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दोस्तो, मेरा नाम समर है और आज मैं अपने जीवन की सच्ची चुदाई कहानी लिखने जा रहा हूँ। मुझे इस चुदाई में बहुत मज़ा भी आया था और अपने दोस्त की मम्मी को खुश भी कर दिया था। मेरे दोस्त की मम्मी मेरे लंड की लम्बाई और मोटाई से बहुत खुश हुई थी और उसी चुदाई के बाद वो मुझसे अक्सर अपनी चूत की सेवा कराया करती हैं।
दोस्तो, मैं कहानी को शुरू करने से पहले अपने बारे में बता देता हूँ। मैं जयपुर, राजस्थान का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 24 साल है। मैं दिखने में काफी हट्टा कट्टा हूँ जिससे मेरी बॉडी और शरीर बहुत मस्त लगता है। दोस्तो, मेरी फिटनेस ठीक है जिसकी वजह से मुझसे लड़कियां जल्दी पट जाती हैं। मैं जो आज कहानी आप लोगो के सामने पेश करने जा रहा हूँ, मुझे उम्मीद है कि आप लोगों को मेरी कहानी पसंद आयेगी और इस कहानी को पढ़ने में आप लोगो को मज़ा तो जरूर आएगा।
दोस्तो, यह कहानी अभी कुछ समय पहले की है जब मैं थर्ड ईयर में पढ़ता था और उस टाइम मेरा एक दोस्त था जिसका नाम अंकुर था। अंकुर मेरा अच्छा दोस्त था तो मैं कभी कभी उसके घर भी जाया करता था।
मैंने कभी शादीशुदा औरत की चुदाई नहीं की थी तो मेरे मन में अक्सर यह बात आती रहती थी कि मैं किसी शादीशुदा औरत की चुदाई करूँ। दोस्तों मुझे नहीं पता था कि मेरी यह ख्वाहिश अंकुर की मम्मी पूरी करेंगी।
मैं कहानी को आगे बढ़ाने से पहले अंकुर की मम्मी के बारे में बता देता हूँ। उनका नाम माहिरा है और तब उनकी उम्र 38 साल थी पर वो दिखने में तो 30 साल की मस्त माल लगती थी। उनके बड़े बड़े बूब्स एकदम गोलमटोल थे। उनके बूब्स के साथ उनकी गांड भी एकदम मस्त बड़ी थी जिसको देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता और मेरे अन्दर का शैतान जग जाता था।
माहिरा आंटी ने अपने घर में ही एक छोटी सी दुकान खोल रखी थी जिसको वो चलाती थी। मैं जब उनके घर जाता था तो वो मुझे घूर घूर कर देखा करती थी और मुझे मेरे नाम से बुलाती थी। जब वो मेरा नाम लेकर बोलती थी तो मुझे बहुत अच्छा लगता था।
एक दिन की बात है, जब मैं उनके घर गया था तो वो मेरे लिए चाय बना कर लाई और मुझे देने के लिए नीचे झुकी तो मुझे उनके बड़े बड़े बूब्स दिखने लगे। उन्होंने उस दिन ब्रा नहीं पहनी हुई थी या शायद वे घर पर ब्रा न पहनती हों. कुछ भी हो सकता है।
जब मैं उनके बूब्स को घूर घूर कर देखने लगा तो वो मुझसे बोली- समर क्या देख रहे हो? मैं- कुछ नहीं आंटी, बस ऐसे ही। वो- मुझे पता है तुम क्या देख रहे हो. पर मैं तुम्हारे मुंह से सुनना चाहती हूँ।
जब उन्होंने यह बात बोली तो मैंने भी बिना किसी हिचकिचाहट के कह दिया- आपके बूब्स बहुत मस्त हैं. तो वो सेक्सी स्माइल देकर बोली- सच में तुमको इतने अच्छे लग रहे हैं? मैंने कहा- हाँ अच्छे हैं तभी तो कह रहा हूँ। तब वो मुझसे बोली- पहले चाय पी लो, फिर दूध भी पिला दूंगी।
