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बाप बेटी की गांड मार लेता है, दोनों थक कर काफी देर आराम करते हैं।
कुछ देर बाद मुकुल राय को अपने लंड पर गीली गर्म जीभ का अहसास हुआ तो उसने आँखें खोल दी। उसने देखा उसकी बेटी किसी कुतिया की तरह उसके लंड को ऊपर से नीचे तक चाट रही थी। मुकुल राय का लंड फिर से अकड़ने लगा था। परीशा लंड को तेजी से चूस रही थी। अब मुकुल राय का लंड परीशा के थूक से पूरा गीला हो गया था।
जब लंड पूरा खड़ा हो गया तो मुकुल राय ने परीशा को सुला दिया और अपना लन्ड एक ही झटके में पूरा 9 इंच का लंड अपनी बेटी परीशा की चूत में पेल दिया।
परीशा- आआऐ ईईइ … इसस्स्स … ऊऊऊ इइइइइ मआआ … मर गयी … आअहह … इससस्स … आ. पापा के मोटे लंड ने परीशा की चूत के छेद को इतना ज़्यादा चौड़ा कर दिया था, ऐसा लगता था कि चूत फट ही जाएगी.
“क्या हुआ बेटी?” मुकुल राय ने लंड थोड़ा सा और अंदर बाहर करते हुए पूछा. परीशा- पापा, इसस्स … बहुत … बहुत मोटा लंड है आपका. आप तो मेरी चूत फाड़ डालेंगे. मुकुल राय- हम अपनी प्यारी बिटिया की चूत कैसे फाड़ सकते हैं? पापा ने परीशा के होंठों का रसपान करते हुए बोले।
मुकुल राय ने परीशा की दोनों टाँगें मोड़ के उसके घुटने उसकी चुचियों से चिपका दिए थे. अब तो वह बिल्कुल लाचार थी और उसकी चूत पापा के मोटे तगड़े लंड की दया पे थी। हालांकि अब तक तो उसके पापा अपने लंबे तगड़े लंड से कितनी बार परीशा को चोद चुके थे, लेकिन आज पापा का लंड झेलना भारी पड़ रहा था।
इतने में मुकुल राय ने अपना लंड थोड़ा सा परीशा की चूत के बाहर खींचा और फिर एक ज़ोर का धक्का लगा दिया। आधे से ज़्यादा लंड फिर से चूत में समा गया। परीशा- आ आऐ ययईईईई … ऊऊऊईईईई माआआ … आहह धीरे … अया … धीरे … इससस्स.
इससे पहले कि परीशा कुछ संभलती, मुकुल राय ने फिर से अपना लंड सुपारे तक बाहर खींचा और इस बार एक और भी भयंकर धक्का मार के पूरा लंड परीशा की चूत में उतार दिया।
परीशा- आआअहह … आाययइ … मार डाला … फाड़ डालिए … आपको क्या? इससस्स … बेटी की चाहे फॅट जाए! पापा का मोटा लंड आख़िर जड़ तक परीशा की चूत में घुस गया था और उनके मोटे मोटे बॉल्स उसकी गांड के छेद पे दस्तक दे रहे थे। परीशा का बदन पसीने में नहा गया था।
मुकुल राय थोड़ी देर बिना हिले परीशा के ऊपर पड़े रहे और परीशा की चूचियों और होंठों का रसपान करते रहे। परीशा की चूत का दर्द भी अब कम होने लगा था। अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था।
“बेटी थोड़ा दर्द कम हुआ?” मुकुल राय परीशा की चूचियों को दबाते हुए बोले। “हाँ पापा, अब जी भर के चोद लीजिए अपनी प्यारी बिटिया को.” परीशा उनके कान में फुसफुसाते हुए बोली।
अब मुकुल राय ने पूरा लंड बाहर निकाल के परीशा की चूत में पेलना शुरू कर दिया। सच! ज़िंदगी में चुदवाने में इतना मज़ा आएगा परीशा ने कभी सोचा नहीं था। अब परीशा को एहसास हुआ कि क्यूँ उसकी सहेलियां रोज़ चुदवाने के लिए उतावली रहती हैं।
अब परीशा की चूत बहुत गीली हो गयी थी. उसमें से फ़च … फ़च … फ़च का मादक संगीत निकल रहा था. कुछ देर तक चोदने के बाद उन्होंने अपना लंड परीशा की चूत से बाहर खींचा और उसके मुँह में डाल दिया। पापा का पूरा लंड और बॉल्स परीशा की चूत के रस में सने हुए थे. परीशा ने पापा का लंड और बॉल्स चाट चाट कर साफ कर दिए।
अब मुकुल राय बोले- परीशा मेरी जान, अब तू कुतिया बन जा। अपने इन जानलेवा चूतड़ों के दर्शन भी तो करा दे. “आपको मेरे चूतड़ बहुत अच्छे लगते हैं ना?” परीशा पापा के बॉल्स सहलाते हुए बोली। मुकुल राय- हां बेटी, बहुत ही सेक्सी चूतड़ हैं तुम्हारे!”
