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आज मैं आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जो मैंने अपनी आंखों से देखा था. यह कहानी आज से दो महीने पहले की है, तब मैं अपने घर आया था. इससे पहले कि मैं अपनी कहानी शुरू करूं, मैं आपको अपनी कजन यानि चचेरी बहन और उस वृद्ध का परिचय करा दूँ.
मेरी कजिन का नाम कोमल है. उसकी उम्र बीस साल की है. उसको देख कर कोई भी कह सकता है कि उसका नाम उसको बिल्कुल ही सूट करता है. उसका रंग गोरा और ऊंचाई पांच फ़ुट छह इन्च की है. उसका चेहरा और रंग रूप इतना सुन्दर है कि उसको देखने के बाद हर कोई अपने दिल में उसे उतारना चाहेगा. दूसरा आदमी, जिसने उसके साथ सम्भोग किया, उसे हम ताऊ जी कहते हैं. उनकी उम्र सत्तर साल की है. लेकिन आज भी बिल्कुल पहले जैसे ही हट्टे कट्टे हैं. वे चाचा के घर में रह कर चाचा की खेती बाड़ी का काम सम्भालते हैं. चाचा जी की नौकरी शहर में है तो वे कम ही गांव में आ पाते हैं, इधर का काम चाची और उन ताऊ जी के जिम्मे है. मेरा चाची के घर कभी कभी ही आना होता है.
अब मैं आपको उस दिन के तरफ़ ले चलता हूं. मैं उन दिनों अपने चाची के घर गया हुआ था. उस समय घर पर मेरी चाची और कजन और उस बुड्डे आदमी को, जिसे हम ताऊ कहके बुलाते हैं, के अलावा और कोई नहीं था.
उस दिन दोपहर में मैंने देखा कि मेरी चाची, जिनकी उम्र चालीस साल की है, वे छत पर एक कमरे में सोई हुई थीं. मैं वहीं पास के कमरे में लेटा हुआ था. ताऊ जी मेरे कमरे में आए. उन्होंने मुझे देखा और चाची के कमरे की तरफ़ चले गए. शायद उन्होंने समझा कि मैं सो रहा हूं.
कमरे में जाने के बाद जैसे ही उन्होंने दरवाजा बन्द किया, मैं दरवाजे की आवाज को सुन कर समझ गया कि आज कुछ गड़बड़ होने वाली है. मुझे पहले से ही ताऊ जी और चाची की निगाहों को देख कर कुछ गड़बड़ लगी थी. मैंने सोचा कि क्यों ना चल कर देखा जाए. मैं उठ कर उस कमरे की खिड़की पर गया और अन्दर झांका.
मैंने देखा कि जैसे ही ताऊ जी चाची के पास जाकर बैठे, चाची सीधी हो कर बैठ गईं और बोलीं- अरे आप आ गए? ताऊ जी ने बोला- हां, मैं आ गया. तब चाची ने पूछा- कोमल कहां है? तो ताऊ जी ने बताया कि वो नीचे सो रही है.
इसके ठीक बाद ताऊ जी ने चाची के पैर पर अपना हाथ फ़ेरना शुरू कर दिया और धीरे धीरे चाची के कपड़ों को ऊपर उठाना शुरू कर दिया. चाची धीमी धीमी मुस्करा रही थीं.
ताऊ जी ने जैसे ही चाची की साड़ी और साये को कमर तक उठाया, तो चाची की चूत को देख कर बोले- वाह, क्या जिस्म पाया है तुमने. यह कहते हुए ताऊ जी अपनी उंगलियों से चाची के रेशमी बालों को सहलाने लगे. चाची ने अपनी आंखें बन्द कर लीं और अपने हाथ को ताऊ जी के लुंगी के अन्दर डाल दिया. चाची ने उनके लंड को बाहर निकाल लिया और उसे सहलाने लगीं.
मेरी बुद्धि घूम गई और मेरे हाथ खुद ब खुद अपने लंड पर चले गए. मुझे आज लाइव ब्लू-फिल्म देखने का मौका हाथ लग गया था.
