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प्रणाम दोस्तो, कैसे हो सब आप सब! मेरी पिछली कहानी दीदी जीजू का दिलवा दो में आपने पढ़ा कि मेरी दीदी की शादी के बाद जब उसने मुझे अपनी सुहागरात की कहानी सुनायी और जीजू के शानदार, जानदार लंड की तारीफ़ की तो मैंने अपने मन में धार लिया कि मैं जीजू का लंड लेकर रहूँगी. और दीदी की मदद से मैं जीजू से चुद भी गयी.
यह कहानी उससे आगे की है. पढ़ा कर मजा लीजिये. उस दिन दीदी की सहमति से उन्हीं के घर में मैंने जीजू को अपने जाल में फंसा अपनी जिस्म की भूख पूरी की. पर जीजू दीदी के आ जाने के डर से खुलकर मुझे चोद नहीं सके और उन्होंने उस दिन मुझे कहा कि अभी तो तेरी गांड भी मारनी है.
उसी दिन दीदी ने बाजार से आकर मुझे पूछा- लाडो बहना … कैसा लगा जीजू का लौड़ा? मैंने बोली- बहुत ज़बरदस्त … मजा आ गया!
रात को दीदी जब नहाने गई तो जीजू मुझे बोले- कल तुझे वापस घर छोड़ने जाऊँगा तो पहले तुझे दबा कर चोद कर भेजूंगा। मैंने पूछा- जीजू कैसे चोदोगे? कहाँ पर चोदोगे? जीजू बोले- मेरे एक दोस्त के फ्लैट में तेरी खुलकर ठुकाई करूँगा! यह कह कर मुझे चूम लिया।
अगले दिन दोपहर को जीजू घर आए। मैं तैयार थी वापस घर जाने के लिए। दीदी को मैंने कुछ नहीं बताया। दीदी से मिलकर में गाड़ी में बैठ गई।
जीजू ने गाड़ी चलाते चलाते मेरी जांघ सहलाई। मैंने भी हाथ उनके लौड़े पर टिका दिया और पूछा- कहाँ जाएंगे? जीजू बोले- पास में ही फ़्लैट है, वहां मेरा दोस्त अकेला रहता है बस वहीं।
जल्दी हम फ़्लैट में पहुंच गए जहाँ एक बांके गबरू जवान, बेहद स्मार्ट लड़के ने दरवाजा खोला, मैं उसको देखती ही रह गई। उसने हमारा स्वागत किया। जीजू बोले- यह मेरा दोस्त रवि है।
वो वहां अकेला रहता था, वो हमारे लिए पानी लेने गया तो मैंने जीजू से कहा- इसके रहते क्या होगा? जीजू बोले- हम पूरा मज़ा करेंगे, डरो मत!
मैं तो खुद रवि पर अंदर से मर मिटी थी। वो पानी लाया तो जीजू बोले- रवि यार क्या पानी? कोई बियर शियर हो जाये। वो उठा औऱ तीन मग में बीयर डालकर ले आया। मैं थोड़ा झिझकी पर उनके ज़ोर देने पर बियर पी गई. बियर स्ट्रांग थी, मुझे नशा से होने लगा, जीजू ने मेरे गले में बांहें डालते हुए कहा- घबराओ मत मेरी जान!
मुझे भी सरूर था, मैं रवि के सामने ही उनसे चिपक गई और उन्होंने भी मेरे होंठ चूम लिए। जीजू बोले- रवि, यह मेरी बेबाक साली है।
जीजू ने तीन मग बीयर पीने के बाद वहीं सोफे पर ही मुझे गिरा लिया और मेरी टॉप उतार दी. रवि सामने बैठ देख रहा था और मुस्कुरा रहा था. उसका हाथ अपने लौड़े पर था. मेरी ब्रा में कैद मम्मे देख तो उसने कस के अपना लौड़ा पकड़ लिया.
देखते ही देखते जीजू ने मेरी जीन्स भी उतार डाली तो रवि मेरा गदराया हुस्न देख पागल हो गया और वह उठकर सोफे पर मेरी दायीं तरफ आकर बैठ गया. मैंने नशीली आँखों से उसको देखा तो उसने मेरी एक चूची पकड़ दबा दी. उधर जीजू ने अपना लन्ड निकाल लिया, इधर रवि ने रवि का लौड़ा देख मैं पागल सी हो गई क्योंकि वो जीजू के लंड से भी बड़ा था. जीजू का लौड़ा हाथ में पकड़ कर सहलाते हुए मैंने रवि के लौड़े को पकड़ झुक कर चूम लिया. वो कांप से गया. मैंने एकदम से पूरा लौड़ा मुंह में उतार कर एक चुप्पा मारा तो जीजू बोले- रांड, नया लौड़ा देख टूट पड़ी? उस वक़्त मैं सच में ही एक रंडी से कम नहीं थी.