परीशा- और मेरी गांड? मेरी गांड अच्छी लगी आपको? मुकुल राय- तुम्हारी गांड तो बिल्कुल जानलेवा है बेटी। जब नहा के टाइट कपड़ों में घूमती हो तो ऐसा लगता है जैसे कपड़े फाड़ के बाहर निकल आएँगे। तुम्हारे मटकते हुए चूतड़ों को देख के तो हमारा लंड ना जाने कितनी बार खड़ा हो जाता है.”
परीशा- हाय पापा, इतना तंग करते हैं हमारे चूतड़ आपको? ठीक है मैं कुतिया बन जाती हूँ। अब ये चूतड़ आपके हवाले। आप जो चाहे कर लीजिए. यह कह कर परीशा ने जल्दी से पापा के लंड के मोटे सुपारे को चूम लिया और फिर कुतिया बन गयी। अब उसकी चूचियाँ बिस्तर पे टिकी हुई थी और चूतड़ हवा में लहरा रहे थे। परीशा चूतड़ चुदवाने की मुद्रा में उचका रखे थे।
पापा अपनी बेटी परीशा के विशाल चूतड़ों को देखकर गर्म हो गये। उन्होंने परीशा के दोनों चूतड़ों को अपने हाथ में दबोचा और अपना मुँह उनके बीच में घुसेड़ दिया। अब परीशा कुतिया बनी हुई थी और मुकुल राय उसके पीछे कुत्ते की तरह परीशा के चूतड़ों के बीच मुँह दिए उसकी चूत चाट रहे थे।
फिर पापा ने परीशा के चूतड़ पकड़ के चौड़े किये और उसकी गांड के छेद के चारों ओर जीभ फेरने लगे. परीशा तो अब सातवें आसमान पे थी; बहुत ही मज़ा आ रहा था उसे।
इतने में मुकुल राय ने अपनी जीभ परीशा के गांड के छेद में घुसेड़ दी। परीशा ये ना सह सकी और एकदम से झड़ गयी। काफ़ी देर तक इसी मुद्रा में परीशा की चूत और गांड चाटने के बाद उन्होंने दोनों हाथों से परीशा के चूतड़ों को पकड़ा और अपने मोटे लंड का गर्म गर्म सुपारा परीशा की लार टपकाती चूत पे टिका दिया.
परीशा का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा। तभी मुकुल राय ने एक ज़बरदस्त धक्का लगा दिया और उनका लंड चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर समा गया। “आऐ ययईईई… आआअहह … आह.” परीशा के मुँह से ज़ोर की चीख निकल गयी। मुकुल- बेटी, ऐसे चिल्लाओगी तो आवाज बाहर तक जाएगी.
परीशा- आप भी तो हमें कितनी बेरहमी से चोद रहे हैं पापा. मुकुल राय के मोटे मूसल ने परीशा की चूत को बुरी तरह से फैला के चौड़ा कर दिया था। अब मुकुल राय ने परीशा की कमर पकड़ के धक्के लगाना शुरू कर दिया। आसानी से उनका लंड परीशा की चूत में जा सके इसलिए अब उसने टाँगें बिल्कुल चौड़ी कर दी थी। मीठा मीठा दर्द हो रहा था। परीशा अपने ही बाप से कुतिया बन के चुदवा रही थी।
मुकुल राय- परीशा बेटी तुम्हारी चूत तो बहुत टाइट है. फ़च फ़च.. फ़च… फ़च फ़च… फ़च… की आवाज़ें ज़ोर ज़ोर से आ रही थी। परीशा की चूत बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी. वह इतनी उत्तेजित हो गयी थी की अपने चूतड़ पीछे की ओर उचका उचका के अपने पापा का लंड अपनी चूत में ले रही थी।
मुकुल राय- परीशा मेरी जान, तुम्हारी मम्मी को चोद कर भी आज तक इतना मज़ा नहीं आया था. बहुत मज़ा आ रहा है बेटी। परीशा- मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा है पापा। इन दिनों मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही थी। आज जाकर मेरी गर्मी शांत हुई। और चोदो पापा।
परीशा तो वासना में पागल हुई जा रही थी। शायद अपने ही बाप से चुदवाने के अहसास ने उसकी वासना को और भड़का दिया था।
मुकुल राय परीशा के चूतड़ों को पकड़ के ज़ोर ज़ोर से धक्के मारते हुए बोले- परीशा बेटी, सच इन चूतड़ों ने तो हमारा जीना ही हराम कर रखा था। आज इन्हें फाड़ने में बहुत मज़ा आया और तुम्हारा ये गुलाबी छेद! यह कहते हुए उन्होंने एक उंगली परीशा की गदराई गांड में सरका दी।
