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मेरा नाम रवीश है और मैं पटना का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 21 साल है और मैं अभी बेरोजगार हूँ. मेरा रंग गोरा है और मैं दिखने में ठीक हूँ. मेरी हाईट 5 फीट 11 इंच है.
दोस्तो, आज मैं आप लोगों के सामने अपनी कहानी पेश करने जा रहा हूँ. यह मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की एक सच्ची घटना है. मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी कहानी जरूर पसंद आएगी. तो अब मैं आप लोगों का ज्यादा समय नहीं लेते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ.
यह घटना मेरे कॉलेज के समय की है. मेरे घर में चार सदस्य हैं. मम्मी (माधवी) जो एक हाउसवाइफ हैं, पापा (रमेश) जो किसान है और मेरा बड़ा भाई (अमित) जो आर्मी में जॉब करता है.
स्कूल तक तो मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी लेकिन जब मैं कॉलेज पंहुचा तब मेरी एक लड़की से दोस्ती हो गई जिसका नाम श्वेता था और वो दिखने में बहुत ही अच्छी थी. उसका रंग गोरा व उसकी हाईट भी काफी अच्छी थी. इसी के साथ भगवान ने उसको इतना अच्छा फिगर दिया है कि कोई उसके नाम की मुठ मारे बिना तो रह नहीं सकता. मैं भी उनमें से ही एक था.
फिर जब हमारी दोस्ती को काफी समय हो गया तब एक दिन मैंने सही मौका देख कर उसे प्रपोज़ कर दिया. उसने भी जवाब में हाँ कर दी.
बस उसी दिन से हमारा मिलना-जुलना और घूमना-फिरना कुछ ज्यादा हो गया. हम दोनों रात भर बातें करते रहते थे। कुछ दिन गुजरने के बाद हम फ़ोन सेक्स भी करना शुरू कर चुके थे। हम दोनों एक-दूसरे के काफी करीब आने लगे थे. मैं श्वेता से प्यार करने लगा था और शायद उसके मन में भी मेरे लिए कुछ ऐसे ही ख्याल थे.
एक दिन की बात है जब मेरा दोस्त सुनील, जो कि मेरा बहुत ही अच्छा दोस्त है, वो पटना में रहकर जनरल कंपीटिशन की तैयारी करता था. उसने मुझसे कहा कि यार मुझे कुछ दिन के लिए अपने घर जाना है. उसी समय मेरे दिमाग की बत्ती जल गई और मैंने उससे कहा- तू जा आराम से, बस मुझे अपने रूम की चाबी दे जाना. उसने भी झट से हां कर दी.
उसी दिन मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को फ़ोन किया और कहा कि हम जितना चुदाई के लिए तड़पे हैं अब वो तड़प खत्म होने वाली है. मेरी बात पर उसने पूछा- वो कैसे?
तो मैंने उसे पूरी बात बताई और फिर जब मेरा दोस्त चला गया और उसका घर खाली हो गया तो मैंने श्वेता को मिलने के कहा.
मैंने श्वेता को फ़ोन करके पूछा- कहाँ हो? तो उसने जवाब दिया- मैं बस अभी घर से निकल रही हूँ. फिर मैंने पूछा- कहाँ मिलोगी? तो उसने कहा- तुम बताओ.
फिर मैंने कहा- एक काम करते हैं, तुम बुद्धा पार्क के गेट के पास रहना, मैं तुम्हे वहां से पिक कर लूँगा.
मैं अपनी दोस्त को पिक करने बताई हुई जगह पर पहुंच गया और और करीब 20 मिनट के बाद हम दोनों मेरे दोस्त के घर पंहुच गए. जब हम वहां गए तो मैंने दरवाजे का लॉक खोला और फिर उसको भी अन्दर कर के दरवाजा लॉक कर दिया. फिर मैंने लाइट चालू की और पंखा भी चला दिया.
उसके बाद हम दोनों एक दूसरे को निहारते रहे और थोड़ी देर बाद मैंने उसे अपनी बांहों में ले कर उसके होंठों में अपने होंठ रख दिए और उसके होंठों को चूसने लगा. उसे भी अच्छा लग रहा था और वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठों को चूसने लगी.