दोस्तो, उनके मुंह से जैसे ही मैंने सुना तो मेरे मुंह की चाय बाहर आ गयी और मेरे चाय ऊपर चढ़ गयी तो माहिरा आंटी मेरी पीठ पर हाथ से सहलाने लगी। कुछ देर बाद मैं सही हुआ तो वो बोली- मैंने ऐसा क्या बोल दिया था? तब मैंने कहा- कुछ नहीं! और उनकी तरफ देखकर आंख मार दी तो वो मेरे ऊपर आ कर बैठ गयी।
वो जैसे ही मेरे ऊपर आकर बैठ गयी तो मेरा लंड खड़ा हो गया और उनकी गांड में घुसाने लगा। तब वो मेरे लंड को पैंट के ऊपर से दबाने लगी और मैंने उनके होंठों पर अपने होंठों को रख कर चूसने लगा। मैं उनके होंठों को मुंह में रख कर चूस रहा था और वो मेरे होंठों को चूस रही थी और वो मेरी होंठों को चूसने के साथ मेरे लंड को पैंट से बाहर निकाल कर हिलाने लगी। मैं उनकी होंठों को चूसने के साथ उनके मस्त बूब्स को दबाने लगा। उनके बूब्स को दबाने के साथ अपने हाथ को मैंने उनकी चूत पर रख दिया। मैंने जैसे ही अपने हाथ को उनकी चूत पर रखा तो मेरा लंड झटके मारने लगा।
फिर मैंने उनके ब्लाउज को खोल दिया और उनके बूब्स को मुंह में रख कर चूसने लगा। वो मेरे सर को दबाती हुई अपने बूब्स को चूसा रही थी और मैं चूस रहा था। तभी अंकुर ने दुकान से आवाज दी तो वो मुझसे छोड़ने के लिए बोली. तब मैंने उनको छोड़ दिया।
वो उठ कर चली गयी और मैंने अपनी पैंट बंधी और बाहर चला आया।
दोस्तो, मुझे उस टाइम अंकुर पर बहुत गुस्सा आ रहा था।
फिर वो दुकान में बैठ गयी और बोली- कल मैं अंकुर को बाहर सामान लेने भेज दूंगी, तब हम सेक्स करेंगे।
मैं तब अपने घर चला आया और उसके दूसरे दिन जब मैं उनके घर गया तो माहिरा आंटी ने अंकुर को कुछ सामान लाने बाजार भेज दिया।
तब मैंने माहिरा को अपनी बाँहों में उठा लिया और उनको उनके बेडरूम में ले गया। मैंने उनको उनके बेड पर लेटा दिया और खुद उनके साथ लेट गया। फिर मैंने उनके होंठों को मुंह में रख लिया और उनके होंठों को चूसने लगा, वो मेरी होंठों को चूसने लगी। मैं उनके होंठों को चूसने के साथ उनके बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से दबा रहा था तो उनके मुंह से तेज सांसें निकल रही थी जो मेरे जोश को बढ़ा रही थी।
तब मैंने आंटी के ब्लाउज को खोल दिया और तो मैंने देखा कि उस दिन उन्होंने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी। मैंने उनका पेटीकोट भी खोल दिया और तो उन्होंने नीचे पैंटी भी काले रंग को पहन रखी थी। दोस्तो, मैंने उनकी ब्रा को खोल दिया और उनके बूब्स को दबाते हुए निप्पल को अपने मुंह में रख लिया और जोर जोर से चूसने लगा. तो उनके मुंह से तेज आवाज में आ आ आ उह उह… ऊ ऊ ऊ अह आ ओह. की सिसकारियाँ निकलने लगी। मैं उनकी वो सिसकारियाँ सुन कर उनके बूब्स के निप्पल को होंठों से पकड़ कर खींच खींच कर चूसने लगा।
