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दोस्तो, आप सबने मेरी पिछली कहानी खुली छत पर गर्लफ़्रेंड की चुदाई पढ़ी. इस कहानी को पढ़ कर बहुत सारे लोगों के मेल आए. कुछ तो कहानी पसंद आई, तो कुछ को नहीं, जिनको पसंद आई उनको शुक्रिया और जिनको नहीं आई उनसे ये वादा कि आगे से और अच्छा लिखने का प्रयास करूंगा.
आप सब जानते हैं कि पूजा के साथ मेरी चुदाई की तमन्ना पूरी हो रही थी. जब भी हम दोनों में से किसी को मन होता, हम चुदाई कर लेते थे. हम अलग अलग तरीके और जगहों पर करते थे, इसलिए हमारी चुदाई में एक नयापन आ गया था. जिसे हम बहुत एन्जॉय कर रहे थे.
हुआ यूँ कि एक दिन पूजा ने मुझे कुछ काम के लिए अपने घर बुलाया था. मैं उसके घर जाने के लिए निकल ही रहा था, तभी पापा आ गए. वे मुझे अपने साथ ले गए ये बोल कर कि कुछ जरूरी काम है, तुम भी चलो. क्या करता … मन मार के मुझे जाना पड़ा और फिर अगले कुछ दिन मैं पूजा से कुछ ना कुछ काम लगे रहने की वजह से नहीं मिल पाया.
एक दिन टाइम मिला, तो मैं सीधा उसके घर पहुंच गया. मुझे ये भी नहीं पता था कि वो घर पर है भी कि नहीं … या अभी उसके घर पर कौन कौन है. मैं उसके घर पहुंचा, तो आंटी घर पर थीं. मुझे देख कर वो बोलीं- पूजा अपने कमरे में है.
मैं भी चुपचाप उसके रूम में गया. मैंने देखा कि वो बेड पर बैठी है और कुछ कर रही है. उसकी पीठ मेरी तरफ थी, तो मैं उसका चेहरा नहीं देख पा रहा था, मगर पीठ दिख रही थी.
मैं धीरे से गया और उसके कान को चूसने लगा और हाथ आगे करके उसकी चूचियों को जोर से दबाने लगा. उसको चुचियां जोर से दबवाना पसंद है. उसकी चूची दबाते हुए मैंने उसको बोला- कैसी हैं मेरी रंडी … आज बहुत दिनों बाद मिली है … खुल कर चोदूंगा तुझे.
जबकि मुझे पता था कि ये मुमकिन नहीं था. क्योंकि आंटी नीचे है थीं, मगर हम जब भी मिलते थे, ऐसे ही गन्दी बातें करते थे.
अचानक से वो चीखी और उसने मेरे हाथ में दांत जोर से काट लिया. मैं दर्द से बिलबिला उठा और वो मेरी पकड़ से निकल गई. वो उठ कर सामने चली गई. मुझे बहुत कस कर गुस्सा आया और मैंने उसको बोलने के लिए उसकी तरफ अपना सर उठाया, तो मेरा सारा गुस्सा गायब हो गया और मेरी गांड फट के हाथ में आ गई … क्योंकि ये पूजा नहीं थी कोई और थी … जो सिर्फ उसके कपड़ों को पहने हुए थी. उसका चेहरा गुस्से से तमतमाया हुआ था और वो गुस्से से मेरी तरफ देख रही थी.
मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि ये क्या हो रहा है … और ये कौन है.
अभी मैं यही सोच रहा था कि अचानक से बाथरूम का दरवाजा खुला और पूजा उसमें से तौलिया लपेटे बाहर आई. पूजा ने उस लड़की से पूछा कि वो क्यों चीखी? फिर उसने मेरी तरफ देख कर पूछा कि वो क्यों चीखी, तुमने क्या किया और तुम अभी यहां क्या कर रहे हो?
मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि मैं क्या बोलूं और फिर मैंने उसको बताया कि मैं तुमसे मिलने आया था.
