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कहानी का पहला भाग: विशाल लंड से चुदाई का नया अनुभव-1
अब तक आपने पढ़ा था कि मुनीर अपनी कमर में बैल्ट से नकली लिंग बाँध कर किसी आदमी की गुदा को भेद रही थी. अब आगे …
वो आदमी केवल इसी तरह का शौक रखता था. तभी वो मुनीर से संतुष्ट लग रहा था. उसने खुद को साफ किया. मुनीर के साथ अपने कपड़े पहने और मुनीर को चूम कर चला गया.
माइक उसे दरवाजे तक छोड़ आया और कुछ बातें भी की, फिर दरवाजा बंद करके वापस हमारे पास चला आया. मुनीर भी अब बाहर आकर मेरे बगल में बैठ गयी और उसका वो रबर का औजार अभी भी उसकी टांगों के बीच में लटक रहा था.
मुझे उसे देख बहुत हंसी आ रही थी.
तब मुनीर ने कहा कि भारत में ऐसा बहुत कम दिखता है, पर विदेशों में खासकर फिलीपीन्स, थाईलैंड जैसे देशों में आम बात है. उसने बताया के लोग अब केवल संभोग मात्र तक सीमित नहीं रह गए … बल्कि संभोग का मजा बढ़ाने के तरीकों पे जोर देने लगे हैं. उसने ये भी बताया कि सर्जरी कराके बहुत से मर्द औरत और औरत मर्द बन जाते हैं. मैं मन ही मन सोचने लगी कि हे भगवान … दुनिया कितनी अलग है.
मैं मुनीर के रूप को बार बार निहार रही थी, तो उसने फिर बताया कि ये तो नकली लिंग है, बहुत से ऐसे लोग भी मिलते हैं जिनका आधा अंग मर्द का और आधा अंग औरत का होता है.
मुझे उनकी बात पर यकीन नहीं हो रहा था. तब उसने अपना लैपटॉप खोला और एक वीडियो दिखाई, जिसमें एक औरत की तरह दिखने वाली के योनि नहीं बल्कि लिंग था. वो केवल 5 मिनट का वीडियो था, पर उसने मुझे दुनिया के एक नए पहलू से अवगत कराया. उस वीडियो में एक मर्द, एक औरत और एक आधा मर्द और औरत संभोग कर रहे थे. वो मर्द और अर्धमहिला कभी एक दूसरे के साथ संभोग करते, तो कभी महिला को एक साथ संभोग करते. कभी मर्द अर्धमहिला के गुप्तांग में अपना लिंग डालता तो कभी अर्धमहिला मर्द के गुप्तांग में. कभी दोनों उस पूरी महिला की योनि में लिंग डालते, तो कभी उसकी गुप्तांग में.
बड़ा ही अजीबो गरीब वीडियो था. अंत के दृश्य में मैं और भी हैरान रह गयी, जब मैंने दोनों का वीर्यपात देखा. मर्द का तो सही था, पर उस अर्धपुरुष या अर्धमहिला, जो भी था, उसका वीर्य निकलते देख अचंभित हो गयी.
खैर … जब तक वो वीडियो खत्म हुआ मुनीर और मेरे बीच अच्छी मित्रता हो गयी और हम दोनों काफी खुल गए.
वो बार बार मेरे बालों को सहला कर मेरी तारीफ किये जा रही थी. वो अपने जननांगों को मेरे जननांगों से बराबरी कर रही थी. मेरी हर चीज़ उससे थोड़ी बड़ी थी. केवल वो मुझसे थोड़ी लंबी और ज्यादा गोरी थी.
उधर तारा ने अपनी गिलास खाली कर के सामने लैपटॉप पर संगीत लगा दिया और झूमने लगी. उसने जीन्स और शर्ट पहन रखी थी, जिसे उसने झूमते झूमते उतारना शुरू कर दिया. पहले उसने शर्ट उतारी, फिर अपनी जीन्स और फिर ब्रा पैंटी में मदमस्त होकर झूमने लगी.
