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मेरी सेक्सी कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपनी तीसरी दुल्हन दिलिया की चूत चुदाई करके सुहागरात मनायी. अब आगे की कहानी:
दोस्तो, अब मैं उस वजह पर आ रहा हूँ जिस कारण मैंने यह कहानी सांझी की है.
अगले दिन सुबह उठे तो मेरा लण्ड पर जगह जगह पड़े हुए नील बहुत गहरे हो चुके थे और बहुत दर्द हो रहा था. सारा और दिलिया भी उठी तो मरे तने हुए लण्ड को देख हैरान थी, सारा बोली- क्या हुआ? ये रात भर से ऐसा ही क्यूँ रहा है? मैंने कहा- जब ऐसी जबरदस्त हूरें साथ हो तो लण्ड कैसे ढीला हो? तुम्हें जितना चोदता हूँ उतना ही दिल और करता है.
सारा ने मेरे लण्ड को सहलाना शुरू कर दिया. लण्ड और कड़ा हो गया. मैंने भी सारा को किस करना शुरू कर दिया. उधर से दिलिया ने भी मेरे शरीर को सहलाना शुरू कर दिया और मेरे निप्पल से खेलने लगी. मैंने भी दिलिया के मोमे दबाने शुरू कर दिए. दिलिया बोली- रात को बहुत मजा आया, हमें एक बार फिर चोदो … तुम्हारा लण्ड भी तैयार है.
सारा ने मेरे लण्ड को सहलाया और लण्ड पर किस करने लगी. मैं दिलिया को किस करने लगा. सारा मेरे लण्ड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगी. मैं भी अपने एक हाथ से सारा की चूत में उंगली काने लगा और दूसरे हाथ से दिलिया की चूत में उंगली करने लगा.
दोस्तो, मैंने सारा को सीधा लिटाया और थोड़ी सी रूई सारा के दायें चूतड़ के नीचे, एक छोटा सा कपड़ा उसकी गांड के नीचे और एक फूल उसके बाएं चूतड़ के नीचे रख दिया. मैं सारा से बोला- जब मैं रूई कहूँ तो सिर्फ दायाँ चूतड़ ऊपर को उठाना, मैं उसी और धक्का मारूंगा, जब मैं कपड़ा कहूँ तो गांड ऊपर उठाना और जब फूल कहूँ तो सिर्फ बायाँ चूतड़ ऊपर उठाना. मैं भी उसी और धक्के मारूँगा. देखना बहुत मजा आएगा.
उसके बाद मैं सारा के ऊपर आ गया और एक झटके में लंड उसकी चूत के अंदर कर दिया. वह कराह उठी. फिर मैं शुरू हो गया, बोला- रूई! और सारा ने अपना दायाँ चूतड़ ऊपर उठा दिया, मैंने पूरा लंड निकाल कर उधर को धक्का मारा, लंड चूत को रगड़ते हुए अंदर चला गया. वह चिल्लाने लगी. फिर मैंने कपड़ा बोला तो उसने चूतड़ टिका कर गांड ऊपर उठा दी और मैंने लंड पूरा निकाल कर उसकी चूत में पूरी ताकत से मार दिया. फिर ऐसे ही फूल बोला तो वह अपना बायाँ चूतड़ उठाने लगी और मैंने पूरा लंड निकाल कर बायीं ओर धक्का मारा. लंड चूत को रगड़ते हुए अंदर चला गया.
सारा बोली- सच बड़ा मजा आया! और दिलिया बोली- मैं बोलती हूँ और आप दोनों रिदम में चोदो! मैंने सारा को कस कर पकड़ा और उसके ओंठों को चूसने लगा.
दिलिया बोलने लगी- रूई … कपड़ा … फूल! और मैं वैसे ही धक्के मारने लगा. फिर वह क्रम में बोलने लगी- रूई … कपड़ा … फूल … कपड़ा … रूई … कपड़ा … फूल … कपड़ा … कपड़ा … कपड़ा … रूई … रूई … फूल … फूल! सच हम दोनों को बहुत मजा आया. सबसे ज्यादा मजा कपड़ा बोलने पर आया. और फिर दिलिया ने अपनी बोलने की स्पीड बढ़ा दी और हम उसी स्पीड से चुदाई में लग गए. कुछ देर में सारा आहा आह आह करती झड़ गयी.
फिर सारा बोली- आमिर, अब दिलिया की बारी! तो दिलिया लेट गयी और मैंने उसके लिप्स को किस करते हुए एक झटके में पूरा लंड अंदर उतार दिया. मैं उसके ओंठों को चूसने लगा. सारा बोलने लगी- रूई … कपड़ा … फूल! मैं वैसे ही दिलिया के ऊपर नीचे के ओंठ चूसते हुए धक्के मारने लगा.
