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रिश्तों में चुदाई की इस गर्म कहानी में अब तक आपने पढ़ा कि मैं, मेरी बीवी, मेरी बहन, मेरी साली … हम चारों नंगे होकर चुदाई के समय को बढ़ाने वाली औषधि ले चुके थे और अब हम चारों ने ब्लैक डॉग के पटियाला पैग उठाते हुए आज की चुदाई की सफलता के लिए जाम टकरा दिए थे. अब आगे:
राधिका ने अपना गिलास खाली करते हुए कहा- सोनल, अब तुम अपने भाई का लंड चूसो. मैंने भी अपना गिलास खाली किया और एक सिगरेट सुलगा कर अपनी बहन सोनल को लंड दिखाते हुए आंख मार दी.
सोनल भी अश्लील भाव से अपनी चूची मसलते हुए मेरे करीब आई. मैं एक बार फिर से पैर फैला कर खड़ा हो गया और सोनल घुटने के बल बैठकर मेरा लंड हाथ में लेकर हिलाने लगी.
आज सोनल पहली बार किसी मर्द का लंड छू रही थी. उसने लंड को हिलाया सूंघा और अपनी जीभ से लंड के सुपारे को चाटा. मैंने उसकी चूची जोर से मसली, तो उसका मुँह खुल गया, तभी मैंने अपना लंड अपनी बहन के मुँह में ठूंस दिया. लेकिन उसे लंड चूसना नहीं आता था, इसलिए राधिका ने एक बार फिर से मेरा लंड चूसकर उसे बताया. तब जाकर वो अच्छी तरह से मेरा लंड चूसने में लग गई.
सोनल मेरा लंड चूस रही थी और मैं सिगरेट के कश लेता हुआ धीमे धीमे सिसकार रहा था. मैं अपने एक हाथ से सोनल के बाल पकड़ कर अपने लंड को उसके मुँह में अन्दर बाहर करके लंड चुसाई का मजा ले रहा था.
तभी राधिका ने मेरे हाथ से सिगरेट लेकर अपने मम्मे को दबा कर मुझे इशारा किया. मैंने उसका इशारा समझते हुए अपने दूसरे हाथ से सोनल के सुंदर से एक मम्मे को पकड़ लिया और दबाने लगा.
मेरा ऐसा इस वक्त मन कर रहा था कि अभी सोनल को लेटाकर चोद दूँ, लेकिन कहते हैं न कि सब्र का फल मीठा होता है.
कुछ देर लंड चूसने के बाद सोनल रुक गई. लेकिन मुझे उसके मम्मे छोड़ने का बिल्कुल मन नहीं हो रहा था, इसलिए मैंने सोनल को खड़ा करके उसे घुमा कर उसको अपनी छाती से चिपका लिया. अब मैं पीछे की तरफ से उसके मस्त मम्मे दबाने लगा. सोनल भी मुझे रोक नहीं रही थी. मेरा हार्ड लंड उसकी गांड की दरार में अपना घिस्सा लगा रहा था.
फिर मैंने एक हाथ से उसके चूतड़ पर हाथ फेरकर एक चपत लगाई और उसे हट जाने का इशारा किया. सोनल बेमन से मुझसे दूर हुई.
मैं चेयर पर बैठ गया. उधर राधिका और दिशा दोनों बहनें सिगरेट का मजा लेते हुए हम दोनों भाई बहन को सेक्स में फोरप्ले का मजा लेते देख रही थीं.
फिर मैंने खड़े रहकर ही दिशा को टास्क दिया- दिशा, अब तुम भी आ जाओ अपने मन की करने के लिए. … अपने जीजू के बड़े लंड चूसने के लिए आ जाओ मेरी जान. दिशा चहकती हुई मेरे पास आकर घुटने के बल बैठ गई और अपने हाथ में लंड लेकर चूसने लगी. मैं अपने एक हाथ से दिशा के मम्मे दबा रहा था और एक हाथ से उसके बालों को पकड़ कर लंड पेल रहा था.
दिशा पूरे मजे से एक लॉलीपॉप की तरह मेरा लंड चूस रही थी. मैं भी उसके मम्मे दबाते हुए सिसकार रहा था. अपनी साली दिशा का इतना हॉट फिगर देखकर एक बात तो पक्की थी कि आज मैं दिशा को पूरी रात चोदने वाला था. मेरा लंड उसकी चुत की धज्जियां उड़ाने को बेताब था.
अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, इसीलिए मैं दिशा को खड़े करके पीछे से उसके दोनों मम्मे दबाए, जिससे दिशा गरम और कामुक सीत्कार करने लगी थी- आह आह ओह जीजू … अह आह ओ ओह … अब नहीं रहा जाता जीजू.
