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पिछले भाग में आपने पढ़ा कि श्लोक और सीमा के अहमदाबाद जाने के बाद मैंने विक्रम को जयपुर बुला लिया. उसने श्लोक की जगह काम को संभाल लिया और हम चारों हँसी-खुशी एक परिवार की तरह रहने लगे. मगर एक दिन सीमा के जाने के बाद श्लोक के साथ शराब पीकर मैंने नशे में उसकी बीवी वीणा की चुदाई कर दी. सब कुछ नशे में हुआ और श्लोक मुझसे नाराज हो गया. मैं उसे समझाने की हर संभव कोशिश करने लगा कि सब अन्जाने में हुआ है और सीमा समझकर मैंने उसकी बीवी वीणा के साथ मदहोशी में ये कांड कर दिया. अब आगे:
मैंने विक्रम से कहा- क्या हम एक-एक बोतल बीयर पीते हुए इस बारे में बात करें?
मेरी बात सुनकर थोड़ी देर विक्रम नीचे चला गया और अपने हाथों में दो बीयर और थोड़ा मुंह साफ लेकर आया। हमने थोड़ी थोड़ी बियर लेकर वापस अपनी बात शुरू की। मैं- देखो विक्रम, मुझे बड़ा भाई नहीं, अपना दोस्त समझो और मेरी बात सुनो। सामाजिक जीवन के चश्मे को उतार कर नीचे रखो और इस दुनिया को देखो। इस दुनिया में सब सम्भोग करते हैं। रिश्तेदारी को छोड़ो तो हर औरत और मर्द का रिश्ता एक ही डोर से बंधा हुआ नजर आएगा और वह डोर वासना की डोर है, सब रिश्ते इसी ग़रज से बंधे हैं। बाकी सब झूठ है. मानते हो कि नहीं?
विक्रम- जी मानता हूं। मैं- बस … हम भी उसी डोर में बंध गए और बाकी रिश्तेदारी वाली डोर को हमने तोड़ कर पीछे छोड़ दिया क्योंकि हमारा रहन-सहन काफी मॉडर्न था। रीना-सीमा का छोटे कपड़े पहनना। हमारा और उनका एक-दूसरे के सामने चुम्बन करते हुए गुड मॉर्निंग गुड नाईट विश करना। सीमा और रीना हालांकि अच्छी ननद-भाभी थी लेकिन महिलाओं में सेक्सी और दूसरे से सुंदर दिखने की प्रतिस्पर्धा तो होती ही है। कुछ और भी कारण थे जिसकी वजह से हम इतने करीब आए लेकिन सब तुम्हें नहीं बता पाऊंगा। हम चारों के एक दूसरे के साथियों के साथ जिस्मानी संबंध थे। जिसे हम चारों ने भरपूर मजे के साथ बिताया। अब यह बताओ कि वीणा कल की वारदात से कितनी नाराज है?
विक्रम- नाराजगी का तो पता नहीं लेकिन उसे समझ में नहीं आया कि कल क्या हुआ? शायद वह सदमे में हो. लेकिन उसने ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं दी। अभी तो मुझसे ही इस सवाल का जवाब पूछने के लिए कहा कि आखिर भैया ने ऐसा क्यों किया?
मैं- देखो प्यारे भाई विक्रम! माना कल मुझसे गलती हो गई है, इस बात को एक बार साइड में रखो और स्वयं रात भर रुक कर सोचो कि जो हम करते रहे क्या वो जीवन की सबसे आनंददायक चीज नहीं है? स्वयं को मेरी जगह रख कर सोचना कि तुम अपनी पत्नी रीना के साथ तथा सलहज सीमा के साथ भी चुदाई का आनंद ले रहे हो और सीमा और उसका पति श्लोक भी मजे से अपने चुदाई वाले जीवन का आनंद उठा रहे हैं। उसके बाद सोचना कि हम जो कर रहे थे वह क्या गलत था? कल फिर शाम को हम दोनों यहां बैठकर उस घटना के सही गलत के बारे में बात करेंगे जो कि गलती से मुझसे बीती रात वीणा के साथ हुई। आज रात के लिए कैसे ना कैसे करके वीणा को समझा लो। मैं उसकी नजर में ना खटकूं इसलिए मैं अभी बाहर होटल में जाकर रात बिता लेता हूं। कल ऑफिस मत आना और दिन भर सोच कर शाम को मिलते हैं। विक्रम- ठीक है भैया, बहुत रात हो गई है। हम सुबह बात करते हैं।
मैं विक्रम को छत पर छोड़ कर होटल चला आया और वहीं पर रूम लेकर रात में रुका। मैंने विक्रम को स्वयं की जगह पर रखकर यह सोचने के लिए कहा था कि हमारे चारों के द्वारा अपनी मर्जी से किए गए अदला-बदली के कार्यक्रम में क्या गलत है?
