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चुत की रानियों और ठरकी सज्जनों को मेरा प्रणाम। मैं टोनी, सोनीपत हरियाणा से एक बार फिर अपनी दूसरी कहानी लेकर आप लोगों की सेवा मे हाजिर हूँ। मेरी पहली कहानी चाची की कामवासना और सेक्स को भरपूर प्यार देने के लिए आप लोगों का तहदिल से आभार। आप लोगों के आग्रह पर मैं ये मेरी दूसरी सच्ची कहानी लेकर आया हूँ। आशा है कि आप लोगों को ये भी जरूर पसंद आएगी।
हालांकि कुछ लोगों ने मेरी पहली कहानी को फेक भी कहा तो उन लोगों को को कहना चाहूंगा कि मैं एक एक करके हर किसी को कोई सबूत तो दे नहीं सकता अगर आपको फेक लगती हैं तो मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता। चलो अब आते हैं मेरी दूसरी सच्ची कहानी पर।
जैसा कि मैं आप लोगों को पहले ही बता चुका हूं कि मैं बहुत ही कामुक किस्म का लड़का हूँ। जहाँ भी जाता हूँ कैसे न कैसे करके कहीं से चुत का जुगाड़ हो ही जाता है। तो आइए अब आपको मैं मेरी कहानी से रूबरू करवाता हूँ। बात 2014 की है। ग्रेजुएशन में बी.टेक करने के बाद मैं नौकरी ढूंढ रहा था तो मैंने कई नौकरियों की वेबसाइट्स पर अपना बायो डेटा डाल रखा था। एक दिन गुरुग्राम की किसी कंपनी से मेरे पास कॉल आया और बताया कि कम्पनी में भर्ती के लिए इंटरव्यू जनकपुरी के किसी काम्प्लेक्स में चल रहे हैं। उनसे मैंने इंटरव्यू की जगह पता की और अगले दिन सुबह तैयार होकर इंटरव्यू देने चला गया।
वहाँ जाकर मैंने देखा कि मैं जल्दबाजी में अपना रिज्यूम निकलवाना भूल गया। वहां पास ही एक फ़ोटोस्टेट की एक दुकान थी, मैं वहां अपना रिज्यूम निकलवाने गया। जैसे ही मैं दुकान में पहुँचा तो वहाँ एक सांवले रंग की 19-20 साल की लड़की बैठी थी। गहरी आंखें, सुर्ख लाल होंठ, पतला जिस्म, खड़ा हुआ नाक सब मिलकर कयामत ढा रहे थे।
उसको मैं ऊपर से नीचे निहार ही रहा था कि उसने एकदम मुझसे पूछा- क्या काम है आपको? मैं अपनी काल्पनिक दुनिया से बाहर निकला और उसे बताया कि मुझे अपना रिज्यूम अपनी मेल आईडी से निकलवाना है। उसने बताया कि उसका भाई अभी बाहर गया है और वो बस फोटोस्टेट और प्रिंट करना ही जानती है।
क्योंकि मैंने बी.टेक कंप्यूटर से ही किया है तो मैंने बताया कि ये ईमेल से निकालना मुझे आता है, ये मैं कर लूंगा। इतना कहने पर वो मुझे मना करने लगी लेकिन मैंने उसको मेरी पूरी समस्या बताई तो उसने प्रिंट निकालने के लिए हां कर दी। मैंने जल्दी से प्रिंट निकाला और उसको 100 रुपए का नोट दिया। क्योंकि सुबह का समय था तो उसने कहा कि अभी उसके पास छुट्टे नहीं हैं तो मैंने कहा- आप ये रख लो, मैं आते वक्त छुट्टे ले लूंगा. तो उसने कहा- आप आते वक्त ही पैसे दे देना!
