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दोस्तों मैं नीरज दिल्ली से, अपनी कहानी को आगे बढ़ाता हूँ!
हम तीनों नंगे बिस्तर पर लेटे हुए थे, ऐसी की ठंडी हवा हमारे गर्म बदनों को ठंडक पहुंचा रही थी। दो बहुत खूबसूरत लड़कियां मेरे बगल में थी। अदीला के मादक बदन में पसीने की हल्की बूंदे उसकी मेहनत का बयान कर रही थी। अदीला 34, 30 ,36 का माप लिये हुए एक बहुत ही गर्म जिस्म की मलिका थी। उसका बदन गेंहुए रंगत लिए हुए था।
दूसरी तरफ पल्लवी 32,28 ,34 माप लिए हुए गोरे बदन की मल्लिका थी। उसकी चूत से कामरस बह रहा था। मैं मन ही मन अपनी किस्मत पर खुश हो रहा था।
दीवार घड़ी पर रात के 9 बजकर 45 मिनट हो रहे थे।
मैं- चलो अब मैं होटल चलता हूँ।
अदीला- अरे जनाब अभी कहाँ, अभी तो तुम्हारा लन्ड मेरी चूत में भी नहीं गया। ऐसा करो आज रात यहीं रुक जाओ, हम बहुत मस्ती करेंगे।
पल्लवी- हाँ अंकल रुक जाओ, ऐसा मौका बार बार नहीं आता, और वैसे भी होटल में कौनसा आपका बीबी इंतजार कर रही है ।
मैं भी सोचने लगा बात तो सही है, पता नहीं फिर कभी एक साथ दो चूत मिले या नहीं।
मैं- चलो मैं रुक जाता हूँ, पर अभी तो बहुत भूख लगी है।
अदीला- खाने की या चूत की।
हम सब हँसने लगे।
अदीला- अभी खाना बनाने लगेंगे तो बहुत टाइम लगेगा। मैं आर्डर कर देती हूँ। बोलो क्या खाओगे?
मैं- लाइट खाना आर्डर कर दो ज्यादा हैवी डिन्नर होगा तो चुदाई में कम मज़ा आएगा हाहाहाहा।
अदीला- चलो मैं ऑडर करती हूँ मेरा फोन दूसरे कमरे में है।
वो बिस्तर से उठी और नंगी ही चल पड़ी, उसकी मटकती हुई भरी भरी गाँड़ गज़ब ढा रही थी। मैं उसे ही घूर रहा था।
पल्लवी- अब उसकी गाँड़ को ही खा जाओगे क्या?
मैं- बस चले तो खा लूँ। अच्छा तू और अदीला पहले से ही इतने खुले हैं क्या सेक्स के बारे में?
पल्लवी- नहीं यार , हम थोड़ा बहुत बात कर थे, लेकिन आज तो अदीला का दूसरा ही रूप देखने को मिला।
मैं – अच्छा, मेरे लिये तो सपने का सच होने जैसा है, दो मस्त मस्त लड़कियों को एक साथ चोदना।
इतने में अदीला भी आ गई,
अदीला- कर दिया ऑर्डर, लगभग 40 मिनट लगेंगे।
मैं- अच्छा चलो तब तक मैं जरा नहा लेता हूँ।
पल्लवी- हाँ मैं भी ।
अदीला- अच्छा तुझे अब बाथरूम में भी चुदना है। चल जा।
मैं- तू भी आजा।
अदीला- नहीं मैंने आके शॉवर ले लिया था।
फिर मैं पल्लवी बाथरूम में घुस गए। हम में शॉवर ऑन किया, और दोनों शॉवर के नीचे आ गए। पानी के ठंडी ठंडी बूंदे हमारे बदन पर गिरने लगी। हम दोनों का चेहरा एक दूसरे के सामने था।
मैंने पल्लवी के होंठो पर अपने होंठ रख दिये और उसे किस करने लगा, उसके नुकीले स्तन मेरी छाती में गढ़ रहे थे। वो भी किस करने में पूरा साथ दे रही थी। हम लगभग 10 मिनट तक ऐसे ही किस करते रहे। मेरा लन्ड तो फिर खड़ा हो गया।
पल्लवी- चलो अभी नहा लेते है फिर तो पूरी रात पड़ी है।
मैं- मगर ये जो मेरा हथियार खड़ा हो गया इसका क्या?