और मुझे पूर्ण विश्वास था कि कल शाम को विक्रम का जवाब क्या होगा। क्या हमारे द्वारा की गई अदला-बदली को वह गलत बताएगा? मुझे लगता था- बिल्कुल नहीं. इसके पीछे कारण था क्योंकि यह सब सोचने के लिए उसे यह भी सोचना पड़ेगा कि वह रीना की अपनी बीवी की तरह चुदाई कर रहा है। उसके बाद सीमा की चुदाई कर रहा है और वह भी दोनों की मर्जी से, अपने पूर्ण रूप के मजे के साथ.
अब बताइए मित्रो! जिसे चोदने के लिए तमन्ना भाटिया जैसे शरीर की रूप की मालकिन तथा सीमा के रूप में कृति सेनन जैसी हीरोइन वाले शरीर की मालकिन की संपूर्ण चुदाई करने का मौका मिल रहा हो उसे यह बुरा कैसा लग सकता है। अतः मैं विक्रम की तरफ से चिंतित नहीं था। मैं तो वीणा की तरफ से चिंतित था कि शायद वह समझेगी या नहीं, किंतु यह समझकर मैं निश्चिंत हो गया था कि जब पति समझ जाएगा तो वह अपनी बीवी को समझा ही लेगा। एक बार की हुई गलती को शायद ही इतना तुक देकर वे अपनी नाराजगी को बरकरार रखे।
अगले शाम हम निश्चिंत हो करके होटल में ही मिले। आते ही मैंने विक्रम के हाव-भाव देखे और मुझे लगा कि वह मुझसे नाराज नहीं है. हमने बात शुरू की।
विक्रम- वाह भैया! वाह मान गए आपको। जीवन के असली मजे तो आपने ही लिए हैं। साली ना मिली तो साले की बीवी को ही घरवाली बना लिया। हम घर वाले तो सोच रहे थे कि भैया वहां पर अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए बड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन यहां की तो कहानी ही अलग है। यहां तो रोज अय्याशी और साथ ही बदल-बदल कर चुदाई चल रही थी। साथी बदल कर चुदाई करना इतना अजीब नहीं लगा, यह तो आम बात है। लेकिन बस भाई-बहन की चुदाई का किस्सा मुझे थोड़ा दिमाग में खटका लेकिन जब जवान भाई बहन ही एक दूसरे से चुदाई चाहते हों तो क्या गलत है। खुशनसीब हो आप कि आपको सीमा जैसी सेक्सी महिला की भरपूर चुदाई करने का मौका मिला। सच बताता हूं कि जब सीमा की शादी में मैं गया था तब मेरे दिल में भी उसे देख कर खलबली मची थी कि आपका साला श्लोक लंबी पतली कमर वाली अप्सरा की चुदाई का मजा किस प्रकार लेगा।
मैं- चलो, विक्रम तुम तो समझे। लेकिन वीणा की इस पर क्या प्रतिक्रिया है? क्या उसे भी तुमने इसी प्रकार सब कुछ सच बता दिया? वह कहीं नाराज तो नहीं? और ऐसा तो नहीं सोच रही है कि वह कहां फंस गई है। विक्रम- सच बताऊं भैया, जब मैंने वीणा को बताया कि यह गलती आपसे सीमा श्लोक से अदला-बदली करके चुदाई करने के कारण हुई है तो वह काफी आश्चर्य चकित हुई. एक बार तो वह मानने को भी तैयार नहीं थी कि ऐसा हो सकता है। फिर मैंने बातों-बातों में उसे कल्पना कर के सोचने को कहा और खुद को सीमा की जगह रख कर सोचने को कहा तो एक बार यह बात उसे उत्तेजित कर गयी। अंत में उसने मुस्कुरा कर कहा कि राज भैया से ग़लती हो गयी है इसके लिए अब उनसे नाता तो तोड़ नहीं सकते। वे काफी अच्छे हैं इसलिए उनको माफ कर देना चाहिए।
