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दोस्तो, मैं पीहू … एक बार फिर से आप सभी के सामने अपना एक और सच्चा सेक्स अनुभव लेकर आया हूँ. यह कहानी मेरी और मेरी बहन के दोस्त की चुदाई से सम्बन्धित है. इसमें मैंने अपनी दीदी की सहेली को कैसे चोदा, इसके बारे में लिखा है. अभी तक आप मेरी पहली कहानी दीदी संग मेरी पहली चुदाई में पढ़ चुके हैं कि मैंने अपनी शादीशुदा दीदी को कैसे चोदा. अब आगे की घटना पढ़ें:
यह बात अगले दिन की है, जब मैं सुबह उठा, तो मैंने देखा दीदी और अरु नीचे चली गयी थीं. सुबह के 9 बजे चुके थे और मैं रात की बातें याद कर कर बहुत उदास था. साथ ही मुझे अपने ऊपर गुस्सा भी बहुत आ रहा था कि ये मैंने क्या कर दिया. मैंने अपनी दीदी से अपनी आंखें कैसे मिला पाऊँगा. अपनी शर्म के मारे मैं पानी पानी हो रहा था. फिर मैं उठ कर बाथरूम में चला गया. जैसे ही मैं बाहर आया, तभी दीदी अन्दर आईं. उनको देख कर मैंने शर्म के मारे अपना सर नीचे ही किये रखा.
दीदी शायद कुछ काम से अन्दर आयी थीं. उन्होंने भी मुझसे कोई बात नहीं की. मैं यही सब सोचता हुआ नीचे शादी के काम में लग गया. बीच बीच में मैं अपनी दीदी से आंखें भी मिला लेता था और वो भी मुझे देख कर मुस्कुरा देती थीं. पर मेरी हिम्मत नहीं हो पर रही थी कि मैं दीदी से कोई बात करूँ.
कुछ देर बाद मैंने देखा कि दीदी मेरी तरफ देख कर एक लड़की से बातें कर रही थीं. वो लड़की भी मेरी तरफ ही देख कर हंस रही थी. मैं कुछ समझा नहीं क्योंकि वो लड़की दीदी के ससुराल पक्ष की सहेली थी, जो भइया की शादी में आयी थी. उसका फिगर 34-30-32 का था. वह बहुत सेक्सी लग रही थी.
मैं ऐसे ही किसी काम से व्यस्त होकर घूम रहा था. तभी दीदी मेरे करीब आईं और बोलीं- पीहू, तुम बेबी को सामने वाले घर में शिफ्ट करवा दो. उस लड़की का नाम बेबी था. मैंने बोला- वहां पर क्यों? तो दीदी बोलीं- यहां रूम कम हैं … तो अंकल ने कहा कि बेबी मेरे घर में जाकर रह सकती है … इसलिए ये वहां पर रेस्ट कर लेगी, तुम बस इसका सामान उधर रखवा दो.
दीदी से बात करके मुझे थोड़ा रात की बात से राहत सी मिली और अब मेरा ध्यान उस लड़की पर ठहर गया. मैं उस लड़की को ही देख रहा था. सच में क्या बताऊं, वो बहुत ही मस्त लड़की थी. उसका फिगर देख कर मेरा लंड हरकत में आ गया.
मैं उसे देख ही रहा था, तभी दीदी बोलीं- क्या देख रहे हो … जाओ इसे लेकर! दीदी मुझसे बातें करने लगी थीं, पर मुझे अभी भी कुछ शर्म आ रही थी. इसलिए मैं उनसे आंखें नहीं मिला पा रहा था. पर दीदी की सहेलू बेबी मुझे ही देखे जा रही थी.
मैंने दीदी की बात मान कर उसका सामान अंकल के घर ले जाकर रख दिया और वापस जाने के लिए मुड़ा, तभी वो मुझे टोकते हुए बोली- तुम पीहू हो ना … निक्की के भाई? मैंने बोला- हां … फिर वो बोली- तुम मुझसे बातें क्यों नहीं कर रहे हो … मैं भी तो तुम्हारी बहन जैसी हूँ. तो उसकी इस बात पर मैंने बोला- हां ये तो है ही. वो बोली- हां … पर वो मत करना जो तुमने दीदी के साथ रात में किया था.
उसके इतना बोलते ही मैं सन्न रह गया और वो हंसने लगी. पर मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि मेरी बहन इसको उस घटना के बारे में कैसे बता सकती है. तब भी मैंने बात क्लियर करने के इरादे से उससे पूछा- मैंने क्या किया था? वो बोली- वही … जो तुमने रात में निक्की के साथ किया था.
मैं समझ गया कि दीदी ने इससे सब कुछ बता दिया है, पर मैं अभी भी अनजान बना हुआ था. लेकिन मैं डर गया था, मेरी तो गांड फट गयी थी कि अब क्या होगा, अब सबको ये बात पता चल जाएगी.
