बीपीएल राशनकार्ड बनवाने की फीस

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हैलो दोस्तो, मेरा नाम अजय है. मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. आज मैं आपके सामने अपनी अगली कहानी पेश कर रहा हूँ. ये कहानी किसी दूसरे लेखक/पाठक ने मुझे भेजी है. जिसने मुझे ये कहानी भेजी है, वो एक आंटी है, उसने अपना नाम भी बताया है, लेकिन मैंने इधर उसका नाम बदल दिया है. आंटी का नाम सुजाता है, उसकी उम्र 38 साल की है और उसका फिगर साईज 34-28-38 का है. सुजाता दिखने में भी बहुत सुंदर है और गांड बहुत मोटी है. आंटी का एक दोस्त था. उसका नाम अजय था, ये नाम भी बदल कर अपना नाम दे दिया है. अजय की उम्र 47 साल की थी. अजय की दोस्ती रमेश नाम के एक बहुत बड़े नेता से थी. रमेश की उम्र पचास साल की थी.

अजय को जब जब टाइम मिलता था, तब तब वो सुजाता की चुदाई करने आ जाता था, लेकिन आज तक सुजाता ने और किसी दूसरे का लंड नहीं लिया था.

सुजाता एक दिन अजय से कहने लगी- आप अपने दोस्त रमेश से मिले हैं? अजय ने बोल दिया- हां मिला था. क्या तुमको उससे मिलना है? सुजाता- मुझे अपना बीपीएल राशनकार्ड बनवाना था. अजय ने आँख दबाते हुए कहा- तुम जानती हो, बीपीएल राशनकार्ड कैसे बनता है? सुजाता ने झुक कर अपनी चूचियों को हिलाया और कहा- हां, मुझे सब मालूम है.

अजय ने उसकी इस अदा पर एकदम से झपटते हुए सुजाता को अपनी बांहों में भर लिया और कहा- वाह मेरी रन्नो, आज तो पूरे मूड में दिख रही हो.. चक्कर क्या है. सुजाता ने भी अजय को चूमते हुए कहा- आजकल यही जमाना है, गिव एंड टेक … मेरे पास जो है वही तो दे सकती हूँ. वैसे मुझे नेतागिरी के चक्कर में पड़ने का कोई शौक नहीं है. यदि तुम बिना गिव एंड टेक के मेरा काम करवा दो तो ये मेरे लिए और भी अच्छा होगा. अजय ने कहा- नहीं रे … रमेश भी तेरे साथ मस्ती करने की बात मुझसे एक दो बार कह चुका है, पर मैंने ‘तेरा मूड नहीं है.’ बोल कर उसे टरका दिया है.

इतनी देर में सुजाता एकदम नंगी होकर बिस्तर पर जंग छेड़ने को तैयार हो गई उसने अपनी चूत खोलते हुए अजय से कहा- चल डाल दे और उसको भी कह देना के वो भी अपने मन की कर ले. साथ ही मेरा बीपीएल राशनकार्ड भी बनवा दे.

अजय ने लंड पेला और धकापेल चुदाई चालू कर दी. दस मिनट बाद दोनों संतुष्ट होकर अलग हो गए. अजय सुजाता के घर से चला गया.

इसके बाद अजय ने उसी दिन देर शाम को अपने दोस्त को फोन किया और बोला- सुजाता को तुमसे मिलना है, उसे तुमसे अपना राशनकार्ड बनवाना है. रमेश ने हंस कर बोला- हां कल मिलने का रख ले ना, अपने गेस्टहाउस में मिल लेते हैं. उसने ये कह कर फोन काट दिया.

दूसरे दिन शाम को सुजाता और अजय गेस्ट हाउस में रमेश से मिलने चले गए. वहां पर रमेश अपने रूम में लेटा हुआ था. सुजाता और अजय अन्दर गए. वे सब वहां मिलकर बात करने लगे. रमेश ने दारू की बोतल उठाई और सुजाता से पैग बनाने को बोला. सुजाता ने दो गिलास भरे तो रमेश ने कहा- अरे, अजय के लिए भी बना न! सुजाता- ये आपके और अजय जी के लिए ही तो है.