इस कश्मकश में हम भले ही रात भर नहीं सो पाए हों लेकिन परिणाम ये ही निकला कि न वीणा आपसे नाराज है और न मैं। चलिए अब घर चलते हैं। अतः हम दोनों ने होटल से चेक आउट किया और घर चले गए।
वीणा ने दोनों के लिये खाना रखा और हमने साथ में खाना खाया। इस दौरान वीणा की नजर झुकी रही। मैंने वीणा से बीती रात के लिए माफी मांगी। उसने मुस्कुरा कर ‘इट्स ओ.के.’ कहा। फिर हम अपने-अपने कमरे में जाकर सो गए।
अगला पूरा दिन ऑफिस में साधारण रहा। शाम को विक्रम ने मुझे बात करने के लिए छत पर बुलाया। वीणा नीचे अकेली ही रसोई का काम देख रही थी। विक्रम- राज भैया! जब से आपकी अदला-बदली की चुदाई की बात सुनी है, मेरी हालत खराब हो गयी है। कल की रात और आज का पूरा दिन … एक क्षण भी ऐसा नहीं कि ये बात मेरे दिमाग से निकली हो। उत्तेजना से लन्ड का हाल बुरा हो गया है। ऐसी उत्तेजना मैंने अपने जीवन में कभी अनुभव नहीं की।
मैं- हां विक्रम, मैं समझ सकता हूं। बीवियों की अदलाबदली, वाइफ स्वैपिंग चीज़ ही ऐसी है जो कि एक बार दिमाग मे चढ़ जाए तो फिर उतरती नहीं है। विक्रम- बुरा न मानिएगा भैया। रीना भाभी के लिए भी मन में बड़े वासना वाले ख्याल आ रहे हैं। वो वास्तव में बड़ी ही उत्तेजित करने वाली महिला है। बिल्कुल जैसे तमन्ना भाटिया या हिंदी सीरियल की नागिन अदा खान।
मैं- हा … हा … हा … ऐसा तो रीना के लिए हर कोई कहता है कि रीना हूबहू इन दोनों के जैसी लगती है। विक्रम- राज भैया! क्या हम दोनों भी आपकी इस अदला-बदली वाली मंडली में शामिल हो सकते हैं? अगर ये नहीं हो सकता तो लग रहा है कि जीवन अधूरा रह जाएगा मेरा। मैं- यार इसके लिए मैंने कल बीती रात एक बार विचार किया था। लेकिन इसमें काफी समस्यायें हैं। मुझे माफ़ करना विक्रम तुम्हारे साथ ऐसा नहीं कर पाएंगे। विक्रम- क्यों? क्या वीणा में कोई कमी है? वह भी बला की खूबसूरत है और क्या भाभी को मैं अच्छा नहीं लगूंगा?
मैं- नहीं, ऐसी बात नहीं है विक्रम! वीणा तो बहुत खूबसूरत है. जबकि तुम भी तो बिल्कुल मॉडल वरुण सोबती जैसे लगते हो। मैंने कभी वीणा को वासना की नजरों से नहीं देखा। मेरे ख्याल से शायद ही रीना ने भी तुम्हारे बारे में ऐसा सोचा हो। मगर सबसे पहले ये बताओ कि क्या तुमने इस बारे में वीणा से बात की है? उसने एक बार गलती समझ कर मुझे माफ़ किया है। कल को वही सोचेगी कि मैंने ही तुम्हें बिगाड़ दिया है और ये सब मेरी ही करामात है।
विक्रम- आप वीणा की चिंता मत कीजिये भैया। उसकी जिम्मेदारी मेरी। मैं- नहीं विक्रम, तुम ये विचार अपने दिमाग से निकाल दो। भाई हो मेरे तुम छोटे। ये गलत होगा तुम्हारे जीवन के लिए। तुम्हें नहीं झोंक सकता इस गन्दी नाली में थोड़े दिन के मजे के लिए। रीना तो मेरी खुद की है। हम अपने जीवन के साथ अपनी मर्जी से खेले हैं। तुम परिपक्व होकर सोचो।
इतना बोलकर मैं विक्रम को अकेले छोड़कर नीचे कमरे में आकर सो गया।
अगले दिन ऑफिस में विक्रम मेरे केबिन में आया और आकर मेरे सामने वाली कुर्सी पर बैठकर बोला- क्या भैया … सारा बिगड़ने का ठेका क्या आपने ही लिया है? इस मजे के लिए थोड़ा अपने छोटे भाई को बिगड़ने दो ना! मैं- देखो विक्रम! बीवी की अदला-बदली एक मझधार में फंसने जैसा है। अपनी बीवी कितनी ही अच्छी हो लेकिन फिर अपनी बीवी की चुदाई करने से मन नहीं भरता।
