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पहला भाग: मेरी बीवी पांचाली-2
भीगे बदन, भीगी साड़ी में मेरी बीवी रीना गजब की सेक्सी लग रही थी। मैं और चार लोग बैठ कर फिर से शराब पीने लगे, एक आदमी उनमें से अपने मोबाइल पर कुछ देख रहा था।
एक बोला- अरे यार इतना हसीन मौसम (रीना) है, और तू इस बेकार से मोबाइल में क्या झांक रहा है। वो बोला- अरे यार मौसम (रीना) बहुत हसीन है, हसीन क्या सेक्सी मौसम (रीना) है। मगर मैं तो इस माहौल को थोड़ा और रंगीन बनाना चाहता हूँ। इस लिए ये देख रहा हूँ. कह कर उसने अपना मोबाइल हम सबके बीच रख दिया।
सबने उसकी मोबाइल स्क्रीन पे देखा। मोबाइल में वो एक औरत के साथ 5-6 लोगों की गैंग बैंग ब्लू फिल्म देख रहा था। सबकी आँखें जैसे उसकी मोबाइल स्क्रीन पर जम गई। मैंने भी देखा, रीना ने भी देख लिया, पर वो उठ कर अलग चली गई। अब तो सबकी आँखों में छुपी हुई वासना सब के चेहरे पर प्रत्यक्ष आ गई।
एक ने मुझसे कहा- भाई तू बड़ा किस्मत वाला है, जो तुझे इतनी खूबसूरत और सेक्सी बीवी मिली है। भाभी तो ऐसे ही जैसे कोई सफ़ेद हंसिनी। हमारे तो घर में जैसे चील गिद्ध कौवा। साली किसी एक भी बीवी भाभी के पाँव के बराबर भी नहीं। तू तो खूब मज़े करता होगा कि नहीं?
मैंने एक बार रीना की और देखा। वो खिड़की के पास खड़ी थी हमारी तरफ पीठ करके। पतली, लंबी मगर भरपूर बदन, गोरी पीठ, गोरी कमर और उस पर लिपटी भीगी हुई सुर्ख लाल साड़ी। साला मेरा दिल कर रहा था कि अगर ये लोग न होते तो मैं रीना को यहीं चोद देता। मगर अब अगर मैं ऐसा कुछ करता तो ये सब भी तो उसे चोदेंगे।
इतने में जिस आदमी का मोबाइल था, उसने मोबाइल की आवाज़ बढ़ा दी। अब उस सुनसान हवेली मोबाइल में चल रही ब्लू फिल्म की आवाज़ गूंजने लगी। लड़की आहें, सिसकारियाँ, चीखें। मतलब साफ था, सब का मन अब रीना को चोदने को कर रहा था।
मगर मेरे मन में कुछ और ही चल रहा था। कि क्या हो अगर ये लोग मेरे सामने रीना को चोदें और मैं सिर्फ बैठ कर देखूँ; अपनी पत्नी का गैंग बैंग।
एक ने तो सीधा रीना से ही कहा- अरे भाभी जी, आप कहाँ वहाँ जा कर खड़ी हो गई, यहाँ आइये न यारों के बीच। कुछ हमारे दिल को भी तो करार मिले। रीना ने पलट कर उसे देखा, मगर रीना के चेहरे पर गुस्सा नहीं था, वो बोली- अरे नहीं, मैं यहीं ठीक हूँ। और वैसे भी आप वो सब बकवास देख रहें हैं। वो बोला- अरे भाभी जी, यार आप बताओ तो आपको ये सब पसंद नहीं, हम बंद कर देते हैं. और उसने मोबाइल पर वो वीडियो बंद कर दी।
मगर फिर भी जब रीना हमारे बीच नहीं आई तो मुझे ही उसे लाने को कहा गया। मैं गया और रीना का हाथ पकड़ कर उसे अपने साथ ले आया. रीना भी बिना किसी खास विरोध के बस ज़रा सा नखरा करके मेरे साथ आ गई। हम फिर से बैठ गए।
