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मेरा नाम राज है. मैं दिल्ली शहर का रहने वाला हूँ. मैं अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज़ का नियमित पाठक हूं और इस साइट की लगभग हर कहानी पढ़ चुका हूँ. फिर एक दिन मेरे मन में विचार आया कि क्यों न मैं भी अपनी कहानी अन्तर्वासना के पाठकों तक पहुंचाऊं. कहानी लिखने में मुझे काफी समय लगा क्योंकि यह मेरी पहली कहानी है. इसलिए अगर कोई ग़लती आप लोगों को मिल जाए तो मैं उसके लिए आप सब से पहले ही माफी मांग लेता हूँ.
कहानी शुरू करने से पहले मैं आप लोगों को अपने बारे में कुछ बता देना चाहता हूँ. अगर लुक्स की बात करूं तो मैं देखने में काफी हैंडसम लगता हूँ. मेरी हाइट पांच फीट और आठ इंच की है. मेरा वजन 65 किलोग्राम है. अभी मेरी उम्र केवल 26 साल की ही हुई है. लेकिन देखने में उससे भी कम उम्र का ही लगता हूँ. जैसा कि बाकी कहानियों में पढ़ने को मिलता है कि 8 इंच के लंड, 9 इंच के लंड या फिर कुछ बकचोद तो 10 और 11 इंच के लंड भी लिख देते हैं. मैं तो अपना रीयल साइज बता रहा हूँ कि मेरा लंड 6.8 इंच का ही है. जब वह पूरा तन जाता है तो उसकी मोटाई 2.5 इंच के करीब हो जाती है. इतने साइज का लंड तो एक औरत की चूत की खुजली मिटा देने के लिए पर्याप्त होता है. मैं रंडियों की बात नहीं कर रहा, हां अगर डेली लाइफ में कोई इतने साइज का लंड लेगी तो उसकी प्यास आसानी से बुझाई जा सकती है.
अब मैं आपका ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए आप लोगों को अपनी कहानी बता देता हूँ. यह कहानी से आज से करीब एक साल पहले की है. ठरकी तो मैं भी शुरू से ही रहा हूँ इसलिए बस चूत के मिलने के इंतज़ार में रहता हूँ.
जहां भी चूत मिल जाती है मैं अपने लंड को तैयार कर लेता हूँ। मुझे चुदाई करने का बहुत शौक है. एक दिन मैं यूं ही बैठा हुआ सोच रहा था कि ऐसे बैठे रहने से तो मुझे नई चूतें नहीं मिलने वाली. इसलिए मैंने दिमाग लगाया और इंटरनेट का सहारा लिया. मैंने अपनी एक आइ-डी बना दी. उस पर मैंने लिख दिया कि जिस भी औरत को मेरी सर्विस चाहिए मुझे कॉन्टेक्ट करे.
मैं इतज़ार करता रहा लेकिन बहुत दिनों हो गए किसी का कोई फोन नहीं आया. मैंने सोचा कि क्या हो गया है आजकल की चूतों को? किसी को लंड लेने के लिए चुल नहीं मचती है. यहां लौंडा और लौड़ा दोनों तैयार बैठे हैं लेकिन चूत हैं कि मिल ही नहीं रही हैं. बहुत दिन हो गए इंतजार करते-करते, मैंने फिर उम्मीद छोड़ ही दी थी. मगर एक दिन मेरी किस्मत जागी और मेरे फोन पर मुझे एक कॉल आया. उसका नाम प्रीति(बदला हुआ) था. आवाज़ से काफी स्वीट सी लड़की लग रही थी.
अब इतना अंदाजा तो मुझे भी था कि एक जवान लड़की और एक बूढ़ी औरत की आवाज में कितना फर्क होता है. जब मैंने उसकी उम्र पूछी तो उसने अपनी उम्र 26 साल बताई. प्रीति के साथ मेरी कुछ बातें हुई जिसमें मुझे पता चला कि उसकी शादी हो चुकी है. वह दिल्ली की ही रहने वाली थी. उसके पति बिजनेस का कुछ काम करते थे. फिर उसकी बोल-चाल से मुझे लगा कि यह दिल्ली की तो नहीं लग रही. मैंने बातों ही बातों में उससे पूछा तो पता चला कि वह मूल रूप से मध्य प्रदेश की रहने वाली है.
फिर उसने ज्यादा बात नहीं की और हम काम की बात पर आ गए. मैंने उससे पूछा कि उसको मेरी सर्विस कहां पर चाहिए तो उसने बताया कि वह दिल्ली में ही मिलना चाहती है.
