This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
बात उन दिनों की है, जब मैं अपने छोटे से कस्बे से शिफ्ट होकर एनसीआर में रहने लगा।
चूंकि किराए का फ्लैट तलाशने से लेकर जरूरत की चीजें खरीदवाने में मेरा दोस्त हर्ष हर समय मेरे साथ रहा, इसलिए हमारी दोस्ती स्वभाविक तौर पर गाढ़ी होती चली गई।
वैसे भी मेरी वाइफ नीना के एक करीबी रिश्तेदार से हर्ष के साथ बहुत अच्छे ताल्लुकात रहे, लिहाजा अपने साथ भी उनके बेहतर रिलेशन बनने लगा।
अब आते हैं सीधी बात पर!
दरअसल हमेशा से नीना की अदा और अंदाज ऐसा निराला रहा कि हर कोई उसे चोदने का सपना देखने लगता था। दूसरे नीना चाहती भी यही थी। दरअसल मैं दिन में अपनी मैडम को उनकी चुदाई के लिए पूरा समय नहीं दे पाता था और रात को बच्चों के चलते उनको समय मिल नहीं पाता था। ऐसे में संडे के संडे नीना को लंड के दर्शन हो पाते थे।
ऐसे में जब बच्चे स्कूल चले जाते और मैं आफिस, तब बेचारी नीना को अपनी उंगलियों के साथ बैंगन या खीरे से चूत में रगड़ घिस करके ही संतोष करना पड़ता था। बहरहाल बेचारी नीना उन दिनों लंड के लिए हमेश ही तड़प कर रह जा रही थी। यह बात वे पाठक बहुत आसानी से समझ सकते हैं, जो मेरी चुदकक्ड़ नीना बीवी पर लिखी गई पहले की कहानियां पढ़ चुके हैं। मेरी पिछली कहानी थी दौड़ पड़ी मेरी बीवी की चुदाई एक्सप्रेस
एक दिन रात को चुदाई करते समय मैंने नीना की दुखती हुई इस रग पर हाथ रख दिया तो वह कहने लगी- क्या करूं यार? तुम रहते नहीं और मैं दिन भर बच्चों से घिरी रहती हूं। जब वे सब स्कूल चले जाते हैं। तब थोड़ा बहुत सहला लेती हूं।
मैंने प्यार उसके बालों में उंगलियां फेरते हुए हर्ष का नाम सुझाया और बोला- मुझे पूछते हुए हर दो-चार दिन पर सुबह के समय आ ही जाता है या शाम को, तब बच्चे खेलने या ट्यूशन गए होते हैं। अगर उस समय किसी दिन हर्ष यहां आ जाए तो खींच दो साले को। एक बार उसके लंड की सवारी कर ली। फिर तो चूत सूंघते हुए तुम्हारे पास आएगा हर्ष। हां, इसके पहले एक दो-बार अदा जरूर ऐसी बिखेर दो, जिससे आगे की लाइन साफ मिले। मेरी बात पूरी होते ही जैसे नीना खुशी के मारे उछल पड़ी।
इस बीच एक घटना घटी, जिससे नीना की किस्मत ही खुल गई। मेरे एक कजिन हमारे घर आए हुए थे। रोज की तरह बच्चों के जाने के बाद मैं नहाने के लिए बाथरूम गया और नीना किचन के काम में जुट गई। मौके का फायदा उठाते हुए वे भाई साहब कपड़े कुछ इस तरह बदलने लगे, जिससे नीना को वे अपना लंड दिखा सकें। नीना को यह बात बहुत ही नागवार गुजरी और नीना ने उनको अपना तेवर दिखा दिया। इस घटना के तुरंत बाद पोल खुलने के डर से वे आनन-फानन में चले गए। जब तक मैं नहाकर वापस आया, वे जा चुके थे।
इस बीच मैं तैयार होने लगा और नीना मेरे लिए नाश्ता निकालने लगी। तब तक कॉलबेल बजी। मैडम ने दरवाजा खोला तो हर्ष सामने था। नीना के चेहरे पर अब तनाव गायब था और चेहरा खुशी के मारे दमकने लगा।
दरअसल हर्ष को डेस्कटॉप पर दो-एक घंटे का काम निबटाना था। मगर मेरे जाने की तैयारी देखकर हर्ष ने कहा- कोई बात नहीं भाई साहब, मैं शाम को आकर अपने काम निबटा लूंगा। आप शायद निकलकर रहे हैं। मैंने भी बड़े अपनेपन के अंदाज में कहा- अरे भई, मैं डेस्क टॉप लेकर आफिस नहीं जा रहा हूं। मैडम तो हैं ही। आप जब तक चाहें, अपने काम निबटाएं। चलते-चलते मैंने हर्ष के सामने ही नीना से कहा- तुम कोई टेंशन मत लो। इस तरह के लोग आते-जाते रहते हैं।