फिर वह क्रम में बोलने लगी- रूई … कपड़ा … फूल … कपड़ा … रूई … कपड़ा … फूल … कपड़ा … कपड़ा … कपड़ा … रूई … रूई … फूल… फूल! और दोनों एक साथ झड़ गए.
लेकिन झड़ने के बाद भी लंड महाराज बदस्तूर खड़े थे.
फिर मैंने कहा- सारा तुम नीचे लेट जाओ और दिलिया तुम सारा के ऊपर घोड़ी बन कर लेट जाओ. मैं तुम दोनों को एक साथ चोदूँगा. सारा लेट गयी और दिलिया उसके ऊपर लेट कर उसे लिप किस करने लगी और दोनों एक दूसरे की चूचियों से खेलने लगी. दोनों ओह्ह्ह आअह करने लगी.
मैंने ऊपर आकर सारा की चूत पे लण्ड रख कर धक्का दिया, लण्ड थोड़ा सा अंदर चला गया और दिलिया की चूत पर उंगली करने लगा. उसकी चूत पूरी गीली हो रही थी. फिर मैंने कुछ धक्के मारे और लण्ड पूरा अंदर चला गया. मेरी दोनों बेगम एक दूसरी को बेतहाशा चूम रही थी.
फिर कुछ पांच छह धक्के मारे तो सारा झड़ गयी और मैंने लण्ड बाहर निकाल कर घोड़ी बनी हुई दिलिया की चूत में डाल दिया. मेरे लण्ड में दर्द हो रहा था, मैंने सारा से कहा- दिलिया का निचला होंठ चूसो! इससे दिलिया की चूत ढीली हो गयी और अगले धक्के में लण्ड पूरा अंदर चला गया.
मैंने कुछ धक्के मारे तो हम दोनों उम्म्ह… अहह… हय… याह… चिल्लाने लगे. तभी दिलिया भी झड़ गयी. मैंने सारा से कहा- दिलिया के ऊपर नीचे के ओंठ बारी बारी चूसो और जीभ भी चूसो! मैंने उसे कहा- जब मैं एक कहूँ तो निचला होंठ … दो कहूँ तो ऊपर का ओंठ … और तीन कहूँ तो जीभ चूसो.
एक दो तीन … तीन दो एक … एक एक दो … दो तीन तीन कहता हुआ मैं रिदम से दिलिया को चोदने लगा. जब भी दो कहता था उसकी चूत मेरे लण्ड को भींच लेती थी और लण्ड में बहुत दर्द होता था मैं दर्द और आनंद से कराहने लगता था.
सारा मुझे कराहते देख दिलिया के ऊपर के होंठ को और जोर से चूसने और काटने लगती थी जिससे चूत और जोर से भींचने लगती थी फिर सारा ऊपर का होंठ चूसते हुए उसकी जीभ भी चूसने लगती थी जिससे चूत लण्ड को भींच कर निचोड़ने लगती थी.
मेरा दर्द मेरा मजा बढ़ा रहा था. सच में हम तीनों को बहुत मजा आ रहा था.
फिर मैंने एक कहा और लण्ड बाहर निकाल सारा की चूत में लण्ड डाल दिया. उसकी गीली चूत में लण्ड सर्र से अंदर चला गया और मैंने उसे 15 मिनट तक चोदा और हम दोनों झड़ गए. मैंने धीरे से लण्ड निकाला तो वह और सूज चूका था और बड़ा दर्द हो रहा था. इस बार लण्ड फिर खड़ा था और पूरा सूजा हुआ लग रहा था.
सूजा हुआ लण्ड देख सारा और दिलिया घबरा गयी और बोली- हय अल्ला … ये क्या हो गया तुम्हारे लण्ड को? मैंने दिलिया से कहा- थोड़ा गर्म पानी ले आओ, सिकाई करूंगा तो ठीक हो जाएगा.
दिलिया गर्म पानी मग में डाल कर ले आयी और मैंने लण्ड पानी में डाल दिया. थोड़ा आराम मिला पर लण्ड फिर भी खड़ा रहा.
कुछ देर आराम करने के बाद हमने नाश्ता किया तो दिलिया बोली- आमिर, डॉक्टर को दिखा लो, कहीं कोई दिक्कत न हो गयी हो? मुझे भी उसकी बात जंची. फिर सोचने लगा कि किस डॉक्टर को दिखाया जाये? तो सारा बोली- जिस लेडी डॉक्टर ने हमें देख कर दवा दी थी, वह काफी समझदार है, उसे दिखा दो. मुझे थोड़ी हिचक हुई पर सारा ने कहा- शर्म छोड़ो और डॉक्टर के पास जाओ. मैं भी साथ चलूंगी.
