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दोस्तो, मेरा नाम पायल है, मेरी उम्र 32 साल है. मैं शादीशुदा हूँ. मैं आप सबको सेक्स क्लब में चुदाई की अपनी रियल स्टोरी बताने जा रही हूं, यह कुछ महीनों पहले की ही बात है. सबसे पहले तो मैं आप सबको अपने बारे में बता देती हूं. मेरा रंग गोरा है, सामान्य लंबाई है और मेरा मादक फिगर 34-28-38 का है. मेरा बदन एकदम कसा हुआ है. मेरी सारी सहेलियां बोलती हैं कि मेरी गांड बड़ी मस्त है, जो असल में सही बात है. जब मैं टाइट जीन्स पहनती हूँ, तो सबकी नजर मेरी गांड पर ही रहती है.
मेरी एक सहेली है, जिसका नाम रीना है हम दोनों की उम्र बराबर की है. उसने अभी तक शादी नहीं की है. एक दिन मैंने उससे पूछा- तू शादी क्यों नहीं करती है? तो उसने कहा- मुझे शादी की क्या जरूरत है. जब मुझे तो रोज एक नया लंड मिल जाता है, तो मुझे एक खूंटे से बंधने की क्या जरूरत है.
मुझे ये सब सुन कर कुछ अजीब सा लगा. मुझे लगा कि वो मुझसे मजाक कर रही है लेकिन वो सही बोल रही थी. मैंने उससे पूछा- तू क्या कॉल गर्ल बन गई है? तो उसने बोला- नहीं यार, मैं कॉल गर्ल नहीं बनी … मैंने एक सेक्स क्लब जॉइन किया है वहां पर रोज नए नए लोग आते हैं और अपनी पसंद की लड़की के साथ मजा करते हैं. मैं यह सुनकर उससे बोली- तो बात तो वही हुई न कि तू वहां पर कॉल गर्ल जैसा काम ही तो कर रही है. वो बोली- हां तेरी बात तो सही है, पर यार … सच में रोज नया लंड लेने बड़ा मजा आता है. मैं कभी मोटा लंड चूत में घुसता है, कभी लंबा, कभी छोटा कभी लंबा और मोटा टेड़ा सा लंड चूत में मजा देता है. मुझे तो ऐसा लगता है कि बस अपनी आंखें बंद कर के लेटी रहूँ, तरह तरह के लंड से रगड़वाने का मजे लेती रहूँ.
उसकी ये सब बातें सुन कर मेरे अन्दर एक अजीब सी बैचेनी सी होने लगी. मैंने महसूस किया कि मेरी पैंटी गीली हो रही है. मैं बड़ी तल्लीनता से उसकी बातें सुन रही थी कि वो कैसे कैसे किस किस से चुदवाती है. मुझे उस की बातों मैं मजा सा आने लगा.
तभी रीना मुझसे बोली- तुझे भी चुदाई करवानी है क्या? मैंने कहा- नहीं यार मुझे नहीं करवानी … तू ही करवा लिया कर.
शायद रीना को समझ आ गया था कि मुझे उसकी बातों में मजा आ रहा है, तो उसने मेरी गांड पर हाथ मारते हुए कहा- एक बार दूसरे लंड के मजे तो लेकर देख … बहुत मजा आता है.
मेरी गांड पर रीना का हाथ मारना मुझे ऐसा लगा कि रीना के ही किसी यार ने मेरी गांड पर हाथ मारा है. रीना बोली कि तेरी तो गांड भी मस्त है … तेरी इस गांड को देख कर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.
उसकी बातें मुझे अन्दर तक विचलित कर रही थीं. अब मुझे सिर्फ अपने मन में तरह तरह के लंड दिखने लगे थे.
रीना समझ चुकी थी कि मुझे भी नए लंड से अपनी चूत चुदवाने का मन कर रहा है. रीना बोली कि तू मेरे साथ एक बार चल, सच में तुझे बहुत मजा आएगा. मैंने बोला- नहीं यार … मैं तेरे साथ सेक्स क्लब नहीं जा सकती, कोई मेरे पहचान वाला मिल गया तो प्रॉब्लम हो जाएगी … लेने के देने पड़ सकते हैं. तो रीना ने एक जोर से मेरी गांड पर तमाचा मारा और बोली कि एक बार ट्राय करने में क्या हर्ज है? मैंने रीना को बोला कि सोच कर बताती हूँ … अभी मैं कुछ नहीं बोल सकती हूं. कल बात करती हूं.
ये कह कर मैं अपने घर आ गई.
