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नमस्कार, मैं अनिल एक बार फिर से अपनी मस्त चाचियों की चुदाई की कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ.
पिछले भाग में मैंने बताया था कि कैसे मैंने छोटी चाची की चूत को चोदा था और दूसरी बार की चुदाई में उनकी गांड का बजा बजाने का खेल करने वाला था.
छोटी चाची और मैं नंगे सोए हुए थे. चाची पेट के बल सोई हुई थीं और मैं उनकी विशाल गांड को मसल मसल कर बार बार चूतड़ों पर थपकी लगा रहा था. चाची की गोरी और बड़ी गांड ने फिर से मेरा लंड खड़ा कर दिया. मैं- चाची क्या इरादा है … शुरू करें क्या? चाची- नेकी और पूछ पूछ.
चाची की गांड के दरार में उंगली फेरते हुए मैंने उनकी चुम्मी ली- अबकी बार तो चाची, आपकी गांड चोदने की बारी है. चाची- मतलब तू मेरी गांड मार कर ही रहेगा. मैं- हाँ चाची बहुत दिनों से आपकी इस गांड को मारने के लिए तड़प रहा हूँ.
मैं जोर जोर से चाची की गांड को मसलने लगा और अपने लंड को चाची की जांघ पर रगड़ने लगा. चाची- एक बात मानेगा मेरा. मैं- एक क्या सौ बात मानूंगा. चाची- पहले एक बार और चूत को चोदो … जब मैं झड़ जाऊंगी, तब जितना मर्जी हो, मेरी गांड मार लेना. मैं- ठीक है चाची लंड के निशाने पर आ जाओ.
चाची ने मेरी तरफ करवट ली और अपनी मोटी जांघ मेरे कमर से लपेट दी. चाची की फूली हुई झांटों से भरी मोटी चूत मेरे लंड को छू गई. लंड पे चूत का स्पर्श पाते ही मेरे लंड में सुरसुरी पैदा हो गया. मैं भी अपना लंड चाची की चूत पर रगड़ने लगा. चाची की नगाड़े जैसे चूतड़ों को मसलते हुए उनकी एक चुची को मुँह भर भर के चूसने लगा. चाची भी गर्म हो गईं. वो अपने चूतड़ों को सिकोड़ सिकोड़ कर अपनी चूत को मेरे लंड से रगड़ने लगीं.
तभी मैंने चाची को चित लिटाया और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा. उनकी चुची के निप्पल को जोर जोर से चूसने लगा. मैंने चाची की चुची चुसते हुए उनकी चूत में एक उंगली पेल दी. चाची कसमसा उठीं और उन्होंने अपनी टांगें फैला दीं. मैंने चाची की चूत में उंगली चलाना शुरू कर दिया. इससे चाची अपनी गांड को बार बार उठाने लगीं. तभी मैं चाची के बदन को चाटते हुए उनकी नाभि तक आया और जैसे ही मैंने अपनी जीभ को चाची की नाभि में घुसाया, चाची जोर से सिसकारने लगीं.
मैं दोनों हाथों से चाची की दोनों चुची मसलते हुए उनकी नाभि में जीभ को ठेलने लगा. चाची गनगना गईं. मैं अपना मुँह को नीचे सरकाता हुआ जैसे ही चाची की चूत पर अपनी जीभ को रखा, चाची एक बार फिर जोर से सीत्कार भरते हुए मेरे सर को पकड़ कर अपने चूत पर दबाने लगीं. मैंने अपनी जीभ को चाची की चूत की दरार पर जैसे ही फिराया, चाची अपने चूतड़ों को सिकोड़ते हुए मेरे सर को चूत की तरफ और जोर से दबाने लगीं.
चाची की चूत इतनी फूली हुई और गुंदाज थी कि मेरी नाक की नोक चाची की चूत के दरार में डूब गई. आह … उनकी चूत की एक मोहक खुशबू से मैं मदहोश हो गया. चाची सी सी करने लगीं. मैं जोर जोर से चाची की चूत को चाटने लगा.
चाची- ओह मेरे बुर-चटना भतीजे … बहुत मजा आ रहा है … चूत चटवाने में … आह … चाटो इसी तरह मेरी चूत को! मैं- चाचा कभी चाटते हैं कि नहीं इस चूत को? चाची- आज तक नहीं चाटा है तुम्हारे चाचा ने. मैं- मजा आ रहा है न चाची चूत को चटवाने में? चाची- हां बहुत मजा आता है रे … मुझे पहले से पता होता कि चूत चटवाने में इतना मजा आता है … तुम्हारे चाचा से तो रोज चटवा लेती. तुम्हारे आगे तुम्हारा चाचा तो बिल्कुल अनाड़ी है. चोदना तो कोई तुमसे सीखे. एक औरत को असली मजा तू ही दे सकता है.