अब ताऊ जी ने अपने हाथ को चाची की चूत से हटा लिया और चाची ने भी अपने हाथ को हटा लिया. इसके बाद ताऊ जी ने चाची की जांघों को थोड़ा सा फ़ैला दिया. चाची की दोनों जांघें बिल्कुल ही एक दूसरे से सटी हुई थीं. ताऊ जी ने चाची की टांगें फैलाते हुए अपने मुँह से थोड़ा सा थूक निकाल कर अपने हाथ में ले लिया और चाची की चूत पर रगड़ दिया.
इसके बाद ताऊ जी चाची की जांघों के बीच में बैठ गए और अपने लंड को एक हाथ से पकड़ कर चाची की चूत से लगा दिया. जैसे ही ताऊ जी ने लंड को चाची की चूत पर सटाया, चाची ने अपने दोनों हाथों से चूत को फ़ैला दिया और ताऊ जी के लंड को अपने चूत का रास्ता दिखाया.
अब ताऊ जी ने लंड को चाची के चूत के छेद पर रख के जोर से कमर को झटका दे मारा. इसी के साथ चाची के मुँह से ‘आआ … आह्हह् … हह्हह ह्ह्ह …’ की आवाज निकल गई. मैंने देखा कि ताऊ जी का लंड चाची के चूत में घुसता चला गया था.
अब ताऊ जी चाची के ऊपर पूरा चढ़ गए और धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाने लगे. चाची उनके हर एक झटके के साथ तेज सांसें ले रही थीं. इस तरह से कुछ दस मिनट तक ताऊ जी चाची की चुदाई करते रहे.
लगभग पंद्रह मिनट के बाद ताऊ जी चाची से बोले- कोमल अब जवान हो गई है. यह कह कर ताऊ जी एक जोर का झटका मारा. चाची के मुँह से एक तेज ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… आऊऊऊ … मर गई …’ की आवाज निकली.
फिर ताऊ जी ने चाची को चोदते हुए बोला- आज रात को मैं उसका चोदन करूंगा, तुम उसे मेरे पास भेज देना. चाची ने अपनी गरदन हिला के हामी भर दी.
चाची की हां सुनकर ताऊ जी को जोश आ गया और अब ताऊ जी का पूरा लंड चाची के चूत में अन्दर बाहर होने लगा था. इस वक्त ताऊ जी ऐसे लग रहे थे जैसे चाची की चूत पर वो दंड पेल रहे हों. चाची की आँखें बंद थीं और उनकी दोनों टांगें हवा में उठी हुई थीं.
इसी बीच ताऊ जी ने चाची के होठों को चूसना शुरू कर दिया और उन्होंने जोर जोर से झटके लगाने शुरू कर दिए. यह देख कर मैं समझ गया था कि ताऊ जी का गर्म वीर्य चाची के चूत में गिरने वाला है.
कुछ देर के बाद चाची भी अपने कमर को उठा उठा का ताऊ जी का पूरा साथ देने लगीं. ये दौर कोई दो मिनट तक चला, इसके बाद दोनों लोग शान्त पड़ गए.
मैं समझ गया कि ताऊ जी का वीर्य चाची की चूत में गिर गया था.
मैं भी अपने लंड को आखिरी झटके देता हुआ अपना निकाल कर अपने कमरे में चला गया और सो गया.
रात के समय चाची ने खाना बनाया और कोमल ने मुझे और ताऊ जी को खाना खिलाया. खाना खाते समय मैंने देखा कि ताऊ जी की नजर अधिकतम समय खाना पर कम, कोमल के ऊपर ज्यादा टिकी थीं. कोमल खाना देने के लिए जैसे ही नीचे को झुकती थी, तो ताऊ जी उसके मम्मों को देखने लगते थे.
खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में ऊपर चला गया. जैसे ही ताऊ जी ऊपर जाने के लिए तैयार हुए, तो उन्होंने कोमल से एक लोटे में पानी और तेल के डिब्बे को उनके कमरे में लाने के लिए बोला. कोमल बोली- ठीक है ताऊ जी, मैं लेकर ऊपर पहुंचा दूंगी.
मुझे कोमल की नीयत भी कुछ ठीक नहीं लगी, शायद उसने भी चाची और ताऊ जी की चुदाई को देखा हुआ था.
खाना खाने के बाद कोमल एक लोटे में पानी लेकर और डिब्बे में तेल लेकर जैसे ही ताऊ जी के पास जाने लगी. तो चाची ने उसे रोक कर अपने पास बुलाया. चाची ने उससे बोला- देखो, वो तुम्हारे बाप के समान हैं, दूसरे घर के होकर भी पूरे दिन खेतों में देख रेख करते हैं. उनसे पूछ कर तुम उनके शरीर में तेल लगा देना. इस उम्र में उनकी मालिश करना जरूरी है, तभी तो वे मेहनत कर पाएंगे. कोमल ने बोला- ठीक है.
इधर ताऊ जी उसका इन्तज़ार कर रहे थे. जैसे ही वो कमरे में गई, तो ताऊ जी ने उससे बोला- लोटा आगे रख दो. कोमल बोली- ताऊ जी, क्या मैं आपके शरीर की मालिश कर दूं? यह सुनकर ताऊ जी बांछें खिल गईं, उन्होंने झट से बोला- ये तो बड़ा अच्छा होगा तुम कर दोगी, तो मुझे चैन मिल जाएगा. कोमल ने मासूमियत से कहा- हां ठीक है … मैं कर देती हूं.
वो दरवाजा को सटा कर ताऊ जी के बगल में बैठ गई. ताऊ जी ने पहले उसे अपने पैर में तेल लगाने के लिए बोला. जब उसने पैर में तेल लगा दिया, तो हाथ में तेल लगाने के लिए बोला.
हाथ में तेल लग जाने के बाद ताऊ जी ने पीठ और कमर में तेल लगवाया. इसके बाद अपने सिर पर तेल लगवाया. जब पूरे बदन में तेल लग गया, तो ताऊ जी ने कोमल का हाथ पकड़ के अपने लंड को पकड़ाते हुए कहा कि जब पूरे शरीर में तेल लगा दिया है, तो इसमें भी तेल लगा दो.
कोमल ने अपना हाथ वहां से हटा लिया.
ताऊ जी ने दोबारा उसके हाथ को पकड़ा और अपने लंड को पकड़ा दिया और ऊपर नीचे हिलाने लगे. कोमल मंद मंद मुस्कुरा रही थी. ताऊ जी उठ कर बैठ गए और उन्होंने कोमल को बेड पर पटक दिया. बेड पर पटकने के बाद एक ही झटके में उन्होंने कोमल के स्कर्ट और चड्डी को उतार दिया.
कोमल कुछ समझ पाती कि उन्होंने कोमल को उल्टा लेटा दिया. इस वक्त कोमल की नंगी गांड साफ़ दिख रही थी. कोमल बोली- ताऊजी, आप मुझे नंगी क्यों कर रहे हो?
लेकिन उसकी बात का असर ताऊ जी पर कुछ भी नहीं पड़ रहा था. ताऊ जी ने डिब्बे से तेल निकाल कर कोमल की गांड में डाल दिया और कोमल की जांघ पर चढ़ कर बैठ गए.
फिर उन्होंने अपने लंड को कोमल की गांड पर सटा कर एक जोर के झटका मारा और कोमल के मुख से एक जोर की आवाज निकली ‘आआह्हह … माँआआ …’ अब ताऊ जी अपनी कमर को धीरे धीरे हिलाने लगे.
कोमल ‘आआह … आआह्ह्ह … मर गई … ऊओआह … ऊऊह्ह ईईस्स्स ईईसस्स …’ की आवाज के साथ सिसकी लेने लगी. इस तरह के आवाज से ताऊ जी की उमंग तो जैसे और भी बढ़ रही थी.
