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अब तक की इस रसभरी चुदाई की कहानी में आपने पढ़ा था कि मैं अपने बड़े चाचा और चाची की चुदाई देख कर मुठ मार चुका था. अब आगे …
तभी छोटी चाची मेरे बेड के पास आईं और फुसफुसा कर बोलीं- दोनों सो जाएं तो मेरे कमरे में आ जाना. इतना कह कर छोटी चाची अपने कमरे में चली गईं.
मैं समझ गया कि छोटी चाची मुझसे चुदवाना चाहती हैं. मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. अब बस इन्तजार था कि बड़ी चाची और चाचा कब सो जाएं. करीब 15 मिनट के बाद चाचा के खर्राटे की आवाज सुनाई देने लगी … तो मैं समझ गया कि वो लोग सो गए हैं. फिर मैं चुपके से अपने बिस्तर से उतरा और छोटी चाची के कमरे में चला गया.
छोटी चाची मेरे ही इन्तजार में थीं. मुझे देखते ही वो बिस्तर से उतरकर खड़ी हो गईं और धीरे से बोलीं- दरवाजा बन्द करके कुन्डी लगा दो. मैंने वैसा ही किया. कुन्डी लगाकर जैसे ही मुड़ा, छोटी चाची मुझे अपनी बांहों भर कर बोलीं- अब तुमको मुझे चोदना होगा. मैं भी पीछे कहां हटने वाला था. मैंने भी चाची को जोर से दबोच लिया और उनके बदन को अपने बदन से रगड़ने लगा.
तभी चाची ने नाइटी निकाल कर बेड पर फेंक दी. चाची नंगी मेरे सामने खड़ी हो गईं. मैं उनको इस तरह पूरी नंगी देख कर गनगना उठा. बेल के समान पुष्ट और कठोर चूचियां … मुलायम पेट के बीचों बीच बिल्कुल गोल गढ़ेदार नाभि … विशाल उठी हुई गांड. मोरी मोटी गदराई हुई दूध सी चमकती हुई जांघें. उनकी दोनों जांघों के बीच फूली हुई बड़ी बुर. शान्ति चाची की पूरी चूत पर छोटी छोटी काली काली झांटें थीं. चाची की चूत देखते ही मैं पागल हो गया. चाची को अपने बांहों में भरके पागलों की तरह उनके बदन को सहलाने और मसलने लगा. चाची सीत्कार भरने लगीं. हम दोनों की सांसें उखड़ चुकी थीं. मैं पागल हो गया. चाची के बदन को अपने जुबान से चाटने लगा.
इतना मदमस्त बदन था कि मैं परेशान हो गया कि क्या चूसूं और क्या चाटूं … क्या मसलूँ. कभी मैं उनकी चुचियों को मसलते हुए चूसता, तो कभी उनके चूतड़ों को कुत्ते की तरह चाटने लगता.
चूतड़ों के उभार इतने गदराये हुए थे कि मैं बस चूतड़ों पर ही पिल पड़ा. शान्ति चाची के चूतड़ों के गदराए हुई मासंल जिस्म को मैं बेहताशा मसल मसल कर चाटने लगा. तभी मैं उनकी गांड की फांक पर जुबान फिराने लगा. चाची मेरे सर को पकड़ कर अपनी गांड को पीछे के तरफ ठेलने लगीं. कुछ ही पलों में चाची पूरे जोश में भर गयी थीं.
मैं- चाची आपकी गांड बहुत ही मस्त है. चाची- चाट चाट कर और मस्त कर दो मेरी गांड को. मैं- काश … आप मेरी बीवी होतीं, तो दिन रात आपको चोदा करता. चाची- आज से मैं तुम्हारी ही बीवी हूँ. जब जब मर्जी हो, जितना मर्जी हो … चोद लेना मुझे.
मैं चाची के सामने आ गया और उनकी बेल सी तनी हुई एक चुची को मुँह में भर कर चूसते हुए, और एक हाथ से दूसरी चुची को मसलने लगा. दूसरे हाथ से चाची की फूली हुई बड़ी सी चूत को मुठ्ठी में भर पकड़ कर जोर जोर से मसलने लगा. चाची कच्छे से मेरे लंड को निकाल कर पागलों की तरह मसलते हुए बोलीं- अब और मत तड़पाओ … जल्दी से अपना लंड पेल दो मेरी चूत में.