“आआआहह… ईसस्स … ये क्या कर रहे हैं पापा?” मुकुल राय- बेटी तुम्हारे पापा ने आज पहली बार इस छेद को प्यार किया है? पापा अब परीशा की गांड में उंगली अंदर बाहर कर रहे थे।
“आईई ईई ई ईईईईईई …” परीशा समझ गयी थी कि अब पापा फिर से गांड मारना चाहते थे। परीशा को मालूम था कि पापा को गांड मारने का बहुत शौक है। अपने ही बाप से फिर से गांड मरवाने की बात सोच सोच कर वह बहुत उत्तेजित हो गयी थी और परीशा की चूत तो इतनी गीली थी कि रस बह कर उसकी टाँगों पे बह रहा था। आख़िर वही हुआ जिसका उसे अंदेशा था।
पापा परीशा की गांड में उंगली करते हुए बोले- परीशा बेटी, हम तुम्हारे इस गुलाबी छेद को भी प्यार करना चाहते हैं। इसमें अपना मोटा लंड डाल के पेलना चाहता हूँ। “हाय पापा … आपको हमारे चूतड़ इतने पसंद हैं तो कर लीजिए जी भर के इस छेद से प्यार. आज के दिन मैं पूरी तरह से आपको खुश करना चाहती हूँ.” मुकुल- शाबाश मेरी जान, ये हुई ना बात। हमें पता था कि हमारी प्यारी बिटिया हमें गांड ज़रूर देगी। अब अपने ये मोटे मोटे चूतड़ थोड़े से और ऊपर करो.
परीशा ने चूतड़ ऊपर की ओर इस तरह उचका दिए कि पापा का लंड आसानी से गांड में जा सके। पापा ने परीशा की गांड से उंगली निकाली और नीचे झुक के अपनी जीभ परीशा की गांड के छेद पे टिका दी। परीशा की तो वासना इतनी भड़क उठी थी कि अब और सहन नहीं हो रहा था।
वासना के नशे में वो धीरे धीरे परीशा की गांड चाट रहे थे और कभी कभी जीभ गांड के छेद में घुसेड़ देते। एक हाथ से वो मेरी गीली चूत सहला रहे थे।
मुकुल राय- सच बेटी, तुम्हारी गांड बहुत ही ज़्यादा स्वादिष्ट लग रही है. तुम्हारी गांड में से बहुत मादक खुशबू आ रही है. परीशा को आज तक यह बात समझ नहीं आई थी कि लड़कों को लड़कियों की गांड चाटने में क्या मज़ा आता है।
अब पापा ने परीशा की चूत के रस में से सना हुआ लंड उसकी गांड के छेद पे टिका दिया. हाय राम! परीशा के पापा उसकी गांड फिर से मारने जा रहे थे। परीशा भी कुतिया बनी उस पल का इंतज़ार कर रही थी जब पापा का लंड उसकी गांड में घुसेगा।
पापा ने परीशा के चूतड़ों को पकड़ के चौड़ा किया और साथ ही एक ज़ोर का धक्का लगा दिया।
परीशा- आआई यईई … आआअहह … इसस्स स्स्स्स! जैसे ही लंड का मोटा सुपारा परीशा की गांड में घुसा उसके मुँह से चीख निकल ही गयी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ मुकुल राय- हाय मेरी जान! क्या मस्त गांड है तुम्हारी!
पापा ने बेटी के चूतड़ पकड़ के एक ज़ोर का धक्का लगा के आधे से ज़्यादा लंड परीशा की मोटी गांड में पेल दिया। परीशा- आआईईई आआआआ … ऊऊऊओ … ईईस्स्स. परीशा का दर्द के मारे बुरा हाल था। उसे पक्का विश्वास था कि आज तो फिर से उसकी गांड ज़रूर फटेगी. पापा से गांड मरवाने की चाह ने उसे अँधा कर दिया था।
मुकुल राय- परीशा बेटी जितना मज़ा तुम्हारी गांड मार के आ रहा है उतना मज़ा तो तुम्हारी मम्मी की गांड मार के कभी नहीं आया.
परीशा को सबसे ज़्यादा खुशी इस बात की थी कि उसको चोदने में पापा को मम्मी से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था। इस बार मुकुल राय ने पूरा लंड बाहर खींच कर एक ज़बरदस्त धक्के के साथ पूरा लंड जड़ तक परीशा की गांड में पेल दिया। परीशा- ऊऊईई ईईईई ई…आआआ आआआ आआह आ … आअहह … मर गयी … इसस्स!