ताऊ जी ने कुछ देर के बाद अपनी कमर की स्पीड को बढ़ा दिया. इससे कोमल और जोर के साथ ‘आआह्हह्ह आऔऊऊ आआऊऊ नाआअ औऊऊ ऊओहहह आआह्हह …’ की आवाज के साथ चिल्लाने लगी.
कुछ देर के बाद मैंने देखा कि ताऊ जी का पूरा लंड कोमल के गांड में चला गया था. अब ताऊ जी जोर जोर से झटके मार रहे थे और कुछ देर के बाद वो कोमल के ऊपर ही ढेर हो गए.
कोमल भी शान्त पड़ गई, तो मैं समझ गया कि ताऊ जी ने अपने रस को कोमल की गांड में गिरा दिया है. उनका लंड अब भी कोमल की गांड में ही घुसा था.
ताऊ जी ने अपने लंड को कोमल की गांड से निकाल लिया और उसके ऊपर से हट गए. इसके कुछ पल बाद ताऊ जी ने कोमल के टॉप को खोल दिया और तुरंत ही उसकी ब्रा को भी खोल दिया. अपनी जवान कमसिन भतीजी के सारे कपड़े उतार कर नंगी करने के बाद अब ताऊ जी बेड से उतर कर खड़े हो गए और कोमल को पेशाब करने जाने के लिए उठने के लिए बोला.
कोमल ताऊ जी के साथ पेशाब करने के लिए गई. वहां ताऊ जी ने कोमल की चूत को अपनी पेशाब से धोया. फिर कोमल ने बैठ कर पेशाब की. पेशाब करने के बाद दोनों कमरे में वापस आ गए.
कमरे में आकर ताऊ जी बेड पर बैठ गए. ताऊ जी ने कोमल के हाथ को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और अपने लंड को पकड़ा दिया.
उससे ताऊ जी बोले- अभी तुम मेरी आधी औरत बनी हो, अब तुमको मैं पूरी औरत बनाऊंगा. लो ये लंड ठण्डा पड़ गया है, इसे चूस कर गर्म करो … इसे अपने मुँह में ले के चूसो.
कोमल ताऊ जी के लंड को अपने हाथ में लेकर कुछ देर तक देखती रही. फिर वो ताऊ जी के लंड को अपने मुँह में लेकर चाटने लगी.
कुछ देर के बाद अब वो लंड को अपने मुँह के अन्दर बाहर करने लगी. इधर ताऊ जी अब गर्म हो रहे थे. कुछ देर के बाद ताऊ जी ने कोमल के मुँह से लंड को निकाल दिया और उसे लेटने के लिए बोला. वो बेड पर लेट गई.
ताऊ जी उसकी चूत को कुछ देर तक देखते रहे. फिर ताऊ जी ने तेल के डिब्बे से तेल निकाल कर पहले कोमल की चूत को तेल से पूरी तरह से भिगो दिया. इसके बाद उन्होंने अपने लंड को, जो कि लगभग सात से आठ इन्च लम्बा था … उसको भी डिब्बे में डुबो दिया. डिब्बे से लंड निकालने के बाद ताऊ जी ने अपने लंड को कोमल की चूत पर घिसा और उससे पैर फ़ैलाने के लिए बोला.
कोमल ने अपनी चूत को फ़ैला दिया. ताऊ जी ने एक हल्के से झटके के साथ लंड के अगले सिरे को पेल दिया. ताऊ जी इस झटके से अपने लंड को कोमल की चूत में अन्दर ले जाने में सफ़ल हो गए. लेकिन जैसे ही ताऊ जी अपने लंड को थोड़ा और अन्दर करने के लिए एक जोर का झटका मारा, तो कोमल पूरी तरह से सिहर उठी. ताऊ जी ने बताया- पहले थोड़ा दर्द होगा, बाद में बहुत मजा आएगा. परन्तु इतने से ही लंड से कोमल की हालत खराब हो रही थी.