हमारी ये बातें वो दूसरी लड़की सुन रही थी. फिर पूजा उस लड़की से पूछा कि तुम क्यों चीखी थीं? उसने मेरी तरफ इशारा किया और बोली- इन जनाब से ही पूछ लो.
पूजा फिर मेरी तरफ मुड़ी और अपनी कमर पर हाथ रख कर पूछने लगी कि क्या किया तुमने, जो ये इतने जोर से चीखी? मैंने बताया कि मुझे लगा कि तुम बैठी हो और मैंने इसके गाल को जोर से नोंच लिया, इसलिए ये चीखी.
फिर पूजा उस लड़की की तरफ देखा, तो वो भी अपना गाल पकड़ कर हां में अपना सर हिलाते हुए बोली कि तू ऐसे ही खड़ी रहेगी या कुछ कपड़े भी पहनेगी? ये बोल कर उसने आंख मार दी.
फिर जैसे ही पूजा को ध्यान आया और वो हंसते हुए बाथरूम में वापस घुस गई और दरवाजा बंद कर लिया.
उसके बाथरूम के अन्दर जाते ही वो दूसरी वाली मुझे देख कर मुस्कुराई और मुक्के से मारने का इशारा किया. ये देख कर मेरे जान में जान आई और मैंने भी कान पकड़कर उसको सॉरी बोला.
फिर हम दोनों हंस दिए. इतने में पूजा भी कपड़े पहन कर आ गई और उसने हमारा परिचय करवाया.
उसका नाम रश्मि था और वो उसकी बचपन की सहेली थी. वो कुछ दिन के लिए रहने के लिए आई थी.
कुछ देर उन दोनों से बात करके मैं वापस आ गया. खड़े लंड पर धोखा हो गया था … मुझे घर आकर मुठ मारना पड़ा, तब जाके शांति मिली.
अगले दिन मैं पूजा से मिला और बताया कि यार लंड का बुरा हाल है … कुछ करो. वो बोली- हां मेरा वही हाल है और मैं भी चुदवाना चाह रही हूँ. मैं उसकी तरफ देखने लगा कि ये ही कोई तरीका बताएगी.
फिर कुछ सोच कर पूजा बोली- दिन में आओ, कुछ इंतजाम करते हैं. मैंने बोला- यार, खड़े लंड पर धोखा मत करना. वो बोली- नहीं यार, मेरी भी यही हालत है, मुझे भी लंड की ज़रूरत है.
दिन में मैं उसके घर गया, तो देखा पूजा बाहर वाले रूम में ही बैठी हुई थी. मैंने पूछा- रश्मि कहां है? तो बोली- वो सो रही है.
यह सुनकर मैं ख़ुश हो गया. मैंने उसको उठा कर गले लगा लिया और उसकी गांड के गोलों को दबाने लगा. उसके मुलायम लबों को चूमने लगा. पूजा भी मचलने लगी क्योंकि उसको भी चुदे हुए बहुत दिन हो गए थे. उसकी चुदास भी भड़की हुई थी.
मुझसे अब रुका नहीं जा रहा था, उसको वहीं पर सोफ़े पर लेटा कर उसकी सलवार को खोल कर उसकी बुर को पैंटी के ऊपर से चूसने लगा. जिससे वो भी गर्म हो गई और अपनी दोनों टांगों को पूरा फैला कर अपनी बुर को चुसवाने लगी. वो अपने हाथों को मेरे सर पर घुमाने लगी और अपनी बुर को मेरे मुँह के तरफ़ धकेलने लगी. वो मेरे सर को पूरी ताक़त से अपनी बुर पर दबा रही थी. मुझे समझ आ रहा था कि वो अब झड़ने के कगार पर है, इसलिए ऐसा अकड़ रही है. मैं अपने दांतों को उसके पैंटी के ऊपर से ही बुर पर रगड़ने लगा, जिसको वो बर्दाश्त ना कर सकी और तुरंत झड़ गई.
