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अन्तर्वासना के सारे दोस्तो को हैल्लो, मेरा नाम महेश है. मैं एक छोटे से शहर का रहने वाला हूं. मैं 18 साल का हूँ और मेरे लंड का साइज 6 इंच है. बॉडी भी ठीक-ठाक है. मैं न तो ज्यादा मोटा हूं और न ही ज्यादा पतला. मैंने पिछले साल ही बाहरवीं पास की थी. मैं जे.ई.ई. मेन एग्जाम की तैयारी कर रहा था. जे.ई.ई. के बारे में तो आपने सुना ही होगा. मेरा पेपर 9 अप्रैल को था. आगरा में मैं एग्जाम देने गया हुआ था. एग्जाम का टाइम सुबह का था. सुबह 7:30 बजे मैं वहां पर पहुंचा. एग्जाम 9:30 बजे स्टार्ट होने वाला था. परीक्षा केन्द्र में जाकर अपनी लैब चेक की और अपने रूम में चला गया. वहां पर मैंने रूम में जाकर बायोमैट्रिक कराई. उसके बाद बैठकर अपने पी.सी. पर इंतजार करने लगा.
पेपर स्टार्ट होने से कुछ देर पहले एक मैडम वहां आई. उसको देखा तो मैं देखता ही रह गया. वो देखने में बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी थी. उसको देख कर तो कोई भी फिदा हो जाये. उसका फीगर 36-32-34 था. वह जब मुस्कराती थी तो उसके गालों पर डिंपल पड़ते थे. वैसे तो उसको देख कर ही मेरे मुंह में पानी आ गया था लेकिन मुंह के साथ-साथ लंड में भी पानी आने लगा था.
मुझे प्यास लगने लगी और मैंने उससे वॉटर कूलर की लोकेशन पूछी तो उसने बता दी. मैं पानी पीने चला गया और साथ में ही टॉयलेट बना हुआ था. मैंने सोचा कि अभी तो टाइम बचा है इसलिए पेशाब भी कर लेता हूं. मैं टॉयलेट में जाकर पेशाब करने लगा और जब मैंने मूतने के बाद लंड को हिलाया तो लंड में हवस सी जाग उठी. मैंने मैडम के सेक्सी फीगर और गांड के बारे में सोचा तो लंड फटाक से तन गया. मेरा लंड वहीं पर खड़ा हो गया. मैंने वहीं अपने लंड को हिलाना शुरू कर दिया. मैं जोर-जोर से अपनी सेक्सी टीचर के बारे में सोच कर मुट्ठ मारने लगा.
एक तो मुझे हवस चढ़ी हुई थी और ऊपर से अभी एग्जाम सेंटर में कोई दूसरी परीक्षार्थी भी नहीं पहुंचा था. मेरे रूम में केवल मैं और मैडम ही थे इसलिए मेरी हवस उबल-उबल कर बाहर आ रही थी. मन कर रहा था उसको नंगी करके चोद दूं. मैं लंड की मुट्ठ मारता रहा और वीर्य वहीं यूरीन पॉट में बहा दिया. लंड को थोड़ी शांति मिली. मैं हाथ धोकर बाहर आ गया.
वापस अपनी सीट पर आकर बैठ गया. मैडम भी वहीं पास में चेयर पर बैठी थी. चूंकि अभी एग्जाम शुरू होने में काफी समय बचा हुआ था. मैं वहाँ बैठा हुआ बोर होने लगा. मैंने सोचा कि क्यों न मैडम से ही बात कर लूं. मैडम से यहाँ-वहां की बातें होने लगीं. उससे बात करने पर पता चला कि वह आगरा में ही रहती है और अभी तक उसकी शादी नहीं हुई है.
फिर धीरे-धीरे बाकी विद्यार्थी भी आना शुरू हो गये. एग्जाम शुरू होने में कुछ ही देर बाकी रह गई थी इसलिए मैडम ने एग्जाम शीट बांटनी शुरू कर दी. जब मैडम मेरे पास एग्जाम शीट लेकर आई तो पंखे की हवा से वो शीट नीचे फर्श पर गिर गई. मैं उसको उठाने वाला था लेकिन उससे पहले मैडम ही नीचे झुक कर शीट को उठाने लगी. जब वो नीचे झुकी तो उसके सूट के अंदर से मुझे उसकी सफेद ब्रा में पैक चूचे दिख गये. मेरा लंड फिर से तन गया.