नाश्ता करके तैयार हो हम डॉक्टर के पास गए. डॉक्टर मेरी बीवी सारा को पहले से जानती थी. सारा ने मेरा तार्रुफ़ डॉक्टर से कराया. तब डॉक्टर ने अपना नाम जूली बताया. मालूम चला कि डॉक्टर मेरी बचपन की दोस्त जूली है. उसने डॉक्टरी पास कर ली है और हमारी हवेली के पास ही रहती थी.
जूली बहुत सुन्दर थी, उसकी आवाज़ बहुत मीठी थी. हम दोनों बचपन में एक ही स्कूल में पढ़ते थे और साथ में खेलते थे. वह मेरी बचपन की सबसे अच्छी दोस्त थी. उसने मुझे शादी की मुबारकबाद दी और पूछा- अब सारा को क्या कर दिया? थोड़ा आराम से सेक्स किया करो.
तब तक मैं थोड़ा सहज हो गया, जूली डॉक्टर को समस्या बताई तो डॉक्टर ने पैंट उतारने को कहा. पैंट उतारी तो अंडरवियर में तम्बू बना लण्ड खड़ा था. डॉक्टर मुस्करायी और बोली- आमिर, अंडरवियर भी उतारिये, मैंने आपको बचपन में कई बार नंगा देखा है और फिर डॉक्टर से कैसी शर्म?
मैंने धीरे धीरे अंडरवियर नीचे कर दिया और लण्ड सरसराता हुए तन कर बाहर आ गया. डॉक्टर हैरानी से देखती रह गयी बोली- उफ़ इतना बड़ा इतना मोटा तो कभी नहीं देखा. फिर उसने हल्के हाथ से लण्ड को पकड़ा और ऊपर नीचे करके देखने लगी. नील देख कर बोली- काफी कस कर चुदाई की है तुमने सारा की! पूरा समझने के लिए मुझे पूरी चुदाई की कहानी तफ्सील से सुनाओ आमिर!
मैंने कैसे दिलिया और सारा को कल रात और आज सुबह चोदा, पूरी तफ्सील से सुना दिया. जूली बोली- इसको समझने के लिए मुझे ये पूरी चुदाई देखनी पड़ेगी, क्या तुम सब दुबारा कर सकोगे? मैं बोला- अभी तो दर्द हो रहा है, दर्द कम होगा तो सब दिखा दूंगा. और मेरा लण्ड तो हरदम तैयार ही रहता है.
उसने एक क्रीम बताई लगाने ले लिए और बर्फ की सिकाई करने को कहा. डॉक्टर ने कहा- मैं शाम को आ जाऊंगी, फिर सब कर के दिखाना, तब तक आराम करो.
शाम को जूली हवेली पर आ गयी, हमने मिल कर खाना खाया. तब तक मेरा दर्द सिकाई और क्रीम के लगाने से कम हो चुका था परन्तु लण्ड फिर भी तना हुआ था. डॉक्टर जूली बोली- आमिर एक बार मुझे फिर तुम्हारे लंड का मुआयना करने दो ताकि चुदाई की बाद होने वाले फर्क पता चल सके. तो मैंने अपने कपड़े उतार दिए तो डॉक्टर को खड़े लण्ड ने सलामी दी.
डॉक्टर ने लण्ड को पकड़ा और घुमा कर हाथ फेर कर बोली- अभी कुछ आराम हुआ है, अब देखते हैं कि चुदाई से क्या फर्क पड़ता है.
और फिर हम चारों दिलिया के कमरे में गए. मैं दिलिया और सारा शुरू हो गए. मैंने दिलिया और सारा के कपड़े उतार उन्हें नंगी कर दिया. मैंने दिलिया को चूमना शुरू किया तो वह गर्म हो मेरी किस का जवाब देने लगी. सारा भी मुझे जहाँ तहाँ चूमने लगी और मेरा लण्ड को चूमने लगी फिर लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी. लण्ड और ज्यादा खड़ा हो गया और फड़फड़ाने लगा.
फिर मैं दिलिया की चूचियाँ दबाने लगा और सारा की चूत में उंगली करने लगा. मेरी दोनों बेगमें पूरी गर्म हो गयी, दोनों की चूत पूरी गीली हो गयी, दोनों ने अपना चूत रस मेरे लण्ड पर लगा कर उसे चिकना कर दिया.
दिलिया झूले पर आ गयी, मैं दूसरे झूले पर आ गया और दिलिया मेरे लण्ड पर बैठ गयी और मुझे चूमने लगी. मैं उसका निचला होंठ चूसता रहा, वह धीरे धीरे नीचे होने लगी. फिर वो घूमने लग गयी.
