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अन्तर्वासना की हिंदी सेक्स कहानी पसंद करने वाले मेरे प्यारे मित्रो, अन्तर्वासना पर मेरी यह पहली कहानी है. मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ीं, तो मन किया कि आज अपनी ज़िन्दगी के कुछ हसीन पल आप सब पाठकों के साथ साझा करूँ.
इस कहानी में मेरी भाभी के साथ मेरी चुदाई की घटना लिखी है. गोपनीयता के चलते कहानी में किसी का नाम या कोई निजी जानकारी नाम मात्र की है. आशा करता हूँ कि आप सबको मेरी कहानी पसन्द आएगी.
मेरा नाम राजदीप सिंह है, सभी मुझे दीप बुलाते हैं. मैं पंजाब का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 24 साल है, क़द 5’11” है. मैंने 18 साल की उम्र से ही जिम जाना शुरू कर दिया था, इसलिए मेरी बॉडी बड़ी आकर्षक है, शक्ल भी देखने में अच्छी है.
बात उन दिनों की है, जब मेरा बड़ा भाई ऑस्ट्रेलिया से 4 साल बाद वापिस आया था. सब बहुत ख़ुश थे, भाई की शादी करनी थी, तो रिश्तेदारों ने घरवालों को एक लड़की दिखायी. दोनों परिवारों में बातचीत हुई, रिश्ता तय हो गया.
उन दिनों में एग्जाम के सिलसिले में चण्डीगढ़ में था. मेरे वापिस आने पर मुझे और भाई को इकट्ठे भाभी से मिलवाया गया.
अब आपको भाभी के बारे बता दूँ. भाभी का नाम सिमरजीत कौर (सिम्मी) था. रंग दूध सा सफ़ेद, मॉडल जैसा चेहरा, आँखों का रंग थोड़ा हरा कच्ची मेहंदी से मिलता जुलता. उसका क़द 5’8″ है और बाल, जो कि हल्के भूरे … शायद कलर करवाया होगा. भाभी के बाल उसके चूतड़ों तक लम्बे लहरा रहे थे.
भाभी का फ़िगर तो बस ऐसा कि साला मेरा जूस हलक से नीचे नहीं उतर रहा था. कभी ऊपर देखता भाभी की आंखों में, तो कभी उनके पैरों की तरफ़ निगाह कर लेता. उस वक्त भाभी की क़मीज़ जोकि उनके मादक बदन से चिपकी हुई थी. पक्का उसकी ब्रा और क़मीज़ को उसके मम्मे सम्भालने में, माँ चुद रही होगी. भाभी की गांड उठी हुई थी. क़मीज़ पीछे से मानो गांड पर लटक रही थी. वहाँ शायद ही कोई होगा, जो उसकी तरफ़ नहीं देख रहा था. भाभी नीचे लैंगिंग्स पहने हुई थी, जिसमें उसकी जाँघें और गांड देखते ही मैं समझ गया कि यह पक्का जिम जाती होगी. इतनी सेक्सी शेप क़ुदरती नहीं हो सकती.
सिम्मी- सत श्री अकाल (नमस्ते). मैं- सत श्री अकाल, किदाँ … कि हाल चाल है?(कैसे हो आप, क्या हाल हैं आपके) सिम्मी- बस ठीक, तुस्सी दसो (आप बताओ) मैं- बस तबीयत ख़राब हो रही है महोल देख देख के, गर्मी बोहत है ना.
वो शायद समझ गई, इसलिए वो हल्का सा मुस्कुराने लगी. हम दोनों में बढ़िया बातचीत हुई. भाई ने बस थोड़ा हाल चाल पूछा … बस फिर जूस पे ध्यान देने लगा. सिम्मी को मेरे ज़्यादा बात करने की वजह से शायद लगा होगा कि उसकी शादी मेरे साथ होने वाली है.
वापिस घर पहुँचने पर …
भाई ने एक्सायट्मेंट में पूछा- कैसी थी? मैं- ऐश्वर्या जैसी आँखें हैं यार … तो रिश्ता फ़िक्स या अभी नहीं? भाई- फ़िक्स फ़िक्स फ़िक्स …
शादी की तारीख़ एक साल बाद की रखी गयी. भाई एक महीने बाद वापिस ऑस्ट्रेलिया चला गया. भाई का मुझे ऑर्डर था कि अगर भाभी को कुछ चाहिए तो वो मुझे भाभी को ला कर देना होगा. मुझे भाई से पैसे मिल जाते, तो जब भी भाभी को कुछ ख़ास मंगवाना होता या शॉपिंग करनी होती तो वो मुझे कॉल कर देती और मैं उसे घर से पिक कर लेता.
