का साथ दे रही थी. दोनों मुझे अपने अंदर समा लेना चाहते थे.
मैं कभी गांड नहीं मरवाती इसलिए मैंने दोनों लंड चूत में ले लिए. धीरे धीरे हम इसी पोजीशन में चरम आनन्द पर पहुंचने लगे और हम तीनों एक साथ झड़ने लगे. मैंने मेरे हस्बैंड को और उस व्यक्ति को जो हमें अनजान की तरह मिला … खूब मजा दिया.
वह भी खुश हो गया था और कहा- भाभी, आपसे बहुत जल्द फिर मिलूंगा. आपके लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं. मैं बस हल्के से मुस्कुरा दी।
अब मुझे मेरे हस्बैंड को जाना था इसलिए हम दोनों वहां से आ गए।
आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी? मुझे जरूर बताएं मेरी ईमेल पर [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000