दोनों ने अपने कपड़े उतार दिए. टेबल हटाकर मैं कार्पेट पर घुटनों के बल बैठ गई, मेरे सामने रवि टांगें चौड़ी करके बैठ गया और मैं गपागप उसका लौड़ा चूसने लगी. पीछे से जीजू गपागप मेरी चूत चाट रहे थे और मेरी गांड में गीली उंगली डाल रहे थे. मैं कुतिया की तरह रवि का लौड़ा चूस रही थी.
फिर जीजू सोफे पर आए और रवि ने कुछ पल मेरी चूत चाटी और उसने लौड़े को गीला कर मेरी चूत पर रख झटका दिया, मोटा लंबा लौड़ा मेरी चूत फाड़ने लगा. मुझे दर्द हुआ लेकिन मैं चिल्लाती भी कैसे आगे … जीजू ने हलक में लौड़ा ठूंसा हुआ था.
रवि कुत्ते की तरह मेरी चूत की चुदाई करने लगा और जीजा मुँह चोद रहा था. रवि बोला- तेरी गांड में डालूं? जीजू बोले- नहीं … इसकी गांड की सील मैं तोडूंगा। “कमीनो … मारोगे क्या मुझे?” “जान आज तेरी पूरी खुजली मिटा कर भेजेंगे!”
“उफ रवि … रगड़ो मेरी चूत को … और रगड़ो … फाड़ डालो।” जीजू ने बाल खींच लौड़ा फिर से घुस दिया मुंह में।
“रवि ज़ोर से … मैं झड़ने वाली हूँ … राजा ज़ोर से …” मैं झड़ने लगी.
उधर रवि मानो अफीम खाकर मुझे चोद रहा हो, एक तरफ हलक तक लौड़ा जाता तो दूसरा बच्चेदानी से टकराता. काफी देर रगड़ने के बाद रवि की गति बढ़ने लगी तो मैंने कहा- पानी मत अंदर गिराना! उसने लौड़ा निकालकर मेरे मुँह में ठूँस दिया और जीजू पीछे आकर लौड़ा चूत पर रखने लगे. रवि की पिचकारी मेरे हलक में गिरने लगी और चूत में जीजू का लौड़ा घुस चुका था.
जीजू ने साथ साथ गांड पर थूक घिराया और उंगली घुसा दी. चोदते चोदते कब एक से दो उंगली घुसी पता नहीं चला. रवि ने दोबारा लौड़ा मेरे मुंह में दिया और उधर जीजू के इरादे नेक नहीं थे, उन्होंने एकदम से उंगलियों से मेरी गांड को चौड़ा किया और चूत रस से भीगा लौड़ा मेरी गांड पर टिकाकर झटका मार दिया.
मेरी जान निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ जीजू का लौड़ा फंसता चला गया, पूरा लौड़ा मेरी गांड में फंस गया। उधर रवि का लौड़ा खड़ा हो गया। मेरी आँखों से आँसू बहने लगे इतना दर्द था। पर दो हब्शी दरिंदे मुझे पेल रहे थे। कुछ देर गांड में लंड चलने के बाद मुझे आराम सा मिला तो रवि जीजू से बोला- एक साथ चोदें क्या?
जीजू सीधा कार्पेट पर लेट गए और मुझे अपनी तरफ पीठ करवा लंड पर बैठने को कहा. मैं लन्ड को गांड के छेद पर सैट कर उस पर बैठ गई। जिसकी वजह से मेरी चूत का मुंह ऊपर खुला था। रवि ऊपर आकर उस पर लंड रखकर घुसाने लगा।
दोनों ने मिलकर मुझे जमकर पीसा, मेरी गांड औऱ चूत का भोसड़ा बना डाला। जीजू ने रवि के साथ मिलकर दो घंटे मुझे इतना चोदा कि गई तो जीजू के साथ साली बनकर औऱ जब फ्लैट से निकली तो रंडी बनकर … मेरे सगे जीजू ने मुझे अपने दोस्त से चुदवाकर रंडी बना दिया।
रवि ने निकलते वक्त मुझसे नम्बर लिया और अपना नंबर मुझे दिया। जीजू के साथ साथ मैं रवि के लंड की दीवानी भी हो गई।
मुझे नए नए लौड़ों की ललक लग चुकी थी। जल्द ही अपनी एक और चुदाई कहानी पेश करूंगी कि मैंने कैसे मैंने गांव की एक शादी में गांव के एक हब्शी देहाती लौड़ा लिया। आपकी अपनी रागिनी [email protected]
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