चाची मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगीं. चाची की चूत की झांटों के स्पर्श ने मेरे लंड को और उत्तेजित कर दिया था. चाची अपनी चूत के छेद पर लंड लगाकर बोलीं- जल्दी पेलो प्लीज, अब मेरी चूत को लंड चाहिए. मैंने चाची के चूतड़ों को पकड़ कर लंड को ठेला, चाची ने भी नीचे से जोर लगा दिया. जिससे मेरा आधा लंड चाची की चूत में घुस गया. लेकिन तभी मैंने झट से लंड को बाहर निकाल लिया. चाची उखड़ी हुई साँसों से बोलीं- क्या हुआ … निकाला क्यों? मैं- चाची आपकी चूत बहुत गर्म है … लगता है … मेरा लंड जल जाएगा. चाची- जब से तुम्हारे चाचा जेल गए हैं, तब से चुदी नहीं हूँ … इसीलिए चूत आग उगल रही है. तुम बेफिक्र चोदो … जब मेरी चूत में तेरे लंड की रगड़ पड़ेगी, तो इसकी गर्मी कम हो जाएगी. तुम पेलो तो सही.
मैंने फिर से अपना लंड चाची की चूत में पेल दिया. इस बार मैंने इतनी जोर से लंड ठेला कि मेरा पूरा लंड चाची की चूत में समा गया. चाची हिनहिना उठीं और जल्दी जल्दी अपनी गांड को आगे पीछे करने लगीं. मैं भी जोर जोर से धक्के मारने लगा. चाची के विशाल चूतड़ों को दोनों हाथों से मसलते हुए मैं शान्ति चाची को धकापेल चोदने लगा.
चाची- आह … मजा आ गया … क्या चोदता है रे तू … आह … जिन्दगी में पहली बार ऐसी चुदाई हो रही है मेरी … आह … चोद दे अपनी छिनाल चाची को … चोद और चोद! मैं- चाचा ऐसे नहीं चोदते हैं क्या? मैं भी आपको चोदने के लिए कब से लालायित था चाची. चाची- तुम्हारा चाचा ऐसे कभी नहीं चोद पाता है … जैसे तुम चोद रहे हो. आज अपनी सारी लालसा मिटा लो … मुझे चोद चोद कर इसकी आग ठंडी कर लो.
चाची की चूत पानी पानी हो गई. चूत की झांटें तक भीग चुकी थीं. मैं खड़े खड़े ही अपने लंड से चाची को ताबड़तोड़ चोद रहा था. चाची- अब चलो बिस्तर पर लिटा कर चोदो. मैं- नहीं … अभी पीछे से चोदूँगा. आप घोड़ी बन जाओ … आपकी चूत को गांड की तरफ से चोदूँगा.
चाची पलंग के किनारे अपने दोनों हाथ टिका कर घोड़ी बन गईं. चाची अपनी कमर को लचकाकर अपनी गांड को और चौड़ी कर ली. चाची की विशाल गांड को ऐसी पोजिशन में देखकर मेरे लंड का जोश और तेज हो गया. मैं गांड के मांस को मुठ्ठी भर पकड़ पकड़ कर समूची गांड को मसलने लगा- चाची, क्या गांड बनाई है भगवान ने. जिस गांड को मैं हमेशा कपड़ों के ऊपर से देख देख कर तरसता था, आज वह गांड मुझे चुदाई के लिए मिल ही गई. चाची- आज अपनी सारी मुरादें पूरी कर लो. चाहे मेरी चूत चोदो, चाहे गांड मारो मेरा सब कुछ तुम्हारा है. मैं- गांड भी चोदूँ क्या? मैंने अभी तक किसी की गांड नहीं मारी है. आपकी गांड चोदने का मन करता है. चाची- नहीं … पहले मेरी चूत की आग बुझाओ … बाद में गांड भी मार लेना.