घर आने के बाद मेरे दिमाग में रीना की ही बातें घूम रही थीं. जैसे तैसे मैं अपना काम खत्म करके बिस्तर पर आई और अपनी चूत में उंगली करते हुए रीना की बातों को याद करके गरम होने लगी. किसी दूसरे लंड के अहसास ने मुझे बहुत गरम कर दिया था. मैं कब झड़ गई और सो गई, कुछ पता ही नहीं चला.
सुबह उठी और जब सब अपने काम से बाहर चले गए और मैं घर में अकेली रह गई थी. मैंने रीना को फ़ोन करके अपने घर ही बुला लिया था.
रीना आई और बोली कि क्या सोचा है तूने? मैंने कहा- कुछ समझ नहीं आ रहा है कि करूँ या नहीं.
तभी रीना मेरे पीछे से आई और बोली कि सोचना क्या है यार … खोल दे अपनी टांगों को … कर दे चौड़ी अपनी चूत को और घुसवा ले मोटा सा एक नया लंड. मैं बोली- रीना, तेरी बातें सुन कर ही मजा सा आ रहा है. मेरा भी अब मन कर रहा है, किसी और से चुदवाने का … लेकिन मुझे डर है कि कहीं किसी ने मुझे पहचान लिया तो क्या होगा? रीना बोली- इसकी टेंशन ना ले तू … तुझे कोई भी नहीं पहचानेगा. जो हमारा क्लब है … वो बहुत ही पॉश कॉलोनी में है … वहां किसी को कोई मतलब नहीं रहता है कि कौन आ रहा है, कौन जा रहा है.
मैं बोली- कोई चोदने वाला ही मेरी पहचान का हुआ तो? तो रीना बोली- अगर तुझे चोदने वाला ही ना देख सके तो क्या तू चुदाई करवाएगी? मैंने बोला- फिर कोई परेशानी ही नहीं है … लेकिन ये कैसे संभव है? वो बोली- बस तू कल इसी टाइम तैयार रहना, मैं तुझे लेने आउंगी और तुझे सब समझा दूंगी.
फिर रीना चली गई और मुझे अब अगले दिन का इन्तजार था. मेरा पूरे दिन किसी काम में मन नहीं लगा और बस यही सोचती रही कि यह कैसे संभव है. अगले दिन उसी टाइम रीना आई, बोली- तैयार है ना तू? मैंने बोला- हां मैं तैयार हूं. रीना- साफ कर ली? मैंने हां भरते हुए आँख दबा दी. उसने चूत साफ़ करने की कही थी.
फिर हम दोनों रीना की कार से ही निकल पड़े. कुछ टाइम के बाद हम रीना के क्लब में पहुंच गए. वाकयी क्लब बड़ा ही शानदार था.
रीना बोली कि तुम अपने मुँह पर कपड़ा लगा लो … अन्दर जा कर खोल देना. मैंने वैसा ही किया मुँह पर कपड़ा डाल कर अन्दर चली गई.
अन्दर हम एक हाल में पहुंचे, वहां पर पहले से ही 5-6 औरतें थीं, जिनकी उम्र लगभग मेरे बराबर की थी. रीना बोली- अब तुम अपना कपड़ा हटा लो. मैंने हटा लिया और रीना से पूछा- ये सब कौन हैं और यहां क्या कर रही हैं? रीना हंस कर बोली- जो तू करवाने आई है … वो भी करवाने आई हैं. मैंने रीना से पूछा- तूने बताया नहीं कि बिना देखे कोई कैसे कि सेक्स कर सकता है. रीना बोली- बस 2 मिनट रुक … सब पता चल जाएगा.
तभी रीना ने एक दरवाजा खोला, उसके अन्दर एक और हॉल था. हम सब उस हॉल के अन्दर चल दिये. मैंने देखा कि हॉल के अन्दर छोटे छोटे से केबिन हैं और केबिन के अन्दर एक छोटा सा बेड था, जिस पर एक ही जन लेट सकता है. सिर्फ और उस बेड के आगे की तरफ एक करीब एक से डेढ़ फीट का मोटा सा होल है.
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, मैंने रीना से पूछा- ये सब क्या है? वो बोली- सबकी सब अपने अपने कपड़े उतार कर एक केबिन में चली जाओ और अपने केबिन का अन्दर से दरवाजा बंद करने के बाद बेड पर लेट जाओ और अपने पैरों को अपनी कमर तक होल के बाहर निकाल लो और अपने केबिन की लाइट ऑफ कर लो.
मैं समझ चुकी थी कि क्या होने वाला है और कैसे चुदाई होगी. रीना ने मेरी तरफ हंस कर कहा- उतार दे आज अपनी शर्म का लबादा और कर दे अपना भोसड़ा सबके आगे. उसकी बिंदास बातें सुन कर मेरी सांसें तेज तेज चलने लगीं.
