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देसी पेटीकोट सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी ममेरी भाभी का पेटीकोट का नाड़ा तोड़ उतार कर उसे नंगी करके उसके गर्म जिस्म का मजा लेना शुरू किया.
देसी पेटीकोट सेक्स कहानी के पिछले भाग गांड की तमन्ना में लड़की नंगी की में आप ने जाना कि किस तरह से मैंने पूजा भाभी को फिर से चूदने के लिए मनाया और पूजा भाभी चूत चुदवाने के तैयार हो भी गई।
अब आगे की देसी पेटीकोट सेक्स कहानी:
अजब गजब नज़ारा था यारो … जिस पूजा भाभी को मैंने इस तरह से चोदने के बारे में नहीं सोचा था आज उन्हीं पूजा भाभी की जवानी को मैं लूट रहा था। अब मैं भी क्या करता चूत के लिए तो सब कुछ करना ही पड़ता है यारो!
इधर पूजा भाभी पेटीकोट के नाड़े को खोलने से रोक रही थी तो वहीं मैं पूजा भाभी के पेटीकोट के नाड़े को खोलने की ज़िद पर अडा हुआ था। चूत के भी नखरे अजब गजब होते हैं यारो! पूजा भाभी खुद चुदने के लिए तैयार थी लेकिन फिर भी इतने नखरे कर रही थी।
शायद आज भाभी ने नाड़े में कुछ ज्यादा ही गांठें लगाई थी। भाभी फिर से मेरे हाथों को पेटीकोट के नाड़े पर से हटाने लगी लेकिन इस बार मैं पूजा भाभी का वार चलने नहीं दे रहा था।
मैं पूरा ज़ोर लगाते हुए भाभी के नाड़े को खोलने की कोशिश करने लगा. तभी अचानक भाभी का नाड़ा टूट गया और नाड़ा टूटकर मेरे हाथ में आ गया।
नाड़ा टूटते ही पूजा भाभी चौंक गई और कहने लगी- ये तूने क्या किया? तो मैंने कहा- भाभी, छीनाझपटी में गलती से टूट गया। आप नाड़े की चिंता मत करो।
अब पेटीकोट ढीला हो चुका था. तभी मैंने पेटीकोट को पकड़कर खींचा और निकालकर नीचे फेंक दिया। नीचे भाभी सिर्फ पैंटी ही पहनी हुई थी जिसमें शानदार महक आ रही थी।
अब मैं भाभी के ब्लाउज पर टूट पड़ा। भाभी अभी भी ब्लाउज को पकड़े हुई थी। मैंने प्यार से भाभी के हाथों को हटाया और भाभी के ब्लाउज और ब्रा को एकसाथ खोलकर नीचे फेंक दिया।
भाभी का ब्लाउज खुलते ही पूजा भाभी के बड़े बड़े रसदार बोबे मेरे लन्ड के सामने नंगे हो गए। आह क्या मस्त बोबे थे पूजा भाभी के!
भाभी के रस से भरे हुए बोबों को देखकर मेरे तो मुंह में ही पानी आ गया। भाभी के बोबे बड़े बड़े, दूध के जैसे सफेद, एकदम मुलायम, नर्म और गोल गोल थे। भाभी के बोबों के दोनों निप्पल हल्के भूरे रंग के थे।
बोबे नंगे होते ही पूजा भाभी ने शर्म के मारे आंखें बंद कर ली। अब मैंने पूजा भाभी के दोनों बोबों को हाथों में भरा और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए बोबों को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा।
बूब्स को मसलते ही भाभी एकदम से चू चू करने लगी और भाभी की गांड में मिर्ची लगने लगी। भाभी कहने लगी- रोहित, प्लीज धीरे धीरे दबाओ; मेरी जान निकल रही है.