मैं उसके होंठ चूसते हुए उसके दूध भी दबा रहा था और वो मेरे होंठों को चूसते हुए मेरे शरीर को सहला रही थी. हम दोनों ने करीब 15 मिनट तक एक दूसरे को ऐसे ही चूमते और चाटते रहे.
उसके बाद मैंने उसके टॉप को निकाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध को दबाने लगा तो उसके मुंह से आहा … ऊंह … ऊम्ह की कामुक आवाजें निकलने लगीं. उसके बाद मैंने उसकी ब्रा को भी उतार कर उसे ऊपर से पूरी नंगी कर दिया. क्या मस्त चूचे थे उसके, बिल्कुल गोल-गोल और टाइट।
अब मैं उसके दोनों दूधों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा और वो इसका मजा लेने लगी. मैं उसके दोनों दूधों को बारी-बारी से चूस रहा था और जोर जोर से दबा रहा था. वो कामुक सिसकारियां लेते हुए मेरे बालों को सहलाने लगी. मैंने उसके दूध को 15 मिनट तक खूब दबाया और जमकर चूसा.
उसने मेरी शर्ट के बटन को खोल दिया और मेरे सीने पर अपने हाथ चलाते हुए नीचे की तरफ चलने लगी. उसके हाथ मेरी जीन्स पर फिर रहे थे. मेरा लंड तो पहले से ही तना हुआ था. वो मेरे तने हुए लंड की अगल-बगल में हाथ चला रही थी लेकिन लंड पर हाथ नहीं रख रही थी. मेरे लंड का उछल-उछल कर बुरा हाल हो चला था.
जब वो ऐसे ही करती रही तो मैंने उसके हाथ को अपने हाथ से पकड़ कर अपने लंड पर रखवा दिया. उसका हाथ रखे जाते ही मेरे लंड ने एक जोर का उछाला दे दिया. उसके बाद मैंने उसके हाथ को अपने लंड पर दबा दिया और उसके हाथ से ही अपने लंड को सहलाने लगा.
कुछ पल के बाद वो खुद ही मेरे लंड को पकड़ने की कोशिश करने लगी. मेरा लंड मेरी जीन्स की पैंट को फाड़ने के लिए बेताब सा हो रहा था. श्वेता ने मेरी जीन्स का बटन खोल दिया और फिर जिप को खोलने लगी. मैंने उसकी मदद की और अपनी पैंट को अपनी जांघों से नीचे खींच कर अपने पैरों से अलग कर दिया. मेरे कच्छे में मेरा लंड तंबू बना कर बार-बार झटके दे रहा था. श्वेता ने मेरे लंड के ऊपर हाथ रखा तो मेरी आह्ह निकल गई.
मैंने उससे लंड को अच्छी तरह पकड़ने को कहा तो उसने मेरा लंड पकड़ लिया और फिर उसको मेरे कच्छे के ऊपर से ही दबाने लगी. उसके बाद मैंने अपने हाथ भी उसके हाथ पर दबा दिये. उसके नर्म हाथों की छुअन से मेरे लंड में एक अजब ही मस्ती भरती जा रही थी.
फिर मैंने अपने अंडरवियर को निकाल दिया और मेरा तना हुआ लौड़ा बाहर निकल आया. मैंने श्वेता से कहा कि वो मेरे नंगे हो चुके लंड को पकड़ कर एक बार सहला दे. पहले तो वो मना करने लगी लेकिन फिर बाद में उसने लंड पकड़ लिया.
मैंने उसके हाथ को अपने लंड के टोपे के ऊपर रखवा कर अपनी मुठ मरवाई. मन कर रहा था कि उसके हाथ में ही वीर्य निकाल दूं लेकिन अभी उसकी चूत भी चोदनी बाकी थी इसलिए मैंने उसका हाथ हटा लिया.
हाथ हटाने के बाद मैंने उसकी गर्दन को पकड़ कर अपने लंड के पास कर दिया. वो वापस हटने लगी लेकिन मैंने उसको नीचे दबाव बनाते हुए अपना लंड चूसने पर मजबूर सी कर दिया.
उसने बेमन से मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और फिर मेरे लंड को चूसने लगी. पहले तो उसे शायद मजा नहीं आ रहा था लेकिन फिर बाद में वो मस्ती से मेरे लंड को चूसने लगी. वो तेजी से मेरे लंड पर अपना मुंह चला रही थी.