मैंने यूं ही जीभ से चाटते हुए चाची की चूत को एक बार जोर से काटा, तो चाची तिलमिला गईं- कितना जोर से काटते हो. मैं- जी तो चाहता है कि आपकी चूत को चबा जाऊं. आपकी चूत इतनी मासंल है कि क्या कहूँ. चाची- मेरी चूत तुम को बहुत पसंद है? मैं- हाँ चाची, आपकी चूत दुनिया भर की सबसे सुन्दर चूत है. बहुत फूली हुई है आपकी बुर … आपकी चूत की मोटी मोटी फांकें कितनी वासनात्मक हैं, एक नपुंसक मर्द भी ऐसी चूत देख कर मर्द बन जाएगा. चाची- इतनी सुन्दर है मेरी चूत? तेरे चाचा ने भी आज तक मेरी इस चूत की इतनी तारीफ नहीं की है. तुमको क्यों इतनी पसंद है मेरी चूत? मैं- आप मोटी तगड़ी हो इसलिए, मोटी औरत की चूत बहुत बड़ी और बहुत फूली हुई होती है और मुझे ऐसी ही चूत पसंद आती है. चाची- तो देर क्यों करते हो … आओ न लंड डाल कर मेरी चूत चोदो न.
चाची पूरे जोश में आ गयी थीं, वो अपने चूतड़ों को बार बार उछाल रही थीं. मैं- पहले मेरा लंड चूसो, फिर चोदूँगा.
यह कहने के साथ ही मैं उठकर खड़ा हो गया. चाची भी उठकर बैठ गईं और मेरा लंड पकड़ कर पहले कुछ देर तक मसलती रहीं, फिर उन्होंने जैसे ही अपने मुँह में मेरा सुपारा लिया, मैं एकदम से गनगना उठा. चाची के मोटे और नर्म नर्म होंठ के स्पर्श ने मेरे पूरे बदन में सिहरन पैदा कर दी. मेरे मुँह से एक लम्बी सीत्कार निकल गई- आह … चाची … बहुत मजा आ रहा है … और अन्दर ले लो न प्लीज.
चाची ने गप से मेरा आधा लंड मुँह में ले लिया. चाची के मुँह की गर्मी का आभास होते ही मेरे दिल में एक अजीब सी गुदगुदी पैदा हो गई. मैं अपने चूतड़ों को आगे पीछे करते हुए चाची के मुँह को चोदने लगा. चाची के मुँह से गुँ … गुँ की मस्त आवाज आने लगी. चाची मेरा लंड पकड़ कर बड़े ही चाव से चूसने लगीं.
मैं- चाची लंड चूसने में कैसा लग रहा है? चाची मुँह से लंड निकाल कर मेरे लंड को जोर जोर से हिलाते हुए बोलीं- जैसा तुमको मेरी चूत चाटने में मजा आ रहा था, मुझे तेरा लंड चूसने में वैसा ही मजा आ रहा है. मैं- चाचा का लंड कभी चूसा है आपने? चाची- नहीं … लेकिन दीदी को (बड़ी चाची) जेठ जी का लंड चूसते देखा है. मैं- इसका मतलब आप बड़ी चाची की चुदाई हमेशा देखा करती हो. चाची- दो साल से देखती आ रही हूँ. जब से तेरे चाचा जेल गए हैं, तब से उन्हीं की चुदाई देख कर मैं अपनी चूत में उंगली डाल कर अपनी चूत का पानी झाड़ लेती हूँ. मैं- बड़े चाचा बड़ी चाची की गांड मारते हैं या नहीं? चाची- कभी कभी … जेठ जी का लंड तुमसे भी बड़ा है. मैं- आप तो बड़ी छिनाल औरत हो चाची. चाची- दीदी की चुदाई देख देख कर मैं छिनाल बन गयी हूँ.
इसी तरह की बातें करते हुए चाची मेरा लंड चूस रही थीं.