उसके बाद वह मेरी फीस मुझसे पूछने लगी. मैं यहां सोच में पड़ गया कि क्या बताऊं और क्या न बताऊं. अगर ज्यादा मुंह खोल दिया तो कहीं चिड़िया फुर्र न हो जाए. बड़ी मुश्किल से तो एक कस्टमर मिली है. अगर यह भी हाथ से निकल गई तो अगली पता नहीं मिलेगी या नहीं मिलेगी. और अगर मिल भी गई तो पता नहीं कितने दिन के बाद मिलेगी.
यहां मेरे दिमाग ने काम किया और मैंने बात उसी पर छोड़ दी. मैंने पलट कर उसी से पूछ लिया कि वह कितना दे सकती है. उसने कुछ पल सोचने के बाद बताया कि वह दो दिन की सर्विस के दस हजार रुपये दे सकती है. दस हजार सुनते ही मैं तो खुश हो गया. दो दिन में दस हजार मिल रहे हैं और क्या बच्ची की जान लेगा? मेरी वह पहली ग्राहक थी और पहली ग्राहक से दस हजार मिलना बहुत बड़ी बात थी.
उसके बाद मैंने दिन फिक्स करने के लिए कहा तो वह बोली- दो दिन बाद आ जाना. मैंने सोचा बाकी सारी चीजें तो पूछ ली लेकिन पता पूछना तो भूल ही गया. मैंने उसको फिर से फोन किया और उसके घर का पता पूछने लगा. उसने पता बताने से मना कर दिया. पता बताने की बजाय उसने मुझे मंडी हाउस के मैट्रो स्टेशन पर आने के लिए कह दिया.
मुझे कौन सा उसके साथ शादी करनी थी पता पूछकर, मैं भी झट से मान गया. उसने बोला कि मंडी हाउस पर पहुंचकर मुझे फोन कर लेना.
मेरे लिए तो यह दो दिन गुजारने ही मुश्किल हो रहे थे. वे दो दिन जैसे तैसे करके निकल गए. दूसरे दिन शाम को उसका फोन आया. मैंने नम्बर देखा तो प्रीति का ही फोन था. फोन उठाया तो उसने बताया कि वह मेट्रो स्टेशन पर मेरा इंतजार कर रही है. मैं हड़बड़ा गया. कस्टमर पहुंच गई और सर्विस देने वाला अभी तक घर पर ही पड़ा हुआ है. मैंने उसको बोल दिया कि मैं बस कुछ ही देर में मैट्रो स्टेशन पर पहुंच जाऊंगा. मैंने मैट्रो पकड़ी और मंडी हाउस की तरफ चल पड़ा. स्टेशन से बाहर आने के बाद मैंने उसको फोन किया. एक बार तो उसने मेरा फोन नहीं उठाया. मैं सोचने लगा कि कहीं इंतजार करते हुए बोर न हो गई हो और वापस चली गई हो. फिर मैंने दोबारा फोन किया तो उसने फोन उठा लिया.
मैंने उससे पूछा- कहां पर आना है? प्रीति ने मुझसे पूछा- तुम कहां पर हो? मैंने बताया- मैं तो यहीं मैट्रो स्टेशन के बाहर ही खड़ा हुआ हूं.
फिर उसने मुझे बताया कि रोड पर ग्रे कलर की कार खड़ी हुई है उसकी तरफ आना है. मैं कार के पास पहुंचा तो मेरे पास पहुंचते ही उसने शीशा खोल दिया. मैं तो उसे देखकर खुश हो गया. मस्त माल थी वह. कार में बैठा तो देखा कि उसने साड़ी पहनी हुई थी और आंखों पर काला चश्मा लगा रखा था. फिर हम दोनों से कार से चलने लगे. उसने होटल पहले से ही बुक करके रखा हुआ था.
कुछ ही देर में हम होटल में पहुंच गए. होटल भी काफी बड़ा था. जब वह कार से उतर कर होटल में अंदर जाने लगी तो मैंने उसकी फिगर को देखा. बहुत ही मस्त माल लग रही थी. उसको देखकर लग ही नहीं रहा था कि इसकी शादी भी हो चुकी है.
हम होटल में अंदर चले गए. उसका फिगर 34-28-34 का था और उसकी हाइट भी लगभग 5 फीट 6 इंच के करीब थी. होटल के रूम में पहुंचकर हम दोनों कुछ देर सामान्य बातें करने लगे और फिर वह उठकर बाथरूम में फ्रेश होने चली गयी. मैं वहीं बेड पर बैठा हुआ टीवी देख रहा था.