इतना कह कर चाची एक हाथ को पीछे करके मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर लगा दिया. तभी मैंने धक्का दे दिया. मेरा पूरा लंड शान्ति चाची की चूत में समा गया. मेरा लंड चूत में घुसते ही चाची सि … सी … करने लगीं और अपने भारी भरकम चूतड़ों को पीछे लंड की ओर ठेलने लगीं- आह … चोदो अब जितना मर्जी उतना पेलो! मैंने धक्का मारते हुए आवाज दी- आह … चाची गांड की तरफ से आपकी चूत चोदने में बहुत मजा आ रहा है. क्या गांड है आपकी … कितनी विशाल गांड है आपकी. अब रोज आपको इसी तरह गांड की तरफ से चोदूँगा. इतनी मस्त गांड कहां मिलेगी. बोलो न चाची रोज रोज चुदवाओगी न मुझसे? चाची- हाँ रे … अब तो रोज चुदवाऊंगी तुम से … तुमको जब भी मुझे चोदने का मन करे … आ कर चोद लेना. हर पल तुम्हारे लिये अपनी गांड और चूत परोस के रखूंगी. जब जब मर्जी हो, जैसे जैसे चोदना चाहो, चोद लेना. अपनी इस विशाल गांड वाली चाची को … आह … तू बहुत मस्त चोदता है रे!
चाची की रंगीन बात सुन कर मैं और ताव में आ गया और जोर जोर धक्का देने लगा. चाची की गांड हर धक्के पर ऐसे हिल रही थी, मानो पानी से भरा गुब्बारा हिल रहा हो. कुछ देर बाद चाची- अब थोड़ा चित लेटा कर चोदो न. कितनी देर तक गांड पकड़ के चोदेगा. मैं- मैं क्या करूँ चाची … आपकी गांड ही ऐसी है कि ऐसे ही चोदने में मजा आ रहा है. आपने सुना नहीं बड़े चाचा भी आपकी गांड की तारीफ कर रहे थे. चाची- सब मेरी गांड के ही पीछे पड़े हैं. मैं कहाँ लेकर जाऊं इस गांड को. मैं- आपकी गांड ही इतनी बड़ी है कि कोई भी मर्द इस गांड का दीवाना हो जाएगा. आपके पूरे बदन में सबसे सुन्दर आपकी गांड ही है.
चाची अपनी गांड की तारीफ सुनकर और ज्यादा उत्तेजित हो गईं. मैं पागलों कि तरह गांड को थामे चोद रहा था. चाची अपनी रसीली गांड को जोर जोर से आगे पीछे करके लंड ले रही थीं. चाची की चूत से फच फच की आवाज आ रही थी. फच फच की आवाज सुनकर मैं और ज्यादा उत्तेजित हो उठा. मैं पूरी ताकत लगाकर शान्ति चाची की गरम चूत को चोदने लगा.
तभी चाची खड़ी हो गईं. चाची के खड़े होते ही मेरा लंड उनकी चूत से पक्क की आवाज करते हुए बाहर निकल आया. चाची की चूत के पानी से भीगा हुआ लंड गुस्से में झटके खा रहा था. चाची मेरा लंड पकड़ कर जोर जोर से हिलाते हुए बोलीं- बाप रे कितना तगड़ा लंड है तेरा. मैं- चाचा का लंड ऐसा नहीं है क्या? चाची- नहीं रे, तुम्हारे चाचा का लंड इतना लम्बा नहीं है. उनका मोटा तो है, पर छोटा सा है. तुम्हारा लंड मोटा भी है और लम्बा भी है. मैं- चलो, अब बिस्तर पर लेट जाओ.
चाची बिस्तर पर चित लेट गईं. मैंने चाची के दोनों पैरों को घुटने तक मोड़ कर ऊपर उठाया. गांड और चूत दोनों आसमान को घूरने लगे. अपने लंड के लिए दो मस्त छेद देख कर मेरे मुँह से ‘अरे बाप रे बाप …’ निकल गया. चाची- क्या हुआ? मैं- चाची आपकी चूत बहुत बड़ी है. ऐसी चूत मैंने कभी नहीं देखी है. चाची- तो चोद न … देर मत कर पेल जल्दी से अपना मोटा लंड.
