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नमस्कार दोस्तो, सबसे पहले मैं अन्तर्वासना के सभी लेखकों को धन्यवाद देना चाहूँगा; आप सबकी कहानी पढ़ कर ही मुझे अपने पहले सेक्स अनुभव को आपके साथ साझा करने का मौका मिला.
मेरा नाम विक्रम है, लोग प्यार से विक्की बुलाते हैं, मैं आगरा का रहने वाला हूँ, मैंने अब तक बहुत सारी कहानियों को पढ़कर उनके मज़े लिए हैं जो मुझे बहुत मजेदार लगी और आज मैं अपना भी एक सच्चा सेक्स अनुभव आप सभी को सुनाने के लिए यहाँ पर आया हूँ. मुझे उम्मीद है कि यह आप सभी पढ़ने वालों को बहुत अच्छी लगेगी, अगर कुछ गलतियां हो तो माफ करना!
मेरे पड़ोस में एक बहुत ही हॉट सेक्सी चाची रहती है. वो हमारे परिवार में से मिलती जुलती रहती है. चाची के दो बच्चे हैं, एक लड़की और एक लड़का है. उसकी शादी को 9 साल हो गये हैं लेकिन फिर भी अभी तक वो इतनी हॉट लगती है कि उनको देखकर मैं हमेशा उनकी तरफ आकर्षित होता रहता हूँ. उसके बूब्स और गांड आकार लगभग 38 इंच होगा, चाची का वो गोरा गठीला बदन बड़ा ही कामुक लगता है और वो हमेशा घर में अक्सर सलवार कुर्ता पहनती है और जब भी वो कहीं घर से बाहर किसी पार्टी या उनको कहीं बाहर जाना होता है तो वो साड़ी पहनती है.
वो अपनी साड़ी को हमेशा अपनी कमर से थोड़ा नीचे पहनती है और वो साड़ी भी हमेशा ज्यादातर जालीदार होती है तो उसके टाइट बूब्स हमेशा उनके बड़े गले से बाहर की तरफ आए हुए होते थे!
एक दिन मेरी मम्मी ने मुझसे चाची के घर पर जाकर दही लाने के लिए कहा. मैं जैसे ही उनके घर पर गया तो मैंने देखा कि वो उस समय ज़मीन पर नीचे बैठकर पौंछा लगा रही थी. चाची ने उस समय सलवार सूट पहना हुआ था और उस पर उस समय उनकी चुन्नी भी नहीं थी जिसकी वजह से उसके दोनों बूब्स इतने बड़े गोरे नजर आ रहे थे कि वो मुझे साफ साफ बाहर निकले हुए दिख रहे थे इसलिए कुछ देर तो मैं उसको अपनी चकित नजर से देखता रहा!
मैंने उनसे दही माँगा तब चाची ने मुझे बैठने के लिए कहा और वो दोबारा पौंछा लगाने लगी. मैं देखने लगा, उसके बूब्स बहुत ही हॉट सुंदर लग रहे थे और आंटी की सलवार में से उनकी काली रंग की पेंटी भी मुझे साफ दिख रही थी जिसको देखकर मैं बहुत उत्तेजित हुआ जा रहा था और मेरा मन कर रहा था कि मैं अभी उसी समय उनको पकड़कर वहीं पर उनकी चुदाई कर दूँ. मेरा लंड भी अब तनकर तैयार होकर खड़ा हो गया था.
फिर कुछ देर के बाद उन्होंने अपना काम खत्म करके मुझे दही लाकर दिया और उसी समय उनका नर्म हाथ मेरे हाथ से टकरा गया जिसकी वजह से मैं मचल गया और मैं उनकी तरफ मुस्कुराता हुआ अपने घर आ गया.
अब जब भी वो छत पर कपड़े सुखाती तो मैं चाची की ब्रा और पेंटी को अपने हाथ में लेकर उससे खेलने लगता था और उनको अपने लंड से लगाता और छूकर महसूस किया करता था. ऐसा करने में मुझे बहुत मज़ा आता था.