उसके स्तन ऐसे लग रहे थे, जैसे ब्रा में कोई कैदी और आज़ाद होना चाह रहे हों. वो पहले से काफी वजनी हो गयी थी. उसकी जांघें और नितम्ब पहले से काफी बड़े और मोटे लग रहे थे. पर जिस प्रकार वो लंबी थी, कोई कह नहीं सकता कि वो मोटी दिखती है, बस उसका शरीर भरा हुआ था, जो किसी भी मर्द के मुँह में पानी ला दे.
वो धीरे धीरे नाचते हुए माइक की ओर आयी, फिर माइक की बांहों में झुक कर माइक को चूमने लगी. इससे पहले तो मैंने उन्हें अपने मोबाइल में देखा था, पर आज संयोग से मेरे बगल में दोनों थे. एक तरफ मुनीर मेरे बालों को सहलाते हुए मेरा पल्लू सरकाने लगी. दूसरे बगल तारा और माइक एक दूसरे से प्यार करने लगे.
मुनीर ने मेरे कान में कहा- तुम्हारी चमड़ी कितनी मुलायम है और तुम्हारे बदन की खुशबू मुझे मदहोश कर रही.
मुनीर की भाषा आधी अंग्रेज़ी और आधी हिंदी में थी. उसने पल्लू मेरे स्तनों से नीचे सरका दिया और मेरे गले को चूम कर बोली- मैं तुम्हारा स्वाद चखना चाहती हूँ.
मुझे उसके ये शब्द बड़े अटपटे से लगे. मैं सोचने लगी कि क्या मुनीर मेरे साथ वो करना चाहती है, जो कुछ देर पहले उस मर्द के साथ कर रही थी.
मैं बहुत असमंजस में थी और स्वयं निर्णय नहीं कर पा रही थी कि जो मेरे साथ हो रहा, उसे रोकूं या होने दूँ. मेरा मन और मस्तिष्क आपस में ही लड़ रहे थे कि मुझे अच्छा लग रहा या नहीं. और मैं किसी तरह से मुनीर का विरोध भी नहीं कर पा रही थी.
अंत में मैंने सोचा कि होने देती हूं, जो हो रहा है.
मुनीर ने मेरे सिर को दूसरी तरफ घुमा कर मेरी गर्दन पर अपनी जुबान फिरानी शुरू कर दी. तभी मैंने देखा कि माइक बड़े गौर से मेरे स्तनों को घूर रहा है. पल्लू नीचे होने की वजह से मेरा आधे स्तन दिख रहे थे और बड़े होने की वजह से दोनों स्तनों के बीच की गहराई साफ दिख रही थी. तारा माइक के सीने को चूमती हुई नीचे झुक गयी और घुटनों के बल बैठ कर माइक के लिंग को उसके पैंट के ऊपर से ही चूमने और सहलाने लगी.
मेरी उत्सुकता माइक के लिंग को देखने की काफी बढ़ गयी थी … क्योंकि मैंने मोबाइल में देखा था, इसलिए उस समय अंदाज नहीं लगा सकी थी.
थोड़ा और सहलाने के बाद तारा ने माइक का पैंट खींच कर उसे नंगा कर दिया. मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं, मैं भूल गयी कि मुनीर मेरे बदन से खेल रही है. माइक का लिंग किसी सामान्य व्यक्ति के लिंग से काफी बड़ा था. उसका लिंग अभी उत्तेजित भी नहीं था, पर उसकी मोटाई और लम्बाई देख कर मैं तो डर गई. मैंने मन ही मन निश्चय किया कि मुनीर जो चाहे मेरे साथ कर ले मगर माइक को मैं कुछ नहीं करने दूंगी. तारा ने माइक के लिंग को हाथ में लेकर हिलाया डुलाया. उसका लिंग तारा की मुठ्ठी में नहीं आ रहा था, इतना मोटा था. मैं अंदाज से कह सकती हूं कि उसकी लिंग की इस ढीली अवस्था में मोटाई 4 इंच के व्यास की होगी और लंबाई करीब 6 से 7 इंच होगी. तारा के हाथ में उसका लिंग ऐसे लग रहा था, जैसे कोई काला नाग सोया हो, जिसे तारा जगाने का प्रयास कर रही थी.
मैंने दोबारा माइक की ओर देखा तो अभी भी मेरे स्तनों को ललचाई नजरों से घूर रहा था.
तभी मुनीर ने कहा- मैं तुम्हें चख के देखती हूं.