सारा ने भी एक नया काम किया, उसने भी एक झूला बनाया और दिलिया के झूले से बाँध लिया, दिलिया को किश करने लगी और उसके मोमे सहलाने लगी. मैं एक हाथ से सारा के मोमे और चूची दबाने लगा और दूसरे हाथ से सारा की चूत में उंगली करने लगा. सारा को समझ आ गया था कि दिलिया की चूत की चाबी उसके ओंठ और जीभ है और उसे इस तरह से किस करने लगी. जब वो उसके ऊपरी ओंठ चूसती थी तो चूत लण्ड को जकड़ने लगती थी और जब निचले ओंठ को चूसती थी तो चूत लण्ड को ढीला छोड़ देती थी. जब सारा उसकी जीभ को अपनी जीभ से चूसती थी तो चूत लण्ड को अंदर खींचने लगती थी जैसे चूत लण्ड को चूस रही हो.
मेरी चीखें निकलने लगी थी- अह्ह अह्ह येस अह्ह येस! और दिलिया चिल्ला रही थी- जोर से चोदो मुझे … उम्म्ह… अहह… हय… याह… मजा आ गया, सारा भी दिलिया के साथ साथ उसे किस करती हुई घूम रही थी.
आज का मजा कल से बढ़ कर था. सारा जो दिलिया के ओंठ और जीभ चूस रही थी, उसने मजा दुगना कर दिया था, ऐसा लग रहा था जैसे कोई लण्ड चूत में पेंच की तरह जा रहा हो. ऊपर से झूला भी कस रहा था, दिलिया की चूत बार बार झड़ रही थी और पिचकारियां छोड़ रही थी. मेरा और दिलिया का निचला भाग पूरा भीग चुका था.
मैं भी उल्टा दिशा में घूमने लगा जिससे दोनों झूले कसने लगे. हम दोनों दस बारह बार पूरा चक्कर घूमे, मैं घड़ी की उल्टा दिशा में घूमा और दिलिया घड़ी की दिशा में घूमी. फिर वो बोली- हाँ बहुत मज़ा आ रहा है … हाईईई म्म्म्मम!
कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वो पूरी मस्ती में थी और मस्ती में सिसकार कर रही थी- अआह्ह्ह आाआइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है। अब वो इतनी मस्ती में थी कि पूरा पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी।
हम दोनों के चूतड़ बिस्तर से ऊपर उठ गए, केवल पैर बेड पर हमें रोके हुए थे.
तभी सारा ने हमारे पैर ऊपर उठा दिए हम दोनों घूमने लगे मैं घड़ी की दिशा में घूमा और दिलिया घड़ी की उलटी दिशा में घूमने लगी. मैंने दिलिया के चूतड़ों को उस तरह पकड़ा कि लण्ड बाहर न निकले. हम तीनों लटक कर एक दूर से उलटे घूम कर चूत में पेंच की तरह लण्ड को कस और ढीला कर रहे थे. हम दोनों बुरी तरह चिल्ला रहे थे- आअह्ह ह्ह ओह ह्हह उफ ममम आअह्ह्ह मर गय्ययीईइ राजजा! सारा दिलिया के ओंठ लगातार चूस रही थी और चूची दबा रही थी. मैं सारा की चूत में उंगली कर रहा था सारा भी लगातार झड़ रही थी.
हमें इस तरह लटक कर चोदते देख डॉक्टर जूली की भी हालत ख़राब हो रही थी. शायद वह भी झड़ गयी थी लेकिन उसने खुद पर काबू किया हुआ था.
कुछ देर में मैं भी झड़ गया और सारा ने दिलिया की जीभ चूसनी शुरू कर दी जिससे उसकी चूत ने मेरे लण्ड को निचोड़ दिया.
कुछ देर में हम तीनों थक कर नीचे लेट गए और मैंने दिलिया के निचले होंठ चूस कर अपने लण्ड को बाहर निकाला. वह सूज गया था और बदस्तूर खड़ा डॉक्टर जूली को सलामी दे रहा था.
डॉक्टर ने लण्ड को रूमाल से साफ़ किया और फिर पकड़ कर ऊपर नीचे और घूमा कर मुयायना किया और बोली- आमिर, चुदाई के दौरान अंदर की कुछ नसें दब गयी हैं जिससे लण्ड अब बैठ नहीं रहा है. इसके लिए गहन जांच करनी पड़ेगी. इसके लिए अल्ट्रा साउंड, एक आर आई और कैट स्कैन करवाना पड़ेगा जो दिल्ली में होता है. तभी कुछ पक्का कह पाऊंगी कि क्या समस्या है… तब तक आराम करो और सिकाई करो. और जल्द ही दिल्ली चलो ताकि पूरी जांच हो जाए इस मामले में देर करना ठीक नहीं होगा.
डॉक्टर के जाने के बाद सारा मेरे ऊपर आ गयी और मैंने उसे चोदा उसके बाद उसके अंदर पानी छोड़ा और तीनों सो गए.
कहानी जारी रहेगी. आप मेरी कहानी पर अपनी राय [email protected] पर भेजें!
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