इस तरह मेरी ओर भाभी की अच्छी बनने लगी. ऐसे में फ़ोन पर बात होना आम हो जाता है. तो कई बार हम बिना काम के भी घंटों बात करने लगे. अब 4-6 महीने बीत चुके थे, रोज़ाना फ़ोन पे बातें होती थी. हफ़्ते में 1-2 बार मिलना हो जाता था, तो बातें खुलने लगीं.
अब यहाँ से हमारी कहानी और रिश्ता धीरे धीरे बदलने लगा. हँसी मज़ाक़, शरारतें सब होने लगा. मुझे सिम्मी बहुत पसंद थी, पर मैंने उसके बारे में कभी कुछ ग़लत नहीं सोचा था.
कार में बैठे एक दिन सिम्मी ने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? मैं- हाँ, क्यूँ? सिम्मी- कितनी? मैं- हैं 2-3 … सिम्मी धीमी आवाज़ में बोली- पता ही था. मैं- क्या कहा? सिम्मी ने बात को बदलते हुए कहा- ऑल्मोस्ट अपना फ़्री टाइम तो तुम मेरे साथ बिताते हो, ज़्यादातर फ़ोन पे और कभी कभार शॉपिंग और या कहीं आना जाना होता है तो. तो गर्लफ्रेंड को टाइम कब देते हो? मैंने थोड़ा सोच कर- आपको ख़ुश रखना ज़्यादा ज़रूरी है. सिम्मी एक क़ातिलाना स्माइल देते हुए बोली- अच्छा जी? मैं आँख मारते हुए बोला- वैसे भी अब आप मेरी पार्ट टाइम गर्लफ्रेंड ही तो हो. सिम्मी- ओके ओके ज़्यादा लाइन नहीं मारनी. मम्मी जी (सासु माँ) को मिलने का दिल कर रहा है, घर चलें? मैं- ओके नो प्रॉब्लम.
घर पहुँचने पर पता चला कि मम्मी डैडी कहीं बाहर गए हैं, तो आने में टाइम लग सकता है.
सिम्मी सोफ़ा पे गिरते हुए बोली- पहली बार ससुराल आई हूँ और ससुराल वाला कोई घर पर नहीं है. मैं झट से बोला- मैं तो हूँ. सिम्मी ने आँख मारते हुए कहा- तुम तो पार्टटाइम ब्वॉयफ्रेंड हो न.
उसने इस अन्दाज़ से कहा कि लंड में करंट सा दौड़ गया. उसके सोफ़ा पे लेटने का तरीक़ा भी बहुत सेक्सी था.
मैं चाय बनाने किचन में चला गया.
कुछ देर बाद चाय पीते हुए मैंने सिम्मी से पूछा- तुम्हारा कोई ब्वॉयफ्रेंड है? सिम्मी- हाँ था एक, क्यों? मैं- तो कुछ किया भी होगा? इस सवाल को पूछते ही मेरी गांड फट के चाय के कप में आ गयी, सोचा फुद्दी देया पागल … यह क्या पूछ लिया अपनी माँ से?
सिम्मी ने मुझे घूरा और कहा- मुझे घर ड्रॉप कर दो प्लीज़.
उसके घर तक का रास्ता सन्नाटे में ही निकला. दो दिन निकल गए, कोई फ़ोन कॉल नहीं आया. मैंने भी कॉल करना ठीक नहीं समझा.
तीसरे दिन मम्मी को कॉल आयी कि मुझे सिम्मी ने बुलाया है.
मैंने सोचा कि कॉल मुझे भी की जा सकती थी. ओके नो प्रॉब्लम, मैं उठा शॉर्ट्स टी-शर्ट पहनी, गाड़ी निकली और निकल पड़ा अपनी ड्यूटी निभाने.
भाई की ससुराल पहुँचा, सिम्मी अकेली थी. वो बोली मॉम डैड अभी बाहर गए हैं, एक डेढ़ घंटे में आ जाएँगे, फिर चलते हैं.