इस बार एक पेग स्पेशल तौर पर बना कर रीना को पेश किया गया। रीना ने गिलास पकड़ा और उसमें से हल्की से एक सिप लेकर गिलास रखने लगी तो दो तीन जने एक साथ बोले- अरे नहीं नहीं भाभी जी, अब गिलास नीचे नहीं रखना, ये तो अपशकुन होता है, अब तो गिलास खाली करके ही नीचे रखना। रीना बोली- मैं पीती नहीं। तो एक बोला- तो क्या हुआ, गिलास हाथ में पकड़े रखो, जब दिल किया, थोड़ा सा पी लिया। अभी भी बारिश बहुत है, कौन सी जल्दी है, शाम तक चले जाएंगे। पियो यार पियो। मुझे भी हैरानी थी, मैं भाई तो रीना यार कब बन गई, पता ही नहीं चला।
फिर बातों बातों में एक आदमी बोला- भाभी जी, दरअसल हम सभी पांचों दोस्त जो हैं न। हम सब की एक बात कॉमन है। रीना ने पूछा- क्या? वो बोला- हम सब न वाइफ़ स्वैपर्ज़ हैं। रीना एकदम चौंकी- क्या? वो बोला- जी हाँ। हम सब महीने में एक दो बार मिलते हैं सब के सब। तब हम सब लोग आपस में अपनी अपनी पत्नी बदल लेते हैं। इसकी बीवी मेरे पास, मेरी बीवी उसकी पास। उसकी बीवी किसी और के पास। और कभी कभी हम ऐसा प्रोग्राम भी बनाते हैं कि जैसे हम सब कोई रंडी किराए पर लाते हैं, और सब यार दोस्त मिल कर उसकी बजाते हैं। और हमारी पत्नियाँ भी अकेली कहीं घूमने का प्रोग्राम बनती हैं, और अपने अंदाज़ से मज़े करती हैं। चाहे वो दारू पीएँ, या कोई मेल प्रोस्टिटूट जिगोलो बुला करके मज़े करें। उनको पूरी छूट होती है। जैसे आज हम लोग यहाँ आयें थे, हमारा मूड सिर्फ दारू पीने तक था। और हमारी पत्नियाँ आज अपनी मर्ज़ी से घूमने गई हैं। कहाँ गई हैं, हमें नहीं पता, क्या कर रही होंगी, हमें नहीं पता। वो अपना मज़ा कर रही हैं। हम अपना मज़ा कर रही हैं”।
मैने कहा- तो इस तरह तो आप बहुत मज़े करते हो यार, खुल कर खाते पीते हो, नई नई भोंसड़ी मारते हो। वो बोला- बिल्कुल, अब आप लोग यहाँ घूमने आए, क्या मज़ा किया, मज़ा तो तब आता, जब तुम्हारी बीवी मेरी गोद में होती और मेरी बीवी तुम्हारी गोद में! मैं और रीना तो उसकी बात सुन कर आवक रह गए।
“मतलब?” रीना ने पूछा. वो बोला- मतलब यह कि वाइफ स्वैपिंग। मैंने कहा- मगर यहाँ तो सिर्फ रीना है, आप लोगों की पत्नियाँ तो हैं नहीं। वो बोला- तो क्या हुआ, तुम हमारा पता नोट कर लो, किसी दिन हमारे घर आओ, और अपनी आँखों से ये सारा नज़ारा देखो। चाहो तो जॉइन करो, और दोनों मियां बीवी ज़िंदगी के मज़े लूटो, क्यों भाभी जी? रीना कुछ बोली तो नहीं पर मुस्कुरा दी।
एक बोला- देखो भाभी जी मुस्कुरा रही हैं, इसका मतलब भाभी जी को भी स्वैपिंग से कोई ऐतराज नहीं है। मतलब यह कि हमारा अगला प्रोग्राम बहुत ही ज़बरदस्त होने वाला है, जिसमें हमारा भाई और हमारी सेक्सी भाभी जी भी आएंगी और अपने हुस्न के जलवे हमें दिखायेंगी। तभी एक बोला- अरे यार, कितनी दूर की सोचता है, पर देखो भाभी जी, यह भी तो हो सकता है न कि जो काम हमने कल करना है, वो आज ही कर लें, यानि के हम आप दोनों को अपने ग्रुप में आज ही शामिल कर लें। क्यों बंधूओ?