एक दिन चाची के पति को किसी काम से एक दिन के लिए कहीं बाहर जाना था इसलिए वो मुझसे कह कर गये- तुम यहीं मेरे घर पर अनीता के साथ ही सो जाना क्योंकि वो घर में अकेली रहेगी और मैं कल तक वापस आ जाऊंगा!
चाचा के मुख से यह बात सुनकर मेरा मन अब चाची के साथ सेक्स करने के लिए एकदम मचल रहा था और मैं मन ही मन में सोचने लगा था कि मेरे पास चाची की चुदाई करने का इससे अच्छा मौका कोई हो ही नहीं सकता.
यह बात सोचकर मैं बहुत खुश था. फिर मैं पूरा दिन बस उनकी चुदाई के सपने देखकर ही मज़े लेता रहा और मैं उसकी वजह से खुश था. लेकिन मेरा किसी भी काम में मन नहीं लगा.
फिर बहुत इंतजार करने के बाद वो रात आ ही गई जिसके लिए मैं पागल हुआ जा रहा था. रात को खाना खाकर मैं अपनी सेक्सी चाची के घर पर सोने के लिए चला गया. उस समय वो अपने बच्चों को पढ़ा रही थी. मैं उनके पास जाकर बैठ गया और उनके गोरे जिस्म को हवस भरी निगाहों से देखने लगा.
तभी कुछ देर बाद चाची ने मुझसे कहा- अगर तुम्हें नींद आ रही है और अगर तुम सोना चाहो तो पास वाले कमरे में जाकर सो जाओ! मैंने उनसे कहा- नहीं चाची, मुझे अभी नींद नहीं आ रही है, मैं अभी यहीं पर बैठ जाता हूँ. अगर आपको इसमें कोई ऐतराज ना हो तो? चाची ने मुझसे कहा- हाँ ठीक है, तुम बैठकर अपना मन बहला लो, मुझे उसमें कोई आपत्ति नहीं है!
उस समय चाची ने सफेद रंग का सलवार कुर्ता और चूड़ीदार पजामा पहना हुआ था जिसमें वो बड़ी सुंदर नजर आ रही थी. मैं उनके साइड में लेकिन थोड़ा सा दूरी पर बैठा हुआ था. वहां से उनकी टाइट सलवार में से उनकी लाल पेंटी दिख रही थी. जब भी वो झुकती, तब मुझे उनके बूब्स साफ दिखाई दे रहे थे. मैं उनको देखता रहा.
कुछ देर बाद उनकी पढ़ाई ख़त्म होने के बाद वो अब उठकर सीधा बाथरूम में नहाने चली गई और मैं उनके बच्चों के पास बैठा था. जब चाची नहाकर वापस आई तो उन्होंने उस समय गुलाबी रंग की मेक्सी पहनी हुई थी. वो मेक्सी इतनी जालीदार थी कि उसमें से उनकी छोटी सी ब्रा से उनके 38 साइज़ बूब्स बड़े मस्त कमाल के लग रहे थे!
चाची सोने के लिए अपने रूम में चली गई और मैं वहीं उसी हॉल में सो गया. रात को जब मैं पानी पीने के लिए उठा तो मैंने उनके कमरे में जाकर देखा कि उनकी मेक्सी उस समय उनकी गोरी जांघों से ऊपर आ गई थी और मैं उनकी गोरी गोरी जांघें वहां पर खड़ा होकर देखने लगा.
तभी अचानक से चाची उठ गई और मुझसे पूछने लगी- तुम यहाँ पर इस समय क्या कर रहे हो? मैंने मन बना लिया था कि मैं आज आर या पार करूँगा तो तपाक से उनसे बोला- क्या आप एक मिनट के लिए बाहर आयेंगी? और फिर मेरे कहने पर वो तुरंत बाहर आ गई.