मैडम ने शीट रखी और उस पर साइन करने लगी. मेरा लंड मेरी पैंट में तन कर झटके दे रहा था. मैडम की नजर मेरे तने हुए लंड पर पड़ गई. मैडम ने तिरछी नजर से मेरे लंड की तरफ देखा और शीट पर साइन करने लगी. फिर वह अपनी गांड मटकाती हुई अगले परीक्षार्थी के पास चली गई. जब वो उसकी शीट साइन कर रही थी तो मेरी तरफ भी देख रही थी.
मेरा लंड और ज्यादा तनाव में आ गया. मन कर रहा था कि बस किसी तरह इसकी चूत चोदने को मिल जाये लेकिन अभी एग्जाम शुरू होने में कुछ ही मिनट रह गये थे. पेपर शुरू हो गया. उसके बाद मेरा सारा ध्यान पेपर में लग गया. बीच में मैडम फॉर्मेलिटी पूरी करने के लिए आई और शीट पर भरी डीटेल्स चेक करते हुए साइन करने लगी. मैंने बहाने से मैडम की गांड को छू लिया तो मैडम ने कुछ नहीं कहा.
उसने मेरी तरफ देखा और मैंने उसकी तरफ. मेरी आंखों में हवस भरी हुई थी. वो चुपके से धीमी आवाज में कह गई- पेपर के बाद मुझे एग्जाम रूम के बाहर मिलना. मैं समझ गया कि शायद यह अब आराम से चुद जायेगी.
जैसे-तैसे करके मैंने पेपर खत्म किया और बाहर मैडम का वेट करने लगा. मैडम बाहर आई और मुझे एक तरफ कोने में ले जाकर पूछने लगी- क्या इरादा है? मैंने कहा- इरादा तो नेक है, अगर आप हाँ कर दो तो!
वह मुस्करा कर मेरी तरफ देखने लगी. उसने कहा- मेरा रूम यहीं पास में ही है लेकिन अभी मेरी ड्यूटी खत्म नहीं हुई है. मैं तुमसे स्कूल के बाहर मिलूंगी. मैं खुशी-खुशी मैडम का वेट करने लगा.
आधे घंटे के बाद वो बाहर आई और हम ऑटो में बैठ गये. ऑटो मैं बैठ कर उसने मेरी जांघ को सहलाना शुरू कर दिया. मेरा लौड़ा तन गया. मैंने उसकी जांघ पर हाथ रखा और उसको सहलाने लगा. दोनों के अंदर की हवस भड़क गई थी. उसने मेरे तने हुए लंड पर हाथ रख लिया. मेरे लंड में झटके लगने लगे. मैं उसके चूचे दबाना चाहता था लेकिन बाहर रोड पर सब दिखाई दे रहा था इसलिए मैंने कुछ नहीं किया. उसके दस मिनट बाद ही उसका रूम आ गया.
हम दोनों रूम में गये. उसने सिर से दुपट्टा उतार दिया और मटकती हुई किचन में मेरे लिये पानी लेने गई. जब वह वापस आई तो उसके डीप कट वाले सूट के गले से उसके चूचों की घाटियां उभर बाहर झांक रही थी. मेरा लंड तो पहले से तनना शुरू हो गया था.
वह बोली- मैं जरा फ्रेश होकर आ जाती हूँ, तब तक तुम यहीं बैठो.
मैं वहीं पर बैठ कर उसका इंतजार करने लगा. उसके कुछ देर बाद वो नहा कर आई और उसके बाल गीले थे. उसने अपने बदन पर एक तौलिया लपेटा हुआ था. उसकी गोरी और चिकनी टांगें मुझे दिखाई दीं जिन पर पानी की बूंदें बहकर फर्श पर गिरते हुए उसके पैरों के निशान बना रही थी. उसके बाद वो दूसरे तौलिये से अपने बालों को पौंछने लगी. उसकी गांड का उभार उसके तौलिया में से साफ दिखाई दे रहा था. मेरी हालत उसको देख कर बिल्कुल खराब हो गई थी.
फिर वह अंदर दूसरे कमरे में चली गई और एक लाल रंग का गाउन पहन कर बाहर आई. उसके बाद वह किचन से मेरे लिए कोल्ड ड्रिंक लेकर आई. हम दोनों ने साथ में बैठ कर कोल्ड ड्रिंक पी. उसने गिलास टेबल पर रखते हुए मेरी जांघ पर हाथ रख दिया.
मेरा लौड़ा तन गया और झटके देने लगा. मैंने उसके चूचों को छुआ और उनको दबा दिया. उसने मेरी तरफ देखा और फिर हम दोनों एक दूसरे के होंठों को दशहरी आम की तरह चूसने लगे. मैंने उसके गाउन में हाथ डाल कर उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया. वह मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लंड को सहला रही थी. उसने मेरे लंड को अपने हाथ में भरा हुआ था. उसके बाद मैंने उसके गाउन की डोरी खोल दी और गाउन उतार कर उसको एक तरफ डाल दिया. मैडम ने नीचे से लाल रंग की ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी. उसके चूचों ऐसे लग रहे थे कि ब्रा को धकेल कर बाहर ही आ जायेंगे अब. मैंने उसके चूचों को जोर से दबाना शुरू कर दिया.