विक्रम- अरे तो भैया कोई और थोड़ी न है यहां कि मुझे बीच मझधार में छोड़कर चला जाएगा। आप हो ना निकालने वाले. इस मझधार का मजा दिलाने वाले। वैसे भी मझधार जब इतनी खूबसूरत हो तो कौन निकलना चाहेगा ऐसे समन्दर से? क्या भैया! रीना भाभी को उनके खुद के भाई से चुदवा सकते हो, लेकिन अपने भाई से चुदवाने में आना-कानी कर रहे हो। उनका सेक्सी चेहरा याद करके ही मेरा लन्ड चिकनाई छोड़ने लगता है। चिंता न करो भैया, वीणा की चुदाई करोगे तो पता चलेगा कि ये कोई घाटे का सौदा नहीं है। वीणा अपनी गांड उठा-उठा कर आपका लंड लेगी। बहुत प्यासी है वो सेक्स की।
मैं- एक बार रीना से और वीणा से मुझे बात करनी होगी, फिर देखते हैं। विक्रम- उनसे बात करने और उनकी हां कहलवाने में शायद कठिनाई हो क्योंकि आपको वो बात नहीं पता है जो मुझे पता है। लेकिन जब आप वो बात जानोगे तो आप भी सौ प्रतिशत पक्के मान जाएंगे कि ये अदला-बदली वीणा और रीना भाभी दोनों के लिए जरूरी है।
मैं- अच्छा, मेरे प्यारे छोटे भाई! ऐसा क्या पता है तुमको? विक्रम- मेरी कहानी जो मेरे जीवन में घटित हुई। आपको आधा सच पता है, अब आप पूरा जान लो। मैं- ठीक है चलो। अगर तुम्हारी कहानी सुनने के बाद मुझे लगा कि वीणा और रीना के लिए ये अदला-बदली वाली चुदाई जरूरी है तो कुछ भी हो जाए हम अदला-बदली करके रीना और वीणा को जरूर चोद देंगे।
विक्रम- भैया जैसा कि आपको पता है कि बारहवीं कक्षा पूरी करने के बाद मैं आगे की पढ़ाई करने के लिए बेंगलूरू गया था। प्रथम वर्ष तो जैसे तैसे पूरा हो गया। कॉलेज के द्वितीय वर्ष में मेरी मित्रता कॉलेज की सबसे प्रसिद्ध सुन्दरियों में से एक, उस लड़की से हुई जिसका नाम रीनल था। वह फाइनल वर्ष की छात्रा थी। गोरी चिट्टी और आकर्षक देह वाली थी। पूरे कॉलेज के लड़के उसका नाम ले कर मुट्ठ मारते थे। उस कच्ची उम्र में उसके 34 के स्तन, 26 की पतली कमर और 34 की गांड पूरे कॉलेज पर कयामत बरसाया करती थी।
चूंकि मैं दिखने में ठीक था और पिताजी के पैसों का थोड़ा फायदा मिल रहा था जिसकी वजह से कॉलेज की लड़कियों में मेरा भी बोल-बाला हो गया था। किसी तरह में रीनल से बात करने में कामयाब रहा और रीनल ने भी मुझे अच्छा रिस्पॉन्स दिया. उसका परिणाम ये हुआ कि 3-4 महीनों की मेहनत में रीनल ने मेरा ‘आई लव यू’ का इज़हार स्वीकार कर लिया। रीनल काफी मॉडर्न और समझदार युवती थी। उसके मेरे साथ होने से कॉलेज में मेरी एक अलग ही पहचान बन गई थी। कुछ सीनियर लड़कों ने इस मामले में मुझे पीटना चाहा लेकिन आपने ही बैंगलोर आकर उन सबको सबक सिखाया था।
मैं- अच्छा लेकिन तुमने तो कहा था कि वो लड़के तुम्हारी रैंगिंग के लिए तुम्हें परेशान करते हैं। इसलिए मैंने बैंगलोर आकर उनकी पिटाई करवाई थी। विक्रम- नहीं भैया, असली कारण तो यही था। पर आपको तब कैसे बताता कि लड़की का चक्कर है!