उसने मेरी साड़ी कमर तक ऊपर उठा दी. माइक की नजर तुरंत मेरी मोटी मोटी जाँघों की ओर चली गयी. मैं एकदम से शर्मा गयी क्योंकि माइक से मेरी ये पहली मुलाकात थी और सहज होने में थोड़ा तो समय लगता ही है. मैंने तुरंत अपनी साड़ी वापस नीचे कर ली.
इस पर मुनीर ने कहा- अब शर्माओ मत … इतने दिनों के बाद मिली हो, थोड़ा देखने तो दो … आखिर मुझे भी तो जानना है कि तुम्हारा स्वाद कैसा है. माइक ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा- प्लीज अब इतना भी न तड़पाओ हमें.
मुनीर ने विनती भरे स्वर से दोबारा बात दोहराती हुई मेरी साड़ी धीरे धीरे ऊपर मेरी कमर तक उठा दी. उसने मेरी जाँघों को सहलाया, फिर नाक लगा कर सूंघते हुए मेरी जाँघों को चूमने लगी. मेरी जांघें आपस में चिपकी हुई थीं. उसने हौले हौले उन्हें फैलाना शुरू किया और चूमते हुए मेरी योनि के पास आ गई. उसने मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी योनि को छुआ, फिर नाक लगा कर सूंघने लगी. उसने मेरी योनि में नाक लगा कर एक लंबी सांस खींची और माइक को देख कर बोली- बहुत मादक और सौंधी खुशबू है, मेरे मुँह में तो पानी आ गया.
फिर उसने मेरी योनि को पैंटी के ऊपर से ही चूमा और मुझसे मेरी योनि चाटने की विनती करने लगी. मैं चुप रही, मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या जवाब दूँ.
मेरा कोई उत्तर न पाकर उसने मेरी पैंटी स्वयं थोड़ा नीचे खींचा और नाभि और योनि के बीच हिस्से को चूमने लगी. अभी भी मेरी योनि नहीं दिख रही थी. मैंने देखा कि माइक काफी उत्सुक था मेरी योनि के दर्शन को. उधर तारा ने माइक का लिंग अपने मुँह में भर लिया था. उसने दोबारा लिंग मुँह से बाहर निकाला और दोनों हाथों से पकड़ लिंग के सुपाड़े को उसके ऊपर की चमड़ी पीछे खींच कर खोल दिया. तारा ने उसके सुपाड़े को जीभ से चाट कर पूरा गीला कर दिया. फिर उसके मूत्र द्वार को जीभ से चाटने लगी.
माइक का लिंग धीरे धीरे उत्तेजित होने लगा और उसका आकार भी बढ़ने लगा. माइक का सुपारा भी काला था और उसके लिंग की चमड़ी कोयले सा काली थी. बस उसका बदन गेहुंआ रंग का दिख रहा था.
तारा ने फिर से लिंग को मुँह में भर लिया और उसे अपने मुँह में अन्दर बाहर करने लगी. मुनीर ने मेरी पैंटी खींचनी शुरू कर दी, जिससे मेरी योनि दिखने लगी. पर मैं बैठी थी इस वजह से पैंटी बाहर नहीं आ रही थी.
मैंने अपने चूतड़ थोड़ा उठा दिए, जिससे मेरी पैंटी सटाक से बाहर हो कर तलवों तक चली गई. माइक ने जब मेरी योनि के दर्शन किये, तो उसके चेहरे पे रौनक सी आ गयी. मैंने उसका मन पढ़ लिया, वो भीतर से बहुत खुश हो गया था.
पर अभी भी उसे मेरी योनि ठीक से नहीं दिख रही थी, केवल उसे मेरी योनि की दरार और फूली हुई योनि का ऊपरी हिस्सा ही दिख रहा था. क्योंकि वो मेरे बगल में बैठा था.
उधर मुनीर ने मेरी जांघें फैला कर योनि पे हाथ फेरा, तो मेरे बदन में करंट सा दौड़ गया. उसने मेरी योनि की तारीफ़ करनी शुरू कर दी. माइक से भी नहीं रहा गया. उसने भी मेरी योनि को छुआ और कहा- वाओ कितनी मुलायम और गर्म है.