उधर राधिका चुत उंगली घुमाते सोच रही थी कि आज मेरा पति कैसे मजे से मेरे ही सामने मेरी बहन के मम्मे दबा रहा है. मैंने राधिका की तरफ देख कर उसे होंठों से ही एक फ़्लाइंग किस फेंका.
तभी सोनल की टास्क देने की बारी आ गई थी- भाभी, आप दोनों बहनें एक दूसरे के मम्मे दबाओ. सोनल पर दवा के साथ साथ व्हिस्की भी असर करने लगी थी. सोनल की बात सुनकर दोनों बहनें एक-दूसरे के पास आ गईं और एक दूसरे के मम्मे मसलने लगीं. मैंने सोनल को अपनी गोद में बिठा लिया था और उसकी नंगी पीठ पर हाथ घुमाने लगा.
मेरा लंड एक रॉड की तरह खड़ा सोनल की गांड में रगड़ रहा था. सोनल भी अपने चूतड़ों को मेरे लंड पर रगड़ने का मजा ले रही थी. उधर राधिका और दिशा दोनों एक-दूसरे से अलग हो गईं और मैं भी अपना लंड हाथ लेकर खड़ा हो गया.
फिर दिशा ने अपना टास्क सोनल को दिया- सोनल, तुम राधिका दीदी की चुत को चाटो. सोनल उठकर राधिका के पास चली गई और नीचे झुककर अपनी भाभी राधिका की चुत चाटने लगी. ऐसा हसीन सीन देखकर मैं अपना लंड सहलाने लगा. सच में चुदाई का मजा तो जो होता है वो होता ही है लेकिन ये सब देखना भी चुदाई के मजे से किसी भी सूरत में कम नहीं था.
सोनल के चूत चाटे जाने से राधिका जोरों से सिसकारियां भर कर रही थी- आह ओह मेरी ननद रानी … अह आह अह और जोर से चाट ले मेरी चूत ओह अ आह ओह.. कुछ पल बाद राधिका ने सोनल को रोक दिया. सोनल अपनी जगह चली गई.
अब टास्क देने की बारी राधिका की थी- राज, मैं चाहती हूँ कि तुम दिशा की चुत और उसके सुंदर चूतड़ों पर किस करो. मैं खड़ा होकर दिशा के पास गया और मुझे आता देख कर चुदासी सी दिशा खड़ी हो गई. मैंने घुटने के बल बैठकर दिशा की चूत पर मुँह रखकर किस किया, जिससे दिशा थोड़ी सी असहज हो गई और उसके मुँह से आह आवाज निकल गई. फिर मैंने उसे घुमा दिया और उसके चूतड़ों पर किस किया … और एक बार जोर से उसकी गांड को मसल कर वापस अपनी जगह बैठ गया.
अब मेरी बारी थी, मैं बोला- सोनल, तुम राधिका के चूतड़ों पर दो चपत लगाओ. मेरी बात सुनकर राधिका मेरी ओर देखने लगी तो मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा ताकि सोनल उसके चूतड़ों पर चपत लगा सके.
राधिका घोड़ी बन गई और सोनल ने अपनी भाभी के पीछे जाकर उसके दोनों चूतड़ों पर जोर से एक एक चपत मार दी, जिससे राधिका सिहर उठी. सोनल को मजा आया था इसलिए उसने दूसरी बार भी चपत लगा दी, जिससे राधिका ‘आह..’ करते हुए चिल्ला दी.
सोनल अपनी जगह वापस बैठ गई और बोली- भाभी अब आप जो चाहें, वो भाई के साथ कर सकती हो. राधिका- धन्यवाद मेरी ननद रानी, चल राज, अब तुम्हारी बारी घोड़ी बनने की है.
मैं बिना कुछ कहे ही घोड़ी बन गया. फिर राधिका मेरे पीछे आई और मेरे चूतड़ों पर किस करने लगी. ये मुझे बहुत अच्छा लगता है. लेकिन तभी राधिका ने जोर एक चपत मार दी, जिससे मेरे मुँह से भी गहरी आह की आवाज निकल गई. मुझे आह करते देख कर सोनल मुस्कराने लगी. उसने एक सिगरेट सुलगा ली थी और मजे से हम दोनों का खेल देखने लगी थी.
राधिका- मजा आया मेरे प्यारे राजा डार्लिंग. मैं- मजा तब आएगा, जब मैं तुम्हारी चुत का कबाड़ा करूंगा मेरी राधिका रानी.