जब उसने मेरे लंड को अच्छे से चाट कर गीला कर दिया तब वो मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी और मैं उसके सिर के बालों को सहलाने लगा. वो मेरे लंड को जोर-जोर से आगे पीछे करते हुए चूस रही थी और मैं उसके मुंह की चुदाई कर रहा था.
फिर मैंने भी उसकी जीन्स को उतार दिया और उसे फिर वहीं पर लेटा दिया और उसकी पेंटी भी उतार कर उसे नंगी कर दिया. उसकी बुर बिल्कुल चिकनी थी. किसी बड़ापाओ की तरह उसकी बुर फूली हुई थी और अंदर से सुर्ख लाल दिखाई दे रही थी.
उसके बाद मैंने उसकी टांगों को चौड़ा कर दिया और उसकी चूत पर हाथ फेरते हुए जीभ से चाटने लगा और वो कसमसाने लगी. मैं उसकी चूत को चाटते हुए उसके चूत के दाने को भी होंठ से दबा कर चूस रहा था और वो मेरे मुंह को अपनी चूत पर दबा रही थी.
कुछ देर उसकी चूत चाटने के बाद मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर टिकाया तो वो बेचैन सी होने लगी और बोली- प्लीज अब जल्दी अंदर डाल दो, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
मैंने एक शॉट मारा और मेरा आधा लंड उसकी बुर के अंदर चला गया. वो दर्द से कराह उठी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और उसकी आंखों से आंसू गिर पड़े. कुछ देर पहले तक जिन आंखों में सेक्स की प्यास थी उनमें अब मुझे दर्द साफ-साफ दिखाई दे रहा था.
मगर मैंने उसको दिलासा देते हुए कहा- बस जान, थोड़ी देर तक ही दर्द होगा और उसके बाद तुम्हें जन्नत का मजा आना शुरू हो जायेगा.
मैं उसके होंठों पर होंठ रख कर उसको चूसता रहा और उसकी बुर में लंड डाल कर उसके ऊपर ही लेटा रहा ताकि वो जल्दी से जल्दी मेरे लंड के धक्के लेने के लिए तैयार हो जाये.
बीच-बीच में उसके चूचे भी दबा रहा था. कुछ ही देर के बाद फिर उसने दोबारा से कसमसाना शुरू कर दिया. उसकी गांड अब खुद ही मेरे लंड की तरफ आने लगी. मैं समझ गया कि मेरी गर्लफ्रेंड की बुर अब मेरे लंड के वार सहने के लिए तैयार हो चुकी है.
मैंने उसके चूचों के ऊपर से होंठ हटा लिये और अपने हाथों के सहारे से अपने शरीर के भार के संभाल कर उसकी चूत में एक जोर का धक्का दे मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में उतर गया.
वो फिर से कराह उठी लेकिन अबकी बार उसका दर्द जल्दी ही जाता रहा. मैंने मौका देख कर उसकी चूत में लंड को चलाना शुरू किया. उसकी टाइट चूत में मेरा मोटा लंड अंदर-बाहर जाने लगा और मुझे गजब का मजा आने लगा. मन तो कर रहा था कि साली को पूरा जोर लगा कर ठोक डालूं लेकिन अभी ज्यादा तेजी दिखाना ठीक नहीं था. इसलिए मैंने खुद को कंट्रोल में रखते हुए धीरे-धीरे ही धक्के लगाये.
दो-चार मिनट के बाद ही उसके मुंह से आनंद की सिसकारियां निकलने लगीं. अब मैंने भी अपने लंड से उसकी चूत की चुदाई की स्पीड को तेज कर दिया. मैं जोर-जोर से शॉट मारते हुए उसकी चूत को चोदने लगा.
फिर मैंने उसे कुतिया बना दिया और उसके पीछे जाकर अपना लंड एक ही शॉट में पूरा अंदर डाल दिया. मैं श्वेता को फिर से चोदने लगा और पूरा लंड बाहर निकाल कर फिर से पूरा घुसा देता था. मेरा लंड उसके अंदर जाकर उसको अच्छी तरह ठोक रहा था.
