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पिछले भाग में आपने पढ़ा कि जीजा ने फोन पर बातें करते हुए मुझे सुन लिया था और जीजा मेरी चूत को चोदने लगे थे. मैं भी जीजा को आशीष कहकर बुला रही थी. ताकि आशीष को पता न लगे कि मैं अपने जीजा से चूत चुदवा रही हूं. आशीष के साथ फोन सेक्स करते हुए मैं जीजा के साथ चुदाई का मजा ले रही थी. अब आगे:
जीजा का लंड मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था और मैं मस्ती से जीजा के लंड के साथ चुद रही थी.
आशीष ने उधर फोन पर कहा- यार बंध्या मुझे अपने लण्ड का पानी निकालना है. तू मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर ताकि मेरे लंड से पिचकारी निकल जाये. मैंने कहा- ठीक है तू मुझे जम के चोद, मेरी टांगें उठा कर चोद, फाड़ दे मेरी चूत को आह्ह … इधर मैं जीजा को भी इशारे कर रही थी.
जीजा ने कहा- अब जरा टेढ़ी लेट जा. मैं टेढ़ी हो गई और जीजा मेरे पीछे आ गये. उन्होंने मेरी टांग को हल्के से उठाया और फिर मेरी चूत को पेलने लगे. इस पोजीशन में चुदाई करवाने में मुझे भी बहुत मजा आ रहा था. मैंने कहा- आह्ह … जीजा, और तेज करो, मजा आ रहा है. मसल दो मेरी चूत को.
उधर मैं फोन पर आशीष को भी इसी तरह से कामुक सिसकारियां लेते हुए उत्तेजित रखने की कोशिश कर रही थी लेकिन असली मजा तो मुझे यहां जीजा के साथ आ रहा था. जीजा बोले- बंध्या तू तो कह रही थी कि तूने अपने यार से दो-तीन बार ही चुदवाई है लेकिन तेरी चूत तो ऐसी लग रही है कि तू बहुत बार चुद चुकी है. मैंने कहा- जीजा आप बस चोदते रहो, अब मुझे मजा लेने दो अपनी चूत की चुदाई का. आह्ह … और तेज करो जीजा. जब मैं जीजा से बात करती थी तो फोन को मुंह के पास से हटा लेती थी ताकि आशीष को मेरी बातें सुनाई न दें.
जीजा ने मेरे बालों और कंधों को पकड़ लिया और तेजी के साथ मेरी चूत को पेलने लगे. आह्ह … आह .. आह्स्स … जीजा … आह … मेरे मुंह से कामुक सिसकारियाँ और ज्यादा तेज होती जा रही थीं. मुझे डर था कहीं आशीष को मेरी आवाजें सुन न जाएं.
मैं जीजा को गाली देने लगी- चोद दे हरामी मेरी चूत को … और तेजी से चोद … आह्ह … जीजा बोले- साली रंडी तू तो बहुत बड़ी रांड है. तूने तो कईयों से चुदवाई है. तू मुझसे झूठ बोल रही थी कि तूने सिर्फ अपने यार से चुदवाई है.
अब मैंने जीजा को सच बता ही दिया. मैंने कहा- हां जीजा, अपने यार आशीष के अलावा मैं पांच-छह मर्दों से और चुदवा चुकी हूं. अब आप से क्या छिपाना. आप भी मुझे चोदते रहना क्योंकि साली भी तो आधी घरवाली होती है. जीजा बोले- साली कुतिया, मेरा होने वाला है. तुझसे ज्यादा गर्म लड़की मैंने आज तक नहीं चोदी.
मैंने पूछा- कितनी चूतें चोद चुके हो जीजा? वो बोले- कोई गिनती नहीं है. मेरे ट्रैक्टर पर मजदूरी करने वाली लड़कियां आती हैं. मुझे दो सौ रूपये में चूत मिल जाती है. मैं बोली- तो मुझसे ज्यादा गर्म मिली कोई? जीजा बोले- नहीं, तुझसे ज्यादा गर्म नहीं मिली मेरी रंडी. कहते हुए जीजा तेजी के साथ मेरी चूत को पेलने लगे. फिर कुछ पल के बाद ही जीजा बिना बताए फच-फच की आवाज के साथ मेरी चूत में अपने लंड का लावा भरने लगे.
तभी मैंने आशीष को बोला- मैं अब फोन रख रही हूं, मैं सुबह बात करूंगी. फोन रखते ही मैंने जीजा से कहा- जीजा अभी खेल खत्म मत करो, मैं अभी बहुत प्यासी हूं.
