चॉल वाली चुदक्कड़ भाभी की गंदी चुदाई

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000

हैलो फ्रेंड्स! मैं कई सालों से अंतर्वासना का नियमित पाठक हूँ. अंतर्वासना की हर कहानी अपने आप में सेक्सी होती है. इसलिए यह मेरी पसंदीदा साइट है. आज मैं आप सबको एक नई और सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ. मैं इस कहानी का श्रेय अंतर्वासना वेबसाइट को ही देना चाहता हूँ क्योंकि अंतर्वासना की कहानियों से प्रेरित होकर ही मैंने एक भाभी को पटा लिया. आज उसी कहानी को मैं आप सबके साथ शेयर करने जा रहा हूँ.

अब अधिक समय व्यय न करते हुए मैं अपनी कहानी पर आता हूँ. मैं एक साधारण सा ही लड़का हूँ. मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच की है और लंड का साइज़ 9 या 10 इंच तो नहीं लेकिन 7 इंच तो कम से कम होगा ही.

बात उन दिनों की है जब हम मौहल्ले में खेलते थे, हमारी बिल्डिंग के सामने वाली चॉल में एक भाभी रहने आई. वह अपने पति के साथ ही रहती थी. उसका नाम ममता था. अगर मैं उसके बारे में बताऊं तो मुझे सबसे ज्यादा जो बात उसमें पसंद थी वह थे उसके स्तन जो करीब 36 के साइज़ के थे और गांड भी 36 से कम नहीं थी. उसको देख कर कोई कह ही नहीं सकता था कि यह साली 3 बच्चे पैदा कर चुकी है. हम सब दोस्त यही सोचते थे कि काश इसको चोदने का मौका मिल जाए. उसको चोदने की फिराक में तो हम सारे ही दोस्त रहते थे लेकिन मैंने अपनी तरफ से प्लानिंग शुरू कर दी थी. मैं भाभी को फंसाने की प्लानिंग करता रहता था.

उसका पति मार्केट में काम करता था. वह सुबह लगभग 3 बजे निकल जाता था और शाम को लौटकर आता था. मैंने एक दिन यही सब देखने में निकाल दिया कि वह किस टाइम घर से निकलता है और फिर वापस कब आता है. फिर मैं धीरे-धीरे भाभी के बच्चों को चॉकलेट देने लगा और इस बहाने भाभी के करीब जाने के बहाने ढूँढने लगा.

होते-होते भाभी भी मेरे साथ सहज हो गई. भाभी कई बार मुझे देख कर मुस्करा देती थी और मेरा दिन बन जाता था.

फिर एक दिन भाभी ने मुझे ऐसे ही बुला लिया. हम लोग बैठ कर बातें करने लगे. भाभी ने लाल रंग की साड़ी पहन रखी थी. भाभी के जालीदार ब्लाउज के नीचे उसकी लाल रंग की ब्रा की भी झलक मुझे दिखाई दे रही थी. जब मेरी नज़र भाभी की ब्रा पर पड़ी तो मेरे लंड ने भी अपना मुंह उठाना शुरू कर दिया.

वह अंदर से मेरे लिए पानी लेकर आई लेकिन इतने में उसका बच्चा भागता हुआ आया और उसने पानी की प्लेट पर हाथ मार दिया. पानी का ग्लास भाभी के ब्लाउज को भिगाता हुआ नीचे गिर गया. भीगे ब्लाउज में भाभी के चूचों के निप्पल की शेप भी उभर कर आ गई. भाभी ने बच्चे को डांटा और फिर मेरी तरफ देखा तो मैं उसके स्तनों को ही घूर रहा था. भाभी अपने पल्लू से अपने भीगे ब्लाउज को छिपाने की कोशिश करने लगी.

डांटने के कारण भाभी का बच्चा रोने लगा और उसे चुप करने के बहाने मैंने उसे पैसे देकर बाहर भेज दिया. भाभी अंदर अपने ब्लाउज को चेंज करने के लिए गई हुई थी. मैंने चुपके से दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया. मेरा लौड़ा भाभी के बारे में सोच-सोचकर तना हुआ था. मेरी पैंट में टैंट बना चुका था.

जब भाभी ब्लाउज बदलकर बाहर आई तो पूछने लगी- मुन्ना कहां गया है और ये कुंडी किसने बंद की है? उस वक्त मुझे पता नहीं कौन सा भूत सवार था, मैंने भाभी को अपनी बांहों में भर लिया और उसके बूब्स को दबा दिया. वह उचक कर एकदम पीछे हट गई और चिल्लाने लगी.

मेरी तो वहीं पर गांड फट गई. जोश-जोश में क्या कर बैठा. मैंने सोचा अर्णव आज तो तू फंस गया. फिर जो हुआ वह मेरी समझ के बिल्कुल बाहर था. भाभी अचानक से ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगी. हंसते हुए भाभी बोली- क्या हुआ मजनू..? गांड फट गई इतनी देर में? मुझे पता था कि तू मेरे ही चक्करों में घूम रहा है. मैं जानती थी कि तू मेरे बच्चों को चॉकलेट क्यों देता है. लेकिन मैं देखना चाह रही थी कि तेरी गांड में कितना दम है?