रमेश ने सिगरेट सुलगाते हुए एक ठहाका लगाया और बोला- और तू क्या सूखी सूखी होली खेलेगी? चल एक और बना.. और हां पहला वाला तगड़ा बनाना. सुजाता पीती तो थी, पर वो सकुचा रही थी, उसने कहा- मैं पीने के बाद घर कैसे जा पाऊंगी? रमेश ने सुजाता को अपनी गोद में खींचा- अले मेली छोना को घल भी जाना है.. आज की रात तो राशनकार्ड पूरा बनेगा. फिर सुबह जाने की सोचना. सुजाता ने कुछ नहीं कहा और वो जाम बनाने लगी.

कुछ देर दारु का दौर चला तो अजय सुजाता के चरित्र के बारे में बोलने लगा कि सुजाता एक अच्छे चरित्र की महिला है, वो तो सिर्फ आपके व्यवहार से खुश हो गई थी, इसलिए उसने आपसे मिलना स्वीकार कर लिया है, वर्ना राशनकार्ड बनवाना तो आजकल बांए हाथ का काम है. रमेश खुश हो गया. ये सब बात करते-करते अजय बोलने लगा- मैं बाहर से आता हूँ. आप दोनों एन्जॉय कीजिएगा. अजय ये कह कर बाहर चला गया.

रमेश और सुजाता एक दूसरे से चिपक कर दारू पीते हुए बात करने लगे. रमेश ने सुजाता को कहा- तुम बहुत हॉट लगती हो. सुजाता बोलने लगी- तुमको किसने बोला है? रमेश बोलने लगा- मेरे को सब मालूम है अजय का और तुम्हारा क्या लफड़ा रहता है. यह कहते हुए रमेश ने सुजाता का दूध पकड़ लिया. सुजाता बोलने लगी- रमेश.. प्लीज़ धीरे से करो प्लीज़.

इतने में अजय अन्दर आ गया था. सुजाता अजय को बोलने लगी- रमेश जी को तुमने क्या बोला है मेरे बारे में? अजय बोलने लगा- दोस्ती की बात दोस्तों ही को तो बोलते हैं यार. रमेश जी बोलने लगे- दोस्ती में तो सभी खुला होता है. अजय बोलने लगा- मैंने रमेश को तुम्हारे बारे में सब बोल दिया है.

ये सुनते ही रमेश जी ने सुजाता का हाथ पकड़ लिया और अपनी तरफ खींचा. सुजाता झटके से रमेश की गोद में आ गिरी, रमेश झट से सुजाता के मम्मों को दबाने लगा. सुजाता ‘नहीं नहीं’ बोलने लगी. मगर वो छूटने की कोशिश भी नहीं कर रही थी. अजय यह सब देख रहा था.

रमेश अब बिल्कुल आटा गूंथने के जैसे सुजाता के मम्मों को मसलने लगा. अब सुजाता को मजा आ रहा था. उसने खुद को ढीला छोड़ दिया और अपने मम्मों को मसलवाने का मजा लेने लगी. दरअसल अब तक वो दारू के नशे में मस्त हो चुकी थी.

तभी रमेश ने सुजाता की ब्रा को खोल दिया और उसके एक चूचे को अपने मुँह में भरके चूसने लगा. अब तो सुजाता भी पागल होने लगी थी और अपने हाथ से अपना दूध पकड़ कर रमेश को पिलाते हुए कहने लगी- और चूसो प्लीज. वो मानो पागल हो गयी थी और मुँह से ‘आय यस स्श्ह इह्ह उऔऔ इह्ह उऔ ऊया औ उहिही उहू..’ की आवाज निकाल रही थी. वो मस्ती में अपनी गांड उछालने लगी थी.

अजय सामने बैठ कर ये सब देख कर मजा ले रहा था.

रमेश ने अब धीरे-धीरे अपनी स्पीड तेज की और सुजाता के मुँह से भी उतनी ही तेजी से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ निकलने लगा.

फिर रमेश ने सुजाता की साड़ी उतार दी. अभी सिर्फ सुजाता पेटीकोट में रह गई थी. अब अजय भी सुजाता के पास उसके बाजू में आ गया था. तभी अजय गुस्से में बोला- साली रंडी हरामजादी, चल अब यूँ ही घुटनों के बल बैठकर कुतिया जैसे चलकर मेरे पास आती है.