अब आगे की कहानी सुनो। हमारे, मतलब रीनल और मेरे रिश्ते को लगभग आधा साल हुआ था। हमने इस दौरान पार्क में, कॉलेज में मौका देखकर खूब चुम्मा चाटी की। फिर एक बार की बात है जब मेरा जन्मदिन आया। मैंने कॉलेज से बाहर आकर होटल में एक शानदार कमरा बुक किया और वहीं जन्मदिन मनाने के बहाने रीनल को बुलाया। आज मैं जन्मदिन के तोहफे के बहाने कॉलेज की सबसे सुंदर परी को चोद-चोद कर लाल करना चाहता था। अतः मेरे प्यार की खातिर रीनल आयी। उसने नीली जीन्स और सफेद टी-शर्ट पहनी थी।
भूरे और सुनहरे रंग किए हुए बाल थे उसके जो कि अच्छे खासे संयम वाले आदमी का भी लंड खड़ा कर दें। टाईट जीन्स में उसकी गांड का आकार और सफेद टी-शर्ट में उसके उभरे हुए सन्तरे लंड में झनझनाहट पैदा करने लगे थे।
उसने मुझे किस करके जन्मदिन की शुभकामना दी. उसके बाद हमने केक काटा। उसने मुझे केक खिलाया पर मैंने मना किया और पहले उसे खाने को कहा। मैं अपने हाथ में लेकर उसे केक खिलाने लगा। लेकिन चालाकी से मैंने उस केक को उसके पूरे चेहरे पर रंग दिया और कहा कि अब मुझे तुम्हारे गालों से केक खाना है। रीनल नीचे चेहरा करके मुस्कुराने लगी और इसी मुस्कुराहट को उसकी हां समझ कर उसके गालों से अपनी जीभ लगाकर मैं केक को खाने लगा।
फिर इसी तरह से मैंने उसके पूरे चेहरे को साफ किया। फिर उसने भी अपने हाथों में केक लेकर मेरे गालों पर लगाया और मेरे चेहरे को अपने प्यारे से होंठों से साफ करने लगी। हमने एक दूसरे के होंठों को अपने अपने होंठों में दबाकर उन्हें चूसना चाटना शुरू कर दिया। फिर मैंने अपनी जीभ को रीनल की गर्दन पर घुमाना शुरू किया। रीनल मेरी इस हरकत से सिहर उठी। उसने भी मेरे चेहरे पर चुम्बन की बरसात कर दी। मैंने अपने हाथ को उसके स्तनों पर ले जाकर टी-शर्ट के ऊपर से दबाना शुरू किया। इस पर रीनल का गोरा चेहरा पूरा लाल हो गया। मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी। रीनल ने अपना चेहरा शर्म से झुका लिया। लेकिन अब जो नजारा मेरी आँखों के सामने था उसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता क्योंकि यह नजारा कुछ शीघ्रपतन वाले मर्दों के पानी की पिचकारी, बिना लंड पर हाथ लगाए ही छुड़वाने के लिए काफी था।
काले रंग की ब्रा में सफेद और गुलाबी रंग की मिश्रित चमड़ी वाली हसीना जिसकी कमर पर उसकी अति उत्तेजक नाभि थी। ब्रा के इलास्टिक ने उसके सफेद गोरे जिस्म पर जो गुलाबी रेखा बनाई थी उसने मेरे शरीर की नस-नस के खून के एक-एक कतरे को एक नई सरसराहट से सिरमौर कर दिया था। मैंने आव देखा न ताव, ब्रा सहित रीनल के स्तनों को मुंह में दबा लिया। रीनल भी अपने स्तन मेरे मुंह में जोर से दबाने लगी.