मुनीर अपनी जुबान मेरी योनि के ऊपरी हिस्से के दाने पर टिका कर उसे चाटने लगी. मैं अब उत्तेजित होने लगी पर खुद पे काबू किया और अपनी आंखें बंद कर सिर सोफे पे टिका दिया. मुनीर ने मेरी टांगों को ऊपर उठाया और अपने कंधे पे टिका कर दोनों हाथों से मेरी योनि को फैला कर दोनों तरफ की पंखुड़ियों को खोल दिया.
मेरी योनि का छेद खुल गया था, मुनीर ने अपनी जुबान को मेरी योनि के एकदम निचले वाले हिस्से पे रखा और चाटते हुए ऊपर दाने तक आयी. वो मस्त होकर बोली- उम्म … कितनी प्यारी सुगंध है … और स्वाद भी लाजवाब है. उसके कहते ही मैंने मुनीर की तरफ देखा, वो अपना सिर उठाये मुझे देख मुस्कुराई और अपनी नजर मेरी नजर से मिलकर दोबारा योनि को नीचे से ऊपर तक चाटने लगी.
मुनीर की जीभ के पानी से मेरी योनि गीली हो गयी थी, पर अब मेरी योनि में भी नमी सी आने लगी थी. जैसे जैसे वो मेरी योनि से खेल रही थी, वैसे वैसे मेरी वासना की ज्वाला तेज़ होती जा रही थी. मैंने कामुकता में आकर उसके सिर को दोनों हाथों से पकड़ लिया. मुनीर ने अपने दोनों हाथों की एक एक उंगलियां मेरी योनि के द्वार में घुसा कर योनि को पूरा खोल दिया और अपनी जीभ उसमें घुसाने का प्रयास करने लगी. मुझे ऐसा आभास हो रहा था, जैसे कोई रुई का लिंग मेरी योनि से मैथुन कर रहा हो.
मैंने माइक की ओर एक बार देखा, तो वो मुझे देख कर मुस्कुरा रहा था और उसकी आँखों में वासना की चमक थी. मैंने फिर तारा की तरफ देखा … तो वो लिंग को चूस रही थी और लिंग पूरी तरह से खड़ा हो चुका था. इस अवस्था में लिंग इतना मोटा था कि तारा के मुँह में केवल सुपाड़ा ही घुस रहा था और उसने दोनों हाथों से लिंग पकड़ रखा था.
थोड़ी देर और चूसने के बाद उसने माइक से कहा कि तुम्हारा हथियार तैयार हो गया है. दोनों इस बात पे हंसने लगे. फिर तारा ने मुनीर को कहा- जरा मुझे भी तो चखने दो … बहुत दिनों के बाद मिली है और मैंने इसकी योनि कभी नहीं चखी.
यह सुनते ही मुनीर ने मुझे छोड़ दिया और मेरी टांगें नीचे रख कर अलग खड़ी हो गयी. तारा मेरी तरफ आयी तो मैंने बिना कुछ कहे अपनी टांगें उठा कर सोफे पे रख कर टांगें फैला दीं.
तारा फिर झुक कर अपना मुँह मेरी योनि में भिड़ा कर चाटने लगी. थोड़ा चाटने के बाद बोली- कितनी गीली हो चुकी है तुम्हारी योनि, भीतर से पानी रिस रहा है, अब समझ आया कि मर्द क्यों तुम्हें चाहते हैं.
अपनी तारीफ सुन कर मैं भीतर से बहुत खुश हुई, पर सोच भी रही थी कि किसी तरह भी मैं स्खलित हो जाऊं.
तभी माइक का स्वर गरजा और ठीक मेरे सामने खड़ा होकर बोला- अब मेरी बारी है. मैंने देखा उसका लिंग किसी लोहे के पाइप के समान मेरी आंखों के पास टनटना रहा था. वो एक दानव की तरह दिख रहा था.