इतने में वो चाय बना लायी. मैं चुपचाप बैठा बस चाय पी रहा था. तभी उसने बोला- तुमने तो पक्का कुछ किया होगा? मैं समझ नहीं पा रहा था कि इसे क्या जवाब दूँ? मैं- बी क्लीयर … सिम्मी- क्लीयर तो बोला. मैं- नहीं. सिम्मी- इतनी गर्लफ्रेंड्स हों ओर ना किया हो, ऐसा नहीं हो सकता. मैं- भाई से पूछो यह सब, मैं तो टैक्सी ड्राइवर हूँ.
सिम्मी उठ कर मेरे पास आयी, उसने मुझे गले से लगाया और कहा- सारी दीप …
उसने पतला सा पजामा और टी-शर्ट पहन रखी थी. उसके बदन से आ रही मादक ख़ुशबू ने सब भुला दिया. उसके मम्मे छाती में गड़ से गए. मैंने भी उसे कस कर गले लगा लिया. मेरा एक हाथ उसकी गांड से थोड़ा ऊपर और दूसरा उसके सिर पर था. मेरा लंड खड़ा होने लगा.
शायद उसको महसूस हो गया था. उसने मेरे कान में कहा- पार्ट टाइम ब्वॉयफ्रेंड, अब छोड़ भी दो. एकदम से मुझे होश आया और मैं हड़बड़ाहट में सॉरी बोल कर पीछे हट गया. जैसे में पीछे हटा मेरा पैरा फिसला और में सोफ़ा पर जा गिरा.
वो ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी और बोली- सच ही बोल रहे थे तुम, कुछ नहीं किया होगा, एक हग से यह हाल है … तो आगे क्या करोगे? उसकी यह बात सुन कर मेरा हौसला बढ़ गया. मैं एकदम से उठा और उसे पकड़ कर बोला- अभी बताता हूँ कि आगे क्या करूँगा. वो अपने आप को छुड़ाने की नाकाम कोशिश करने लगी- छोड़ो मुझे … आह हा हा ही ही … प्लीज़ छोड़ो … मैं तो मज़ाक़ कर रही थी … आई एम सॉरी …
हम ख़ूब हंस रहे थे. मैंने उसको पीछे से पकड़ा और उठा कर रूम में बेड पे ले गया. मैंने उसको बेड पे उल्टा ही गिरा दिया और ख़ुद उसके ऊपर ही लेट गया. उसके दोनों हाथों को सर की तरफ़ कस के पकड़ लिया.
अब वो नीचे से अपनी गांड इधर उधर हिलाने लगी और छूटने की कोशिश करने लगी. वो जितना हिलती मेरे लंड उसकी गांड की दरार में उतना रगड़ खाता. उसका पजामा और मेरा कच्छा इतने पतले थे कि ऐसा महसूस हो रहा था, जैसे दोनों ने कुछ नहीं पहना हुआ है. इससे मेरा लंड एकदम अकड़ गया.
मैंने उसे हिलने से रोकने के लिए उसकी गांड पे दबाव डाला. जिससे मेरा तना हुआ लंड उसकी गांड की दरार में पूरी तरह समा गया और मैं बिल्कुल उसके साथ चिपक गया.
हम दोनों की हँसी धीरे धीरे धीमी होती गयी. मेरी तेज़ साँसें उसके कान के पीछे की तरफ़ चल रही थीं. कुछ ही पलों में उसका शरीर ढीला हो गया. उसकी साँसें अभी भी तेज़ थीं.
तभी मैंने धीमी आवाज़ में उससे कहा- बताऊँ आगे क्या करूँगा? सिम्मी ने बड़े प्यार से जवाब दिया- आई कैन फ़ील योर हार्टबीट्स फ्राम माई बैक … (मैं अपनी पीठ से तुम्हारे दिल की धड़कन महसूस कर सकती हूँ).
तभी मैंने उसकी गर्दन पर किस करते हुए उसकी गांड पे अपने लंड का दबाव और बढ़ा दिया.
“आह … ह … ह … उह … दी …ई …ई …प … ओह गॉड … हम्मममम …” सिम्मी के मुँह से वासना से भरा मेरा नाम कुछ इस तरह निकला. वो वैसे ही लेटी रही ओर मैंने उसकी गर्दन ओर कान को चूमना चूसना शुरू कर दिया. जैसे ही मेरी जीभ उसकी गर्दन से कान के पीछे की तरफ़ जाती उसके मुँह से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाज़ निकल जाती.