फिर ताऊ जी ने अपने दोनों हाथों में तेल लगाया और कोमल के दोनों चुचियों पर तेल लगाकर दोनों को बारी बारी से अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
कुछ देर तक ऐसा करने के बाद मैंने देखा कि कोमल ने अपने पैरों को ढीला कर दिया और अपनी जांघों को फ़ैला दिया.
फिर ताऊ जी ने अपनी कमर को धीरे धीरे हिलाना शुरू किया. कोमल के मुँह से ‘आआहह्ह आआआ आहह्हह अहीई इस्सस..’ की आवाज निकलने लगी. इसी के साथ ताऊ जी ने अपने दोनों हाथों में कोमल की चूचियों को मसलना शुरू कर दिया.
कुछ देर के बाद जब उनका लंड कोमल की चूत में कुछ अन्दर चला गया, तो ताऊ जी ने बोला कि अब मैं तुम्हें अपनी सच्ची औरत बनाने जा रहा हूं. झेल लेना. यह कह कर ताऊ जी जोर से एक झटका दे मारा.
कोमल की तो जैसे जान ही निकल गई, वो ‘आआह्ह आअहह अहीईई ईस्सस … बाआअप रे … ईईई … आआऊऊ मर गई उई मम्मी रे … नआआहींईई … आआऔऊउ … की आवाज के साथ चिल्ला उठी. ताऊ जी ने अपने होठों से उसके होठों को दबा दिया और चूसने लगे.
कुछ देर के बाद कोमल शान्त होने लगी तो ताऊ जी ने उनके होठों को आजाद करते हुए कहा- अब तुम मेरी पूरी तरह से औरत बन गई हो. आज बहुत दिन के बाद कोई जवान और कुंवारी लड़की की चूत मिली है.
अब वो जोर जोर के झटके मार रहे थे. कभी कभी तो कोमल अपने हाथ को अपनी चूत के पास ले जाने की कोशिश करती थी, लेकिन ताऊ जी उसके हाथ को वहां से खींच लेते थे.
कुछ देर के बाद ताऊ जी का पूरा लंड कोमल की चूत के अन्दर चला गया था. कुछ देर बाद कोमल हल्की सिसकारी के साथ अपनी चुदाई की मज़ा लेने लगी थी. इसके बाद ताऊ जी ने कोमल के होठों को चूसना शुरू किया, तो मैं समझ गया कि इस बार उनका रस मेरी बहन की चूत में गिरने को हो रहा है.
तभी कोमल भी ताऊ जी का साथ देने लगी थी. वो भी अपनी गांड उठा रही थी.
कुछ देर तक दोनों ही दोनों एक दूसरे के होठों को चूसते रहे. फिर ताऊ जी शान्त पड़ गए और कोमल के ऊपर ढेर हो गए.
चुदाई के कुछ देर के बाद जब ताऊ जी ने अपने लंड को निकाला, तो मैंने देखा कि कोमल की कोमल चूत बुरी तरह से फ़ूल गई थी. उस पर वीर्य के कुछ अंश दिखाई दे रहे थे.
चुदाई के बाद कोमल उठ कर ताऊ जी के साथ बाहर नाली के पास गई और ताऊ जी ने उसकी चूत पर पानी गिरा कर उसे साफ़ करने का बोला. कोमल ने अपनी चूत को धोकर साफ़ किया.
इसके बाद वो अपने कपड़े पहन कर जब नीचे जाने लगी, तो ताऊ जी ने बोला- यह बात किसी को बताना नहीं. वो बोली- ठीक है.
वो नीचे चली गई. ताऊ जी अपने कमरे में जाकर सो गए.
मैं भी अपने कमरे में सो गया. सुबह मैं जब जगा, तो ताऊ जी को तैयार होते देखा. मैंने जब उनसे पूछा, तो वो बोले- आज मैं सामान खरीदने शहर जा रहा हूँ. वो शहर के लिए निकल गए.
अब मैं चाची और अपनी बहन कोमल की चुदाई की कहानी याद करता हुआ अपना लंड हिलाने लगा.
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