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मेरे प्यारे भाइयो आज मैं आप को अपनी आप बीती सुनने जा रहा हूँ, जो इस लोग ड्डाउन मे मेरे साथ हुआ। आप को जान कर बहुत ख़ुशी होगी, वैसे मै भाभियो का बहुत ही शौकीन हूँ। अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ, मेरा नाम संजय है मेरी लंबाई लगभग 5 फ़ीट 7 इंच है। मेरे गोल चेहरा और हँसने पर गाल में गड्ढे हो जाते है।
जो मेरी मुस्कान को सब को आकर्षित करता है। मैं दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहता हूँ, और लेकिन मेरा पूरा परिवार इस समय घर पर चले गए है। मेरे नीचे किरायेदार रहते है।
जो कि भाई जी डॉक्टर है और भाभी जी घर पर ही रहती है। उनका 1 छोटा बेटा है वो अभी 3 साल का और भाभी जी बहुत सुंदर है। उनके रूप का क्या वर्णन कर सब कुछ अलग हि है, उनके बाल बहजत ही सुन्दर और बढ़े है और उनके गाल क्या बात है लाल टमाटर की तरह और उनके होंठ मानो कोई गुलाब है।
औऱ उनकी मुस्कान मानो आसामान से बिजली गिरा रही है। 1 दिन की बात है, मैं रूम पर खाना बना रहा था और हल्दी नही थी। तो मैं सोचा भाभी जी से ले लेता हूँ।
जब मैं नीचे उतारा तो भाभी जी नाइटी में थी, और उनकी नितम्ब जो कि बिल्कुल गोल गोल साफ समझ मे आ रहे थे। मैन भाभी से कहा – भाभी जी हल्दी है क्या?
भाभी – हाँ आप बैठो, मैं देती हूँ।
मैं – भाई साहब अभी नही आये क्या?
भाभी – नही वो पिछले कुछ दिन से कॅरोना के चक्कर मे नही आ रहे है।
भाभी – मैंने चाय रखी है पी लीजिये।
मैं भी मन नही कर सका, क्योंकि मैं भाभी की कोई बात नही ताल सकता था। फिर मैं बैठ गया और भाभी चाय लाई, हम दोनो चाय पीने लग गये। तो भाभी ने मेरी बीबी के बारे में पूछा।
मैं – भाभी अच्छा फंस गया, मैं तो न इधर का रहा न उधर का।
भाभी – मेरा नाम बबिता है और तुम मुझे बबिता बुला सकते है।
मैं – ठीक है।
आज मुझे ऐसा लग रहा था, कि मानो भाभी मुझे कुछ कहने वाली है। उनकी बातों से मुझे ऐसा हि लगा रहा था।
भाभी – खाना नही बनाया है तो यही खा लो, मैं भी अकेले बोर हो रही हूँ।
मुझे तो ऐसा लगा कि जैसे प्यासे को पानी नही पूरा कुआ मिल गया हो। मैं बोला – ठीक है।
फिर मैं चाय पी कर ऊपर आ गया, फिर 9 बजे मेरे गेट की गंटी बाजी। मैंने गेट खोला तो भाभी गेट पर खड़ी थी।
भाभी – खाना तैयार है आप आजायिए।
मैं गया तो उनका बच्चा सो रहा था, ओर भाभी ने ऊपर भी कुछ नही पहना था। उनकी बूब्स दाये बाये नाच रहे थे, वो खाना ले कर टेबल पर रख देती है, ओर वो बोली – चलिए शुरू करते।
बातो ही बातों में लगा की बबिता अपने पति से खुश नही है, तो मैंने पूछ ही लिया तो भाभी बोली।
भाभी – उनके पास समय ही नही है, जब देखो कही न कही बिजी रहते है।
मैं – कोई नही भाभी मैं हूँ न।
तो वो गुस्से से बोली – फिर भाभी मैंने कहा ना बबिता कहा करो।
मैं – ठीक है, आज मैं आप को खुश कर दूंगा।
वो मुझे ऐसे देख रही थी, मानो खाना नही वो मुझे हि खा जाएगी। फिर मै बोला – अगर आपको को बुरा लगा हो तो माफ़ी चाहता हूँ।
भाभी कुछ नही बोली और हम दोनों खाना खाने लग गये। जब मैं जाने लगा तो वो बोली – ऐसे थोडी बोलते है जैसे आप ने कहा।