मैं- चाची मेरा एक काम कर दोगी? चाची- कैसा काम? मैं- मुझे बड़ी चाची को भी चोदना है … किसी तरह आप चुदवा दो न. चाची- तू सिर्फ मुझे चोदेगा … तेरे लंड पर अब मेरा हक है. जब तुझे दीदी की चूत चोदने को मिल जाएगी, तो तू मुझे कम चोदेगा. मैं- नहीं चाची … आपकी चूत की कसम खा कर कहता हूँ … आपको चोदना नहीं छोडूंगा. आपको तो मैं रोज चोदूँगा … बस आप प्लीज आप बड़ी चाची को मेरे लंड के लिए मना लो. चाची- दीदी कोई रंडी हैं, जो कहते ही अपनी चूत फैला कर तुमसे चुदवाने आ जाएंगी. मैं- आप रंडी हो क्या … जो मुझसे चुदवा रही हो? चाची- मैं तो दो साल से प्यासी थी और तू दीदी की चुदाई देखते हुए पकड़ा गया. इसीलिए मैं तुमसे चुदवा रही हूँ. मेरी चूत भी लंड के लिए तरस रही थी और तेरे लंड को भी चूत चाहिए थी. लेकिन दीदी की चूत की चुदाई तो रोज ही होती है. जेठ जी का लंड तेरे से बड़ा भी है. दीदी की चूत को रोज लंड मिल जाता है. फिर उनको किसी और का लंड का क्या जरूरत है. मैं- आप कोशिश तो करो चाची … प्लीज चाची. चाची- ठीक है मैं कोशिश करूँगी. लेकिन चल आ जा, पहले जल्दी से मेरी चूत चोदने आ जा.
इतना कह कर छोटी चाची मेरा लंड चूसना छोड़कर चित लेट गईं और अपने दोनों पैरों को फैला कर आसमान की तरफ उठा लिए. ऐसा करने से चाची की चूत की फांक थोड़ी सी खुल गयी. चूत की फांक के अन्दर गुलाबी रंगत देखते ही मैं सिहर उठा. मैं घुटने के बल बैठ कर अपना लंड अपने हाथों से पकड़ कर अपने सुपारे को चाची की चूत की फांकों में रगड़ने लगा. चाची लंड का स्पर्श पाते ही जोर जोर से सिसकारी भरने लगीं. तभी मैं चाची की दोनों जांघ के मांस को मुठ्ठी भर पकड़ कर अपने लंड को चाची की चूत की फांक में पेलते हुए रगड़ने लगा. चाची की चूत की फांकें इतनी गहरी थीं कि मेरा लंड उनकी चूत की फांक में झट से समा गया.
अब मैं जोर जोर से चूत की फांकों के बीच में अपना लंड रगड़ने लगा. चाची अपना चेहरा बिगाड़ बिगाड़ कर फांक में रगड़ मारते हुए लंड को देखने लगीं- क्या लंड है तेरा रे … कितना तगड़ा और गर्म लंड है तेरा. मेरी चूत को अजीब सा मजा दे रहा है रे … आह … चोद न मेरी चूत को. चाची मेरे लंड को अपनी हाथों से चूत पर दबाने लगीं और मैं जोर जोर से चूत की फांक में अपना लंड रगड़ने लगा.
चाची- अब पेल भी दे न चूत में अपना लौड़ा … साले को मस्ती सूझ रही है … इधर चूत में आग लगी पड़ी है. मैं- पेल दूँ? चाची मेरे लंड को अपनी चूत के छेद पर टिका कर बोलीं- हां जल्दी से पेल दे, एक ही धक्के में पूरा पेल देना.
चाची की बात खत्म भी न हुई थी कि मैंने जोर से धक्का दे मारा. मेरा लंड सरसराता हुआ पूरा का पूरा चाची की चूत में जड़ तक समा गया. चाची- इहिही … क्या लंड है तेरा रे … एक ही धक्के में स्वर्ग दिखा दिया. अब चोद जोर जोर से! मैं- कैसा लगा चाची? चाची- तेरे लंड का जवाब नहीं है … क्या लंड पाया है तूने. बहुत मजा आ रहा है रे … चोद न जोर जोर से!
मैंने चाची की जांघ के गुंदाज मांस को मुठ्ठी भर कर पकड़ा और चाची को जोर जोर से चोदने लगा. चाची की चूत में मेरा लंड बड़ी तेजी से घुस और निकल रहा था. चाची अपने सर को उठा कर चूत को चोदते हुए लंड को देख रही थीं और मैं जोर जोर से अपना लंड चाची की चूत में पेलने में लगा था.