लेकिन जीजा ने अपना सारा माल मेरी चूत में उगल दिया था और वो रुक गये थे. जीजा उठ कर बेड से नीचे खड़े हो गये. उनका लंड भी सिकुड़ कर छोटा हो गया था. मुझे बहुत खराब लगा उनका स्टेमिना. नीचे चादर में उनके लंड का और मेरी चूत का रस गिर गया था. मगर मैं अभी भी प्यासी थी. जीजा बोले- तू बहुत मस्त माल है. मैं तेरी चूत के सामने ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया. मैं तुझे पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पाया.
फिर जीजा बाथरूम जाने के लिए बाहर की ओर जाने लगे. बाथरूम कमरे के बाहर बना हुआ था. जैसे ही जीजा ने दरवाजा खोला, वहां पर पहले से ही दो लोग और खड़े हुए थे. जीजा ने कहा- आप यहां क्या कर रहे हो? वो दोनों बोले- हमने सब सुन लिया है. इतना कहकर वो दोनों जबरदस्ती अंदर आ गये.
वो बोले- हमने सब सुन लिया है कि तुम बाप-बेटी यहां पर चुदाई कर रहे थे. तुम्हारी आवाजें बाहर तक आ रही थी. पता नहीं कैसा घोर कलियुग आ गया है? बाप अपनी बेटी को ही चोद रहा है. दूसरा बोला- हां, मैंने तो कई बार अखबारों में पढ़ा था लेकिन आज देख भी लिया. तुम्हारी बेटी भी कैसी है … दुनिया में इतने सारे लंड हैं लेकिन इसने अपने बाप से ही चूत चुदवा ली.
मैं अपने नंगे बदन को चादर से ढकने की कोशिश कर रही थी लेकिन चादर नीचे दबी हुई थी. मैं पूरी की पूरी नंगी लेटी हुई थी. मैं प्यासी तो थी लेकिन अभी अपना नंगा बदन छिपाना चाहती थी. वो दोनों नजदीक आकर देखने लगे और बोले- तेरी बेटी तो बहुत मस्त है. इसकी बगल में सोते हुए तो कोई भी इसको चोदे बिना रह ही नहीं सकता. फिर उन्होंने मेरी चूत में जीजा के लंड का रस लगा हुआ देख लिया.
वो बोले- तुमने तो हमारे लॉज के कमरे का बेड भी खराब कर दिया. तुम्हारी शिकायत हमें पुलिस को करनी पड़गी. जीजा घबरा गये और बोले- हमें माफ कर दो, हमसे गलती हो गई. मैं भी घबरा गयी थी.
उनमें एक आदमी मूछों वाला था. वह काउंटर पर बैठा हुआ था जब हम लॉज में आये थे. वो बोला- तुम्हारे पास एक ही रास्ता है. तुम हमें पांच हजार रूपये दे दो. जीजा ने पर्स उठाकर देखा तो उसमें केवल 2000 रूपये थे. जीजा ने कहा- मेरे पास इतने ही हैं. लेकिन हमें वापस जाने के लिए किराया भी चाहिएगा. आप इसमें से 200 रूपये छोड़ कर बाकी सारे रख लो. उसने 200 रूपये निकाल कर बाकी के 1800 रूपये ले लिये.
मूछ वाले आदमी ने दूसरे से कहा- तुम जरा बाहर जाओ और इसके बाप को नीचे घुमा कर ले आओ. मुझे इस लड़की से कुछ बात करनी है. जीजा बोले- मेरी बेटी अभी बहुत छोटी है. आप इसके साथ कुछ मत करना. वो बोला- मैं इस लॉज का मैनेजर हूं भोला सिंह. मैं एक सच्चा ठाकुर हूं. इस लॉज के मालिक ने मुझे यहां की जिम्मेदारी दे रखी है. मैं इस बात का ख्याल रखता हूं कि यहां पर ऐसी-वैसी कोई घटना न हो. पिछले 18 सालों से यह लॉज मेरी ही निगरानी में चल रहा है. मैं इस बात की अब पूरी जांच-परख करूंगा. यह अशफाक है, इस लॉज का सर्वेन्ट. इसने मुझे नीचे आकर बताया था कि एक कमरे से एक लड़की की सेक्स की आवाजें आ रही हैं. जब मैंने कान लगा कर सुना तो तुम्हारी चुदाई चल रही थी. मैंने रजिस्टर में जाकर देखा तो उसमें तुम बाप-बेटी का नाम लिखा हुआ था. मुझे यकीन नहीं हुआ कि एक बाप-बेटी इस तरह से आपस में चुदाई कर सकते हैं. अब तुम नीचे जाओ और मुझे इस लड़की से कुछ पूछताछ करने दो. मैं इससे अपने तरीके से बात करना चाहता हूं. अगर तुम नहीं गये तो मुझे फिर थाने में फोन करना पड़ेगा. जीजा बोले- ठीक है. मैं नीचे चला जाता हूं. लेकिन पांच मिनट बाद मैं वापस आ जाऊंगा. वो बोला- ठीक है.