इस पर हर्ष ने मामला जानना चाहा तो मैंने नीना के लिहाज शार्ट कट में सब कुछ बता, ताकि नीना को अभी थोड़ी देर बाद जब हर्ष अकेले में मिले तो आगे बढ़ने का रास्ता बन जाए।
इसके बाद तैयार होकर मैंने नाश्ता किया। फिर फटाफट आफिस के लिए निकल गया। जाते समय नीना मुझे छोड़ने के लिए गेट तक आई तो मैंने मस्ती लेने के लिहाज से आंख मारी और धीरे से कहा- आज तो तुम्हारी लाटरी लग गई। जाओ, अपनी मुराद पूरी कर लो। चहकती हुई नीना ने मेरी पप्पी ली और बोली- मिशन पूरा होते ही तुम्हें फोन करूंगी।
कोई एक बजे होंगे कि मेरे मोबाइल पर नीना कॉल आई और हर्ष के साथ हुई उसकी चुदाई की शुभ सूचना मिली।
शाम को मैं घर वापस आया तो पता चला कि अपनी बच्चा टीम पड़ोस में किसी बच्चे की बर्थ-डे पार्टी में अभी-अभी गई है। उन्हें वापस आने में डेढ-दो घंटे लगेंगे। इस समय को नीना मेरे साथ खास पल की तरह एंज्वाय करना चाहती थी। तभी तो मैडम का ड्रेस सेंस से लेकर बाडी लैंग्वेज तक सब कुछ सेक्स से सराबोर नजर आ रहा था। मगर नीना को संतोष नहीं हुआ। इधर वह मेरे लिए चाय बनाने लगी और फटाफट ट्रांसपरेंट टाउन में सामने आ गई। वाव! माशाल्लाह! मादक चूचियों के लाइट ब्लैक निप्पल से लेकर चूत पर मखमली झांट के एक-एक बाल गिने जा सकते थे। दरअसल नीना आज की अपनी मदमस्त चुदाई की रनिंग कमेंट्री सुनाने के लिए बेताब हो रही थी और मैं काम की देवी अपनी इस प्यारी सी चुदैल बीवी के हवस की दास्तान सुनने को उतावला हो रहा था।
फ्रेश होने के बाद मैं सोफे पर बैठा ही था कि नीना चाय और कुछ स्नैक्स टेबल पर रखते हुए मुझसे लिपट गई और ढेर सारे थैंक यू के साथ चुम्माचाटी की बौछार करने लगी। इस बीच हम दोनों के बदन पर जो कुछ औपचारिक कपड़े थे, वे भी इधर-उधर गायब हो गए। अब नीना अपने से करीब पांच साल-छह साल छोटे गठीले जवान हर्ष के साथ अपनी चुदाई की दास्तान कुछ इस तरह बताने लगी।
जब तक नीना डोर लॉक कर वापस आई तो हर्ष पीसी ऑन कर काम करने की तैयारी में जुट गया था। मगर नीना कुछ ऐसे बनावटी गुस्से में दिखने लगी, जिससे हर्ष को पूछना पड़ गया कि हुआ क्या। आखिरकार वही हुआ, जो नीना चाहती थी। यानी बातचीत आकर सेक्स पर अटकी और चुदाई का प्रैक्टिकल शुरू हो गया।
हर्ष के बहुत कुरेदने पर नीना ने बोलना शुरू किया- यार, सेक्स में रिश्तों को कभी बदनाम नहीं करना चाहिए। देखो, सेक्स हमेशा खून के रिश्तों को बचाकर ही करना चाहिए। जो करीबी रिश्तेदारी या खून के रिश्तों में नहीं आता है, उसके साथ बिंदास सेक्स करो। कौन रोकता है? मगर अपनों के साथ विश्वासघात करो, यह मुझे बर्दाश्त नहीं।
नीना लगातार बोले जा रही थी और हर्ष चुपचाप सुनता रहा- ये जनाब आए थे, जो मेरे हसबेंड के कजिन हैं। मैं किचन के काम कर रही थी। यहां से टॉवेल ऐसे लपटने लगे, जिससे दिखा सकें कि इनके पास कुछ खास चीज है। अरे, मैं शादीशुदा हूं, बच्चे हैं। रोज रात को हसबेंड साथ में होते हैं। मैं कोई उसके लिए कोई तड़प रही हूं क्या? फिर मुझे खोलकर दिखाने का क्या मतलब?
