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मेरा नाम कविता है, मैं एक विधवा औरत हूँ. मैं इंदौर की रहने वाली हूँ, मेरे पति एक बड़े बिल्डर थे. मेरे बेटे वंश के पांच साल के होते ही मेरे पति ने उसे बोर्डिंग में डाल दिया था. वो सिर्फ छुट्टियों में ही घर आता था.
इधर वंश से फुर्सत मिलते ही मैंने क्लब आदि ज्वाइन कर लिए थे. पैसे की कोई कमी नहीं थी, इसलिए मुझे क्लब वगैरह में जाने शराब और सिगरेट आदि का शौक भी खूब लग गया था. हाई सोसाइटी में उठने बैठने के कारण, मेरे पति ने मुझे अपने बिजनेस में खूब इस्तेमाल किया था. जब भी किसी अधिकारी से उनको काम निकलवाना होता था, तो वे मुझे उसके सामने मुझे परोस देते थे. मेरा स्वाभाव भी कुछ इसी तरह का बिंदास जीवन बिताने का रहा था.
एक दिन अचानक एक झंझावात मेरी जिन्दगी में आया और मेरे पति की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई. उस वक्त मेरी उम्र केवल 36 साल की थी.
अब मेरी उम्र अभी 41 साल की हो गई है. मेरा फिगर 36-32-38 का है. चूंकि मेरे पति 5 साल पहले खत्म हो गए थे. उस टाईम मेरा बेटा वंश भोपाल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था. जब पति की डेथ हुई थी, तो मैं बहुत टूट गई थी. हमारी सारी फैमिली छत्तीसगढ़ में रहती है. मैं उनके पास भी नहीं जा सकती थी, क्योंकि अभी वंश की पढ़ाई भी चल रही थी और मुझे पति का बिज़नेस भी देखना था. उनके बिजनेस का सारा लोड मेरे ऊपर आ गया था. काफी सारा पैसा फैला हुआ था. धीरे धीरे सब मैनेज करने के बाद मैंने सारे रुके हुए बिलों का पैसा निकलवा लिया … जोकि करोड़ों में थी. अब मैं उस रकम के ब्याज और निवेश से अपने खर्च पूरा करने लगी.
फिलहाल मेरा कोई पास कोई सहारा नहीं था. मेरे पास पैसा बहुत था. इसलिए जब भी मेरा मन करता था, तो तब कॉलब्वॉय बुला लेती और बहुत एन्जॉय कर लेती. पर जब मेरा बेटा सेकंड ईयर का एग्ज़ाम दे कर घर आया, तो वो मुझे बहुत स्मार्ट लगने लगा था.
इस बीच फेसबुक के माध्यम से मेरी बहुत सी सहेलियां बन गई थीं, जो अपने बेटों के साथ सेक्स करती थीं. मैं अन्तर्वासना की सेक्स स्टोरी भी पढ़ती थी. उसमें भी मैंने सगे माँ बेटे के बीच सेक्स रिश्तों की कहानी पढ़ी थीं. इस पर मैंने सोचा कि मैं अपने बेटे को ही पटा लेती हूँ.
वंश केवल 5 दिन रुकने के बाद चला गया. उसके जाने के बाद मैंने पक्का मन बना लिया था और सोच लिया था कि मैं अपने बेटे के साथ ही मजे करूंगी.
ये सोच कर मैंने जिम ज्वाइन किया और योगा क्लास भी ज्वाइन कर ली. मैं अपनी फिजिक को लेकर बहुत मेहनत करने लगी. चूंकि मुझ पर किसी की कोई रोक टोक थी नहीं, तो मैं मन चाहे ड्रेस पहनती थी. जिसमें मुझे लैगी कुर्ती पहनना बहुत पसंद थी. अब मैं कैपरी और टाईट टॉप, जो कि स्लीब लैस हुआ करता था, पहनने लगी थी. इसमें मेरी जवानी निखर कर आने लगी और मैं अब 25 साल की मस्त लौंडिया सी दिखने लगी.
फिर 8 महीने बाद मैं अपने बेटे के पास मिलने गई. तो उस वक्त मैंने रेड कलर की साड़ी और काले कलर का ब्लाउज पहना हुआ था.
जब मैं कार से उतरी, तो वो मुझे देखता ही रह गया. वो बोला- वाओ … मम्मी आप तो पहचान में ही नहीं आ रही हो.
वो मेरे पैर छूने नीचे झुका, तो मैंने उसको गले से लगा लिया और उसका माथा चूमा. इसके बाद हम दोनों उसके फ्लैट में अन्दर आ गए.