तभी वो बोली- ओके तुम टेंशन मत लो … मैं किसी से कुछ नहीं कहूंगी, पर मेरी एक शर्त है? मैंने बोला- मुझे तुम्हारी हर शर्त मंजूर है … पर प्लीज़ किसी को मत बोलना. वो बोली- पहले शर्त सुन तो लो. मैं बोला- हां बोलो. तभी वो मुझसे बोली- तुमको भी मेरे साथ वैसा ही करना पड़ेगा, जैसे तुमने अपनी दीदी के साथ किया था. मैं बोला- तुमको ये सब कैसे पता है कि मैंने अपनी दीदी के साथ क्या किया था?
इस पर वो बिंदास बोली- मुझे तुम्हारी बहन ने ही बताया है कि रात में मैंने अपने भाई का वर्जिन लंड अपने मुँह में लिया था, बहुत मज़ा आया था. उसकी ये बात सुनकर मैं तभी से तुमको पटाने की कोशिश कर रही थी, पर तुम हो कि सर नीचे किये ही चले जा रहे थे. इतने शर्मीले क्यों हो यार? मैंने धीरे से बोला- कल रात जो मैंने किया था, वो गलती से हो गया. दीदी मुझे इस बात के लिए कभी माफ़ नहीं करेगी … इसलिए मैं दीदी से नज़रें नहीं मिला पा रहा था. तो वो मेरी बात को अनसुना करते हुए बेशर्मी से बोली- मुझे निक्की ने बताया है कि तुम बहुत अच्छा चोद सकते हो … तुम्हारा लंड काफी बड़ा है.
अब मैंने भी उससे खुलते हुए कहा- हां पता है … पर आज तुम्हें भी पता चल जाएगा. मैं इतना कह कर उसके करीब हो गया और बोला- क्यों क्या तुम मेरा लंड अभी ही लेने के लिए तैयार हो?
तो वो तुरंत मेरा लंड पैन्ट के अन्दर से पकड़ कर मसलने लगी. उसके स्पर्श से मेरा लंड तुरंत बड़ा हो गया, जिससे मेरे लंड ने पैन्ट में तम्बू बना लिया. यह देख कर बेबी बोली- इसे जल्दी से बाहर निकालो … नहीं तो ये पैन्ट को फाड़ देगा. मैं चुदासा सा बोला- तुम्हीं निकाल लो ना. इतना कह कर मैं उसे किस करने लगा और वो भी मुझे पागलों की तरह किस करने लगी.
फिर वो घुटनों के बल पर बैठ कर मेरा लंड निकाल कर चूसने को जैसे ही हुयी, तभी दरवाजा पर किसी ने नॉक किया. मैंने बोला- कौन है? तो उधर से आवाज़ आयी- मैं हूँ! मैं समझ गया कि ये आंटी की आवाज है. हम दोनों ने अपने कपड़े सही किये और मैंने आगे बढ़ कर दरवाजा खोला.
आंटी एकदम से बोलीं- क्या कर रहे थे? मैं बोला- ये दीदी की सहेली है, इसको आपके घर का रूम दिखा रहा था. आंटी उधर किसी काम से आयी थीं, कुछ देर बाद वो चली गईं.
आंटी के जाने के बाद मैं तुरंत दरवाजा बंद करके बेबी के रूम में चला गया, जहाँ बेबी भी मेरा इंतज़ार कर रही थी. मुझे देखते ही वो खड़ी हो गयी और मेरे पास आकर उसने मुझे गले से लगा लिया. उसके बड़े बड़े मम्मे मुझे मेरी छाती से दबते हुए महसूस हो रहे थे.
मैंने उसे बेडरूम में ले जाकर बेड पर पटक दिया और उसे किस करने लगा. वो भी चुदासी सी हो गई थी. वो जल्दी जल्दी मेरे कपड़े खोलने लगी.
आज यह मेरे जीवन का पहला सेक्स होने जा रहा था, जहाँ लड़की को मैं हीरो की तरह चोदने वाला था.
मैं अपने अंडरवियर को उतार कर नंगा हो गया. जब उसने मेरा लंड देखा तो बोली- इतनी छोटी उम्र में इतना बड़ा लंड कैसे हो गया? मैं बोला- मैं रोज़ दीदी के नाम से लंड की मुठ मारता था, इसलिए ये खिंच कर इतना लम्बा हो गया.
उसने तुरंत आगे को होकर मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह लंड चूसने लगी. मैं तो मानो जन्नत में था. कल रात में दीदी के मुँह में लंड चुसवा कर पानी उनके मुँह में छोड़ा था, अब उनकी सहेली के मुँह में मेरा लंड था.
दीदी की सहेली मेरा लंड चूसती रही … जिससे पूरे कमरे में लंड चुसाई की मधुर आवाजें छप छप छप … गूंज रही थीं. वो खेली खाई खिलाड़ी लग रही थी. कभी वो मेरा लंड चूमती, तो कभी काट लेती थी … वो तो ऐसे लंड चूस रही थी, मानो पूरा कर पूरा लंड खा ही जाएगी.