शान्ति चाची की झांटों से भरी चूत मुँह खोले लंड लेने कि लिए बेताब थी. चाची की चूत कि फांकें और होंठ काफी मोटे नजर आ रहे थे. मैं अपना लंड चाची की चूत की फांकों पर रगड़ने लगा. मेरा समूचा सुपारा चूत की फांकों में समा गया. इससे चाची गनगना उठीं- जल्दी घुसाओ न … कितना तड़पा रहा है … चोद न जल्दी. मैंने चाची की दोनों चुचियों को जोर जोर से मसलते हुए जोर से धक्का मारा. मेरा लंड झटके से अन्दर समा गया. चाची चिहुंक उठीं और अपने पैरों को और ऊपर उठाकर पूरी फैला दीं. उनके फूले हुए पेड़ू से मेरा पेड़ू टकराया. गुंदाज पेड़ू कि छुअन ने मुझे पागल बना दिया. मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगा.
चाची- आह … अब चोद ऐसे ही … आह … चोदो. मैं- आप खूब गन्दी गन्दी बातें करती रहो चाची और मैं आपको चोदता रहूँगा. चाची- तू बहुत छिनाल मर्द है. मैं- आपसे कम छिनाल हूँ. चाची- मैं तो छिनाल हूँ ही. तू भी कम नहीं है … साले बहुत मस्त चोदता है तू. मैं- चाचा से भी ज्यादा? चाची- हाँ रे … तुम्हारा चाचा इतना देर तक नहीं चोद पाता है. मैं- चाचा आपको रोज चोदता था? चाची- हाँ चोदने के लिये तो रोज चोदता था … लेकिन इतना देर तक नहीं चोद पाता था. मैं- ज्यादा मजा किस के सथ चुदवाने में आया … मेरे साथ या चाचा के साथ. चाची- तेरे जैसे, तेरा चाचा कहाँ चोद पाता है रे. तुम तो कमाल के चोदू हो. तुमने मेरी चूत का हाल बुरा कर दिया है तेरा लंड बहुत मजबूत है.
ये सुनकर मैं और जोश में भर गया और ताबड़तोड़ चोदने लगा. चाची भी अपनी गांड को ताबड़तोड़ उछाल रही थीं. चाची की गांड की उछाल इतनी जोर से हो रही थी कि मुझे लग रहा था कि मैं उछल कर गिर जाऊंगा, लेकिन मैं भी पक्के खिलाड़ी की तरह चाची की दोनों चुचियां मसलते हुए उनको धकापेल चोद रहा था. चाची के चूतड़ों की उछाल मुझे पागल बनाए जा रही थी. उनकी चूत की झांटें पूरी भीग चुकी थीं. उनकी चूत से फचर फचर की आवाज भी गहरी हो चली थीं. मैं जोर जोर से चाची को चोदने लगा, चाची भी रुकने के नाम नहीं ले रही थीं. वो अन्धाधुंध अपने चूतड़ों को उछाल रही थीं.
मैं- चाची … चाची- हाँ बोल न … मैं- आप क्या करवा रही हो. चाची- लंड से चुदवा रही हूँ और क्या कर रही हूँ. मैं- किसके लंड से चुदवा रही हो? चाची- अपने चोदू भतीजे के लंड से. मैं- शर्म नहीं आती है भतीजे से चुदवाने में? चाची- अगर शर्म करती तो ऐसी चुदाई कहाँ से करवा पाती. मैं- ओह चाची कितनी चुदक्कड़ हो आप. कितना मजा देती है आपकी गुंदाज चूत मेरे लंड को … आह बड़ी मस्त चूत है आपकी … ओह … मेरी मस्त चूत वाली चाची … मेरी छिनाल चाची … मेरी चुदक्कड़ चाची … मेरी रंडी चाची … ले और अन्दर तक लंड ले!
चाची का जोश और बढ़ गया. अब चाची के चूतड़ों की उछाल भी और तेज हो गई. वो ताबड़तोड़ चूतड़ों को चला रही थीं और मैं भी ताबड़तोड़ चोद रहा था.
चाची की चुदाई कहानी जारी रहेगी. [email protected]
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