ये सुनकर राधिका ने और एक चपत दे मारी, जिससे मैं फिर से सिहर उठा. फिर राधिका मेरे चूतड़ों पर किस करके मुझे वापस बैठने के लिए बोली. मुझे लगा था कि सोनल ने राधिका से अपनी मर्जी से कुछ भी करने का कहा था, तो वो चूत में लंड ले लेगी. लेकिन राधिका भी आज पूरा मजा लेकर चुदाई का खेल करना चाहती थी.
तभी दिशा बोली- सोनल, अब तुम अपने भाई के चूतड़ों को चाटो.
सोनल ने मुझे इशारा किया तो मैं फिर घोड़ी बन गया. सोनल अपनी जीभ से मेरे चूतड़ों को चाटते हुए सिगरेट का धुंआ मेरी गांड पर छोड़ने लगी. उसकी मुलायम जीभ से मुझे गुदगुदी हो रही थी. एक मिनट के बाद सोनल रुक गई.
राधिका- राज, अब तुम दिशा की चुत चाटो. मैं खड़ा होकर उसके पास चला गया और घुटने के बल बैठ कर दिशा की चुत चाटने लगा. दिशा अपनी पूरी चूत खोल कर अपनी चूत पर मेरा सर दबा कर सीत्कार भरने लगी- आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… जीजाजी प्लीज धीमे चाटो … आह बर्दाश्त नहीं हो रहा. ओह आह उऊ अह … न जाने आपका लंड कब खाने को मिलेगा.
मैं दिशा की चूत चाटने के बाद खड़ा हो गया और उसे एक किस करके वापस अपनी जगह पर बैठ गया. दिशा भी अपनी चुत पर उंगली घुमाकर बैठ गई.
अब टास्क देने की बारी मेरी थी और साथ में हिसाब भी चुकाने का मौका था- चल मेरी हॉट बहना … बन जा घोड़ी. सोनल- प्लीज भाई रहने दो, मुझसे नहीं होगा. मैं- सोनल चिंता मत कर … मैं तुम्हें मजा करवाऊंगा और वो भी बहुत ज्यादा.
तभी राधिका मेरी तरफ देखकर हल्की सी मुस्कुरा दी, क्योंकि उसे पता था कि आगे क्या होने वाला था. सोनल एकदम चुपचाप घोड़ी बन गई.
मैं सोनल के पीछे आया और उसके सुन्दर चूतड़ों को सहलाने लगा. सोनल को ऐसा लगता रहा कि मैं अभी उसको चपत मारूंगा. लेकिन बजाए चूतड़ों पर चपत मारने के मैं उसके ऊपर चढ़ गया और आगे हाथ बढ़ा कर मैंने उसके दोनों कबूतर पकड़ लिया. सोनल अपने मम्मों पर मेरे हाथ पाते ही मस्त हो गई. मैं अपनी बहन सोनल के दोनों मम्मों को अपनी हथेलियों में भर कर मसलने लगा.
सोनल की पीठ पर चढ़ने के दौरान ही मेरा खड़ा लंड उसकी गांड की दरार को टच कर रहा था. सोनल जोरों से सिसकार रही थी- आह ओह आह भाई … आह भाई सच में कितना मजा आ रहा है … आह अह. फिर मैं अपने एक हाथ से उसकी चुत को सहलाने लगा. मुझे उसकी चूत पर हाथ लगाते ही समझ आ गया था कि इसकी चूत बहुत टाईट है और फाड़ने में काफी मेहनत करनी होगी. सोनल की चुत पूरी गीली हुई पड़ी थी.
जब सोनल जोरों से सिसकार रही थी, तब दिशा अपने मम्मे दबा रही थी, तो राधिका अपनी चुत सहला रही थी.
तभी इस मौके का फायदा उठाकर मैंने जोर से सोनल की सुंदर गांड पर एक चपत लगा दी, जिससे वो चिल्ला उठी- ओह भाई … मत कर यार … लगती है. मैंने उसकी बात को अनसुना करते हुए फिर से एक चपत लगा दी, जिससे वो छटपटाते हुए मुझे छूटने में लगी थी, लेकिन मैंने उसे मजबूती से पकड़ रखा था. सोनल- भाई दर्द हो रहा है, प्लीज रहने दो. मेरी चपत से उसकी गांड लाल हो गई थी. मैंने उसकी गांड पर एक किस करके उसे छोड़ दिया.
मैंने कहा- अब मुझसे रहा नहीं जाता, बस अब मुझे चोदना है. राधिका अपनी चूत में उंगली कर रही थी, वो बोली- ओके … सबसे पहले किसकी सील खोलोगे, अपनी बहन का या अपनी साली की? मैं- किसी की भी खोल दूंगा.