इसके बाद वंश ने मुझसे बोला कि मम्मी आप रियली बहुत सुन्दर लग रही हो. मैं हंस कर बोली- क्या मैं पहले सुन्दर नहीं थी? वंश बोला- वो बात नहीं है मम्मी. मैं बोली- तो क्या बात है? वंश बोला- नहीं कुछ नहीं.
फिर मैं फ्रेश हुई और एक शॉर्ट गाउन निकाल कर उससे बोली- वंश मैं ये पहन लूँ? वंश बोला- मम्मी, आप तो लेडी की जगह गर्ल बन के रहने लगी हो. मैं बोली- तुझे नहीं पसंद तो बोल दे. वंश बोला- नहीं मम्मी मैंने ऐसा नहीं बोला.
उसके बाद मैं वो शॉर्ट गाउन पहनने के लिए बाथरूम में चली गई. उधर मिरर में इस गाउन को पहन कर मैं खुद को निहारने लगी. ये गाउन मेरी मरमरी जाँघों तक ही आ रहा था. इसमें मेरे चूतड़ों के उभार हिल रहे थे और साथ ही में मेरी पेंटी की इलास्टिक भी साफ़ नुमाया हो रही थी. ये गाउन बेबी पिंक कलर का था. इसका गला भी इतना खुला हुआ था कि उसमें से मेरे मम्मों की क्लीवेज साफ़ दिख रही थी. मैं काफी देर तक इस गाउन को पहन कर खुद को देखती रही और अपनी चूचियों को सहलाते हुए, अपनी चूत को रगड़ने लगी.
फिर जब मैं बाथरूम से बाहर आई, तो वंश मुझे देखता ही रह गया मुझे! उसके बाद हम दोनों बातें करने लगे. कुछ देर बाद रात हो गई, तो मैं बोली- खाना बाहर से ले आ, आज मैं बहुत थक गई हूं. उसने बोला- ठीक है मम्मी … मैं अभी ले आता हूँ.
जब तक वंश खाना लेने गया, तब तक मैंने जल्दी से बैग से बोतल निकाल कर दो पैग स्मेललैस बोडका के लगा लिए और एक सिगरेट खींच कर मुँह में इलाइची दबा ली और उसके आने का इन्तजार करने लगी.
वंश कुछ ही देर में आलू परांठा काजू-करी, सलाद पापड़ और बिरयानी ले आया. मेरे पति बिल्डर थे, तो हम लोग नॉनवेज खाना सीख गए थे. इसलिए हम सब तरह का खाना खा लेते थे.
हम दोनों ने खाना खाया और बातें करते रहे. फिर वंश बोला- मम्मी … डैडी जब से नहीं रहे हैं, उसके बाद से आज मैं आपको खुश देख रहा हूं. मुझे बड़ा अच्छा लगा कि आप खुश हो. मैं भी आपको हमेशा खुश रखूंगा. मम्मी परसों मेरे एग्ज़ाम खत्म हो जाएंगे, अगर आप कहो तो हम दोनों कहीं घूमने चलें, इससे आपका भी मूड फ्रेश हो जाएगा.
मैं बोली- ठीक है … पर तू मेरे साथ क्यों जा रहा है. अपनी किसी गर्लफ्रेंड के साथ भी जा सकता है ना. वंश बोला- नो मम्मी मेरी कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है. मैं बोली- चल झूठा. तो वो हंस कर बोला- आपकी कसम मम्मी. मैं बोली- मेरी कसम मत खा … चल बता मुझे कहां ले कर चलेगा? वो बोला- मम्मी आप तो ऐसे बोल रही हो, जैसे आप मेरी गर्लफ्रेंड हो. मैं बोली- तू मुझे अपनी गर्लफ्रेंड ही समझ ले. वो बोला- नहीं मम्मी … मैं आपको ऐसा कैसे बोल सकता हूँ.
मैंने उसको अपनी बांहों में लेकर कहा- क्यों तू मुझे प्यार नहीं करता क्या? उसका बदन मेरे इस तरह से उसको अपनी बांहों में लेने से एकदम से झनझना सा गया और मेरे मम्मों की गर्माहट से उसका लंड मुझे खड़ा सा होता महसूस हुआ है. मैंने उसके गाल पर एक किस करते हुए हंस कर कहा- हम्म … मुझे लग रहा है अब तू मेरा ब्वॉयफ्रेंड बनने लायक हो गया है.
उसको इस बात का अहसास हो गया कि उसका लंड खड़ा होने लगा था, तो वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगा, लेकिन मैंने उसको और जोर से अपनी छाती से लगा लिया. फिर एकदम से छोड़ दिया. मुझे उसके जवान जिस्म की महक ने अन्दर तक चुदास से भर दिया था.
इसके बाद हम दोनों एक ही बिस्तर पर सो गए. उसके सो जाने के बाद मैं उससे चिपक गई और उसको अपने सीने से लगा कर उसे अपनी छातियों की गर्माहट का अहसास कराने लगी.