वह लॉज का मैनेजर एक छह फीट लम्बा हट्टा-कट्टा आदमी था. उसकी उम्र पचास के करीब थी. जीजा उस नौकर के साथ बाहर चले गये और उन्होंने दरवाजा बाहर से बन्द कर दिया.
उसके बाद वो मैनेजर मेरे पास आया. मैंने चादर को अपने बदन पर डाल लिया था. उसने एक ही झटके में मेरे बदन से चादर खींच दी और मुझे फिर से नंगी कर दिया. मेरे पास आकर वो पूछने लगा- लड़की, तू मुझे सच बता कि तू कहां से आयी है और ये जो आदमी तेरे साथ है वो कौन है? क्या ये तुझे पैसे देकर लाया है? क्योंकि तेरा बाप तो नहीं लग रहा ये. मैंने कहा- मैं सच कह रही हूं, यह मेरा बाप है. मैं मम्मी कसम खाकर कहती हूं.
मैंने अपनी मां की झूठी कसम खा ली. मैंने उसको बताया कि मैं रीवा के पास तपा गांव की रहने वाली हूं. अगर आप चाहें तो मेरे घर चल कर भी पता कर सकते हैं. मैं सच बोल रही हूं. वो बोला- अगर तेरी मां को ये बात चलेगी कि तू अपने बाप से चुद रही थी तो क्या होगा फिर? वह मेरे पास आया और बोला- तेरे पापा कुछ ही देर में वापस आने वाले हैं. देख, तू बहुत मस्त माल लग रही है मुझे. तू एक बार नीचे चल मेरे साथ. ये बात तो सबको पता लगनी चाहिए कि तू अपने बाप से ही चुदवा रही थी.
कहकर वो मुझे अपनी बांहों में लपेटने लगा. मैंने कहा- मुझे छोड़ दो अंकल, मैं अभी बहुत छोटी हूं. लेकिन वो नहीं रुक रहा था और फिर पुलिस को फोन करने की बात कहने लगा.
मैं फिर घबरा गई. मैं चुप रह गई और इतने में वह अपनी शर्ट उतारने लगा. जैसे ही शर्ट उतार कर फेंकी तो मैंने देखा कि भोला सिंह की छाती बहुत चौड़ी थी. बाजू भी बहुत मोटे थे उसके. पहलवान दिख रहा था। भोला सिंह सीधे मेरे बगल से आकर मुझे बिस्तर में लिटाने लगा मेरे ऊपर चढ़ गया. मैं नीचे दब गई और उसकी छाती मेरे छाती से मिल गई. भोला ने सीधे मेरे बालों को पकड़ा और मेरे होंठों को चूमने लगा. मेरे जीजा ने मुझे बीच अधर में छोड़ दिया था तो मैं अमन ही मं च्चने लगी थी कि ये मुझे चोद दे.
वह पकड़ कर मेरे होंठों को सीधे चाटने लगा. पैंट के ऊपर से ही मेरी जांघों में एक सख्त सख्त चीज रगड़ रही थी. मैं समझ गई कि सख्त चीज भोला का लौड़ा है.
धीरे-धीरे पैंट में उसके जिप के ऊपर से ही वह उसका लन्ड बहुत सख्त होता जा रहा था, इधर मेरे होंठों को जब वह चूसने लगा तो मुझे कुछ-कुछ होने लगा, सच में … जो मेरी घबराहट थी, जो मेरा डर था, वह अब कम हो गया।
करीब 2 मिनट तक वह मेरे होंठों को चूसता रहा. फिर नीचे मेरे बूब्स को देखा और बोला- तेरे दूध तो बहुत छोटे हैं लेकिन तेरे फिगर में बहुत मस्त लग रहे हैं. तू देख अभी इन का साइज थोड़ा बढ़ाता हूं मैं. उसने कस कर पूरी ताकत से मेरे दूधों को दबाया, थोड़ा उठकर एक हाथ से भोला ने मेरी चूत को थपथपा दिया.