मैंने अपने हाथ उसकी जाँघों पर रखे और सहलाता हुआ उसकी कमर से टी-शर्ट के अन्दर ले गया. अपने लंड को गांड में दबाव के साथ रगड़ने लगा. सिम्मी वासना से भर चुकी थी और मेरा भी बुरा हाल हो रहा था. जी किया कि पजामा फाड़ के लंड अन्दर डाल दूँ.
तभी मैंने अपना शॉर्ट्स और अंडरवियर एक ही बार में उतार दिए. मेरा लंड इतना टाइट हो चुका था कि मुझे अपने लंड में गर्मी महसूस होने लगी. सिम्मी इतनी वासना और मस्ती में आ चुकी थी कि मैंने कब अपना अंडरवियर उतार फेंका, उसको भनक भी नहीं लगी.
फिर मैंने एकदम से सिम्मी का पजामा उसकी पेंटी समेत नीचे खींच दिया. पजामा गांड के थोड़ा नीचे तक ही उतर पाया. उसने जल्दी से अपने हाथ नीचे करके मुझे रोकना चाहा. इतने में मैंने अपना गरम रॉड जैसा लंड उसकी गांड के बीच रखा और वैसे ही फिर से फँसा दिया.
सिम्मी के मुँह से कुछ ऐसा निकला- दीप नो ओ ओ ओ … आह … आह … ओह गॉड …
तभी मैंने उसकी टी-शर्ट को भी ऊपर तक उठा दिया. उसकी पीठ के हर एक इंच पर किस किया और काटा भी.
कुछ 5-10 मिनट बाद मैंने उसको सीधा किया और किस करते हुए उसके सारे कपड़े शरीर से अलग कर दिए. फिर उसे बेड से उठाया और दीवार के साथ लगते हुए खड़ा कर लिया.
अब मैं उसे पागलों की तरह चूस और चूम रहा था. उसने भी अपना हाथ नीचे ले जा कर मेरा लंड अपने हाथ में कस कर दबा दिया. उसकी इस हरकत से उसे चूमते हुए भी मेरी चीख निकल गयी- अम्म … सिम्मी ने मादक आवाज़ में कहा- इट्स सो हार्ड … बहुत सख़्त है.
मैं एक हाथ से उसकी फुद्दी को लगातार सहला रहा था. मेरा हाथ पानी से गीला हो चुका था. अचानक मैंने अपने हाथ को सूँघा. वो ख़ुशबू में पहचानता था, मैंने काफ़ी कुँवारी लड़कियों की सील तोड़ी थी. मैं उसे छोड़ कर एक क़दम पीछे हटा और हैरानी से उससे पूछा- क्या तुमने अभी तक सेक्स नहीं किया?
दोस्तो, जो मर्द कुँवारी फुद्दी को चाटने का सौभाग्य गँवा दे, वो दुनिया का सबसे बड़ा चूतिया है.
जिस भी मेरे फ़्रेंड या पाठक ने कुँवारी लड़की की फुद्दी का पानी चखा है, वो मेरी फ़ीलिंग समझ सकता है. उसका एक अलग ही नशा होता है. दिमाग़ में जानवर जाग जाता है.
वो कुछ बोलने ही वाली थी, मैंने उसे अपनी बांहों में लिया और बेड पे लिटा दिया. मैंने उसकी दोनों टांगों को उठाया. पहले तो उसकी फुद्दी के उस पानी से आ रही ख़ुशबू को अच्छे से सूँघा. फिर मैंने फुद्दी के ऊपर लगे पानी को चाटा. अपनी जीभ को उसकी फुद्दी के होंठों में गोल गोल घुमाया. सिम्मी का बदन अकड़ा हुआ था, जिसे वो साँप के जैसे इधर उधर घुमाए जा रही थी- सी … ई … ई … आह … ह … ह … दी …ई …ई …ई …प … प्लीज़ डू सम्थिंग, आई काँट टेक इट …
ऐसी मादक सिसकारियां और कामुक आवाज़ें उसके मुँह से अटक अटक कर निकल रही थीं. सिम्मी अपने दोनों हाथ अपने पेट, बूब्स और गर्दन पर घुमाए जा रही थी.
