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आदाब दोस्तो, आपने मेरी कहानी आपा के हलाला से पहले खाला को चोदा पढ़ी, इस पर आप सबकी ढेर सारी ईमेल मिली आप सबका इस प्यार के लिए बहुत शुक्रिया.
इस कहानी में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदा.
उसके बाद सारा और जरीना से निकाह के बाद पहली रात सारा से सुहागरात मना के हलाला किया और अगली रात जरीना की सुहागरात थी लेकिन उस रात बिस्तर में सारा और जरीना दोनों मेरे साथ थी. रात भर की मेहनत के बाद सुबह होने लगी थी. >मैं दोनों के बीच में लेट गया, मैं जन्नत में था. मेरे बगल में दो दो हूरें थीं. वे दोनों मुझसे सांप के जैसी लिपट गईं. मैं दोनों को चूमता रहा और उनका बदन सहलाता रहा. फिर हम तीनों चिपक कर देर तक सोते रहे.< सुबह उठने पर सारा ने मुझसे पूछा- रात कैसी गुजरी? मेरे मुँह से सिर्फ इतना ही निकला: गर फिरदौस बर रूये ज़मी अस्त/ हमी अस्तो हमी अस्तो हमी अस्त (धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है, तो यहीं है, यहीं है, यही हैं) मैं बोला- जन्नत की सैर की रात भर ... मेरी बीवियाँ जन्नत की हूरें हैं और मैंने उन्हें और उन्होंने मुझे जन्नत की सैर करवाई. कुछ देर में दरवाजा पर आहट हुई, नूरी खाला और सारा की बहनें नरगिस, आयशा और इमरान की बहनें दिलिया उसकी बहन अबीर नयी दुल्हनों से मिलने आयी. मैंने तौलिया लपेट कर सारा और ज़रीना को कपड़े उठा कर बाथरूम भेजा और दरवाजा खोला. तभी सारा और ज़रीना लंगड़ाती हुई बाहर निकल आयी. सबने सारा और ज़रीना को गले लगाया और बधाई दी. दिलिया और इतने में अम्मी भी आ गयी और बोली- तुम्हारी दुल्हनें तो जन्नत की हूरें हैं आमिर, इन्हें प्यार से सम्भाल कर रखना. थोड़ी देर बाद में मालूम चला कि इमरान भी अपनी बाकी बहनों के साथ हैदराबाद आ गया है और बाकी भी बहुत सारे रिश्तेदार आज रात को वलीमा (रिसेप्शन) की दावत में आ रहे हैं. मैं इमरान से मिलने गया और उसके हाल पूछे. उसने बताया- आमिर, तुमने तो झंडे गाड़ दिए. लगता है कल अब तुम्हारी लाटरी लगने वाली है. मैं अब्बा हज़ूर के पास से आ रहा हूँ, कश्मीर वाली नूरी फूफी (मेरी खाला) और तुम्हारे अब्बा भी उनके पास बैठे हैं और सारा वाले मामले के बाद नूरी फूफी (मेरी खाला) कह रही हैं कि सुबह सारा और ज़रीना से मिल कर आयी थी, दोनों बहुत खुश और संतुष्ट हैं. अब वे जल्द ही अपनी बाकी बेटियों नरगिस और आयशा की शादी कर देना चाहती हैं. चूँकि हमारे खानदान में शादियाँ परिवार में ही होती हैं लेकिन लड़के दो ही हैं आमिर और इमरान और लड़कियाँ ज्यादा हैं तो देखते हैं कैसे होता है. और इमरान का जब तक इलाज नहीं हो जाता, तक तक रोकते हैं, फिर देखते हैं. रात को वलीमा दावत के बाद अब्बा जान ने बुलाया और कहा- कल रात जो चीखने चिल्लाने की आवाज़ आयी थी, वह हमारी तहज़ीब के मुताबिक ठीक नहीं है, जो भी करो नज़ाकत को देख कर करो. सारे मेहमान नौकर नौकरानी सुनते हैं और बातें बाहर जा सकती हैं. मैंने सर झुका कर आदाब किया और वहां से अपने कमरे की ओर निकल गया. तो रास्ते में इमरान मिल गया, इमरान ने मुझसे पूछा तुमने श्रीनगर और कल रात ऐसा क्या किया कि