तारा मेरी जाँघों के बीच से अलग हुई, तो माइक नीचे बैठ गया और उसने भी मेरी योनि का स्वाद चखना शुरू कर दिया. माइक में तारा और मुनीर से कहीं ज्यादा ही उत्तेजना दिख रही थी. माइक भले ही बहुत उत्तेजित था, पर वो बहुत अनुभवी भी था. वो अपनी उत्तेजना को काबू में करना जानता था. उसने मेरी जाँघों को बहुत प्यार से पकड़ रखा था और योनि में अपनी जुबान ऐसे फिरा रहा था, जैसे कोई बच्चा आइस क्रीम को चाट रहा हो. मैं तो समझ गयी कि कुछ देर अगर ये चला, तो मैं उसके मुँह पे ही अपना पानी उगल दूंगी.
उधर तारा और मुनीर खड़े होकर एक दूसरे को चूमने और प्यार करने लगे. माइक वाकयी में बहुत ही अनुभवी था. उसने मेरी बदन की गर्मी और बदन की स्थिति से भांप लिया था मुझे. शायद वो नहीं चाहता था कि मैं ऐसे ही झड़ जाऊं, इसलिए उसने मुझे छोड़ दिया.
उसने खड़ा होकर अपना लिंग मेरे सामने कर दिया. शायद ये इशारा था कि मैं उसके लिंग को प्यार करूँ, पर उसे देख कर तो मेरी कामुकता कम होने लगी और भीतर से डर भी गयी. माइक समझ गया, उसने मुझसे कहा- तुम्हें न तो शरमाने की जरूरत है … ना ही घबराने की, मैं ऐसा कोई काम नहीं करूँगा, जिससे तुम्हें तकलीफ हो. उसकी बातों से साफ झलक रहा था कि वो बहुत समझदार और अनुभवी मर्द है.
उसने मुझसे दोबारा कहा- जब से तुम्हारी फ़ोटो देखी, तब से मिलना चाहता था. तुम आज मिली … पर तुम खुल कर नहीं मिली. उधर तारा और मुनीर भी हमारी तरफ देखने लगे.
तारा ने मुझसे पूछा- अभी तो तुम अच्छी खासी थीं, अब अचानक क्या हुआ?
मैं चुपचाप थी और धीरे धीरे अपने कपड़े सही करती रही. तारा मेरे पास गई और मुझसे पूछने लगी कि आखिर बात क्या थी.
मेरी जगी हुई चिंगारी शांत हो गयी थी, मैं बहुत असमंजस में थी, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या कहूं.
तभी मैंने तारा से कहा- माइक मेरे साथ क्या करना चाहता है?
तारा की जगह माइक ने खुद जवाब दे दिया कि जिसके लिए मैं आया हूँ, बस वही करना चाहता हूँ.
सीधे शब्दों में उसने खुल कर कह दिया कि आखिर तुम्हारी तरह कामुक महिला किसी मर्द के साथ होगी, तो संभोग करने की लालसा जागेगी ही, मैं भी संभोग करना चाहता हूँ … और अगर तुम्हें नहीं पसंद है, तो मैं जबरदस्ती नहीं करूँगा.
उसकी ये बात सुन कर तो मैं भीतर से सिहर गयी. मन में केवल एक बात थी के इतना बड़ा लिंग मेरी छोटी सी योनि में कैसे जाएगा.
मैंने तारा के कान में धीरे से कहा- माइक का लिंग बहुत बड़ा है, मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी.
इस पर तारा जोर जोर से हंसने लगी और उसने मेरी दुविधा उन दोनों को बता दी कि मैं माइक के लिंग से डर गई हूँ.
माइक और मुनीर भी जोर जोर से हंसने लगे.
मुनीर ने मुझसे कहा- तुम इतनी उम्र की हो … फिर भी बच्चों जैसी बातें करती हो.
मैं उसको मूक दर्शक सी देखती रही.
उसने आगे कहा- अगर मजे करने हैं … तो इन सब बातों को दिमाग में नहीं लाना चाहिए और असली मजा तो दर्द में ही है.
उसने मुझे समझाना शुरू कर दिया कि औरत की योनि तो रबर की तरह होती है. मैं भी हर बात जानती हूं, पर पता नहीं … उस वक़्त मैं सच में डर गई थी. शायद पहली बार किसी ऐसे मर्द को देख रही थी इसलिए.
मुनीर की बातें मुझे समझ आ गयी थीं, फिर भी मेरा मन नहीं माना. मुनीर फिर बिस्तर पर गयी और एक डब्बा उठा लायी. उसने मुझे दिखाते हुए बोला- देखो ये चिकनाई के लिए प्रयोग करते हैं, तुम्हें बस मजा आएगा … दर्द बिल्कुल भी नहीं होगा.