और 100 का नोट मुझे वापस दे दिया। मैंने जल्दबाजी में उसे धन्यवाद कहा और जल्दी ही वहाँ से चला गया।
करीब 2 बजे मैं अपना इंटरव्यू देकर उसके पैसे देने वापस उसकी दुकान पर आया तो तब भी वही लड़की दुकान पर बैठी थी। मेरे आते ही उसने मेरे इंटरव्यू के बारे में पूछा। फिर मैंने उसको 100 का नोट दिया और उसने छुट्टे करके बाकी के पैसे मुझे दे दिए। बातों से वह बहुत खुशमिजाज लड़की थी। मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना स्वाति बताया। मैंने फिर उसकी मदद के लिए धन्यवाद कहा।
बातों बातों में उसने बताया कि यहाँ इंटरव्यू चलते रहते हैं तो मैंने हिम्मत करके उसका नम्बर मांगा। उसने नम्बर देने से मना कर दिया तो मैंने कहा- अगर आपको कोई जॉब का पता चले तो मुझे बता देना. तो उसने मुझसे मेरा नम्बर लिया और हां कर दी। फिर मैं उसको धन्यवाद कर वापस आ गया।
4-5 दिन बाद एक अपरिचित नम्बर से मुझे कॉल आयी। कॉल उठाते ही एक लड़की की मीठी सी आवाज मेरे कानों में पहुची। लड़की- हेलो टोनी? मैं- हां जी, आप कौन? लड़की- मैं स्वाति बोल रही हूं। याद है 4-5 दिन पहले आप यहाँ इंटरव्यू देने आए थे। मैं थोड़ा नाटक करते हुए- अरे हाँ, याद आया, कैसी हो स्वाति?
हाल-चाल पूछने के बाद उसने बताया कि उसने एक जॉब इंटरव्यू के लिए फोन किया है। उसकी किसी सखी ने उसको कॉल सेंटर की जॉब के बारे में बताया था जिसके लिए उसने फोन किया था। आप लोगों को मैं बता दूं मैं बहुत ही खुले दिल का और हँसी मजाक वाला बन्दा हूँ। मैं बातें बिल्कुल खुलकर करता हूँ और नए लोगों से भी ऐसे बातें करता हूं जैसे बहुत गहरी जान पहचान है।
जॉब की बातें होने के बाद मैंने उससे पूछा- यह नम्बर किसका है? तो उसने बताया कि ये उसका पर्सनल नम्बर है।
मैंने बातों ही बातों में उसको कहा- अगर कभी बातें करने का मन हो तो क्या मैं तुम्हे कॉल कर सकता हूँ। थोड़ी से शर्मा शर्मी से उसने हाँ कर दी।
अब हमारी अक्सर बातें होने लगी और हम अच्छे दोस्त बन गए। इसी बीच मेरी जॉब गुरुग्राम की एक कंपनी में लग गयी और मैं वह शिफ्ट हो गया।
एक दिन बातों बातों में उसने बताया कि 2 दिन बाद उसका जन्मदिन है तो मैंने उससे पार्टी के लिए बोला. तो उसने कहा- आकर ले लो। उस समय मेरी ड्यूटी नाईट शिफ्ट में चल रही थी तो मैंने उसको आने की हामी भर दी।
उसके जन्मदिन वाले दिन मैं सुबह अपने पी.जी आकर नहाया धोया और उससे मिलने जनकपुरी पहुँच गया। जनकपुरी मेट्रो पहुँचकर मैंने उसको फोन किया तो वहाँ वो अपनी बेस्ट फ्रेंड अंशिका के साथ मुझे लेने आयी।
वहां से हम एक कैफ़े में गए जहाँ हमने थोड़ा बहुत खाया पिया और उसको बर्थडे गिफ्ट जो कि मैंने एक दिन पहले ही ले लिया था, स्वाति को दिया। वो बहुत खुश थी।
मौका देखकर मैंने उसको अंशिका के सामने ही प्रोपोज़ कर दिया और उसने भी हाँ कर दी। नाईट शिफ्ट करने की वजह से मुझे बहुत नींद आ रही थी और रात को फिर जॉब पर जाना था तो 3 बजे मैं वहां से वापस अपने पी जी गुरुग्राम आ गया।
अब हमारी बातें हर रोज होने लगी थी और हम फोन पर एक दूसरे से सेक्स की बातें करने लगे थे। कुछ दिन मैंने उसको सेक्स करने के लिए कहा तो एक दो बार उसने मना किया पर मेरे जिद करने पर वो तैयार हो गयी।
2-3 दिन बाद उसने बताया कि उसके मम्मी पापा औऱ उसका भाई कुछ दिन के लिए रिश्तेदारी में शादी में जा रहे हैं। वो और उसकी छोटी बहन घर पर अकेली हैं तो मैंने उससे उसके घर आने को बोल दिया। स्वाति ने अपनी छोटी बहन को हमारे बारे में सब बता रखा था तो उसने भी हां कर दी।
आफिस से मैं 3 दिन की छुट्टी लेकर स्वाति से मिलने चला गया। रात को करीब 10 बजे मैं जनकपुरी मेट्रो पहुँचा तो स्वाति वह पहले से ही स्कूटी लेकर आई हुई थी। थोड़ी देर बाद हम उसके घर पहुँचे।
घर जाकर मैं नहाया धोया तब तक स्वाति और स्वीटी(स्वाति की छोटी बहन) ने खाना तैयार कर लिया था। हम तीनों ने साथ बैठकर खाना खाया। खाना खाकर थोड़ी देर हम तीनों ने कुछ देर बातें की। तब स्वाति ने बताया कि स्वीटी का भी बॉयफ्रेंड है और दोनों बहनें आपस मे फ्रैंक हैं।
बातें करते करते 12 बज चुके थे। मैं थका हुआ था तो मैंने आराम करने के लिए स्वाति को कहा। स्वाति मुझे उसके मम्मी पापा के बेडरूम में लेजाकर आराम करने को कहा तो मैंने उसको पकड़कर बेड पर गिर दिया और उसको किस करने लगा।
एक दो किस करने के बाद स्वाति बोली- मैं 5 मिनट में कपड़े चेंज करके आती हूँ, तब तक तुम आराम करो। ऐसा कहकर वो चली गयी.