पल्लवी- ये तो बड़ा बदमाश है ,
ये बोलते हुए पल्लवी ने मेरे लन्ड को धीरे से दबा दिया।
शॉवर से गिरते पानी से पल्लवी का चेहरा पूरा धूल गया था, बिना मेकअप की भी वो इतनी खूबसूरत लग रही थी, बिल्कुल मासूम सी।
मैं- रात को भी चोद लूँगा, पर अभी इस लन्ड को तो शान्त करूँ।
ये बोल कर मैंने पल्लवी को घुमा दिया और उसे झुकने के लिए बोला। पलव्वी नल को पकड़ कर झुक गई। मैंने अपना लन्ड उसकी चूत पर टिकाया और एक झटका दिया और लन्ड उसकी चूत में समा गया। उसके मुँह से सिसकी निकल गई।
मेरे ऊपर और पल्लवी के आधे शरीर पर पानी की बौछारें गिर रही थी। मैंने ज्यादा समय ना लेते हुए मैंने उसकी कमर को पकड़ा और जोर जोर से धके लगाने लगा।
वैसे मैं चाहता तो कंट्रोल कर सकता था, पर मैं जानबूझकर पल्लवी को चोद रहा था, ताकि जब बाद में मैं दोनों को एक साथ चोदो तो जल्दी ना झंडू।
पल्लवी- अंकल तुम तो बहुत तेज झटके दे रहे हो , आह अरे धीरे , आह अंकल मेरी जान लोगे क्या,
जब वो ऐसे बोल रही थी तो मैं और जोश में आ रहा था।पल्लवी को भी जोश आने लगा वो भी अपनी गाँड़ हिलाने लगी।
मैं- आह पल्लवी तू तो मेरी जान है, तेरी वजह से तो अदीला की भी चूत मिलने वाली है, तुझे तो मैं बहुत मज़ा दूँगा। तेरी चूत को लाल कर दूंगा।
पल्लवी- हाँ अंकल करदो मेरी चूत लाल, फाड़ दो आह आह यस, चोदू अंकल चोद दो मुझे।
मैं- यस बेबी यस ।
मैने लगभग 5-7 मिनट जोर जोर से धक्के लगाए और हम दोनों एक साथ झड़ गये।
फिर हम दोनों अच्छे से नहाए। फिर हम कमरे में आये तो देखा अदीला को नींद आ गई थी।
पल्लवी- लगता है सफर की थकान से नींद आ गई, चलो जब तक खाना आता है सोने दो। मैं भी ज़रा अपने घर फोन कर लूँ। आप बैठो मैं आती हूँ।
ये बोल के पल्लवी ने शार्ट और टीशर्ट पहनी और दूसरे रूम में चली गई।
अब मैं बिस्तर में बैठ गया, बगल में नंगी अदीला सो रही थी। मैं उसको निहारने लगा। कभी कभी किसी को खुदा फुरसत से बनाता है। अदीला भी वैसी ही थी। उसका बदन एक दम सही अनुपात में था, सारे उभार , शरीर का एक एक कोण सटीक था।
कहीं पर अतिरिक्त चर्भी नहीं थी फिर भी वो भरी भरी लग रही थी। नींद में वो सांस ले रही थी, तो उसकी छाती ऊपर नीचे वो रही थी। उसकी चुचे गहरी रंगत लिए थे।
उसकी चूत में कोई बाल नही था। उसकी चूत अभी भी गीली थी।
मैं इस बात से बहुत खुश हो रहा था कि अब कुछ देर बाद मेरा लन्ड इस चूत में घुसेगा।
मैंने अदीला के होंठो पर एक हल्का चुंबन जड़ दिया।
तभी दरवाजे की घण्टी बजी। शायद खाना आ गया था।
पल्लवी कमरे में आई और बोली- खाना आ गया है। मैं खाना लगाती हूँ आप दीदी को उठाओ।
फिर मैंने अदीला को उठाया।
अदीला- ओह मुझे नींद आ गई थी।
मैं (हंसते हुए) कोई बात नहीं है अब तू नए जोश से चुदाई करवाएगी।
फिर हम खाना खाने बैठ गए। अदीला मैं पूरे नंगे थे।
अदीला- अरे हम नंगे हैं और तूने कपड़े पहन रखे हैं चल उतार।
पल्लवी- जी दीदी।
फिर पल्लवी ने भी कपड़े उतार दिये।
फिर हम खाना खाने लगे, बीच बीच में हम एक दूसरे से छेड़छाड़ कर रहे थे। कभी मैं पलव्वी ,अदीला के बूबस दबाता ,कभी वो मेरा लन्ड पकड़ते।