तब तक हर्ष कंप्यूटर टेबल से उठकर सोफे पर नीना के बगल में बैठ चुका था और नीना का हाथ पकड़कर वह सांत्वना देने लगा- नहीं भाभी, आप अफसोस मत करो। मुस्कराओ, खुश रहो। आखिर मैं तो आपका फेमली फ्रेंड हूं। आपके खून के रिश्ते में नहीं आता हूं। आप अपना दर्द मुझसे खुलकर शेयर कर सकती हो।
इस बीच नीना भी भावुक होने का नाटक करते हुए हर्ष से बिलकुल चिपक गई। बताते चलूं, तब नीना करीब 36 साल की रही होगी और हर्ष 30 साल का। नीना मन ही मन इस बात से खुश थी कि आज उसे अपने से पांच-छह साल कम उम्र का हरियाणवी छोरा चोदेगा। उसके दिमाग में पहले से ही यह बात भरी हुई थी कि ओरिजनल हरियाणवी लोग चोदने में उस्ताद होते हैं। जिससे वह हर्ष की बांहों में आकर कमकसाने लगी थी।
ऐसे हालात में अब हर्ष भी खुद को रोकने में सक्षम नहीं रहा। जाहिर सी बात है, अपनी बांहों में एक मदमस्ती से सराबोर अधेड़ औरत को पाने के बाद भला किसका लंड आपे से बाहर नहीं हो जाएगा। इस अंतरंगता के दौरान ही हर्ष का एक हाथ नीना की ब्रा में भीतर तक घुसकर तहकीकात करने में जुट गया था और नीना भी सिसकारियां के साथ मस्ती करने लगी।
हर्ष भी कोई मामूली खिलाड़ी नहीं थी। बिना देर लगाए वह नीना को चुदाई के रन-वे पर दौड़ा दिया। नीना के मुताबिक, हर्ष का अंदाजे-सेक्स तो इतना गजब का है कि उसे गोल्ड मेडलिस्ट चोदूवीर कहना चाहिए। चूचियां पीने से लेकर चूत चाटने चूसने काटने की हर्ष के पास इतनी अपनी खुद की स्टाइल है, जिससे कैसी भी चुदक्कड़ औरत उसकी दीवानी हो जाएगी। उस दिन करीब दो घंटे में तीन राउंड चुदाई हुई और पोर प्ले बोनस में, जो नीना के लिए किसी जन्नत से कम नहीं था। इस चुदाई में नीना ने हमेशा-हमेशा के लिए हर्ष को अपना बना लिया।
यही वजह नीना आज भी बताती है कि अगर धरती कहीं स्वर्ग है तो बस यहीं हर्ष के फोरप्ले में। नीना ने बाद में मुझे बताया कि लंड के साइज से हर्ष थोड़ा मात खाता है। उसका लंड 6 इंच का है मेरे बराबर ही। तभी तो नीना उसे अपना सेकेंड हसबेंड मानती है। मगर फोर प्ले का बेताज बादशाह है हर्ष। आज भी मौका मिलते ही नीना उसे अपना शिकार बना लेती है।
मेरी नीना रानी जब बहुत खुश होती है तो कहती है- चोदते समय हर्ष उलट-पलट कर बहुत अधिक और बेहद सुंदर तरीके से चुदाई करता है। अब तक फोर प्ले ऐसा कोई मास्टर मुझे नहीं मिला।
मजे की बात यह है, हर्ष की चुदाई मजा लूटते हुए नीना को करीब 15 साल हो गए, मगर मेरी नीना जैसी चुदैल भी आज तक हर्ष से बोर नहीं हुई। यह बात अलग की है कि तगड़े लंड की लालच में उसे कभीकभार इधर-उधर मुंह मार लेना पड़ा पड़ता है।
प्रिय पाठको, आपको मेरी स्वीट डार्लिंग नीना की चुदाई का यह किस्सा कैसा लगा? आप प्रतिक्रिया देना न भूलें। प्रतिक्रिया मिलने पर ही मैं अगली कहानी लिख भेजूंगा। आपका अपना ही दोस्त रितेश शांडिल्य [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000