लेकिन मैंने भाभी की कोई बात नहीं सुनी और ज़ोर ज़ोर से बोबों को दबाता रहा। अब भाभी चादर को पकड़कर भींचने लगी।
मुझे तो इस मस्त माल के बोबों को दबाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैंने भाभी के बोबों को दबा दबाकर लाल कर दिया।
मैंने एक बोबे को पकड़ा और मुंह में भर लिया और दूसरे बोबे को हाथ में भरकर दबाने लगा। मैं पूजा भाभी के मस्त बोबे को चूसने लगा। अहहां … कसम से मज़ा आ गया यारो … इतना मस्त शानदार मुलायम बोबा।
मुझे बोबे को चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। भाभी अब प्यार से मेरे बालों में हाथ घुमा रही थी और प्यार से बोबे को चुसवा रही थी।
थोड़ी ही देर में भाभी के बोबे में दूध आ गया और मैंने भाभी के पूरे दूध को निचोड़ निचोड़ कर पी लिया। भाभी के दूध का स्वाद मैं पहले भी चख चुका था।
अब मैंने भाभी के दूसरे बोबे को मुंह भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा। भाभी आज बड़े प्यार से बोबे को चूसने दे रही थी।
बोबे को चूसते चूसते बोबे में दूध भर आया। मैंने निचोड़ निचोड़ कर भाभी के बोबे का दूध पी लिया। आह … क्या मस्त मीठा दूध है भाभी का … कसम से यारो … मज़ा आ गया।
अब मैंने एक बार फिर से पूजा भाभी के रसदार बोबों को बुरी तरह से झंझोड दिया। भाभी फिर से एकदम से सिहर उठी।
मैं पूजा भाभी के रसीले होंठों पर टूट पड़ा और थोड़ी ही देर में मैंने पूजा भाभी के होंठों को चूस डाला। होंठों को चूसकर मैं वापस भाभी की पैंटी पर आ गया।
अब तक चूत में पानी छूटने की वजह से भाभी की पैंटी बहुत ज्यादा गीली हो चुकी थी। मैंने भाभी की दोनों टांगों को पकड़कर ऊपर हवा में लहरा दिया और मेरा मुंह भाभी की चूत पर दे मारा।
आह! मैं तो भाभी की चूत की खुशबू से ही पागल होने लग गया। मैं पैंटी के ऊपर से ही भाभी की चूत को चाटने लगा। भाभी फिर से धीरे धीरे सिसकारियां भरने लगी।
मुझे भाभी की मखमली चूत चाटने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैंने भाभी की पैंटी को पकड़ा और उतारकर नीचे फेंक दिया। अब पूजा भाभी पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी।
मैंने एक बार नजर डालकर देखा तो खुले बालों में पूजा भाभी कहर ढा रही थी। पूजा भाभी को पूरी नंगी देखकर मेरा लन्ड आग बबूला हो गया और चूत में समाने के लिए जिद करने लगा.
लेकिन मैं भाभी की भरपूर जवानी का पूरा मजा लेना चाहता था इसलिए मैंने जैसे तैसे करके मेरे लन्ड को समझाया।
मैं पूजा भाभी की मखमली चूत को चाटने लगा। मेरी जीभ भाभी की चूत के अंदर जाते ही भाभी एकदम से सिहर उठी और भाभी ने दोनों टांगों के बीच में मुझे दबा लिया। भाभी चादर को अपनी मुट्ठियों में भींचने लगी।
मैं प्यार से भाभी की चूत को चाटने लगा। धीरे धीरे भाभी की चूत भी रिसने लगी और भाभी की मखमली चूत में पानी छूटने लगा। मैंने भाभी की चूत का पूरा नमकीन रस पी लिया।
मैं भाभी की चूत पीने के बाद बाहर निकला और पूजा भाभी की दोनों टांगों को फैला दिया। अब मैंने भाभी की चूत में मेरी दोनों उंगलियां एक साथ डाल दी। मेरी उंगलियां भाभी की चूत में अंदर जाते ही भाभी की जान हलक में आ गई और भाभी बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी।
भाभी अब चेहरे को इधर उधर करने लगी। अब भाभी से बैचेनी सहन नहीं हो रही थी।
मैं लगातार भाभी की मखमली चूत को मेरी उंगलियों से चोद रहा था। मुझे भाभी की चूत को उंगलियों से चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
मैंने बहुत देर तक भाभी की चूत में उंगलियां अंदर बाहर अंदर बाहर की। तब मैं उठा और भाभी को पलट दिया।
भाभी को पलटते ही भाभी का मदमस्त नंगा जिस्म मेरे सामने आ गया।
अजब गजब नज़ारा था यारो … जिस पूजा भाभी को मैंने कभी नंगी देखने के बारे में सोचा तक नहीं था, आज वही पूजा भाभी मेरे सामने नंगी पड़ी हुई थी। ऐसा लग रहा था जैसे तो भाभी कह रही हो ‘आज तो मेरी गांड मार दो रोहित!’