अब मुझसे भी रुका नहीं जा रहा था. मैंने उसको झटके से उठाया और अपने सामने बैठा दिया. अपना लोअर और चड्डी दोनों एक साथ नीचे करके अपना लंड सीधे उसके मुँह में डाल कर उसके सर को पीछे से पकड़ के चोदने लगा. मेरा लंड उसके गले के अन्दर तक जा रहा था, जिससे उसके मुँह से गूं गुं की आवाज़ निकलने लगी. उसे सुनकर मैं और जोश में उसका मुँह चोदने लगा. उसका मुँह चोदते चोदते, मैं उसके सूट के ऊपर से उसकी चूचियों को मसलने लगा.
आज तो साली ने ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी. ये जान कर मैं और जोश में उसका मुँह चोदने लगा और उसके निप्पल को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से खींचने लगा, जिससे वो पागल हो गई. वो अपनी बुर को पैंटी के ऊपर से रगड़ने लगी और मेरी गोलियों को भी दबाने लगी.
अब मुझे ख़ुद को रोकना मुश्किल हो गया और मैंने अपना सारा माल उसके गले में ही निकाल दिया. उसने मेरे लंड रस को मज़े से पूरा गटक लिया और फिर लंड को चाट कर पूरा साफ़ कर दिया.
अब हमें किसी भी हालत में चुदाई की ज़रूरत लग रही थी. मैं उसको लेकर उसके घर की सीढ़ियों वाले हिस्से में आ गया. ये हिस्सा एक तरह से एक बंद एरिया सा था, जिधर से बाहर वाले को कुछ भी नहीं दिखाई दे सकता था.
इधर लाके मैंने उसको चूमना शुरू कर दिया, जिसका उसने भी पूरे ज़ोर से मेरे होंठ को काट कर जवाब दिया. मैं पूरी तरह से पागल हो गया और उसकी चूचियों को दबाने लगा. उसकी गांड को अपने लंड की तरफ़ दबाने लगा. अब हम दोनों से नहीं रुका जा रहा था. मैंने जल्दी से उसके कपड़े वहीं पर उतार दिए और उसको नंगी कर दिया. साथ ही मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए. मैं उसको झुका कर अपना लंड फिर से चुसवाने लगा.
पूजा लंड बहुत मस्त चूसती है, वो मेरे लंड को पूरा अपने गले तक ले जा रही थी और मेरी गोटियों को दबा भी रही थी. इससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मस्ती में मेरे मुँह से सीत्कार निकल रही थी. मुझे लगा कि कहीं ये साली मेरा माल चूस कर ही ना निकाल दे, इसलिए मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाल लिया. मैंने उसको पीछे की तरफ़ सीढ़ी पर बैठा दिया और उसकी मस्त टांगों को फैला कर उसकी चुदासी चूती हुई चूत पर अपना मुँह लगा कर चूसने लगा.
मेरे इस हमले के लिए वो तैयार नहीं थी. उसके मुँह से ज़ोर की सिसकारी निकली. उसने मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा दिया और झड़ने लगी, जिसको मैंने पूरा चाट लिया. मेरा पूरा मुँह उसके पानी से गीला हो गया था.
फिर मैं उठा और उसकी टांगों को फैला कर अपने लंड पूरे झटके से उसके चूत में उतार दिया और उसी पल उसके बड़े बड़े चुचों को ज़ोर से दबा दिया. इस दोहरी चोट को वो सह नहीं पाई और बहुत ज़ोर से चीख़ पड़ी उम्म्ह… अहह… हय… याह… जिसको मैंने अनसुनी करके अपना लंड पूरा निकाल कर वापस से एक ज़ोर का झटका दे मारा. इससे मेरी जाँघ उसकी जाँघ से ज़ोर से जा टकराई. इससे उसको ज़ोर का झटका लगा और वो ऊपर की तरफ़ को खिसक गई. उसके बाद मैं उसकी दोनों चूचियों को पकड़कर उसको ज़ोर ज़ोर के झटके मारने लगा. इस वजह से उसकी आंखें बंद हो गई थीं और वो मज़े ले ले कर आवाज़ निकाल रही थी.