दिशा- सबसे पहले जीजाजी किसको चोदेंगे, उसके लिए एक और खेल खेलते हैं. सोनल- बिल्कुल ठीक कह रही हो. राधिका- मैं रूल बता देती हूँ, देखते हैं कि आज राज पहले किसको चोदेगा. राज के आंख पर एक पट्टी बांधी जाएगी, फिर सबसे पहले राज हमको किस करेगा और राज को हम तीनों को पहचानना होगा, अगर राज ने सही पहचान लिया, तो एक पॉइंट उसके खाते में जमा होगा. फिर राज हमारे मम्मे दबाएगा, फिर पीठ सहलाएगा, इसके बाद गांड सहलाएगा और आखिर में हम सब राज का लंड चूसेंगे. दिशा- ओके डन. सोनल- मैं आंख पर पट्टी बांधने के लिए पट्टी लाती हूं.
सोनल अन्दर से ब्लैक कलर की मोटे कपड़े की पट्टी लेकर आई और उसने मुझे पट्टी बांध दी, जिससे मुझे कुछ नहीं दिख रहा था. मेरे सामने बिल्कुल अंधेरा छा गया था.
तभी मुझे राधिका की आवाज सुनाई दी- मेरे राजा … तैयार हो न. मैं लंड सहलाते हुए बोला- हां कब से.
अब मैं बिल्कुल चुपचाप खड़ा था, तभी वो तीनों में से एक मेरे पास आई और मुझे किस करने लगी. मैं भी उसका साथ देने लगा. मैं इतना मदहोश हो गया था कि मुझे ये पहचानना मुश्किल हो रहा था. लेकिन एक बात तो पक्की थी कि वो राधिका नहीं थी, क्योंकि राधिका को मैं अच्छे से पहचानता था.
करीब 3 मिनट किस के बाद उसके हल्की सी आवाज से मुझे पता चल गया था, यह मेरी बहन सोनल है. फिर वो मुझसे दूर हो गई और मैंने सोनल का नाम ले लिया. सोनल- भाई आपने सही पहचानना है मैं- नेक्स्ट.
इस बार मेरी बीवी राधिका आई और मुझको किस करने लगी. मैं भी उसका साथ देते हुए उसे अपने लंड से सटाने लगा. मेरा लंड उसकी चुत को छू रहा था और हम दोनों की गर्म सांसें एक-दूसरे के मुँह पर टकरा रही थीं. मुझे पता था कि यह राधिका है, लेकिन मैं बस मौके का फायदा उठा रहा था.
फिर राधिका मुझसे अलग हो गई. मैंने राधिका का नाम ले लिया, जो सही था.
इसके बाद दिशा मेरे पास आई और हम दोनों एक-दूसरे को किस करने लगे. हम दोनों पूरे गर्म हो गए थे. फिर एक मिनट बाद दिशा भी अलग हो गई. इस बार भी मेरा अनुमान सही निकला.
राधिका- अब राज तुम, हम तीनों का नाम टास्क खत्म होने के बाद ही बताना. मैं- ठीक है मेरी बुलबुल.
अब इस बार मुझे तीनों के मम्मे दबाकर पहचानना था, जो पहले से थोड़ा मुश्किल था.
वो तीनों में से एक मेरे पास आतीं और मेरे दोनों हाथ पकड़कर अपने मम्मे पर रखवा कर मुझे मम्मे दबाने का इशारा करतीं. मैं उसके मम्मे मसलने लगता.
पहली वाली के मम्मे बड़े थे, लेकिन मैं इतना मदहोश था कि मुझे पता लगाना मुश्किल हो रहा था. मैं मम्मे मसल रहा था, मुझे ये राधिका लग रही थी, इसलिए मैं एक पल के लिए रुक गया.
इसके बाद दूसरे माल ने मेरे पास आकर मेरे हाथ अपने मम्मों पर रखवाया और मैं उसके मम्मे मसलने लगा. मुझे लगा कि यह दिशा है. अब बारी थी सोनल की, वो मेरे पास आई और मैं उसके मम्मे दबाने लगा. उसके मुँह से निकल रही सांस और हल्की सी मोन की आवाज सुनकर मुझे यकीन हो गया कि ऐसी आवाज वाली लौंडिया तो सोनल ही है.
इस चुदाई के दंगल का मजा लेने के लिए आप मेरे साथ अन्तर्वासना से जुड़े रहिए. बहुत जल्दी ही चुदाई का मजा आने वाला है. आपके मेल मुझे प्रोत्साहित कर रहे हैं. आपका अपना राजा [email protected] कहानी जारी है.
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