थोड़े समय बाद उससे रहा नहीं गया. उसने स्वयं ही अपनी ब्रा से अपने दोनों कबूतरों को आजाद कर दिया। रीनल के स्तनों के ऊपर के चूचुक गुलाबी रंग के थे। मैं उसके एक चूचुक को अपने हाथ में तथा दूसरे चूचुक को अपने मुंह में लेकर अपनी भड़ास उसके स्तनों पर निकालने लगा।
रीनल उत्तेजना में पागल होकर अपने पूरे शरीर को मेरे मुंह के अंदर दबाने की कोशिश करने लगी थी। मैंने रीनल के स्तनों के साथ उसके पेट और कमर को भी काफी चूमा और चाटा। जब मुझे लगा कि अब काफी समय तक फोरप्ले हो गया है और रीनल भी काफी उत्तेजित हो गई है, मैंने अपना हाथ उसके जींस के बटन पर लगाया तथा उसे खोलने का प्रयत्न करने लगा, लेकिन रीनल ने मेरे हाथ को उसके जींस के बटन से हटा दिया।
मैं फिर अपना हाथ रीनल के जींस के बटन पर ले कर गया किंतु रीनल ने मेरा हाथ फिर हटा दिया। मैंने रीनल से कहा- माय डार्लिंग रीनल, आई वांट टू फक यू. प्लीज़ कोऑपरेट मी। (प्रिय मैं तुम्हारी चुदाई करना चाहता हूँ, कृपया मेरा साथ दो)।
इस पर रीनल ने जवाब दिया- डार्लिंग, वी ऑलरेडी क्रॉस्ड आवर लिमिट (प्रिय हम पहले ही हमारी सीमा पर कर चुके हैं) अब इससे ज्यादा मैं साथ नहीं दे पाऊंगी। विक्रम- प्लीज रीनल, मैं इतना करके अधूरा नहीं रह सकता. मुझे तुम्हारी चुदाई करनी है। रीनल- ओह मेरे विक्रम। मेरी कुछ सीमाएं हैं जो मैंने तय की हैं। मैं शादी से पहले ये नहीं कर सकती। मैं तुमसे प्यार करती हूं और शादी करने के लिए तैयार हूं। उसके बाद मैं पूरी तुम्हारी हो जाऊंगी जान।
उस वक्त मेरे सिर पर हवस का शेर सवार था। कोई रीनल के साथ इतना बढ़कर पीछे नहीं हट सकता था क्योंकि रीनल चीज ही ऐसी थी। अतः पता नहीं क्यों मुझे रीनल पर गुस्सा आ गया और मैंने उसे गुस्से में भला-बुरा कह दिया। मैंने रीनल से कहा- अगर मेरे जन्मदिन के दिन तुम एक अच्छी गर्लफ्रेंड बन कर मेरे मन की इच्छा पूरी नहीं कर सकती तो तुम क्या एक अच्छी बीवी बन पाओगी? इस पर मुझे शक है। धन्यवाद जो तुमने मुझे इतना सब करने का मौका दिया. न जाने कितनों के साथ ऐसी टेस्ट ड्राइव करके मुझे शादी का ज्ञान दे रही हो।
मैंने यह बात गुस्से-गुस्से में गलत कह दी थी जिसका मुझे उसी क्षण अहसास हो गया था किंतु अपने घमंड वाले रवैये के कारण मैं उसे मना नहीं सका और उससे माफी नहीं मांग सका। रीनल की आंखों में आंसू थे और वह रोते-रोते अपने कपड़े पहनने लगी और मुझसे सॉरी बोल कर चली गई। जब मेरे सिर से हवस का भूत उतरा तब मुझे अहसास हुआ की रीनल वास्तव में कितनी अच्छी लड़की है. ऐसी लड़की पत्नी के रूप में किसी भाग्य वाले को ही मिलेगी जो कि इतनी आगे बढ़ कर भी अपने यौवन को भंग होने से बचा ले।
उसके बाद मैंने रीनल से माफी मांगने की काफी कोशिशें कीं किंतु रीनल ने मुझे कभी भाव नहीं दिया. वह मुझसे बुरी तरह से नाराज हो गई थी। अब मुझे रीनल से सच्चा प्यार होने लगा था। लेकिन उसने कभी मेरी एक बात नहीं मानी. मैंने उसे चिढ़ाने के लिए कॉलेज के काफी लड़कियां पटाईं। लेकिन रीनल का दिल कभी नहीं पिघला।
मैंने गुस्से में कई लड़कियों से संबंध बनाए लेकिन उसकी कमी को पूरी नहीं कर पाया और एक दिन ऐसा आया जब फाइनल वर्ष पूरा होने पर रीनल चली गयी। फिर क्या था, मैंने उस से अपना मन हटाया और पढ़ाई में लगाया।
फिर राजवीर भैया ! मेरे फाइनल वर्ष में आपकी शादी तय हुई और छुट्टी लेकर मैं अपने घर आपकी शादी में आया। जब स्टेज पर आपकी दुल्हन देखी तो मेरे होश उड़ गए। मुझे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि आपके साथ बैठी आपकी दुल्हन और कोई नहीं बल्कि मेरी प्रेमिका रह चुकी रीनल ही है।
रोचक मोड़ पर आ चुकी यह ‘याराना का तीसरा दौर’ तीसरे भाग में जारी रहेगी. जुड़े रहिये अन्तर्वासना के साथ. [email protected]
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