झंडे गड़ गए? मैंने पूरा हाल तफ़्सीर से बता दिया. तभी मुझे ढूंढती हुई, लंगड़ाती हुई सारा आ गयी और कहने लगी- आमिर, आप मुझे छोड़ कर आप कहाँ चले गए. कहने लगी- मैं आप से दूर नहीं रह सकती. उसके कपड़े बिल्कुल बेतरतीब थे, वह बिल्कुल दीवानों की तरह किसी के होने न होने की परवाह करे बगैर मुझसे लिपट गयी. इमरान हंसते हुए बोला- सारा बेगम, हम भी है यहाँ! हमारा भी आदाब कबूल कीजिये. वह एकदम सम्भली और शर्मा कर मेरे पीछे छिपने लगी. "तो आमिर ... ये झंडे गाड़े हैं तुमने?" कटरीना सी सारा शर्म से पानी पानी हो गयी और वापिस भाग गयी. इमरान की बहन दिलिया जिसका निकाह मुझसे हुआ था, वह भी आ गयी और बोली- आमिर आप जाओ, वो तड़प रही है, उसे सम्भालो. मैं उसके पीछे पीछे अपने कमरे में वापिस आया. सारा फिर मुझ से लिपट गयी और बोली- आप मुझे अकेली छोड़ कर न जाया करें, मुझे साथ ले कर चला करें. अगर मैं सो रही हूँ तो मुझे जगा लिया करें. और रोने लगी, फिर मुझे चूमने लगी. मैंने उसके आंसू पौंछे, उसे प्यार किया, उसके कंधों पर हाथ रख कर कहा- मेरी जान, मैं तुम्हें छोड़ कर कहीं नहीं जा रहा. फिर उसे बहुत प्यार से चूमने लगा, उसके मोमे दबाये और चूत पर हाथ रख कर पूछा- कैसे हैं? तो बोली- बिल्कुल सूज गयी है, दुःख रही है ... पर तुम्हारे लिए बिछी जा रही है. मैंने उसे लिप किस किया, हमारे होंठ खुल गए और जीभ मिल गयी. उसकी साँसें भी तेज हो रही थी और पेट भी तेज तेज से ऊपर नीचे हो रहा था. ये मेरे लिए अच्छे संकेत थे तो मैंने भी मौके का फायदा उठाया और धीरे से उसकी सलवार को पैरों से ऊपर की तरफ सरका दिया. धीरे धीरे सलवार जांघों तक आ गई. मैंने उसकी मस्त नर्म जांघों को सहलाया तो वो अब मेरे पास होने लगी. मेरी हिम्मत और भी बढ़ गई मैंने जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोला और फटाफट सलवार और पेंटी को नीचे कर दिया. उसने मेरे हाथों को पकड़ कर ऐसे करने से जैसे रोका मुझे. फिर वो शर्माती हुई अपने कपड़े उतारने लगी। सारा वाकयी में बहुत सुंदर थी। लेकिन मैं अब कहाँ रुकने को था, मेरे लिए इसकी चूत यानि कि मेरी जन्नत का दरवाजा खुल गया था. मैंने जल्दी से हाथ को नंगी चूत के ऊपर रख दिया. मेरे हाथ रखते ही वो सिहर उठी और मुझसे लिपट गई. मैं उसके नंगे बदन को देखना चाहता था, मैंने उसके और अपने सारे कपड़े उतार दिए, फिर मैंने उसकी नंगी टाईट चूत धीरे धीरे से सहलाई. चूत के दाने को सहलाना स्टार्ट कर दिया मैंने! तो वो मेरे हाथ को नाख़ून मारने लगी. इधर मेरा लंड का बुरा हाल हो रहा था. हम आपस में बात नहीं कर रहे थे लेकिन बात तो बस हमारे हाथों से और क्रियाओं से हो रही थी. मैंने सारा की चूत को सहलाना चालू रखा. थोड़ी देर के बाद सारा का हाथ अपने आप ही मेरे लंड पर आ गया और वो मुझसे लिपट भी गई. मैंने जल्दी से उसके गालों के ऊपर किस की और फिर उसके नर्म मीठे होंठों को चूसने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैंने नीचे अपना काम जारी रखा था. अब मैंने धीरे से उंगली को चूत में डालनी स्टार्ट कर दी और मेरी उंगली अंदर चूत में आराम से घुस गई. मैं समझ गया कि वो तैयार हो चुकी है. फिर मैंने देर