मैं उनके बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक चूसता रहा। फिर मैं उनकी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर चाटने लगा तो वो आ आ … ऊ उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऊ ऊउई … उह उह उह हाँ हाँ अह… की आवाजें करने लगी। मैं उनकी चूत के दाने को हाथ से पकड़ कर खींच खींच कर चाट रहा था।
दोस्तो, मैंने उनकी चूत को चाटने के साथ में अपनी उँगलियाँ भी घुसा दी जिससे उनके मुंह से तेज तेज आहें निकलने लगी। मैं आंटी की चूत में अपनी उँगलियों को डाल कर ऐसे ही कुछ देर तक हिलाता रहा जिससे उनकी चूत से पानी निकल गया।
तब मैंने अपने कपड़े निकाल दिए और अपने लंड को उनके हाथ में पकड़ा दिया। वो मेरे लंड को हाथ में पकड हिलाती हुई मुंह में रख कर चूसने लगी। वो मेरे लंड को मुंह में रख कर अन्दर बाहर करती हुई चूस रही थी और मैं आंटी के सर और उनके बालों को पकड़ कर जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए अपन्न गर्म लंड चुसवा रहा था।
अपने लंड को ऐसे ही कुछ देर तक चुसाने के बाद मैंने उनकी टांगों को पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया और उनकी चूत के मुंह और रख कर घुसा दिया। मेरा लंड उनकी चूत में जैसे ही घुसा तो उनके मुंह से जोरदार चीख निकल गयी और वो पीछे सरक गयी। तब मैंने उनके बूब्स पर हाथ मारते हुए उनको अपनी ओर खींच लिया और जोर जोर के धक्कों के साथ अन्दर बाहर करते हुए चोदने लगा।
कुछ देर बाद वो उनकी दर्द भरी आवाजें सेक्सी आवाज में बदल गयी और वो मेरे धक्कों के मज़े लेती हुई चुदने लगी। वो मस्त सेक्सी आवाज करती हुई चुदाई का मज़ा लेने लगी। मैं उनकी कमर को पकड़ कर जोरदार धक्कों के साथ चोद रहा था।
आंटी की चूत में ऐसे ही कुछ देर तक धक्के मारने के बाद मैंने उनको घोड़ी की तरह खड़ी करवा दिया, फिर उनकी गांड के छेद पर लंड के टोपे को रख कर एक जोरदार धक्का मारा जिससे मेरा आधा लंड उनकी गांड में घुस गया और वो दर्द से चीख पड़ी- उई माँ मर गयी … दर्द हो रहा है … निकाल ले बाहर!
मैंने अपने हाथ को उनके मुंह पर रख दिया और धीरे धीरे अपना लंड आंटी की गांड में अन्दर बाहर करने लगा। उनकी गांड में कुछ देर में मैंने धक्कों की स्पीड तेज कर दी और वो सेक्सी आवाजें करती हुई अपनी गांड चुदाई का मज़ा लेने लगी। मैंने आंटी को ऐसे ही 5 मिनट तक जोरदार धक्कों के साथ चोदा और फिर मैंने अपना लंड आंटी की गांड से निकाल कर सारा माल उनके मुंह में निकाल दिया।
आंटी मेरे लंड से निकलने वाला सारा माल पी गयी, फिर मेरे लंड को चाट चाट कर साफ कर दिया। जब उन्होंने मेरा लंड चाट चाट कर साफ कर दिया तो मैंने उनको किस किया और फिर अपने कपड़े पहन लिए। फिर आंटी ने भी अपने कपड़े पहन लिए और लेट कर आराम करने लगी।
आज भी मैं उनकी चुदाई करता हूँ और उन्हें खुश करता हूँ। मेरी सेक्स कहानी पढ़ कर आपको मजा आया या नहीं, आप अपनी राय मुझे बताना चाहते हैं तो मुझे मेल करें। मेरी मेल आईडी है [email protected]
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