फिर हमने खाना खाया और फिर लगभग आधा घण्टे टीवी देखा और गप्पें मारी।
फिर पल्लवी बोली – अरे दीदी आपने आइस क्रीम मंगाई थी मैंने फ्रीज़ में रखी थी। मैं देना ही भूल गई।
अदीला- अरे कोई नहीं वो मैंने किसी और काम के लिये आर्डर करी है।
हम दोनों उसको देखने लगे फिर उसकी आँखों और चेहरे के हाव भाव से हम समझ गए और हम मुस्कुराने लगे।
फिर हम बेड रूम में आ गए।
अदीला- पल्लवी तू बिस्तर पर लेट जा।
पल्लवी- जी दीदी।
अदीला- अभी तू मुझे बस अदीला बोल।
मैं – और तू मुझे नीरज बोल।
अदीला – ठीक है नीरज डार्लिंग।
पल्लवी बिस्तर पर लेट गई , उसने अपने सिर के नीचे तकिया लगा लिया।
अदीला- मैं अभी आती हूँ।
अदीला आइस क्रीम का बॉक्स और एक चम्मच लेके आ गई। उसने बॉक्स खोला और चमच्च से आइस क्रीम निकालकर उसने बहुत सारी आइस क्रीम ,पल्लवी के नाभि के आसपास और चूत पर मल दी।
उसने बॉक्स को एक तरफ रखा और उसने नाभि से चाटना शुरू कर दिया। पल्लवी ने आंखे बंद कर दी। उसने अपने होंठ दाँतो से दबा दिये। अदीला बड़े मजे से चाट रही थी, धीरे धीरे वो उसकी चूत की तरफ बढ़ी। अब वो पल्लवी की चूत में लगी आइस क्रीम को चाटने लगी। पल्लवी के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी। उसने चादर को अपनी मुठी में भीच लिया।
मैं अभी खड़े खड़े ये देख रहा था। मेरा लन्ड ये देख के खड़ा हो गया था। फिर अदीला ने मुझे देखा और मुस्कुराते हुए बोली- तू पल्लवी को आइस क्रीम नहीं खिलायेगा।
मैं समझ गया। मैंने आइस क्रीम निकाली और अपने लन्ड में मल दी। गर्म लन्ड में ठंडी आइस क्रीम । अब मैंने अपना लन्ड पल्लवी के होंठो पर रखा, पल्लवी मेरा लन्ड चुसने लगी। मैं इस तरह से पल्लवी के ऊपर था कि मेरा लन्ड उसके मुँह में था और मेरा चेहरा उसकी चूत की तरफ, उधर अदीला चूत में लगी सारी आइस क्रीम चाट चुकी थी ।
अदीला अब अपनी जीभ की नोंक से पल्लवी की चूत कुरेद रही थी।
मैं- अदीला तूने भी आइस क्रीम खाली , पल्लवी भी खा रही है मेरा क्या।
अदीला- ऐसा क्या अभी ले।
अदीला ने बहुत सारी आइस क्रीम ली और अपने मुँह में भर ली। फिर उसने अपना मुँह मेरे मुँह में रखा और मैं उसके मुँह से आइस क्रीम खाने लगा। ऐसा कुछ देर तक चलता रहा, कुछ आइस क्रीम पिघलकर पल्लवी के पेट पर गिर रही थी।
फिर अदीला ने उसके पेट पर गिरी आइस क्रीम को भी चाट लिया। फिर अदीला उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगी, उसने उसकी चूत की फाँके खोल दी और उस को जीभ से चोदने लगी।
मैने भी पल्लवी की चूत के ऊपरी हिस्से को चाटना शुरू कर दिया। पल्लवी अब ये दोहरा हमला बर्दास्त नहीं कर पाई , थोड़ी देर में उसका बदन हिलने लगा। वो मेरा लन्ड जोर जोर से चूसने लगी।
अदीला ने अपनी जीभ की रफ़्तार तेज कर दी, पल्लवी के सब्र का बांध टूट गया, और वो झड़ गई। अदीला ने उसका रस चाट लिया। जब पल्लवी जड़ी तो उसने कुछ पल के लिये मेरा लन्ड चूसना बन्द किया। उसकी आँखे बंद थी। अदीला खड़ी हुई।
अदीला- अब कोई मेरी चूत चाटेगा?