चाची अपनी चेहरा बिगाड़ बिगाड़ कर सीत्कार भरती हुई चूत में धंसते हुए लंड को देखे जा रही थीं- आह क्या मस्त चोदता है रे तू … साले तूने तो मुझे जिन्दा स्वर्ग में पहुंचा दिया … आह … चुदाई का असली मजा दे रहा है तू. आह …तेज तेज चोद … चोद … चोद अपनी चाची को.
मैं चाची को चोदे जा रहा था और चाची ‘चोद … चोद …’ बोले जा रही थीं.
तभी मेरी नजर खिड़की पर पड़ी. खिड़की के उस पार एक साया दिखाई दिया … वो साया मुझे किसी औरत के जैसा लगा. मैं समझ गया कि बड़ी चाची हम दोनों की चुदाई देख रही हैं. बड़ी चाची को इस तरह हमारी चुदाई देखते हुए देख कर मेरा जोश और बढ़ गया. मैं और जोर जोर से छोटी चाची को चोदने लगा. मैं यह सोच कर अन्दर ही अन्दर खुश हो गया था कि बड़ी चाची चुदाई देख कर शायद मेरी ओर आकर्षित हो जाएं.
मैं उनको अनदेखा करते हुए मौके में चौका मारने लगा. मैं बड़ी चाची के बारे में बोल बोल कर छोटी चाची को चोदने लगा- काश … आपकी तरह मुझे बड़ी चाची की चूत चोदने का सौभाग्य प्राप्त हो जाता. चाची- तू कितना उतावला है रे … दीदी को चोदने के लिए … साले तू चोद मुझे रहा है और तेरा ध्यान दीदी की चूत पर है. मैं- क्या करूँ चाची … बड़ी चाची भी आप ही की तरह मादक बदन वाली माल जैसी औरत हैं. उनकी चूत गांड और उनकी चूचियों ने मुझे पागल बना दिया है. चाची- पहले मेरी चूत की आग तो बुझा रे! मैं- आपको तो चोद ही रहा हूँ. बस बड़ी चाची की चूत चोदने का मौका मिल जाए तो … मैं धन्य हो जाउंगा. चाची- किस किस को चोदेगा रे तू … अपनी बीवी को चोदता है, मुझे चोदता है और दीदी को चोदने के लिए पागल हो गया है. कितनों की चूत चोदेगा तू? मैं- बस एक बड़ी चाची की चूत मिल जाए!
इसी तरह मैं बड़ी चाची के बारे में बातें करते हुए छोटी चाची को ताबड़तोड़ चोद रहा था. तभी चाची की सीत्कार गहरा गईं और उनका स्वर तेज होता चला गया. चाची ने अपने पैरों को और ऊपर उठा कर पूरी टांगें खोल दीं. चाची नीचे से गांड उछालते हुए बोलने लगीं- चोद जोर जोर से मैं अब झड़ने वाली हूँ. मेरी चूत में गुदगुदी तेज हो रहा है. पूरी ताकत से चोदो.
मैं अपनी पूरी ताकत लगा कर चाची को चोदने लगा. चाची लम्बी लम्बी सीत्कार भरने लगीं साथ ही वे बोले जा रही थीं- हाँ … हाँ ऐसे ही … ऐसे ही हचक कर चोद दे … सच्ची बहुत मजा आ रहा है … उफ्फ … उफ्फ … ओह … आह … चोदो जल्दी जल्दी … मैं बस झड़ने वाली हूँ … आह … आह!
चाची की चूत में तेज सुरसुरी होने लगी और चाची ने मुझे जोर से जकड़ कर पकड़ लिया. चाची ने अपने चूतड़ों की उछाल की गति को बढ़ा दिया. मैंने भी अपनी स्पीड को बढ़ा दिया.
चाची- आह … आह … कट गई … मैं गई! मैं- ओह चाची … मुझे भी मजा आ रहा है. चाची- आह … आह … चोदो … और जोर से … पेल दे … आह …चोद दे … मैं झड़ने वाली हूँ … औह्ह … और तेज चोदो … मेरी चूत … आह … झड़ सी रही है … आह … आह … ओह … ओह … हो! तभी चाची कचकचा कर मुझसे लिपटी हुई बोलीं- आह … मैं झड़ रही हूँ … आह!