तभी रीना ने मुझे केबिन में धक्का मारा और बोली कि बंद करके और अपने कपड़े उतार कर अपनी टांगें बाहर निकाल ले.
मैं भी अन्दर से केबिन लॉक करके अपने कपड़े निकलने लगी. कुछ ही समय में मैं अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई और बेड पर लेट कर होल से मैंने अपनी टांगें कमर तक बाहर निकाल लीं.
तभी रीना ने बाहर से मेरी गोरी गोरी टांगों को पकड़ा और बोली- साली माल तो मस्त है. उसने मेरी टांगों को चौड़ी करके ऊपर दीवार से मेरे पैरों को बांध दिया. ये सब करते हुए मुझे बड़ा ही अजीब सा लग रहा था, लेकिन एक अलग ही फीलिंग आ रही थी कि आज मेरी चूत में किसी और का लंड जाने वाला है.
रीना बोली- बस कुछ ही देर में तेरे भोसड़े का उद्घाटन होने वाला है. यह कह कर वो चली गई.
तभी कुछ देर बाद वहां पर कुछ लोगों की आवाज आने लगी. उनकी आवाज से ऐसा लग रहा था कि तकरीबन आठ से दस लोग हैं.
मेरी सांसें तेज तेज चलने लगीं और सोचने लगी कि अब क्या होने वाला है.
मैं अपनी आंखें बंद करके लेटी रही. मेरी चूत एक नए लंड के अहसास से रिस रही थी. तभी अचानक मेरे छेद पर एक गर्म अहसास हुआ और उसी समय मेरे मुँह से उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाज निकल गई. मतलब कि किसी ने मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया था और वो मुझे चोदने लगा था.
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कौन मुझे चोद रहा है, बस एक अनजान सा मोटा लंड मेरी चूत में था और वो मुझे चोदे जा रहा था. मैं उसके लंड से धकापेल चुदे जा रही थी. सच बताऊं तो मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था. जब टांगें हवा में बंधी हों और चुदने वाली को ये नहीं पता हो कि कौन चोद रहा है … सच में बड़ा ही अच्छा लग रहा रहा था.
जो भी कोई फीमेल इस कहानी को पढ़ रही हो, तो एक बार अपनी टांगों को हवा में उठा कर चुदवा कर जरूर देखें. और चुदाई का ये सोच कर अहसास करें कि आज कोई दूसरा लंड चोद रहा है. सच में चूत में मजा न आ जाए, तो कहना.
जो आदमी मुझे चोद रहा था, वो किसी और से बोला- अरे इस वाली की ले ना … साली बड़ी मस्त चुदवा रही है. यह कह कर वो अलग हो गया और जाते जाते मेरी गांड पर एक चमाट मार गया.
तभी मुझे लगा कि कोई मुझे बाहर की तरफ खींच रहा है और अपने लंड को मेरी चूत में घुसाने की कोशिश कर रहा है. बस कुछ ही पलों में एक नया मोटा और लम्बा सा लंड मेरी चूत में घुसता चला गया. आह क्या लंड था … सच में मजा आ गया था. वो जोर जोर से मुझे चोदे जा रहा था. मेरे मुँह से सिर्फ ‘आह आह आह …’ की ही आवाजें आने लगी थीं.
जो मुझे चोद रहा था, वो मुझसे बोला- चुदवाने में कैसा लग रहा है साली? मैंने उस अपरिचित आवाज को उत्तर देते हुए कहा- चोद साले … मजा आ रहा है और जोर चोद मुझे …. आह बड़ा मजा आ रहा है. वो भी गाली देते हुए बोला- साली बहन की लौड़ी … बता तो कितने लंड चोदते है तुझे रोज? मैं बोली- कोई नहीं … सिर्फ अपने पति से ही चुदती हूँ. मुझे और कोई नहीं चोदता है.
उसकी आवाज आई- तो क्या ये भोसड़ा तेरे पति ने ही बनाया है क्या? मैंने कहा- हाँ. वो बोला- साली तेरी गांड बड़ी मस्त है … मन कर रहा है कि इस में भी पेल दूँ … पर अभी नहीं … कभी और गांड मारूंगा … अभी तो तेरे भोसड़े को और बड़ा करना है.
फिर उसने अपने एक साथी को आवाज दी और बोला- इधर आ … मस्त रंडी है … साली बोलती है कि किसी से नहीं चुदाई करवाती … आज ही पहली बार रंडी बनने आई है … आज इस कुतिया को ऐसा चोदो कि साली दोबारा चुदना ही भूल जाये. यह कह कर वो अपने लंड को निकाल कर हट गया और अब कोई और ही आ गया था.