लगभग 15 मिनट के बाद वह बाथरूम से बाहर निकल कर आई और मेरी नजर उस पर गई तो मैं उसे देखता ही रह गया. उसने एक पतली सी झीनी सी नाइटी पहन रखी थी जिसके अंदर उसकी लैस वाली ब्रा और पेंटी साफ-साफ दिखाई दे रही थी. उसको देखते ही मेरा लंड तो टन्न से खड़ा हो गया. मेरी पैंट में लंड ने तंबू बना दिया और झटके देकर कहने लगा कि चोद दे इसकी चूत को. ऐसी चूत तो बड़ी किस्मत से मिलती है बहनचोद.
मैं उसको देखता ही रह गया. वह मेरे पास बेड पर आकर बैठ गई और मुझसे बातें करने लगी. जैसे ही वह मेरे करीब आई, मेरी तो हालत और खराब होने लगी. मैंने उसकी चूचियों को घूरना जारी रखा और वह मेरे साथ बातों में लगी हुई थी.
उसने पूछा- राज, तुम इस प्रोफेशन में कितने दिनों से हो? मैंने कहा- मेरी तो आप पहली कस्टमर हो मैडम. यह सुनकर वह खुश हो गई.
उसने कहा- तो क्या पहली बार किसी औरत के साथ सेक्स करने जा रहे हो? मैंने कहा- नहीं, सेक्स तो पहले भी काफी बार कर चुका हूँ लेकिन पहली कस्टमर तो आप ही बनी हो. मगर सेक्स करने का एक्सपीरियंस बहुत है मुझे. मेरी बात सुनकर उसके होठों पर एक लम्बी सी मुस्कान फैल गई.
फिर उसने मुझे अपने पास खींचते हुए कहा- तो फिर इतनी दूर क्यों बैठे हो? मेरे पास आओ, मैंने तुम्हें यहां टीवी देखने के लिए नहीं बुलाया है.
मैं सरक कर प्रीति के पास चला गया और उसने मेरे होंठों पर होंठ रख दिए. कुछ ही पल बाद हम दोनों के होंठ एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे. मेरा लंड तो पहले से ही तना हुआ था. प्रीति के होंठों का रस पीने के बाद तो मेरे लंड का कड़कपन और ज्यादा बढ़ गया. हम दोनों ही गर्म होकर एक दूसरे को बांहों में लेकर चूसने लगे. फिर मैंने उसकी नाइटी के ऊपर से ही उसकी चूचियों को दबाना और मसलना शुरू कर दिया.
उसने मेरे हाथ हटाते हुए कहा- इतनी भी जल्दी क्या है? कर लेंगे आराम से! कहकर वह मेरे होंठों को फिर से चूसने लगी. मेरा लौड़ा तो झटके मार-मारकर बेहाल हुआ जा रहा था. उसकी चूत को देखने के लिए तड़प रहा था बेचारा. मैं चाहता था कि बस इसकी चूत को जल्दी से जल्दी चोद दूं. लेकिन वह मुझे आगे नहीं बढ़ने दे रही थी. फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया. उसके हाथों को चूमा और उसके गालों पर किस किया. उसके कानों पर दांतों से काटने लगा.
वह थोड़ी और गर्म हो गई. उसके मुंह से हल्की-हल्की आवाजें निकलने लगीं. मैंने उसकी गर्दन पर चूमना जारी रखा और उसके कूल्हों को सहलाने लगा. मैं उसके बदन को गर्म करने में लगा हुआ था. फिर मैंने धीरे से उसके चूचों पर हाथ रख दिया. इस बार उसने मना नहीं किया और मैंने उसके चूचों को पूरा दबा दिया. उसके चूचे जल्दी ही टाइट हो गए. उसके चूचे तनकर मेरे हाथों में भर गए. मैं उसके चूचों को दबाने लगा. मसलते हुए उसके बदन को भी किस करने लगा.
उसके मुंह से कामुक आवाजें और ज्यादा तेज होना शुरू हो गईं. उसके बाद मैंने उसकी नाइटी को ऊपर उठाना चाहा तो मेरे हाथों को पकड़ कर रोक दिया. उसके चेहरे को देखकर तो लग रहा था कि ये पूरी गर्म हो चुकी है लेकिन अपने बदन तक मुझे पहुंचने से मुझे बार-बार रोक रही है.
शायद वह अपने दस हजार पूरे वसूल करना चाहती थी. इसलिए सब कुछ मजे लेकर करना चाह रही थी. फिर मैंने उसके पैरों को किस किया. उसके पैर काफी गोरे और मुलायम थे. आगे बढ़ने से पहले मैं यह जानने की कोशिश कर रहा था कि यह खुलकर सेक्स क्यों नहीं करना चाहती है.
कहानी का दूसरा भाग अभी शेष है. इस कहानी के बारे में अपने विचार आप मुझे नीचे दिये गए मेल पर बता सकते हैं. [email protected]
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