फिर मैंने समझ गया, कि भाभी जी का मन मैरे ऊपर आ गया हैं।
मैं – ठीक है आज मैं यही रुक जाता हूँ।
मैं बबीता को उठा कर उसके कमरे में ले गया, और उसकी नाइटी को मैंने उतार दिया। क्या सीन था मैं दंग रह गया उसका फिगर 34-30-32 था। उसके बूब्स इतने टाइट थे कि डॉक्टर साहब ने सच में कुछ नही किया था।
फिर मैं उस पर टूट पड़ा मानो किसी शेर को हिरण मिल गई हो, मैं दोनो हाथों से उसके बूब्स को दबाना शुरू हो गया। उसके बूब्स बहुत ही टाईट थे, मुझे कसम से काफी मजा आ रहा था।
मैं उसके बूब्स ऐसे पी रहा था मानो मुझे अमृत रस मिल गया हो, कुछ देर बाद उसकी सिसकारियां निकलनी शुरू हो गई। अब उसको मजा आने लगा और उसके मुहं से आह ऊऊऊऊठह कि आवाज निकलने लग गयी।
भाभी – अपने कपड़े उतार दो।
मैं – आप हि उतार दो।
मैंने लोवर पहन रखा था, और उसने जेसे ही लोवर उतारा मानो उसको करेंट लग गया हो।
भाभी – इतना बड़ा।
मेर लंड देख कर उसकी आँखें जैसे निकलने वाली हो गयी थी, और मैने बोला – कुछ नही तुम इसको मुह में लो।
भाभी – नही ऐसा नही अच्छा नही लगता है।
मैं – लो तो सही मजा आएगा।
तो उसने हल्का से मुहं में लिया और वो बोली – ये बहुत बड़ा है मैं इसे नही ले सकती हूँ।
फिर वो मेरे लंड को ऊपर से ही जीभ से ही चाटने लग गयी, अब मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने उसको लिटा दिया और उसको ऊपर से नीचे तक जीभ लगा कर चाटन शुरू कर दिया। अब मैं उसके पेट तक पहुँच गया था, पर तभी उसने मुझे रोक दिया और वो बोली – नही नीचे नही।
मैं उसकी चूत देखने लग गया था, और मैं सोच रहा था कि डॉक्टर ने कुछ किया ही नही है वो तो बिल्कुल कुँअरि लग रही थी। मैने उसकी एक न मानी मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया।
अब भाभी जोर जोर से सिस्कारिय भर रही थी, अब उस से भी रहा नही जा रहा था।
भाभी – अब अपना लंड मेरी चूत में डालो।
फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा, और जोर से धक्का दिया उसकी चूत में मेरा आधा लण्ड घुस गया। अब वो दर्द से कराह उठी मैने अपना लण्ड निकल लिया।
अब उसे थोड़ा आराम मिला मैं उसके बूब्स चूस रहा था, अब मैंने फिर एक बार लण्ड उसकी चूत पर लगा कर धक्का मारा। साथ हि मैं उसके बूब्स को चूस रहा था।
कुछ देर बाद उसको मजा आने लग गया और वो बोली – और करो शादी के बाद आज पहली बार मजा आ रहा है, आह आह्ह और करो बहुत मजा आ रहा है।
फिर उसकी चूत से पानी निकाल रहा था, जिससे कि पूरे कमरे में फचफचफचफच कई आवाज आ रही थी, मैं भी निकलने वाला था मैं ने अपनी रफ्तार तेज कर दी कुछ ही देर में मैं भी झड़ चुका था।
हम दोनों पसीने पसीने हो गए थे, कुछ देर बाद हम दोनो अलग हो गए। फिर हम दोनी ने पानी पिया और आराम करने लग गये। मैं जाने लगा तो बोली – आज रुक जाओ अभी और करना है।
फिर दोनों एक बार और किया, और उसके बाद तो भाभी मुझसे रोज सुबह शाम दोनो टाइम चुदती है।
मेरी कहानी आपको कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताएं।
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