तीसरे ने आते ही साले ने मेरी गांड पर पांच छह चमाट मारे और बोला- सच में ही गजब की टाईट रंडी है साली! यह कह कर उसने भी अपना लंड मेरी चूत में पेल दिया और धकापेल चोदने लगा.
वो बोला- सच बता साली भोसड़ी वाली … तू कितनों से चुदती है? मैंने कहा- अबे चोद बे … आज मेरा फर्स्ट टाइम है यहां पर! वो बोला- तेरा फर्स्ट टाइम होगा यहां पर … लेकिन तू मस्त रंडी है. मैं बोली- मुझे रंडी तो मत बोलो. वो बोला- साली कुतिया भोसड़ी की अपनी चूत निकाल कर नंगी लटकी हुई है लंड खाने के लिए और बोलती है कि रंडी मत बोलो … चुप साली भोसड़ी की. यह कह कर मुझे वो अब जोर जोर से चोदने लगा.
मुझे उन सबकी गालियां सुनने में भी मजा आ रहा था. क्योंकि वो जितनी गाली देते, उतनी ही जोर से वो मुझे चोदते. मैं अब तक तीन बार झड़ चुकी थी और अब भी मैं चुद रही थी. मुझे अब भी मजा आ रहा था.
तभी मुझ से किसी ने कहा- असली चुदाई का मजा तो अब आएगा साली … ले इस नए मूसल का स्वाद चख. यह कह कर वो हट गया.
उसके हटते ही किसी ने मेरे चूतड़ों पर चार पांच चमाट लगाए. मैंने महसूस किया कि कोई और मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ रहा है. मेरी चूत में अपनी एक उंगली डाल कर अन्दर बाहर कर रहा है. फिर उस आदमी ने अपनी दो उंगली चूत में कर दीं और अन्दर बाहर करने लगा.
फिर थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड मेरी चूत पर लगाया और एक जोरदार से धक्के से अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया. उसका लंड घुसते ही मेरे मुँह से एक जोरदार चीख़ निकल पड़ी क्योंकि उसका लंड था ही इतना मोटा और लम्बा. मुझे ऐसा लग रहा था कि कहीं ये मरी बच्चेदानी में ही ना घुस जाए. लेकिन धीरे धीरे में भी उस मोटे लंड का मजा लेने लगी और चुदवाने लगी.
उसने करीब करीब मुझे आधे घंटे तक चोदा … पता नहीं क्या खा कर आया था. फिर वो बिना झड़े ही हट गया और उसके बाद मुझे दो और नये लंड खाने को मिले. फिर उन दोनों के हटने के बाद वापस वो मोटे लंड वाला आया और मुझे चोदने लगा.
कुछ ही टाइम बाद उसकी सांसें तेज चलने लगीं और वो मुझे और जोर से चोदने लगा. मैं समझ गई कि ये झड़ने वाला है, मैंने भी अपनी टांगों को और चौड़ा कर लिया और कुछ ही टाइम में उसने मेरी चूत को अपने माल से भर दिया. मेरा मन तो किया कि इसको अपने ऊपर ही लिटा लूं और कस के पकड़ लूं, पर मैं ऐसा नहीं कर सकती थी.
कुछ ही टाइम बाद वो मुझसे अलग हो गया. अब हॉल में किसी की कोई आवाज नहीं आ रही थी … मतलब कि सबका काम हो गया था और सब जा चुके थे.
थोड़ी देर बाद रीना ने मेरे पैर खोल दिए. मैं अभी भी वहीं लेटी रही क्योंकि मेरी उठने की हिम्मत नहीं हो रही थी. फिर मैंने कुछ टाइम बाद अपने कपड़े पहने और अपने केबिन से बाहर आई. मैंने देखा कि वहां पर जो और चुदासी औरतें मेरी तरह आई हुई थीं, उन सबकी मेरी जैसी हालात थी. किसी से भी सही से चला भी नहीं जा रहा था.
फिर मैंने वहां पर कुछ आराम किया और मैंने अपने आपको फ्रेश महसूस किया. मैं रीना से बोली- मुझे अब घर छोड़ दे. वो मुझे अपनी गाड़ी में लेकर घर की ओर चल दी. मैं पूरे रास्ते यही सोचती रही कि मुझे किस किस ने चोदा.
तो दोस्तो, यह थी सेक्स क्लब में सीक्रेट होल से चुदाई की कहानी … आप लोगों को कैसी लगी … मुझे मेरी मेल आईडी पर जरूर बताना. आप लोगों के मेल का मुझे इंतजार रहेगा. [email protected]
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