उधर तारा ने मुझे ताने मारने शुरू कर दिए. उसने कहा जो औरत एक बार में 4 मर्दों को गिरा सकती है, छोटी सी बात पे डर गयी. तुम बहुत खुले विचारों की औरत हो … और जीवन में मजा करने के लिए जब इतना कष्ट उठा सकती हो, तो यहां आकर रुक क्यों गईं.
उसने मुझसे कहा- जीवन में कुछ नया करना चाहिए … क्या पता क्या कुछ मिल जाए. एक न एक दिन सब खत्म हो जाएगा. अभी मौका है मजा कर लो.
उसकी बातों से मेरे अन्दर हिम्मत जगी और थोड़ा सोचने के बाद मैंने हां कर दिया.
माइक के तो जैसे चेहरे पे चाँद चमकने लगा. उसने ख़ुशी दिखाते हुए मुझे झुक कर मेरे होंठों को चूम लिया. उसने मुझे हाथ पकड़ कर उठाया और कहा- मैं तुम्हें जरा सी भी तकलीफ नहीं होने दूंगा, पूरे आराम से करूँगा ताकि तुम्हें ज्यादा से ज्यादा मजा आये.
मुनीर और तारा ने एक साथ कहा- तुम्हें चिंता करने की जरूरत नहीं. तारा ने कहा- हम सब तुम्हारे साथ हैं. हम दोनों तुम दोनों को मजे करते देखेंगे.
तारा मुझे पकड़ कर बिस्तर के पास ले गयी और उसने मुझे निर्वस्त्र करना चाहा.
मैंने उसे रोक लिया, तब उसने मुझसे कहा- बहुत जिद्दी हो तुम.
उसने मुझे हल्का सा धक्का देकर बिस्तर पर गिराकर माइक की ओर चली गई. वहां मुनीर पहले से ही घुटनों के बल खड़ी होकर माइक का लिंग चूस रही थी. तारा ने माइक के गले में हाथ डाल कर उसको चूमा.
उसने कहा- तुम्हारी मनोकामना पूरी होने वाली है.
माइक ने भी जवाब में तारा के चूतड़ों को दबोच कर उसे अपनी ओर जोर से दबाया. फिर उसकी ब्रा के हुक खोल उसके स्तनों को आजाद करके उसका स्तनपान करने लगा.
मुनीर पूरी ताकत से माइक के लिंग को पकड़ हिला हिला कर चूस रही थी. थोड़ी देर बाद तारा नीचे झुकी और मुनीर के साथ लिंग को बारी बारी चूसने लगी. कुछ पल के बाद तारा नीचे घुटनों के बल खड़ी होकर चूसने लगी और मुनीर उठ कर मेरी और आने लगी.
वो अब भी उस रबर के लिंग को पहनी हुई थी, मुझे उसके इस रूप को देख कर मन ही मन हंसी आ रही थी.
मेरे पास आते ही उसने मेरे चेहरे को पकड़ मेरे होंठों को चूम लिया. फिर मुझे बिस्तर पर लिटा दिया. मेरी टांगें बिस्तर से बाहर लटक रही थीं.
मुनीर ने पहले मेरे पल्लू को स्तनों के ऊपर से हटाया, फिर ब्लाउज से बाहर स्तन के हिस्से को चूमती हुई बोली- तुम कितनी कामुक महिला हो … तुम्हारा बदन ऐसा है कि कोई भी मर्द तुम्हें पाने को पागल हो जाए.
उसने धीरे धीरे मुझे चूमते हुए मेरी टांगों की तरफ चली गयी. फिर मेरी साड़ी को उसने उठा कर कमर तक कर दिया. मेरी टांगों को उठा उसने बिस्तर पर मोड़ कर टिका दिया. उसके बाद उसने मेरी जाँघों को फैला कर मेरी योनि को दो उंगलियों से फैलाया और बोली- तुम तो ठंडी हो गयी हो … तुम्हें फिर से गरम करने पड़ेगा.
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कहानी का अगला भाग: विशाल लंड से चुदाई का नया अनुभव-3
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