लंड भी क्या क्या करवा लेता है यारो, जिस पूजा भाभी को चोदने का ख्याल भी मुझे कभी नहीं आता था आज उन्हीं पूजा भाभी को मेरे लन्ड ने चूत चुदवाने के लिए मना लिया था।
आह! भाभी की नंगी गांड कितनी कातिलाना लग रही थी। भाभी की गांड को देखकर मेरा लन्ड भाभी की गांड मारने के लिए तड़पने लगा.
लेकिन अभी तो भाभी को गांड मरवाने के लिए मनाना था। अब मैंने भाभी की उठी हुई गांड के दोनों सुडौल खूबसूरत चूतड़ों को हाथों में पकड़ा और प्यार से चूतड़ों को सहलाने लगा।
भाभी निढाल होकर नंगी पड़ी हुई थी।
भाभी के शानदार चूतड़ों को सहलाने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। भाभी की मस्त नंगी गांड को देख देखकर मेरे लन्ड से अब अंडरवियर में नहीं रहा जा रहा था. इसलिए अब मैंने मेरी अंडरवियर को खोलकर नीचे फेंक दिया। अब मेरा लन्ड तूफान बनकर लहरा रहा था।
मैंने पूजा भाभी की गांड को खींचकर मेरे लन्ड पास कर लिया। भाभी चुपचाप आगे की ओर हाथ फैलाकर लेटी हुई थी और भाभी के बाल बिखरे हुए थे।
मैंने भाभी की गांड को मेरे लन्ड से सटा दिया। पूजा भाभी को मेरा गर्म गर्म मूसल जैसा लंड महसूस होने लगा।
मैं पूजा भाभी के जिस्म के ऊपर चढ़ गया और प्यार से भाभी के नाज़ुक बदन को चूमने लगा। भाभी अब मदहोश सी हो रही थीं।
मैंने भाभी को दबोच लिया। मेरे होंठ भाभी की गर्दन के पीछे किस कर रहे थे। मुझे भाभी को बुरी तरह से मसलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
तभी मैंने पूजा भाभी के दोनों पैरों को चौड़ा करके फैला दिया और भाभी की टांगों में टांगें फंसा दी। भाभी धीरे धीरे सिसकारियां भर रही थी।
अब मेरा लन्ड भाभी की मदमस्त गांड के ठीक ऊपर था और भाभी की गांड की दरार में घुसने की कोशिश कर रहा था।
मैंने मेरा एक हाथ भाभी की चूत के यहां से अंदर ले जाते हुए भाभी की गांड के छेद में घुसा दिया। मेरी उंगली गांड के सुराख में घुसते ही पूजा भाभी एकदम से सिहर उठी और ‘आह आह आह आह आह’ करने लगी।
तभी भाभी उंगली को गांड के सुराख में से बाहर निकालने की कोशिश करने लगी. लेकिन इस समय तो भाभी हिल भी नहीं पा रही थी; मेरे पूरे शरीर का दबाव भाभी के ऊपर पड़ रहा था और भाभी मेरे लन्ड के नीचे दबी हुई थी।
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देसी पेटीकोट सेक्स कहानी का अगला भाग: ममेरी भाभी की शानदार गांड मारी- 4
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