मैं भाभी की बात सुनकर हैरान था. कुछ देर तक मैं सोच में पड़ गया लेकिन भाभी के मुंह से ऐसी अश्लील बातें सुनकर मेरे अंदर भी हिम्मत आ गई थी. मैंने कहा- साली रंडी, तूने तो मुझे डरा ही दिया था. मवालियों वाली टोन में उससे कहा- आज तेरी चूत को ऐसे चोदूंगा कि वो लंड लेने से पहले कई बार सोचेगी.

मैंने भाभी को अपनी तरफ खींचा और पकड़ कर उसके गले पर चुम्बन देना शुरू कर दिया. अगले ही पल मैंने भाभी के ब्लाउज को खोल दिया और उसकी पीठ को पीछे से चाटने लगा. भाभी के मुंह से गर्म सांसें निकलना शुरू हो चुकी थी. गर्म होकर भाभी ने भी अपनी तरफ से शुरूआत कर दी. उसने मेरा टी-शर्ट निकाल दिया और मेरे जिस्म को चूमने लगी. भाभी मुझे चूमते हुए गालियाँ भी दे रही थी- साले तड़पा मत मुझे, मेरा मर्द तो साला काम पर जाता है, बच्चे निकाल कर कमीने ने मुझे चोदना ही छोड़ दिया. अब मैं अपनी उंगली से ही अपनी चूत को खुश कर लेती हूँ.

धीरे-धीरे मैंने भाभी को बेड पर लेटा लिया और फिर उसकी साड़ी को खोलना शुरू कर दिया. भाभी साड़ी में लिपटी हुई किसी नागिन के जैसे लहरा रही थी. पहली बार इतनी सेक्सी औरत देखी थी मैंने. भाभी के ब्लाउज को उतार कर मैंने उसके चूचों को नंगा कर दिया और उसके बूब्स को पीने लगा. वह ऊपर से नंगी होकर नीचे से केवल पेटीकोट में मेरे सामने पड़ी हुई अपने चूचों को चुसवा रही थी. वह हर पल गर्म होती जा रही थी.

फिर मैंने भाभी का पेटीकोट भी उतार दिया और उसकी काली पैंटी को किस कर दिया. उसकी चूत पहले ही गीली हो चुकी थी. मैंने उसकी टांगों को फैलाकर उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही रगड़ दिया.

वह मचल उठी, लहरा उठी, तड़प उठी. उसने मुझे अपने ऊपर गिरा लिया और मेरे होठों को स्मूच करने लगी. फिर भाभी ने मुझे अपने नीचे लेटा लिया. उसने मेरी पैंट को खोल दिया और मैंने झट से अपनी पैंट को अपनी टांगों से नीचे खींचते हुए बिल्कुल अलग कर दिया.

मेरे अंडरवियर में मेरा लौड़ा फनफना रहा था. भाभी ने मेरे लंड को चड्डी के ऊपर से ही किस कर दिया. आह्ह्ह्ह… भाभी के होठों की छुअन से मेरे लंड में जैसे बिजली सी दौड़ गई और मेरा लंड दोगुनी शक्ति के साथ झटके देने लगा. अब मैंने भाभी को फिर से अपने नीचे गिरा लिया और उसकी पैंटी को उतार कर उसकी चूत पर होंठ रख दिए. इस्स्स्स … स्स्स्स्स … आह्ह्ह … करती हुई भाभी बिस्तर की चादर को नोंचने लगी.

ममता भाभी इतनी गर्म हो चुकी थी कि उसकी चूत से निकलने वाला पानी मेरे मुंह को भिगाने लगा था. फिर जब भाभी से रहा नहीं गया तो उसने मुझे नीचे पटक लिया और मेरे अंडरवियर को नीचे खींच कर एकदम से मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया. भाभी मेरे लंड को पूरा अंदर तक ले जाती हुई रंडियों की तरह चूसने लगी. मेरे शैतानी दिमाग ने काम किया और मैंने अपनी जेब से चॉकलेट निकालकर अपने लंड पर मल दी. भाभी मेरे चॉकलेटी लंड को और प्यार से चूसने लगी. मैंने कहा- साली रंडी, चूस… बहन की लौड़ी… तुझे ऐसा ही लंड चाहिए था न. तेरी चूत में बहुत गर्मी है न, पति के होते हुए भी मुझसे चुद रही है साली. चूस मेरे लंड को, अच्छी तरह चूस.

उसने इतने मज़े से मेरे लंड को चूसा कि मैं दस मिनट में ही झड़ गया. मैंने सारा माल उसके मुंह में छोड़ दिया. चॉकलेट लगा हुआ माल उसके मुंह से गिर रहा था. वह रंडियों की तरह मेरे लंड को चूसती ही जा रही थी. मैंने उसको उठाकर फिर से अपनी बाहों में ले लिया और चूमने लगा. उसके मम्मों को चूसने लगा. वह जल्दी ही दोबारा गर्म हो गई.