वो मेरे कपड़े खोलने लगी. उसने मेरी शर्ट उतारी और फिर पैंट को खोलने लगी. उसके बाद मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और उसकी चूचियों को अपने मुंह में लेकर पीने लगा. मैडम मेरे कच्छे के ऊपर से मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर सहलाने लगी. उसने मेरे अंडवियर के कट के अंदर हाथ डाला और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया. उसके बाद वो मेरे लंड के टोपे को आगे-पीछे करते हुए मेरे लंड की मुट्ठ मारने लगी.
उसको मैंने वहीं सोफे पर लेटा दिया और उसकी पैंटी खींच कर निकाल दी. मैडम की चूत नंगी हो गई. उसकी चूत पर हल्के से बाल थे. ऐसा लग रहा था कि उसने कुछ दिन पहले ही अपनी चूत को शेव किया है. मैंने उसकी चूत में उंगली करनी शुरू कर दी. उसकी चूत से एक पदार्थ सा निकलना शुरू हो गया था. मैंने तेजी से उसकी चूत में उंगली चलानी शुरू कर दी. एक हाथ से मैं अपने लंड की मुट्ठ भी मार रहा था. वो मचलने लगी. मैंने अपनी उंगलियों की स्पीड और तेज कर दी.
मैंने अपने लंड को छोड़ कर पूरा ध्यान उसकी चूत पर लगा दिया. मैडम की चूत को मैं तेजी से अपनी उंगलियों से चोदने लगा. पांच मिनट के बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और उसका बदन ढीला पड़ गया. मेरा लंड भी अध-सोई अवस्था में आ गया था. वह उठी और उसने मेरे लंड को पकड़ कर अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी.
मेरा लंड तेजी के साथ खड़ा हो गया और वह दोबारा से सोफे पर लेट गई. मैं समझ गया था कि वह अपनी चूत में लंड को डलवाना चाहती है. मैंने मैडम की एक टांग को उठा कर सोफे पर रखा और उसकी चूत पर लंड को लगा दिया. मैंने धीरे से उसकी चूत पर लंड को लगाया एक झटके से लंड को अंदर घुसा दिया. लंड गच्च करके उसकी चूत में फंस गया. वह एक बार तो उछली मगर उसके बाद फिर उसने अपनी चूत को ऊपर से रगड़ना शुरू कर दिया. उसकी टांग को पकड़ कर मैंने उसकी चूत में धक्के देने शुरू कर दिये. उसकी चूत को चोदते हुए मैं देख रहा था कि उसके चूचे यहां-वहां जा रहे हैं. कभी इधर डोल जाते तो तो कभी उधर.
कुछ देर अपनी चूत को मसलने के बाद उसने अपने एक हाथ से अपनी चूचियों को भी मसलना शुरू कर दिया. उसके मुंह से कामुक सिसकारियाँ निकलने लगीं और मेरे माथे से पसीना बहना शुरू हो गया. उसके रूम में ऐ.सी. नहीं था इसलिए मेरा बदन पसीना-पसीना हो गया था. मगर उसकी चूत चोदने में मजा भी बहुत आ रहा था.
मैं भी आह-आह करते हुए उसकी चूत को चोद रहा था. वह पागलों की तरह चीखने लगी थी और उसकी चीखों उम्म्ह… अहह… हय… याह… में मुझे बस आनंद ही भरा हुआ सुनाई दे रहा था. मेरा मोटा लंड उसकी चूत को ठोक रहा था. कुछ देर उसकी चूत को चोदने के बाद मेरे लंड ने उसकी चूत में ही वीर्य की पिचकारी लगानी शुरू कर दी.
थक कर मैं एक तरफ बैठ गया और वो भी शांत हो गई. फिर वह उठ कर बाथरूम में चली गई और दोबारा से नहा कर आ गई. चूंकि मैं भी पसीने से भीग चुका था इसलिए मैं भी फ्रेश होकर आ गया. फिर उसने हम दोनों के लिए चाय बनायी और खाने के लिए कुछ स्नैक्स भी लेकर आई. उसके साथ कुछ देर तक मैंने बातें कीं और फिर मैंने अपने कपड़े पहन लिये.