मैंने उनसे कहा- आंटी, आज मैं आपसे अपने मन की सच्ची बात कहना चाहता हूँ. आंटी ने कहा- क्या? मैंने थोड़ा डरते हुए कहा- आप मुझे बहुत ही अच्छी लगती हैं और मैं आपको बहुत प्यार करता हूँ. यह बात मैं आपसे बहुत दिनों से कहना चाहता था लेकिन मुझे डर लगता था और मैं बोल नहीं सका.
वो शांत थी उन्होंने कुछ नहीं बोला, सिर्फ सुना.
फिर कुछ देर मुझसे चाची बोली- अब तू जा सो जा! मैंने कहा- आपके फिगर जैसा फिगर मैंने अब तक कभी नहीं देखा! और मैंने उसी समय हिम्मत करके उनका हाथ पकड़ लिया.
उन्होंने मुझे थोड़ा डांटते हुए कहा- यह तुम्हारी बहुत ग़लत बात है, तुम मेरे बेटे की तरह हो इसलिए हम दोनों के बीच में ऐसा कुछ भी नहीं हो सकता! यह बोलते हुए चाची ने अपना हाथ मेरे हाथ से झटक दिया.
मेरे दिमाग में सिर्फ चाची की चूत थी. मैं उनके हुस्न की वासना में पागल से हो गया था. मैंने उनसे प्यार भरी आवाज में विनती करते हुए कहा- नहीं आंटी, मैं आपको सिर्फ़ बस एक बार गले लगाना चाहता हूँ! उन्होंने गुस्से में आकर मुझसे कहा- नहीं! क्या तुम्हें एक बार कहने पर समझ में नहीं आता? मैं अब उनका जवाब सुनकर एकदम उदास हो गया और अपने पलंग पर जाकर सो गया.
फिर दूसरे दिन सुबह जब मैं उठा, तब तक उनके दोनों बच्चे स्कूल चले गये थे. अब चाची मुझसे बात करने के लिए मेरे पास मेरे कमरे में आ गई लेकिन तब मैंने उनसे कोई भी बात नहीं की क्योंकि मैं उनकी रात वाली बात से बहुत नाराज था और मुझे उनके ऊपर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था.
तभी उन्होंने मुझसे कहा- तुम्हें बहुत अच्छी तरह से पता है कि मैं एक शादीशुदा औरत हूँ. मैं जानती हूँ कि तुम समझ चुके हो कि मैं तुमसे क्या कहना चाहती हूँ क्योंकि तुम समझदार हो इसलिए प्लीज यह काम हम दोनों के बीच बहुत ग़लत काम है. इसकी वजह से तुम्हारे साथ साथ मेरी भी बहुत बदनामी होगी! मैंने उनसे कहा- मैं आपसे सिर्फ़ हग ही तो माँग रहा हूँ, उसमें कैसी बदनामी? यह बात मैं किसी को नहीं बताऊंगा, मेरा आपसे यह पक्का वादा रहा!
तब उन्होंने कहा- हाँ ठीक है … लेकिन तू मुझे सिर्फ़ गले ही लगाएगा और उसके आगे कुछ नहीं करेगा. मैंने उनकी तरफ से हाँ सुनकर मन ही मन बहुत खुश होकर उनको कहा- हाँ ठीक है, जैसा आप कहोगी, मैं ठीक वैसा ही करूंगा!
उस समय वो गुलाबी कलर की मेक्सी में थी. मैंने सही मौका देखकर तुरंत उनको अपनी बांहों में लेकर खूब जोर से अपने से चिपका लिया, उनके बड़े बड़े मम्में मेरी छाती से टकरा रहे थे. मैं उन्हें अपनी छाती से जमकर रगड़ रहा था और उनके कान में बड़बड़ाये जा रहा था- मैं आपके बिना नहीं रह पाऊंगा!