सुबह मैं जल्दी उठी और मैंने उसके लिये नाश्ता बना दिया. फिर नहा कर मैंने एक सिल्की शॉर्ट गाउन पहन लिया. आज मैंने ब्रा नहीं पहनी थी. मैंने जानबूझ कर उसको मेरे आमों की झलक दिखाई, जिससे मेरे पूरे निप्पल तक दिखे जा रहे थे.
उसके बाद वो उठा, तो मैंने उसका सर अपनी गोद में रख कर उसको कॉफ़ी पिलाई. कॉफ़ी पीने के बाद वो उठा, तो मैंने देखा कि उसकी नजर मेरे मम्मों से हट ही नहीं रही थी. मेरे कड़क हो चुके निप्पल मेरे सिल्की गाउन से साफ़ अपने होने का अहसास करा रहे थे.
मैं उससे झुकते हुए बोली- क्या हुआ? वो हड़बड़ा गया और बोला- क..कुछ नहीं मम्मी.
वो बिना इससे अधिक कुछ कहे सीधा बाथरूम में चला गया. मैंने देखा कि उसका लंड उसके बॉक्सर में पहाड़ सा फूल रहा था. मेरे चेहरे पर एक अश्लील सी मुस्कराहट आ गई.
वंश ने बाथरूम से आ के नाश्ता किया. मैंने देखा कि वो मुझे हवस भरी निगाह से देख रहा था.
फिर वो एग्ज़ाम देने चला गया और शाम को आ कर बोला- मम्मी हम लोग शिमला चलेंगे. मैं बोली- वहां तो कपल जाते हैं. वो बोला- मम्मी तो क्या किया जाए … आप ही बताओ? मैं बोली कि मैं क्या बताऊं … तू ही बता. वो हंस कर बोला- तो एक काम करते हैं, मैं आपको गर्लफ्रेंड समझ लेता हूँ और शिमला ले चलता हूँ. ये कह कर वो हंसने लगा.
मैंने भी उसकी हंसी में साथ दिया और उसको शिमला चलने के लिए हामी भर दी.
हम रात में खाना खा कर सो गए. आज मैं बहुत खुश थी कि कल शिमला में मेरी लाइफ बदल जाएगी. यही सोचते सोचते मुझे नींद आ गई.
अगले दिन सुबह मैं उठी. बाथरूम में गई और पूरे कपड़े उतार कर नंगी हो गई. फिर अपने जिस्म पर पानी डाल के चिल्लाते हुए बाहर आ गई.
मेरा बेटा डर के उठा और बोला- क्या हुआ मम्मी? मैं अपने शरीर को छिपाने का असफल प्रयास करते हुए बोली- छिपकली है वहां वंश.
इतनी देर में वंश मेरा पूरा जिस्म देख चुका था. जब वो तौलिया ले के पास आया, तो मैंने देखा कि उसका लंड पूरा टाइट हो चुका था. अपनी मम्मी को ऐसे देख कर उसका लंड खड़ा हुआ, मतलब मेरा काम बन गया.
इसके कुछ देर बाद वंश नाश्ता करके अपना एग्ज़ाम देने चला गया और मैं शिमला जाने के लिए पैकिंग करने लगी.
मैंने इंदौर से ही अपने लिए जीन्स टी-शर्ट, चुस्त टॉप, बिकनी वाले शॉर्ट्स ले कर आई थी. मैंने वो सब रख लिए. हमारी फ्लाइट तीन बजे की थी. वंश एक बजे घर आया. मैं जाने के लिए पूरी तैयार थी. बस मुझे कपड़े पहनना बाकी था.
मैंने वंश बोला कि बेटा मैं सच में तेरी गर्लफ्रेंड बनके चलूँ ना या मम्मी? तो वंश हंस कर बोला- मम्मी बन के तो हमेशा घूमी हो आप … अब आप जो मन में आए वैसे चलो.
उसकी इस बात से मैंने उसका मन समझ लिया और मैंने उसे गाल पर एक किस करके कहा- ठीक है … तू मेरा इंट्रो किसी से भी मम्मी बता कर नहीं करना. उसने भी हामी भर दी और मुझे किस कर लिया. आज उसका किस एक ब्वॉयफ्रेंड जैसा ही लगा.
मैंने कैपरी और स्लीव लैस टॉप पहन लिया. तो वंश ने मुझे देख कर हग कर लिया और मुझे किस करते हुए बोला- तो चलने को रेडी है न मेरी गर्लफ्रेंड? मैंने भी उसको अपने सीने से चिपका कर हां कहा और हम दोनों मुस्कुराते हुए घर से निकल गए.
कहानी जारी रहेगी. [email protected]
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