ना करते हुए उसको दूसरी तरफ घुमाया और उसकी गांड को अपने पास में खींचा. ऐसा करने से उसकी चूत बाहर को आ गई तो मैंने भी वक्त बर्बाद न करते हुए लंड को चूत पर घुमाना चालू कर दिया. और फिर मैंने सोचा कि क्यूँ ना सारा को थोड़ा तड़पाया जाए! मैं बस लंड को चूत पर रगड़ रहा था. थोड़ी देर बाद जब उस से बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने अपने हाथ में लंड को पकड़ के चूत के छेद पर रखा और पीछे की तरफ जोर लगाया. बस फिर क्या था मेरा लंड जन्नत में प्रवेश कर गया. और यह जन्नत उस वक्त जहन्नुम के जैसी आग उगल रही ही. मुझे जो आनंद मिला तो मैं आप को किसी भी तरह के शब्दों में नहीं बता सकता हूँ. अब मैंने भी देर ना करते हुए मोर्चा सम्भाला चुदाई का ... और दोनों हाथों से उसकी गोल गांड को पकड़ा और लंड को दे दनादन उसकी चूत में पेलने लगा. क्या बताऊँ यारो ... कितना सुकून मिल रहा था मुझे! उसे भी खूब मजा आ रहा था क्यूंकि वो भी हर धक्के के साथ गांड को पीछे धकेल कर साथ दे रही थी मेरा. वो भी मादकता में चिल्ला रही थी- और ज़ोर से चोदो मुझे... हाँ इसी तरह हाँआंआंआं ... बहुत अच्छा लग रहा है ... और तेजी से डालो अपना लंड... आआआ आआआ आआआ आहहहह मेरा भी छूटने वाला है। "वाह क्या टाईट चूत है... हाँ! ले मेरे लंड को अपनी चूत में!" मैंने करीब 15 मिनट तक अपनी बड़ी बेगम सारा की चूत चुदाई की और इस बीच में वो दो बार मेरे लंड के ऊपर ही झड़ गई. मैंने उसके कान के ऊपर होंठों को लगा के उसे थेंक्स कहा इस हसींन सेक्स के लिए. वो भी मुझसे लिपट गई और उसने होंठों के ऊपर किस कर के अपनी स्टाइल में थेंक्स कहा मुझे! तभी मेरी छोटी दुल्हन ज़रीना जो वहीं सो रही थी, जाग गयी और आकर मुझ से लिपट गयी. उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे. मैं उसको चूमने लगा और फिर मैंने ज़रीना से कहा- अब तुम घोड़ी बन जाओ ... मैं अब तुम्हारी गाँड मारूँगा. "नहीं! मैं तुम्हें अपनी गाँड नहीं मारने दूँगी, सुना है बहुत दर्द होता है!" ज़रीना ने जवाब दिया। "गाँड तो तुम्हें मरवानी पड़ेगी! हाँ, तुम्हें दर्द होगा तो मैं रुक जाऊँगा." मैंने उत्तर दिया- चलो बिस्तर पर पेट के बल लेट जाओ। "नहीं मैं तुम्हें अपना इतना मोटा लंड मेरी गाँड में नहीं डालने दूँगी ... बचाओ बचाओ... !!! अम्मी मुझे बचाओ..." ज़रीना जोर से चिल्लायी। "जितना चिल्लाना है जोर से चिल्ला, आज तेरी प्यारी अम्मी भी तुझे बचाने के लिये नहीं आ सकती, मैं आज तुम्हारी गाँड मार के रहूँगा, चाहे तुम राज़ी हो या न हो। अगर खुशी से मरवाओगी तो तुझे मज़ा भी आयेगा और दर्द भी कम होगा." मैंने कहा। "प्रॉमिस???" "प्रॉमिस! कसम ले लो!" मैंने ज़रीना को कहा- आप चीखती बहुत हैं ... इसलिए अगर आप इज़ाज़त दें तो आपकी कलाई में रस्सी बांधकर आपको उल्टा कर आपके दोनों हाथ बेडपोस्ट से बांध देता हूँ और आपके मुंह को कपड़े से बांध कर आपकी गांड मर लेता हूँ. "मेरे राजा आमिर ... पहले मेरी चूत चोदो. फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना लेकिन धीरे से ... ताकि दर्द न हो." फिर मैंने जरीना की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराई और फिर उनके हाथ बांध कर, उसके मुंह में दुपट्टा ठूंस कर मैंने ज़रीना की चूत में उंगलियाँ घुसा कर गीली की और दुल्हन की गाँड में अपनी उंगलियों को घुसा दिया। और फिर चूत में अपना लंड घुसा कर लण्ड को चिकना किया और गांड के ऊपर रख कर हल्का सा धक्का लगा कर सुपारे को ज़रीना की गांड में फंसा दिया. गूं गूं गों गों करती ज़रीना दर्द से कराही। "थोड़ी देर की बात है जानू, मेरा लंड तुम्हारी गाँड में घुस रहा है." कहकर मैंने पूरा लंड उसकी गाँड में घुसा दिया। "गु गु ऊऊऊईईई ईईईईई ..." ज़रीना जोर से चिल्लायी। खून की धार बह निकली मेरी नई दुल्हन की गांड से! "डरो मत मेरी जान! अब मेरा लंड पूरा का पूरा तुम्हारी गाँड में है, सब ठीक हो जायेगा." मैंने जोर से कहा और अपना लंड अंदर बाहर करने लगा। क्योंकि ज़रीना मुंह बंधा था बेचारी केवल पाँव पटक सकती थी जिन्हें मैंने अपने हाथों से जकड़ रखा था. और फिर काफी देर तक उस नाज़ुक गांड की चुदाई कर मैं धन्य हो गया. क्या गद्देदार चूतड़ थे, मुलायम गोरी चमड़ी और सख्त टाइट मांस और बस मज़ा आ गया! अब मैंने ज़रीना को खोल दिया. हम दोनों लेट गए. पास में ही मेरी बड़ी बेगम नंगी बैठी ये सारा खेल देख रही थी. "अब तुम्हारी बारी है गाँड में लंड लेने की..." मैंने कुछ ही देर बाद छोटी दुल्हन ज़रीना को अपनी बड़ी बहन सारा से कहते सुना. मेरी बड़ी बेगम सारा ने मुझसे कहा- बेशक मेरी गांड मारो ... लेकिन अपना माल मेरी चूत में ही निकालना! वादा करो? मैंने भी वादा कर दिया. "ठीक है ... जरा धीरे-धीरे करना, और जब मैं कहूँ तो रुक जाना." सारा ने मुझ से विनती करते हुए कहा। "ठीक है, तुम जैसा कहोगी... वैसा ही करूँगा." कहकर मैं अपना लंड सारा की गाँड पर रगड़ने लगा। "देखो ज़रीना, अब सारा की गाँड भी फटने वाली है ... ये फटी ... फटी ..." ज़रीना मज़े ले-ले कर बोल रही थी। "ओहहह मर गयी ... उम्म्ह… अहह… हय… याह… आमिर प्लीज निकाल लो ... बहुत दर्द हो रहा है." सारा चिल्लायी. पर उसकी आवाज़ ना सुन कर मैंने एक करारा धक्का मार कर अपना पूरा लंड सारा की गाँड में घुसा दिया। ज़रीना आकर मुझे पीठ पर चूमने लगी. सच में मुझे बहुत मजा आया. मैंने ज़रीना को अपनी तरफ खींचा और उसको दबोच कर उसके मम्मे अपने एक हाथ से दबाने लगा और उसके ओंठ चूसने लगा. मैं उसको ओंठों में खो गया. ज़रीना की मादक सिसकारियाँ और सारा की दर्द भरी चीखों ने मेरा दिमाग सुन्न कर दिया था। पता नहीं सारा ने कब मेरा लण्ड अपनी गांड से निकाला और घोड़ी बने बने ही अपनी चूत में ले लिया और आगे पीछे होकर चुदने लगी. मुझे कुछ होश नहीं था कि मैं कब तक उनको यों ही चोदता रहा. मेरी बड़ी दुल्हन झड़ती गयी और फिर मैंने अपना सारा माल सारा की चूत में छोड़ा और उनकी बाँहों में आँखें बंद कर लेट गया. सुबह नूरी खाला ने सारा और ज़रीना की हालत देखी तो सारा माजरा समझ गयी. खाला मेरी दोनों दुल्हनों को लेडी डॉक्टर के पास ले गयी और लेडी डॉक्टर ने सारा और ज़रीना के लिए 3 दिन चुदाई बंद का हुक्म दे दिया. कहानी आगे जारी रहेगी. मेरी कहानी पर अपनी राय मेरी ईमेल [email protected] पर भेजें.
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