मैं अब नीचे उसकी चूत की तरफ बढ़ा. उसकी चूत को देखकर लग भी नहीं रहा था कि इसमें से तीन बच्चे निकाले हुए हैं साली ने. फिर मैं उसकी गोरी सी चूत को चूसने लगा. उसकी चूत में अलग ही महक आ रही थी. उसकी चूत की महक ने मुझे दीवाना कर दिया था. उसकी चूत की स्मैल मेरे अंदर वियाग्रा का काम कर रही थी. अब तक मेरा लंड भी वापस तन गया था. वह बोल पड़ी- बस कर मादरचोद! अब क्या चाट-चाटकर ही गीली करेगा मेरी चूत को या अपना माल भी गिराएगा इसके अंदर?

मैंने कहा- रंडी रुक, पेलता हूँ तुझे. फिर मैंने उसकी एक टांग को उठाया और अपने गले में डाल दिया. अपना तना हुआ लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा. उसकी चूत मस्त गीली हो चुकी थी. मैंने एक झटके में पूरा लंड घुसा दिया. वह चीख उठी- साले, भोसड़ी के, हरामी की औलाद, चूत फाड़ दी मेरी…मादरचोद निकाल लंड को बाहर! मैंने बोला- क्यूं साली, लंड चाहिए था न? अब ले, तेरी चूत ही फाड़ देता हूँ. रंडी की औलाद, साली … तेरा काला मर्द, साला हिजड़ा चोदता नहीं है ना तुझे, अब ले मेरा लंड, साली कुत्ती, कमीनी.

भाभी बोली- चोद मुझे! और ज़ोर से चोद … ह्ह्ह् … अम्म्म … अह्ह्ह्ह! मैं वैसे ही उसको चोदता रहा.

बाद में मैंने बोला- अब डॉगी स्टाइल में करते हैं. वह बोली- जैसे चाहे चोद, आज तो मैं तेरी ग़ुलाम हूँ.

ममता भाभी को मैंने उल्टा लेटा दिया और अपना लंड वैसे ही उसकी चूत में घुसा दिया. उसकी चूत बहुत ही गर्म हो चुकी थी. मैंने दोनों हाथों से उसके बाल पकड़ लिए और लंड पेले जा रहा था. मैं बिल्कुल किसी घोड़े की सवारी कर रहा हूँ ऐसा लग रहा था मुझे.

मैंने बोला- रंडी, मुझे गांड मारनी है तेरी. साली बोलने लगी- नहीं, आज गांड नहीं … मैं मर जाऊंगी. मैंने कहा- चुप साली, मैं बता रहा हूँ, तेरी इजाज़त नहीं मांग रहा.

इतना कहकर मैंने पीछे से तेल की बोतल उठाई और उंगली में तेल लगाकर 2 उंगलियाँ उसकी गांड में डाल दीं. उसके बाद वो कराह उठी. साली की टट्टी मेरी उंगलियों पर लगाकर मैंने उसको वैसे ही उसके मुंह में डाल दिया. साली रंडी उसको भी चूसे जा रही थी.

तब मैंने लंड पर तेल लगाया और अपनी बेल्ट हाथ में ली और लंड धीरे-धीरे उसकी गांड में डाल दिया.

साली की गांड बिल्कुल कुंवारी थी. मेरे लंड की सारी चमड़ी छिल गई. मगर मैं भी चुदाई के नशे में था तो दर्द का अहसास नहीं हुआ. मैंने थोड़ा-थोड़ा करके लंड डाल दिया और धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा. अब वो चिल्ला रही थी- निकाल दे, रहम कर, मत मार, गांड बहुत दुख रही है.

मैंने कहा- अभी तो शुरूआत है, आगे देख क्या होता है.

उसके बाद मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी. उसकी गांड ने भी मेरे लंड को सेट कर लिया. अब अच्छे से अंदर-बाहर होते हुए लंड उसकी गांड की चुदाई कर रहा था. अब दोनों को मज़ा आ रहा था. मैंने अपनी बेल्ट से उसकी गांड पर मारना शुरू किया. वह चिल्ला उठी- साले छोड़ मुझे, छोड़ दे. कहते हुए भाभी हाँफने लगी थी. वह काफी थक चुकी थी.

इतनी देर में मेरा भी निकलने ही वाला था. मैंने सोचा कि साली के मुंह में छोड़ता हूँ अपना पानी. मैंने उसकी गांड से लंड निकाला और उसके मुंह में डाल दिया. अपना सारा माल उसके मुंह पर छोड़ दिया. उसका मुंह मेरे माल से भर गया.

जब मैं थम गया तो हम दोनों के चेहरे पर एक अलग ही खुशी थी. उसके बाद हम दोनों नहाने चले गये. नहाते हुए मैंने देखा कि मेरा लंड पूरा छिल गया है. ममता की चूत भी लाल हो चुकी थी. हमने थोड़ी क्रीम लगाई और अपने-अपने कपड़े पहन कर बैठ गए.

इसके बाद जब भी हमें मौका मिलता है, हम जी भर कर चुदाई करते हैं.

आप कमेंट्स के द्वारा ज़रूर बताना कि आपको मेरी यह डर्टी सेक्स वाली गंदी चुदाई की कहानी कैसी लगी. [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000