अब पूजा अपने मुँह से गर्म सीत्कारें निकाल रही थी. चुदाई की ख़ुमारी में वो अपनी कमर को उठा कर पूरा लंड ले रही थी.
कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसको कुतिया बनने को बोला … क्योंकि उसकी गांड इतनी मस्त है कि चोदते समय उसको देखने का अपना ही मज़ा है. वो भी पीछे से लंड लेने को पूरा एन्जॉय करती है.
वो भी तुरंत सीढ़ी की ग्रिल पकड़ कर कुतिया बन गई. उसकी गांड एकदम हाहाकार मचा रही थी, इस पोजीशन में मुझे उसकी गांड का भूरा छेद दिख रहा था, जो बहुत दिलनशी लग रहा था. उसके नीचे उसकी मुनिया, जो पूरी तरह से उसके पानी से चमक रही थी. उसके मोटे मोटे होंठ मस्त लग रहे थे. अगर ये दृश्य कोई नामर्द भी देख लेता, तो उसका भी लंड खड़ा हो जाता.
ये देख कर मैं पागल हो गया और झुक कर उसकी गांड के छेद को चूमने लगा और उसके गांड को फैला कर अपनी जीभ उसमें डाल कर उसको कुरेदने लगा. उसको मजा आने लगा था, सो उसने अपनी गांड और फैला दी. मैंने अपने अंगूठे को उसके चूत में डाल दिया और उसके दाने को उंगलियों से मसलने लगा. इससे वो पागल हो गई और ज़ोर से आवाज़ निकालने लगी.
वो चुदास भरे स्वर में कहने लगी- आह … जान प्लीज़ लंड डाल दो, अब नहीं सहा जा रहा है.
मगर मैं अभी उसकी मस्त गांड को अपने जीभ से चोदने में लगा था और उंगलियों से उसके दाने को मसल कर मजा ले रहा था.
उसका पूरा जिस्म हिल रहा था और वो ज़ोर से ‘आऽह्ह्ह आऽऽह्ह …’ करती हुई फिर एक बार झड़ गई.
उसके झड़ते ही मैंने अपना लंड पूरी ताक़त से उसकी झड़ती हुई बुर में डाल दिया और उसकी कमर को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. इस वजह से उसकी आवाज़ ही निकलनी बंद हो गई और वो अपना सिर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी. उसका पूरा जिस्म कांप रहा था और वो मेरे लंड के झटकों को झेलने की कोशिश कर रही थी.
करीब तीस चालीस झटकों के बाद मुझे लगा कि अब मैं झड़ जाऊंगा. तो फिर मैं उसकी कमर पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा और कुछ झटकों के बाद उसकी चूत में ही झड़ गया.
मेरे लंड से पानी की धार निकली और उसकी बुर के भीतर ही फैल गई. जिसकी गर्म मार से पूजा भी एक बार तेज स्वर में ‘आऽऽह्ह्ह …’ करती हुई झड़ गई. उसी के साथ मैं उसकी चूचियों पर गिर गया और हम दोनों अपनी अपनी साँसों को क़ाबू में करने में लग गए.
तभी पीछे से किसी ने बोला- ये सब क्या हो रहा है? यह सुन कर मैं पीछे पलटा और पूजा उठ कर देखा, तो देखा कि रश्मि खड़ी थी और उसकी आंखें और फ़ेस एकदम लाल हुआ पड़ा था और वो कांप रही थी.
इसके बाद क्या हुआ … ये जानने के लिए आप सब अपने विचार मुझे मेल से भेजिएगा. अब तक की ये सेक्स कहानी आप सबको कैसे लगी … आपके मेल का स्वागत है. आप लोग मुझे फेसबुक पर भी कांटेक्ट कर सकते हैं. [email protected]
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