मुझे भी इतनी अधिक चुदास चढ़ रही थी कि मैं भी उसके सर को पकड़ कर मुँह चुदाई करने लगा. कुछ ही समय में मैं उसके मुँह में ही झड़ गया. मेरे लंड ने अपने पानी को उसके मुँह में डाल दिया, जिसे उसने अपनी जीभ से चटखारे लेते हुए एक एक कतरा चाट कर साफ़ कर दिया. फिर वो गांड हिलाते हुए बाथरूम में चली गई और अपना मुँह धो कर वापस आ गयी.
अब मैं उसको किस करते करते उसके कपड़े उठाने लगा. मैंने उसे बेड पर लिटा कर उसकी ब्रा को उतारने की बजाए फाड़ दिया … जिससे वो थोड़ी ग़ुस्सा सी हो गयी. वो बोली- मेरे पास ब्रा की दुकान नहीं है … जो मैं बदल बदल कर पहन लूँगी … अब तुम्हें ही बाजार जाकर मेरे लिए ब्रा लानी होगी. तो मैं बोला- हां ठीक है ला दूंगा मेरी जान … अभी चोदने तो दो ठीक से …
मैं उसके 34 इंच के मम्मों को चूसने लगा, जिससे वो ‘आह आअह आह प्लीज़ आह …’ करते हुए मादक सीत्कार भरने लगी. मम्मों से मजा लेने के बाद मैं नीचे को होकर उसकी चुत पर आ गया. मैंने जैसे ही उसकी चूत पर हाथ लगाया … आह … क्या बताऊं यारों … उसकी चुत पर एक बाल तक नहीं था. एकदम चिकनी चमेली चूत थी और इस वक्त तो उसकी चुत पूरी की पूरी पानी हो रखी थी.
मैं जैसे ही नीचे चुत चाटने को हुआ तो वो बोली- जानू … नीचे अभी गन्दा है. मैं बोला- मैं उसे ही तो चूसना चाहता हूँ. वो बोली- नहीं … पहले जल्दी से अपना लंड डाल कर मेरी चुदाई करो … मुझे अभी बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
मैं भी उसे जल्दी ही चोदना चाहता था. इसीलिए मैंने अपने लंड पर थूक लगा कर जैसे ही उसके चुत पर लंड रखा, उसकी चुत ने मेरे लंड के लिए अपना मुँह खोल दिया और लंड अन्दर ऐसे घुसता चला गया … जैसे मानो किसी आइसक्रीम पर चाकू घुसता चला गया हो.
साली की चूत एकदम गीली हो जाने के कारण लंड ने एकदम से अटैक कर दिया था.
हालांकि उसकी एक तेज चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ इसका कारण मेरे लंड की लम्बाई थी. फिर एक पल रुकने के बाद मैंने उसके पैर को अपने कंधे पर रखा और उसकी गांड में नीचे तकिया रख कर एक ही झटके में अपना पूरा का पूरा लंड अन्दर डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए. वो आह भर कर कराहने लगी.
थोड़ी ही देर में वो मुझे अपने तरफ खींच कर मुझे अपने ऊपर लेकर कस के पकड़ कर आहें भर रही थी. वो चुदासी सी बोल थी- अहह … हय … आह … चोद दो मुझे … और तेज पेल दो … आह आह आह जानू … और तेज हां … ऐसे ही आह और चोदो. मैं भी गचागच उसे चोदे जा रहा था.
तभी वो एकदम से खुद को ऐंठते हुए झड़ गयी और उसने मुझे अपने ऊपर जकड़ सा लिया. वो हांफते हुए बोली- सही में यार तुम बहुत मस्त चुदाई करते हो … कभी मुंबई आओ, उधर की सारी लड़कियां तुम्हें चाहने लगेंगी और खूब चुदाई करवाएंगी. मैं अभी भी उसके चुत को चोदे जा रहा था. कुछ देर बाद वो भी फिर से मुझे किस करने लगी और चुदाई के मज़े ले लेने लगी ‘आहह हह आसीई ईईइ प्लीज और ज़ोर से चोदो मेरी चूत को … आअहह फाड़ दो …’
मैं लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा, जिसकी वजह से उसके चूचे ज़ोर ज़ोर से हिलने लगे. वो अब मेरी धकापेल चुदाई के दर्द से चीखने चिल्लाने लगी. लेकिन कुछ देर की चुदाई के बाद वो अपने चूतड़ों को उठा उठाकर मेरा लंड पूरा अन्दर लेने लगी.
कुछ मिनट के बाद मैं उसके अन्दर ही झड़ गया. मेरे लंड की तेज रगड़ से उसकी चुत से हल्का हल्का खून भी निकलने लगा था. मैं समझ गया कि इसने मेरे जितना लम्बा लंड अपनी चुत में अब तक नहीं लिया था.
कुछ देर बाद मैं उसके रूम से निकल कर शादी के कामों में लग गया.
कैसी लगी मेरी और मेरी बहन की सहेली की चुदाई की कहानी. मुझे ईमेल करके बताएं. [email protected]
आगे की कहानी: दीदी की सहेली को कार में चोदा
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