जब सुजाता घुटनों पर बैठी, तो बिना ब्रा के उसके दोनों चूचे बाहर को लटक कर मस्ती से झूलने लगे. ये सीन देख कर अजय और रमेश जी ने अपनी अपनी पैन्ट खोल दी. अब अजय और रमेश जी दोनों के लंड खुलकर सुजाता के सामने आ गए. सुजाता अजय का लंड मुँह में ले कर चूसने लगी. साथ ही रमेश जी के लंड को हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी. बारी बारी से सुजाता दोनों का लंड चूस रही थी. दोनों लंड सुजाता के गले तक जा रहे थे और सुजाता के मुँह से पानी निकल रहा था.

अजय और रमेश जी को दोनों को मजा आ रहा था और सुजाता जोर-जोर से मजा ले कर लंड चूस रही थी. दोनों ने सुजाता के मुँह में लंड का पानी निकाल दिया, सुजाता बाथरूम में में जाकर अपना मुँह साफ करने लगी. इतने में अजय अन्दर आ गया और उसने सुजाता की गांड पर हाथ रख दिया और सुजाता की गांड के छेद पर लंड सैट करके एक जोर का धक्का दिया, तो उसका पूरा मोटा काला लंड सुजाता की गांड को चीरता हुआ अन्दर घुस गया.

सुजाता चीखने लगी और ‘आआ.. ईईईईईइ.. ऊऊफ़्फ़्स्स..’ चिल्लाने लगी. लंड घुसाने से उसकी दर्द के मारे चीख निकल गई- आऐईईइ ऊऊऊ ऊऊऊऊ. अधिक दर्द के कारण सुजाता गाली देने लगी- मादरचोद मार दिया … भोसड़ी के गांड में मत कर … दर्द हो रहा है.

अजय और जोर-जोर से गांड में लंड घुसेड़ने लगा. पूरे बाथरूम में फच फच की आवाजें आने लगीं. कुछ देर गांड मारने के बाद अजय ने अपना लंड का पानी सुजाता की गांड के अन्दर ही निकाल दिया. फिर अजय और सुजाता बाथरूम से बाहर निकले.

अब रमेश जी बाहर बैठे हुए थे.

वे सुजाता को नंगी देख कर बोलने लगे- आज मुझे भी तुम्हारी चुदाई करना है, तुम जो बोलगी, वो लाकर दूँगा. सुजाता के मन में पता नहीं क्या आया, वो बोलने लगी- रमेश जी आपका हक है … आप जो चाहोगे, मैं आज आपके लिए वो करूँगी. रमेश जी ने सुजाता को अपने पास बुलाया और सुजाता को बोलने लगे- मेरे लंड के ऊपर बैठोगी तुम?

सुजाता रमेश जी लंड के ऊपर बैठ गई. रमेश जी लंड खड़ था, सीधा सुजाता की चूत के अन्दर घुस गया और सुजाता एक बार को सिहर गई लेकिन उसने जल्दी ही पूरा लंड खा लिया.

लंड घुसेड़ने के बाद में रमेश जी अपनी तरफ से ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगे. उधर सुजाता भी गांड उचकाते हुए लंड पर कूद कूद कर चुदने का मजा लेने लगी.

इस चुदाई में उन दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था. फिर कुछ देर बाद सुजाता भी नीचे से अपने कूल्हों को और तेजी से उछाल उछालकर लंड लीलने लगी. उसे तेज उछलता देख कर रमेश जी भी उसकी चुदाई करने के लिए काफ़ी तेज झटके मारने लगे.

पन्द्रह मिनट तक लगातार झटके मारने के बाद सुजाता झड़ गई. उस दिन सुजाता की तीन बार चुदाई हो गई और सुजाता रमेश काफ़ी देर तक ऐसे ही नंगे पड़े रहे.

एक घंटे बाद उसने रमेश जी उठाया और अजय व सुजाता ने कपड़े पहने. उसके बाद सुजाता और अजय वहाँ से चले गए. अब रमेश जी को जब जब टाइम मिलता है, तब तब वो सुजाता को बुला लेते हैं और चुदाई का भरपूर मजा करते हैं.

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