मैं चलने के लिए उठा तो उसने मुझे थैंक्स बोला और मुझे दरवाजे तक छोड़ने आई. जब मैं जाने लगा तो उसने हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ाया और इस बहाने से मेरे लंड को फिर से सहला दिया. मैंने उसकी आंखों में देखा तो लगा कि वह फिर चुदना चाहती है.
मैंने दरवाजा दोबारा से बंद कर दिया और उसको बेतहाशा चूमना शुरू कर दिया. अगले दो मिनट में हम दोनों फिर से पूरे के पूरे नंगे हो गये. मैंने उसको ले जाकर उसके बेड पर पटक दिया और उसकी चूत में जीभ डाल दी. उसकी चूत को कुछ देर तक जीभ से चोदा और फिर उसको डॉगी की पोजीशन में झुका लिया. मैं बेड से नीचे खड़ा हो गया और अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया. मैं तेजी के साथ उसकी चूत को पेलने लगा.
दस मिनट की चुदाई के बाद वह फिर से झड़ गई. मगर मेरा लंड अभी खाली नहीं हुआ था. मैं उसको चोदता ही रहा. उसके बाद मैंने मैडम को उठा कर अपना लंड उसके मुंह में दे दिया. वो मेरे लंड को तेजी के साथ चूसने लगी. मैंने पूरा लंड उसके मुंह में घुसा दिया और उसके मुंह को चोदने लगा. पांच मिनट की जोरदार चुसाई के बाद मैंने उसके मुंह में वीर्य को निकाल दिया जिसको वो पी गई. हम दोनों थक कर वहीं बेड पर नंगे पड़ गये.
मुझे नींद आ गयी. उसके बाद जब आंख खुली तो वह बेड पर नहीं थी. मैं अभी तक नंगा ही पड़ा हुआ था. मैं उठ कर देखने गया तो वह खाना लगा रही थी. मैं उसके पास गया और उसने मेरे सोये हुए लंड को अपने हाथ से सहला दिया. मेरा लंड दुखने सा लगा था. उसके बाद मैंने बाथरूम में जाकर लंड को अच्छी तरह से साफ किया और उस पर ठंडा पानी डाला.
फिर मैंने शावर लिया और बाहर आकर कपड़े पहनने लगा. मैंने अपना अंडरवियर पहन लिया था तभी मैडम रूम में आ गयी. उसने मेरे अंडवियर के ऊपर से मेरे सोये हुए लंड को फिर से सहला दिया. फिर वह मेरे पीछे की तरफ जाकर मेरी पीठ को चूमने लगी. उसके होंठों की छुअन से मेरे लंड में फिर से तनाव आने लगा लेकिन उसको चोदने की अब हिम्मत नहीं हो रही थी क्योंकि मुझे भूख लग गयी.
उसके बाद मैंने उसको अपनी बांहों पकड़ा और उसकी गांड को दबाने लगा, उसके कान में कहा- पहले खाना खा लेते हैं उसके बाद करेंगे. मैंने अपने कपड़े पहने. हम दोनों ने साथ में मिल कर खाना खाया.
फिर उसका कोई कॉल आ गया. वह बोली कि उसके कोई रिलेटिव अभी आने वाले हैं तो इसलिए अब तुम्हें यहाँ से चले जाना चाहिए. अगर उन्होंने तुमको यहां पर देख लिया तो तुम्हारे बारे में सौ सवाल पूछेंगे वो लोग.
मैं उसकी बात से सहमत था. मैंने अपना बैग उठाया और उसको बाय बोलकर निकल लिया वहाँ से. उस चुदासी टीचर की चुदाई करके बहुत मजा आया मुझे.
उसके बाद कभी मेरा आगरा की तरफ जाना नहीं हुआ. आज भी उसके मैसेज मेरे पास आते रहते हैं. उस दिन के बाद मेरे अंदर औरतों को संतुष्ट करने की एक ललक सी जाग उठी थी. मैंने उसके अलावा कई और औरतों के साथ मजा लिया लेकिन उस टीचर के साथ जो मजा आया था वो अलग ही था. मैंने कई बार कोशिश की आगरा जाने की लेकिन मैं अभी तक दोबारा उससे नहीं मिल पाया. मगर मैं जब भी आगरा जाऊंगा तो उस सेक्सी टीचर की चुदाई करके जरूर आऊंगा.
दोस्तो, यह थी मेरी कहानी एक टीचर के साथ सेक्स कि. आपको कैसी लगी, आप इस बारे में अपने विचार जरूर मुझे बताना. अगर आपका रेस्पोन्स अच्छा रहा तो मैं आपके साथ अपनी और भी कई सारी आपबीती शेयर करना चाहूंगा. कहानी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद. विदा! [email protected]
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