मुझे बहुत मजा आ रहा था दोस्तो, मैंने अपनी लाइफ में इतना मजा कभी नहीं लिया था किसी भी चीज में. चुदाई का आनंद दुनिया में सबसे मजे वाला आनंद होता है. एक टाइट चूत हो और मोटी सी गद्देदार गांड हो चुदाई के मजे में चार चांद लग जाते हैं. मेरी गर्लफ्रेंड श्वेता की चूत को चोदते हुए मुझे इसी तरह का मजा मिल रहा था.
वो भी अपने पूरे जोश में मेरे लंड से चुद रही थी. उसकी गांड बार-बार पीछे आकर मेरे लंड पर धक्के दे रही थी. फिर वो एकदम से चिल्ला पड़ी और मेरे लंड पर उसकी चूत का पानी मुझे महसूस हुआ. वो चुदते हुए मजे से झड़ गई थी.
उसका पानी निकलने के कारण चूत में पच्च-पच्च की आवाज होने लगी. इस आवाज से मेरे अंदर का जोश और भी ज्यादा बढ़ गया था. मैं उसकी चूत में और ज्यादा तेजी के साथ धक्के लगाने लगा था.
अब उसकी चूत मेरे लंड के धक्कों से फूल गई थी और उसको दर्द होने लगा था. वो मुझे लंड निकालने के लिए कहने लगी लेकिन मैंने उसकी चूत में धक्के लगाने बंद नहीं किये. मैं अब उसकी चूत में अपना माल गिराने का मजा लेना चाहता था.
वो बोली- अंदर मत निकालना, नहीं तो बच्चा हो जायेगा.
लेकिन मैंने उसकी बात नहीं सुनी और उसकी गांड को अपने हाथों से पकड़ कर उसको थोड़ी अपनी तरफ खींचा और तेजी के साथ उसकी चूत में फिर से लंड को घुसाने लगा. अब मेरे धक्के इतने तेज हो गये थे कि मेरी जांघें उसकी गांड से टकराने लगी थी और इस टकराव के कारण पट-पट की तेज-तेज आवाज पूरे माहौल में गूंज उठी थी.
उसकी चूत की जबरदस्त चुदाई करते हुए अब मेरा लंड भी हांफने लगा था. लंड में अजीब सी अकड़न होने लगी थी. मैंने दो-तीन धक्के पूरी ताकत के साथ लगाये और मैं उसकी पीठ पर निढाल होता हुआ लेट गया. मेरे लंड से गर्म-गर्म लावा निकल कर उसकी चूत में भर गया. मेरी सांसें जैसे उखड़ने ही वाली थी. मैंने खुद को बिल्कुल ढीला छोड़ दिया. इस चुदाई ने मुझे अंदर तक पूरा निचोड़ दिया था.
करीब 20 मिनट तक चली इस घमासान चुदाई में मेरी गर्लफ्रेंड दो बार झड़ गई थी. उसकी चूत सूज गई. फिर रात को मैंने तीन बजे के करीब एक फिर से उसकी चूत पर अपने लंड से हमला कर दिया. रात को उसकी चूत चोदने के बाद मैंने उसकी गांड भी मार ली.
फिर एक बार सुबह के वक्त भी उसकी चूत फिर से चोदी. उसकी चूत को चोद कर मैंने उसे ऐसी कर दिया कि सुबह जब वो उठी तो उसे चलना भी भारी हो रहा था. इस तरह से मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को अपने दोस्त की गैरमौजूदगी में जमकर चोदा. मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं वो पेट से न हो जाये इसलिए मैंने उसको गर्भ ठहरने से रोकने वाली गोली भी खिला दी.
मेरा दोस्त पांच दिन के बाद वापस आया तब तक श्वेता रोज मेरे पास आ जाती थी और हम दोनों खूब मजे करते थे. अभी भी हम दोनों मिलते रहते हैं और एक-दूसरे को पसंद करते हैं. हमें उम्मीद है कि एक दिन हमारी शादी भी हो जायेगी.
दोस्तो, आपको मेरी यह कहानी पसंद आई या नहीं, मुझे मेल जरूर करना. अगर कहानी में मुझसे कोई गलती हो गई हो तो भी नजर अंदाज कर देना क्योंकि यह मेरी पहली कहानी है. [email protected]
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