पर मेरी रूह में आराम कहाँ … मैं ठहरा खुराफाती इंसान … मुझे तो बस उसको चोदने की ललक लगी थी।
10 मिनट बाद स्वाति ड्रेस बदल कर आई और आते ही दरवाजा बंद कर लिया। हल्का नीले रंग का गाउन पहने उसकी सांवली काया पर कयामत बरपा रहा था। उसको देखकर मैं अपनी सुधबुध खो बैठा औऱ एकदम उठकर उसको अपनी गोद में उठाया और उसके पतले रसीले होंठों पर किस करने लगा। हम दोनों पहले भी कई बार किस कर चुके थे तो शर्म हया कुछ थी नहीं। स्वाति भी मेरा खुलकर साथ दे रही थी।
फिर मैंने स्वाति को बेड पर लेटाया और उसका गाउन निकाल दिया, वो भी मेरे कपड़े निकलने लगी। उसने गाउन के नीचे काले रंग की पैंटी डाल रखी थी। तब तक उसने मेरी शर्ट और पैन्ट्स निकाल दी थी तो अब हम दोनों एक दूसरे के सामने बस अंडरवियर में थे।
अब आपको स्वाति के फिगर के बारे में बता दूँ, एकदम चिकनी देह, चूचे बस 30″ के ही होंगे, बिल्कुल पतली कमर और हिप्स का उभार करीब 34 का होगा जो किसी भी मर्द को पागल बना दे। उसकी शरीर से हल्की हल्की मादक खुशबू आ रही जो मुझे हर पल मस्त किये जा रही थी। उसकी नाजुक काया को स्पर्श करते ही मैं अपना आपा खो बैठा और भूखे भेड़िये की तरह उस पर टूट पड़ा। उसके होठों से होते हुए उसके चुचों पर जैसे ही मैंने अपनी जीभ से चाटा स्वाति का एक एक रोम खड़ा हो गया, वह आंखें बंद करके एकदम सिहर सी गयी। मैं समझ गया कि यह उसका पहली बार है।
उसके स्तनों को पीते हुए मेरा एक हाथ उसकी पैंटी के अंदर घुस गया। हाथ का स्पर्श होते ही स्वाति आह आह की धीमी धीमी आवाज निकलने लगी। कुछ ही देर में उसकी चुत गीली हो गयी जो मैं अपने हाथ से महसूस कर पा रहा था।
फिर मैंने बैठकर उसकी पैंटी को निकाल दिया। उसकी मखमली चुत पर एक भी बाल न था। ऐसा लग रहा था मानो चुत पर वेक्स करवा रखा हो। अब वो मेरे सामने एकदम नग्न थी। जैसा कि मैंने आपको मेरी पहली कहानी में बताया था कि मुझे सेक्स में चूत चाटना सबसे अच्छा लगता है।
स्वाति अभी आंखें बंद करके ही लेटी थी तो मैंने उसकी चुत के दाने पर अपनी जीभ रख दी। मेरे जीभ रखते ही स्वाति की चूत से रस बहने लगा और मैं उसके सारे रस को पी गया। मैं अब भी उसकी चुत को चाटे जा रहा था और स्वाति बिन पानी मछली की तरह छटपटा रही थी, जोर जोर से सिसकारियां भर रही थी, आहें भर रही थी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और मैं बिना रुके उसकी चूत को चाटे जा रहा था।
4-5 मिनट बाद फिर से उसकी चूत से रस की एक फुहार निकली और मैं फिर सारा रस पी गया। अब वो निढाल हुए पड़ी थी।
लेकिन मैं अब भी अपनी पूरी उत्तेजना में था, मैं उसके होंठों को फिर से चूमने लगा और वह भी मेरा साथ दे रही थी। अब मैंने खड़ा होकर अपना अंडरवियर निकाला और अपना 6 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लौड़ा उसके हाथ मे रख दिया। मैं पहले कई बार उससे हस्तमैथुन करा चुका था तो ये उसके लिए नया न था।