तभी चिपचिपा रस उसकी हथेली में लग गया तो भोला सिंह बोला- तेरी चूत तो बह रही है! इतना कह कर उसने मेरी दोनों टांगों को फैलाया एक हाथ से चूत में जैसे ही एक उंगली डाली तो वह सट से अंदर चली गई. भोला की उंगली जाते ही मेरे मुंह से अहह … उहहह … की आवाज निकल आई.
वो बोला- तू तो बहुत चुदक्कड़ लग रही है. तेरी उम्र तो बहुत कम है लेकिन तेरी चूत बता रही है कि तू बहुत चुदी है. तेरा नाम क्या है … मैं भूल गया. मैंने कहा- बंध्या … “बंध्या देख … तू अपने बाप से चुदवा रही थी. फिर मेरे सामने इतनी नौटंकी क्यों कर रही है. देख, तीन-चार मिनट में मेरा काम हो जायेगा. फिर तू अपने बाप के साथ आराम से ऐश करना. मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी.” कहकर वो मेरी चूत में उंगली चलाने लगा. मैं तड़पने लगी.
वो बोला- मुझे तो तू रंडी लग रही है. नहीं तो कोई साधारण लड़की इस तरह से नहीं चुदवाती अपने बाप से. तेरी चूत तो बिल्कुल फैली पड़ी है. मगर तेरी उम्र शायद अभी 18 की ही हुई होगी. मगर तू एक कड़क माल है. इसलिए इतनी चुदासी हो रही है.
चूंकि मेरे जीजा मुझे अधूरा छोड़ कर चले गये थे इसलिए अब मेरे अंदर भी चुदास जगने लगी थी. सेक्स की आग और तेज उठने लगी मेरी चूत में भोला सिंह की बातों से. फिर उसने मेरी चूत में जीभ रख दी और चलाने लगी. मैं पागल सी हो उठी. वो मेरी चूत को चाट-चाट कर सूंघ रहा था.
वो बोला- सुन तू कभी भी यहां चित्रकूट आना इस लॉज में, तेरे लिए यह लॉज फ्री रहेगा. तू अपनी फैमिली या दोस्त, किसी को भी यहां ला सकती है. तेरा रुकना-खाना सब फ्री … आज के बाद कभी भी तू आ सकती है, ये मेरी गारंटी है। मैं रहूं ना रहूं, बस मेरा नाम बता देना. मेरा नंबर ले जाना और मैं बोल दूंगा कि तू या तेरी फैमिली कोई भी आए उससे कभी पैसे ना लिया जाएं.
मैं यह सुनकर अंदर ही अंदर खुश हो रही थी.
तभी भोला सिंह ने मेरी चूत में अपनी जीभ रगड़ दी और मेरी चूत को फैलाकर ऊपर करके चाटने लगा. जैसे ही उसकी जीभ की रगड़ मिली मैंने अपनी कमर ऊपर उछाल दी और उसको समझते देर नहीं लगी कि मैं चुदने के लिए तैयार हो चुकी हूं. वो बोला- अब तू लाइन में आई है, फिर पहले इतना नाटक क्यों कर रही थी? चल तुझे मैं अब फुल मजे दे देता हूं.
इतना कहकर वो अपनी जीभ को मेरी चूत पर ऊपर से नीचे तक फिराने लगा. उसका यह अंदाज मुझे बहुत मस्त लगा. मेरा होश खोने लगा था. मेरा मन उसका लंड लेने के लिए करने लगा. मैं मचलने लगी. उसने पूरी ताकत के साथ अपनी जीभ अंदर घुसा दी और मैं तड़प गई. आह्ह … मैं उसके सिर के बाल पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगी.
वो मेरी तरफ देख कर बोला- तू आराम से खुल कर मजे ले रंडी, मुझे भी अपने बाप की तरह ही समझ. जिंदगी मजा लेने के लिए मिली है. तू मेरे साथ खुल कर बातें कर मुझे भी मजा आयेगा. कहकर वो तेजी के साथ मेरी चूत में जीभ चलाने लगा और मैं मचलते हुए अपने चूचों को दबाने लगी.
कहानी जारी रहेगी. मजा लेते रहिये और अपने विचार भी बताते रहिये. [email protected]
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