फिर मैंने अचानक से उनकी गर्दन पर किस कर दिया जिसकी वजह से वो एकदम मचल गई और उसके बाद मैंने अपने हाथ उनके बूब्स पर घुमाने शुरू कर दिए. लेकिन तभी उन्होंने मेरा हाथ अपने बूब्स से एक झटका देकर हटा दिया. अब मैंने उनसे कहा- चाची, आज प्लीज एक बार आप मुझे कुछ करने दो, मैंने आज तक किसी को किस तक भी नहीं किया!
वो ये सब आंखें बंद करके सुन रही थी लेकिन कुछ बोल नहीं रही थी जिससे मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ी और फिर उनसे बातें करते करते भी उनके बूब्स को धीरे धीरे दबाता और उनको सहलाता रहा जिसकी वजह से वो धीरे धीरे गर्म होने लगी थी.
कुछ देर बाद मैंने उनकी मेक्सी में अपना एक हाथ डाल दिया था मैं अब उनके बूब्स को महसूस करने लगा था. उनके वो दोनों बूब्स आकार में इतने बड़े थे कि वो मेरे एक हाथ में नहीं आ रहे थे और वो मुलायम भी बहुत थे. मैंने अब उनकी मेक्सी को उतार दिया जिसकी वजह से अब वो सिर्फ़ काली ब्रा और पेंटी में मेरे सामने थी. वो बहुत कामुक नजर आ रही थी.
मैंने उसी समय उनकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसको खोलते ही उनके 38 साइज़ के बूब्स उसी समय लटककर मेरी छाती पर आ गए. मैं हैरान था जिसकी मैं कल्पना करता था आज वो मेरे सामने नंगी पड़ी है. मैं उनके निप्पलों को दबाने लगा.
फिर मैंने उनका एक दूध को अपने मुँह से चूसना शुरू किया जिसकी वजह से वो जोश में आकर बहुत खुश हो गई और मेरा साथ देने लगी. अब वो भी मुझे चूमने लगी सिसकारियां लेने लगी थी. चाची बड़बड़ाती हुई बोले जा रही- राजा, वाह क्या मस्त बूब्स चूसते हो तुम! मज़ा आ गया; आज तक मेरे पति ने भी मेरे बूब्स को ऐसे नहीं चूसे. वाह क्या मस्त मज़े देते हो तुम! मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. हाँ … ऐसे ही चूसते रहो, तुम आज इनका पूरा रस पी जाओ और निचोड़ दो इनको!
फिर उन्होंने अपने बूब्स पर मेरे सर को दबाते हुए मुझे अपने बूब्स का बहुत मज़ा दिया.
उसके बाद उन्होंने मेरे पूरे कपड़े भी खोल दिए और कुछ देर बाद मैंने उनकी चूत पर हाथ रखा और उनकी पेंटी भी उतार दी और बिना सोचे समझे उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. जिसकी वजह से उन्हें बहुत मज़ा आ रहा था. चाची ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी थी, जोश में आकर मेरा सर अपनी चूत में पूरा अंदर देना चाहती थी.
मेरे लगातार चूत चूसने के कारण उनकी चूत पनिया गयी थी और वो कभी भी पानी छोड़ सकती थी मैंने फिर भी चूत को चूसना बंद नहीं किया. जिन लोगों ने शादीशुदा औरतों की चूत को चाटा होगा उन्हें पता होगा कि चूत चूसने का अपना एक अलग ही आनंद है.
लगातार 7 से 8 मिनट तक चूत चुसाई से चाची एक तेज़ अकड़न के साथ झड़ गयी थी और ढेर सारे कामरस की नदी बहा दी और थोड़ी देर के लिए शांत पड़ गयी थी.