चाची की सीत्कारें लम्बी हो गईं. अगले ही पल चाची की चूत ने ढेर सारा पानी उगल दिया. चाची अपनी पूरी ताकत से मुझसे लिपट गईं. उनकी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी. चाची माल छोड़ने के साथ ही चिल्लाए जा रही थीं- ठेल ठेल कर चोद … आह … साले … मार दिया!
मैं अपना लंड चाची की पानी छोड़ती हुई चूत में जोर जोर से ठेलने लगा. कुछ देर के लिए चाची अपनी सांसें रोक कर अपने बदन को ऐंठते हुए कचकचा कर मुझसे लिपट गईं. अब वे अपनी चूत को सिकोड़ने लगीं. उनकी चूत का कसाब मेरे लंड को कसे जा रहा था.
मैं अभी झड़ा नहीं था. मेरा लंड चाची की चूत में उसी के पानी में डूब गया.
मैं अभी भी लंड को चूत में ठेले जा रहा था. चाची चूत को सिकोड़ सिकोड़ कर मेरे लंड को मानो निचोड़ रही थीं. धीरे धीरे चाची की चूत का कसाब मेरे बदन पर ढीला पड़ता गया. चाची हांफती हुई निढाल हो गईं. लेकिन मेरा जोश अभी भी भरा हुआ था.
मैं चाची के ऊपर से हटा तो मेरा फुंफकार मारता हुआ लंड बाहर निकला. जोश में भरा हुआ लंड तमतमाया हुआ था. चूत के पानी से नहाए हुए लंड को मैंने जानबूझ कर खिड़की की तरफ कर दिया ताकि बड़ी चाची आराम से मेरा पूरा लंड देख सकें.
मैंने नजरें बचाकर खिड़की की ओर देखा तो बड़ी चाची अभी भी वहीं खड़ी थीं. मैं अपना लंड पकड़ कर हिलाते हुए छोटी चाची से बोला- चाची, अब गांड मारने दो. चाची- कितना उतावला हो रहा है गांड मारने के लिए. मैं- जिन्दगी में पहली बार मुझे गांड मारने को मिल रही है. वो भी इतनी बड़ी गांड … वो भी अपनी मस्त चाची की गांड … तुम जल्दी करो चाची पेट के बल लेट जाओ, मेरा लंड फट रहा है.
चाची पलट कर पेट के बल हो गईं- टेबल पर तेल की बोतल है … तेल लगा लो पहले.
मैं टेबल के पास गया और तेल के शीशी से तेल निकाल कर पहले अपने पूरे लंड पर तेल लगाया.
मैं लंड पर तेल लागते समय अपने लंड को बड़ी चाची की तरफ दिखा दिखा कर हिला रहा था ताकि बड़ी चाची भी लंड को देखने का मजा ले लें. फिर मैं लंड हिलाता हुआ छोटी चाची की गांड की तरफ आया और बोला- चाची अपनी गांड को फैलाओ. चाची ने अपने दोनों हाथों से गांड को फैला दिया. मैंने ढेर सारा तेल चाची की गांड में डाल दिया. फिर मैं चाची की गांड पर चढ़ गया और अपना लंड चाची के गांड के छेद पर भिड़ा कर बोला. मैं- चाची मैं पेल रहा हूँ … बर्दाश्त करना. चाची- हाँ पेलो!
मैंने अपना लंड चाची की गांड में ठेल दिया. तेल की चिकनाई की वजह से आधा लंड सट से अन्दर घुस गया. चाची चिहुंक गईं. मैं- क्या हुआ चाची … दर्द हो रहा है क्या? चाची- आह … तुम दर्द की फिकर मत करो … पूरा लंड घुसाओ.
मैंने एक बार और ठेल दिया. चाची नीचे से गांड को उचका दी. मेरा पूरा लंड चाची की गांड में समा गया.
मैं- चाची बहुत कसी हुई गांड है आपकी. चाची- गांड कसी हुई ही होती है पगले. मैं- बहुत मजा आ रहा है चाची. चाची- तो ले ले न अपनी चाची की गांड का मजा.
मैंने धक्के लगाना शुरू कर दिए. चाची की गांड किसी गद्दे से कम नहीं थी. मैंने चाची की गांड मारना शुरू कर दिया. चूतड़ों के गुंदाज मांस को मुठ्ठी में भर पकड़ कर धक्के लगाने शुरू कर दिए. चाची की गद्दे जैसी गांड चोदने में बहुत मजा आ रहा था.