फिर मैंने उसको लण्ड चूसने के लिए बोला तो उसने मना कर दिया, मेरे कई बार कहने पर और मेरी कसम देने और वो बस एक बार मेरा लण्ड मुँह में लेने को तैयार हुई। उसने मेरे लण्ड का बस अगला हिस्सा अपने मुंह मे लिया और थोड़ी देर बाद बाहर निकाल दिया, वो बोली कि उसको ये अच्छा नही लगता तो मैंने भी उसे ज्यादा फ़ोर्स करना ठीक नहीं समझा।
क्योंकि हम दोनों ही गर्म हो चुके थे तो मैंने उसकी चुदाई करना ही ठीक समझा। मैंने उसको सीधा लेटाकर फिर से उसकी चुत पर अपनी जीभ रख दी. मेरे ऐसा करते ही वो फिर से मचल उठी।
मैं समझ गया कि वो अब चुदाई के लिए तैयार है। मैं बैठा और अपना लौड़ा उसकी चुत पर रखा औऱ आराम से घुसाने की कोशिश करने लगा। उसकी चुत टाइट होने की वजह से मेरा लण्ड अंदर घुस नहीं रहा था औऱ बस बाहर ही रगड़ रहा था। उधर स्वाति सेक्स में आहें भर रही थी।
फिर मैंने कोशिश करके अपना लण्ड उसकी चुत के मुँह पे रखा और जोर से धक्का मारा। मेरे लण्ड का टोप उसकी चुत के अंदर घुस गया और टोप अंदर घुसे ही स्वाति दर्द से चिल्ला उठी। मैंने उसके मुंह पर हाथ रखा और उसको शांत किया।
कुछ देर वैसे ही रहने के बाद मैं उसको किस करने लगा औऱ किस करते करते एक और धक्का मारा जिससे मेरा आधा लण्ड उसकी चुत में घुस गया।
क्योंकि मेरे होंठ उसके होठों पर थे तो वह चिल्ला तो न सकी पर उसकी आँखों से दर्द के आंसू निकल आये। कुछ देर मैं उसके ऊपर वैसे ही लेटा रहा और उसको किस करता रहा। कुछ देर बाद जब वह नॉर्मल हुई तो मैंने आराम से धक्के देना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद उसे भी मजा आने लगा और वो धीरे धीरे मेरा साथ देने लगी।
5 मिनट के सेक्स के बाद मैंने सारा माल उसके अंदर ही छोड़ दिया और उसके ऊपर ही लेट गया। जब मैं उसके ऊपर से उठा तो देखा कि उसकी चुत की किनारियों और मेरे लण्ड के टोपे पर हल्का हल्का खून लगा है। मैं समझ गया कि मैंने ही स्वाति को पहली बार लण्ड का स्वाद दिया है।
अब तक स्वाति नॉर्मल हो चुकी थी।पर उसे थोड़ी जलन महसूस हो रही थी। उस रात फिर हमने दोबारा सेक्स नहीं किया।
स्वीटी जो कि बगल वाले कमरे में सो रही थी, अगले दिन मुझ से मजाक में बोली- जीजा जी, आवाज थोड़ी ज्यादा ही आ रही थी कमरे से! यह सुनकर मैं और स्वाति एक दूसरे को देखकर हल्के हल्के मुस्कुराने लगे।
मैं वहाँ 2 दिन और रहा और अगले 2 दिन मैंने स्वाति की अलग अलग पोज़ में चुदाई की जिसमें उसने भी मेरा पूरा साथ दिया।
उसके बाद हमने बहुत बार सेक्स किया और फिर 6 महीने बाद अंशिका की वजह से हमारा ब्रेक अप हो गया।
तो यह थी दोस्तो, मेरी गर्लफ्रेंड की चुदाई की सच्ची दास्तान। आशा करता हूँ आप लोगों को जरूर पसंद आएगी। अगर कोई भी शंका या सवाल हो तो जरूर पूछिएगा। अगर आप मेरी और कहानियां जानना चाहते हैं तो मुझे मेल करके जरूर बताएगा, आपके सुझाव का इंतजार रहेगा और अगर कोई लेखन में त्रुटि हो तो क्षमा कीजिएगा। धन्यवाद। आपका दोस्त टोनी [email protected]
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