फिर कुछ देर बाद उन्होंने मेरी पैंट को खोला तो मेरी चड्डी में मेरे लौड़े ने आतंक मचा रखा था. मेरे लंड को चाची ने मेरी चड्डी से बाहर निकाल कर देखा तो उसकी आंखें फटी रह गयी और उसके मुंह से ‘बाप रे बाप …’ निकला. उन्होंने मुझे कहा- क्या करता है? तेरा लंड इतना मोटा कैसे है? ये मेरे अंदर जाएगा तो मेरी पूरी चूत को छील देगा. तेरे चाचा का तो पतला सा है! यह कहते ही वो जमीन पर बैठ कर मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
दोस्तो, यकीन करना … वो मेरा पहला अनुभव था, मैं मुश्किल से 2 मिनट में आंटी के मुँह में ही झड़ गया. उन्होंने छी … की आवाज़ करते हुए मेरे लौड़े को मुँह से बाहर निकाल दिया और जल्दी से एक कपड़े से साफ करने लगी. मुझे खुद पर बहुत शर्म आयी और जब वो मेरी तरफ आयी तो मैं उनसे नज़र नहीं मिला पा रहा था.
फिर उन्होंने मुझसे कहा- पागल, परेशान न हो, तेरा हथियार तो तगड़ा है पर तेरा पहली वार था तो इसलिए जल्दी निकल गया. असली मज़ा तो अब आएगा! मुझे बेड पर लिटा कर चाची मेरे लंड को हाथ से हिलाने लगी और कुछ देर फिर से चूसने लगी. मेरे लंड ने एक बार फिर हुंकार भर दी थी. अब वो भी काफी उत्तेजित हो चुकी और उसकी चूत भी लंड के लिए तड़प रही थी. उन्होंने फिर मुझे अपने ऊपर आने को कहा और मैं उनके ऊपर आकर उनकी टांगों को उठाकर चूत पर लंड रगड़ने लगा.
वो मुझसे अब मुझसे बोल रही थी- बेटा, अब न तड़पा … और अंदर डाल के इस निगोड़ी की सारी गर्मी मिटा दे! फिर उसने खुद ही अपने हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत के मुँह पर सेट किया और मुझे अंदर पेलने को कहा.
मैं उस पल को एहसास को कभी नहीं भूलना चाहता जब मैंने धीरे धीरे अपने लंड को आंटी की चूत की गहराई में उतारा था; मानो मैंने लंड चूत में नहीं किसी गर्म भट्टी में झोंक दिया हो! जैसे ही मैंने लंड अंदर किया, एक आह चाची के मुख से निकली जिसमें सुकून भरा दर्द था. मैंने फिर धीरे धीरे अपने झटकों की रफ्तार को बढ़ाया तो चाची की चीखें अब सिसकारियों में बदल गयी थी और अब वो भी अपनी गांड हिलाकर मेरा साथ दे रही थी.
5 मिनट की धक्कापेल चुदाई के बाद वो एक तेज़ आह के साथ झड़ चुकी थी लेकिन मैंने अपनी रफ्तार कायम रखी जिससे उनकी चूत के पानी से फच्च फच्च की एक मधुर आवाज हमारी चुदाई में चार चांद लगा रही थी. लगातार 15 मिनट चोदने के बाद मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और पूरी रफ्तार से उनकी चूत में ही झड़ गया; मैंने अपनी अपनी आखिरी बूंद भी चाची की चूत में छोड़ी!
जब मैं उनके ऊपर से हटा तो देखा मेरे लंड का पानी उनकी चूत से टपक रहा है. फिर चाची ने कहा- अभी तुझे बहुत कुछ सिखाना है! और एक दूसरे के नंगे जिस्म से लिपटे हुए हम चाची भतीजा एक साथ सो गए!
जब मैं सुबह वापस आने लगा तो उन्होंने मुझे बहुत प्यार किया.
और तबसे लेकर आज तक यह सिलसिला चल रहा है. चाची के अलावा भी मैंने कई शादीशुदा औरतों को शांत किया.
यह मेरी जिंदगी की पहली चुदाई की दास्तान थी, उम्मीद करूँगा सबको पसंद आई होगी और मेरी गलतियों के लिए माफ करना!
आप सबके सुझाव इंतज़ार करूँगा. आप अपने सुझाव मुझे मेल कर सकते हैं. [email protected]
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