मैं- ओह … चाची आपकी गांड बहुत मजा दे रही है. आज जिन्दगी में पहली बार मुझे गांड मारने का सौभाग्य मिला है. आपकी चूत से अच्छी आपकी गांड है चाची. चाची- हां ले ले … जितना मजा लेना है तुझे … आह तू मेरी गांड के मजा ले ले. मैं- अब मैं रोज आपकी गांड मारूंगा. आपकी गांड की गहराई मेरे लंड को बहुत मजा दे रहा है. आह … चाची बहुत मस्त गांड है आपकी.
मैं जोर जोर से चाची की गांड में अपना लंड पेलने लगा. चाची पूरा साथ दे रही थीं. वो अपनी भारी भरकम गांड को ऊपर की तरफ उठा उठा कर पूरा का पूरा लंड गांड में ले रही थीं.
चाची- मजा आ रहा है न गांड मारने में? मैं- सच में चाची आपकी गांड आपकी चूत से ज्यादा मजा देती है. चाची- तू अपनी सारी लालसा मिटा ले आज मेरी गांड मार मार के मस्त हो जा पर मेरी चूत में उंगली चलाता जा.
मैंने चाची की चूत के दाने को अपनी दो उंगलियों के बीच में दबा कर मींजना शुरू कर दिया.
मैंने पूछा- चाचा आपकी गांड कितनी मारते थे? चाची- जिस दिन तेरा चाचा दारू पी लेता था. उस दिन वो मेरी गांड जरूर मारते थे. मैं- चाचा बहुत भाग्यशाली हैं … जिसको आप जैसी बड़ी गांड वाली बीवी मिली है. चाची- मेरी गांड की ज्यादा तारीफ मत कर … बस तू मजे ले. मैं- मुझे नहीं पता था चाची कि आपकी चूत से ज्यादा मजा आपकी गांड मारने में आएगा. यह बात मैं बड़ी चाची को सुनाने के हिसाब से भी बार बार कर रहा था.
चाची- आह कितना पागल है रे तू … मेरी गांड मारने के लिए. मैं- चाची पहली बार गांड मार रहा हूँ. अब मैं आपकी चूत से ज्यादा आपकी गांड मारूंगा. यदि मौका मिला तो बड़ी चाची की गांड भी मार लूँगा.
मैं पागलों की तरह चाची की गांड में लंड पेले जा रहा था. तभी मेरे लंड में एक तेज गुदगुदी होना शुरू हो गया. मैं- चाची अब मैं झड़ने वाला हूँ … जल्दी बोलो, क्या करूँ? चाची- मेरी गांड के अन्दर ही रस झाड़ना.
मैंने धक्के लगाने की स्पीड तेज कर दी थी. चाची भी गांड को जोर जोर से उचकाने लगीं. तभी मेरा लंड गर्म गर्म वीर्य उगलने लगा. मैं कचकचा कर चाची की गांड से चिपक गया. मेरा सारा वीर्य चाची की गांड के अन्दर ही निकल गया. मैं हाँफते हुए चाची के ऊपर निढाल हो गया. चाची भी जोर जोर से हाँफने लगीं.
मैं थोड़ी देर यूँ ही चाची की गांड पर पड़ा रहा. फिर अपना लंड चाची की गांड से बाहर निकाला. फुंफकार भरता हुआ लंड अभी भी तेज झटके मार रहा था. मैं खिड़की की तरफ घूम गया. बड़ी चाची अभी भी खिड़की के पास खड़ी थीं. शायद वे मेरे तने हुए लंड को देख रही थीं.
तभी छोटी चाची उठ कर बैठ गईं और मेरा लंड पकड़ कर बोलीं- बाप रे कितना विकराल रूप धारण कर रखा है तेरे लंड ने … सच में क्या लंड पाया है तूने. आज तो मजा आ गया रे. मैं तो आज से तेरे लंड की गुलाम बन गयी हूँ.
मैंने चाची को फिर से बिस्तर पर चित लेटा कर अपना लंड उनकी चूत में घुसा कर चाची के ऊपर छा गया. दस मिनट के बाद हम दोनों अलग हुए और कपड़े पहन लिए. मैंने खिड़की की तरफ देखा … बड़ी चाची जा चुकी थीं. मैं भी दबे पाँव अपने बिस्तर पर जा कर सो गया.
छोटी चाची भी दरवाजा अन्दर से बंद करके सो गईं.
चाची की चूत और गांड चुदाई स्टोरी आपको कैसी लगीं. नीचे लिखे ईमेल पर अपनी राय जरूर दें. [email protected]
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