अब मुकुल राय ने ज़ोर ज़ोर से धक्के मार मार के लंड परीशा के गांड के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था। हर धक्के के साथ उनके बॉल्स परीशा की चूत पे चिपक जाते। पापा अब जोर जोर से परीशा की गांड मार रहे थे, साथ ही साथ चूत में भी अपनी उंगली पेलने लगे थे जिससे परीशा एक बार फिर झड़ गयी।
मुकुल राय के धक्के अब तेज़ होते जा रहे थे और शायद वो झड़ने वाले थे।
अचानक परीशा को अपनी गांड में गर्म गर्म पिचकारियाँ सी महसूस हुई। उसके पापा झड़ गये थे। परीशा की गांड लबालब उनके वीर्य से भर गयी थी।
उन्होंने जैसे ही परीशा की गांड से अपना लंड बाहर खींचा, वीर्य गांड में से निकल कर परीशा की चूत और जांघों पे बहने लगा। परीशा पीठ के बल लेट गयी और अपनी गांड से निकला हुआ पापा का लंड अपने मुँह में ले लिया। पूरा लंड, बॉल्स और जांघें परीशा की चूत के रस और उसके पापा के वीर्य के मिश्रण में सनी हुई थी। उनके लंड से परीशा को चूत और गांड दोनों की गंध आ रही थी।
परीशा ने बड़े प्यार से अपने पापा के लंड और बॉल्स को चाट चाट के साफ किया। उसके पापा भी लम्बे समय से बेटी की चूत गांड चुदाई कर रहे थे। वो भी तक कर निढाल हो गये थे। फिर परीशा भी अपने कपड़े पहन कर अपने रूम में सोने चली गई।
अब मुकुल राय अपनी जिंदगी के सारे मजे ले रहे थे। सुबह जब मिशाली बैंक चली जाती तो मुकुल राय परीशा को पूरी नंगी कर देते और खुद भी नंगे हो जाते। दोनों के पास लगभग एक घंटे का समय होता। एक घंटे तक मुकुल राय अपनी बेटी को घर के हर कोने में हर जगह चोदते। कोई ऐसा जगह नहीं जहाँ मुकुल पापा ने अपनी बेटी को पेला न हो; किचन से लेकर बाथरूम आँगन से लेकर ड्राइंगरूम तक।
शाम को भी मुकुल राय साढ़े चार बजे तक आ जाते। उस टाइम तक परीशा भी आ जाती जबकि मिशाली को आते आते 6 बज जाते। शाम को भी डेढ़ घंटे बाप बेटी की चुदाई होती। परीशा भी आते ही मुकुल राय से लिपट जाती और उनके लन्ड को चूसने लगती। लंड चूसने में परीशा का कोई जबाब नहीं था।
शाम को तो दोनों साथ ही नहाते जिसमें एक राउंड जबरदस्त चुदाई होती शावर के नीचे। मुकुल राय कभी परीशा को कुतिया बनाकर उसकी गांड मारते तो कभी अपनी गोद में उठाकर उसकी गांड मारते हुए पूरा घर घूम लेते।
परीशा को मुकुल राय ने समझा दिया था कि उसको जब ज्यादा देर मजा लेना हो, वह स्कूल से छुट्टी करके अपने पापा को बता दे, फिर दोनों मजे करेंगे। लेकिन माँ मिशाली के घर में रहने पर कभी भी किसी भी समय अपने पापा के पास मजे के लिए नहीं आए।
अब मुकुल राय परीशा के साथ दिन में कभी भी कहीं भी मजे लेने लगा था क्योंकि वह जानता था कि अब परीशा को भी कोई प्रॉब्लम नहीं है। मुकुल राय अपने आप को दुनिया का सबसे किस्मत वाला समझ रहा है। उसकी बेटी परीशा जो उसका पत्नी की तरह ख्याल रखती है; वह जो कहे करने को तैयार।
उसकी बेटी परीशा जिसको रफ सेक्स भी पसंद है। मुकुल राय परीशा को अपनी सगी बेटी को अपनी प्रेमिका बना चुका है जो अपने पापा को खुश करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है।
परीशा को गर्भ निरोधक दवा की भी जरूरत नहीं क्योंकि मुकुल राय हमेशा अपनी बेटी के मुँह या गांड में ही अपना वीर्य गिराते है।
उनकी बेटी परीशा एक कच्ची कली थी जिसे मुकुल राय ने रस चूसकर धीरे धीरे उसको फूल बना दिया है। क्योंकि इसका रस उसे बहुत दिन तक चूसना है।
कहानी आपको कैसी लगी? अपने विचार अवश्य दें। मेरा ईमेल है- [email protected]
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