ये बोल के अदीला भी बिस्तर पर लेट गई। मैंने अपना लन्ड पल्लवी के मुँह से निकाला।
मैं- अभी चाटता हूँ तेरी चूत।
अदीला- एक बार पल्लवी को भी मेरी चूत को चाटने दे।
अदीला ने आइस क्रीम बॉक्स से आइस क्रीम निकाली, जो अब उतनी सख्त नहीं थी, थोड़ी पिघल गई थी। उसने आइस क्रीम अपनी चूत पर मल दी।
पल्लवी अब अदीला की चूत चाटने लगी। मैंने बॉक्स में बची हुई आइस क्रीम ली और अदीला के स्तनों पर मल दी। मैं अदीला के स्तन चाटने लगा। कभी मैं अपनी जीभ की नोक से उसके चुचे चाटता।
अदीला पर मदहोशी छाने लगी। वो अपने हाथ मेरे सिर पर फिराने लगी।
पल्लवी बड़ी लग्न से अदीला की चूत चाट रही थी। अब वो अदीला की चूत के दाने को चाट रही थी, कभी कभी वो उसके दाने को मसल देती।
कुछ देर बाद अदीला बोली- नीरज अब मुझे लन्ड चाहिए। मेरी चूत लन्ड के लिए तड़प रही है।
उसने मुझे नीचे लेटने को बोला।
मैं नीचे लेट गया, मेरा लन्ड छत को सलामी दे रहा था।
अदीला मेरे लन्ड पर बैठ गई। एक झटके में मेरा लन्ड उसकी गीली चूत की गहराई में गुम हो गया। अदीला के मुँह से मादक सिसकी निकली।
थोड़ी देर अदीला ने कोई हरकत नहीं की, वो मेरे लन्ड को अपनी चूत में महसूस कर रही थी। फिर वो झुकी और मुझे किस करने लगी। पल्लवी हम दोनों को देख रही थी। फिर वो आगे बढ़ी और मेरे अंडो को चाटने लगी । फिर वो अदीला की गाँड़ को चाटने लगी ।अब वो ऐसा ही करती रही, कभी मेरे अंडो को कभी अदीला की गाँड़ को चाट रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था।
मैं अदीला को और जोर से किस करने लगा। उसकी जीभ को अपने मुँह में लेता, कभी अपनी जीभ उसके मुँह में डालता। अब अदीला ने अपने चूतड़ धीरे धीरे हिलाने शुरू कर दिये। धीरे धीरे उसने रफ़्तार बढ़ा दी। पहले वो मुझ पर झुकी हुई थी अब वो सीधी हो गई , और मेरे लन्ड पर उछलने लगी।
अदीला- आह नीरज तेरा लन्ड बहुत मस्त है, मेरे अंदर तक जा रहा है। आह आह ।
मैं- अदीला जान तू तो बहुत मस्त है, तेरे बूबस देख कैसे उछल रहे हैं,( मैं उसके बूबस को दबाने लगा)
आज मेरा लन्ड तेरी चूत की बैंड बजायेगा।
अदीला- हाँ जब तेरा गर्म माल मेरी चूत में निकलेगा तो कितना मज़ा आएगा। आह तू तो बड़ा चोदू है रे।
उधर पल्लवी को इस पोजीशन में अदीला की गाँड़ चाटने में दिक्कत हो रही थी।
अब पल्लवी बिस्तर पर बैठ गई और हम दोनों को देखने लगी। अदीला अपने चूतड़ उछाल रही थी। मैंने पल्लवी को इशारा किया, वो मेरे पास आई मैं उसे किस करने लगा।
अदीला- ओह आह आह मैं झड़ने वाली हूँ, आह मैं झड़ने वाली हूँ। आह आह ।
थोड़ी देर में अदीला झड़ गई ।कुछ देर वो मेरे ऊपर ही लेट गई। फिर वो एक तरफ हुई ।
अदीला-तेरे लन्ड को क्या हुआ, ये तो झड़ने का नाम नहीं ले रहा।
मैं- होगा अभी , पहले दूसरी चूत को तो चोद लूँ।
फिर मैंने पल्लवी को नीचे लिटाया और उसकी टाँगों को अपने हाथों से ऊपर उठाया । फिर मैंने अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया। अब मैं धक्के लगाने लगा।
पल्लवी- अंकल आज तो मेरी चूत का बुरा हाल हो गया। कितना चोदेगा मुझे।
मैं- चुद ले अभी टाइम है तेरे पास।
पल्लवी- हाँ अंकल फिर तुझसे चुदने का मौका मिले ना मिले।
मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगा।
पल्लवी- आह आह और जोर से , आह आह , फाड़ दो मेरी चूत।
मैं – हाँ तेरी चूत को मैं लाल कर दूँगा।
मैं लगभग उसे दस मिनट तक चोदता रहा
पल्लवी – अंकल मुझे होने वाला है, प्लीज् जोर जोर से , यस , अंकल।
मैंने और तेज से झटके देना लगा, बेड भी आवाज़ करने लगा। अदीला हमे ही देख रही थी।
पल्लवी- आह आह मैं झड़ गई मैं जड़ गई,
पल्लवी झड़ गई, मैंने और तेज धक्के लगाये , एक मिनट बाद मैं भी झड़ गया। मैं पल्लवी के ऊपर ढेर हो गया।
अदीला भी आकर हमसे लिपट गई।
कहानी जारी रहेगी..
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