सबने अपने अपने गिलास उठा कर ‘बिल्कुल बिल्कुल…’ कहा। मैं कुछ कहता पर रीना के चेहरे की मुस्कान बता रही थी कि चाहे उसने शराब का सिर्फ आधा गिलास ही पिया था, मगर वो इस वक़्त पूरे रंग में थी. और जब रीना मूड में होती है तो फिर उसे जो सबसे पहली चीज़ चाहिए होती है वो है लंड। कड़क मर्दाना लंड।
रीना के चेहरे की हल्की मुस्कुराहट और उसका चुपचाप ये सब बातें सुनना, उन सब की हिम्मत बढ़ा रहा था। इसी वजह से वो सब अब मुझे छोड़ कर सीधे रीना से मुखातिब हो रहे थे। “भाभी जी आप बताओ, क्या आप हमारे इस वाइफ स्वैपर्ज़ क्लब में शामिल होंगी?” रीना ने पहले कुछ सोचा और फिर बोली- ये तो मेरे पति ही बता सकते हैं।
मैं कुछ कहता, इससे पहले ही एक ने कह दिया- अरे भाई ने कहाँ ना करनी है, भाई ऐसा करते हैं, मैं तो अपनी बीवी पक्के तौर पर ही तुम्हें दे देता हूँ, तू जब चाहे, जहां चाहे मेरी बीवी की ले ले। बस मुझे तो एक बार भाभी जी मिल जाएँ, बस ज़िंदगी का मज़ा आ जाए। यह तो सीधा सीधा रीना को सेक्स की प्रोपोज़ल थी।
रीना बोली- अरे नहीं, मुझमे ऐसा क्या है, आपकी बीवी भी तो बहुत सुंदर होगी। वो बोला- अरे भाभी जी मेरी बीवी सुंदर है, बहुत सुंदर है, इनमें से किसी से भी पूछ लो, मगर वो आपकी तरह सेक्सी नहीं है। आप खुद को देखो, क्या लाजवाब चीज़ खुदा ने बनाई है। क्या आँखें, क्या होंठ, क्या मुस्कान। क्या तराशा हुआ, बदन। सर से पाँव तक हुस्न ही हुस्न। कहीं भी हाथ लगाओ तो लगता है कहीं दाग न पड़ जाए इस खूबसूरत जिस्म पर!
रीना उसकी यह चापलूसी सुन कर मुस्कुरा दी- अरे रहने दो भाई साहब, झूठी तारीफ मत करो। वो बोला- झूठी तारीफ? क्यों भाई लोगो, बताओ मैंने कुछ गलत कहा क्या? सबने उसकी हाँ में हाँ मिलाई।
“अरे भाभी जी, आपको देख कर तो बस देखते रहने को दिल करता है, इनती सुंदर हो आप के क्या कहना। अगर एक बार छू लूँ तो लगता है कि जैसे जल जाऊंगा.” कह कर एक ने रीना की बाजू को छुआ। रीना ने उसे झिड़का- अरे छूओ मत, पीछे हटो। मगर वो जिस हाथ से रीना को छुआ था, उस हाथ को चूम कर बड़ी बेशर्मी से हंसा।
अब इतना साफ हो चुका था कि ये सब के सब रीना के दीवाने हो चुके थे और रीना भी मस्ती में उन सब को लिफ्ट दे रही थी। बात बढ़ती जा रही थी, बातों बातों में एक दो ने बहनचोद, मादरचोद जैसे शब्द भी इस्तेमाल कर दिये थे। रीना भी उनसे कुछ ज़्यादा ही खुल रही थी।
एक बोला- भाभीजी, आपको इस गीली साड़ी में ठीक लग रहा है, कहीं सर्दी न लग जाए आपको? तभी उसकी बात कट कर दूसरा बोला- तो तेरा मतलब क्या है साले भाभी जी अपनी साड़ी उतार दें। हरामी तेरी बात मैं सब समझता हूँ। मगर वो पहले वाला बोला- अरे यार देखो, अब भाभी जी हमारे वाइफ स्वैपर्ज़ ग्रुप की मेम्बर बन चुकी हैं, तो जब हमारी मीटिंग में आएगी, तब भी तो उन्हें अपनी साड़ी खोलनी ही पड़ेगी, तो क्यों न शुभारंभ आज ही हो जाए। और फिर सब के सब कुत्ते की तरह ललचाई नज़रों से रीना की तरफ देखने लगे।
रीना ने मेरी तरफ देखा, जैसे वो आँखों आँखों में मुझसे पूछ रही हो- क्या करूँ साड़ी उतार दूँ या नहीं? अगर उतार दी, तो ये सब मिल कर मुझे चोद देंगे। और अगर नहीं उतारी तो हो सकता है ये ज़बरदस्ती मेरा चीरहरण कर दें। मैं कुछ नहीं बोला, मैंने ये फैसला रीना पर ही छोड़ा क्योंकि यह तय था कि वो सब अब रीना को चोदने वाले हैं। वो 5 थे और मैं इस हालत में नहीं था कि रीना को उनसे बचा सकता।
तो रीना कुछ कहती, इस से पहले एक ने रीना के कंधे से उसका आँचल नीचे सरका दिया- छोड़ो भाभी, अब ये लाज शर्म सब त्याग दो। अब हम सब दोस्त हैं। कहते कहते उसने रीना की साड़ी का पल्ला उसके कंधे से उतार दिया।
बेशक रीना ने फिर से एकदम अपना आँचल ठीक कर लिया, मगर इस दौरान सिर्फ एक सेकंड के लिए ही सही, मगर सब सुर्ख लाल लो कट ब्लाउज़ में रीना के मस्त गोरे मम्मों को देख लिया था।
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इस कामुक कहानी का अगला भाग: मेरी बीवी पांचाली-3
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