कुछ 2-3 मिनट जीभ ऐसे घुमाने के बाद मैंने अपनी जीभ उसकी फुद्दी में अन्दर डाल दी और फुद्दी के अन्दर आगे की तरफ़ पूरे दबाव के साथ 2-4 बार रगड़ी. वो थोड़ा कंपने लगी थी. मेरे हिसाब से इससे अच्छा टाइम कुँवारी लड़की की सील तोड़ने का कोई नहीं होता.
मैं जीभ उसकी फुद्दी से रगड़ता हुआ उसके पेट … फिर बूब्स के बीच फिर गर्दन से उसके होंठों तक पहुँचा और नीचे मेरा लंड भी पोज़िशन में आ गया. एक हाथ से मैंने अपना लंड उसकी फुद्दी पर रखा और दूसरे हाथ उसकी गर्दन के पीछे रखा.
मैंने अपनी पूरी बॉडी उसकी बॉडी के साथ चिपकायी, ताकि वो ज़्यादा हिल पाए और थोड़ा थूक लगाके लंड उसकी फुद्दी पर रगड़ते हुए दबाव के साथ अन्दर पेल दिया.
जैसे ही लंड अन्दर गया, सिम्मी की आँखें ऊपर को चढ़ गयीं और उसने मुझे अपनी बाँहों में कस लिया. उसकी चीख़ उसके गले में ही दब कर रह गयी- आह … अम … म … म … क्या मस्त समा था, आज भी उसकी वो जफ्फी जब भी याद आती है, बदन में करंट दौड़ जाता है.
कुछ सेकंड बाद मैंने थोड़ा और दबाव डाला और पूरा का पूरा लंड जड़ तक उसकी फुद्दी में डाल दिया. उस समय पर उसकी आँखें बंद थीं, फिर भी आँसू बाहर आ रहे थे. मैं थोड़ा रुका … उसने धीरे से आँखे खोलीं. पानी से भरी हुई थीं. मैंने एक हाथ से उसके आँसू साफ़ किए. “आई लव यू …” सिम्मी के मुँह से निकला.
मैंने उसके होंठ चूसते हुए धक्के लगाने शुरू किए. उसने दर्द के मारे मेरे होंठों को अपने दाँतों में दबा लिया. बस 10-15 धक्कों में वो फिर से कांपने लगी. उसकी आँखें फिर से ऊपर चढ़ने लगीं. तभी वो एकदम से हिली और मेरा लंड उसकी फुद्दी से बाहर निकल गया. उसकी टाँगें एक दूसरे से जकड़ गयी थीं. सिम्मी एक हाथ से अपनी फुद्दी को कस के दबाने लगी और दूसरे से मेरे लंड को अपनी फुद्दी में डालने की नाकाम कोशिश करने लगी.
इस बार वो अपनी चीख़ों को दबा नहीं पाई- आहह … आ … आह … ओह … हम्म … अ … आहहहह …
तभी मैंने उसकी टांगों को खोला और जैसे ही फिर से लंड अन्दर डाला. उसका पूरा बदन एक झटके के साथ लकड़ी की तरह अकड़ गया और वो काँपती हुई नीचे से एक मशीन जैसी तेज़ी से ऊपर को झटके लगाने लगी.
फिर फुद्दी ने लंड को अन्दर ऐसे जकड़ लिया, लगने लगा कि अगर झटके से बाहर खींचूँगा तो बीच में टूट जाएगा. वो गर्मी और कसाव इतना था कि मैंने 10-12 झटके तेज़ी से लगाए और अपना पानी अन्दर ही छोड़ दिया.
हमारा यह कार्यक्रम कुछ 20 से 25 मिनट चला.
मैं उसके ऊपर ही लेट गया. हम दोनों ऐसे पड़े थे, जैसे किसी ने जान निकाल कर लेटा दिया हो. बेडशीट भीग चुकी थी. वो पल ऐसे थे, जैसे कि दुनिया में इससे बड़ा सुख ओर नहीं हो सकता.
कुछ 5-10 मिनट बाद सिम्मी मेरे बालों में हाथ फेरने लगी. उसने कहा- कांग्रैचुलेशंस, तुम्हारा प्रमोशन हो गया. तुम पार्ट टाइम ब्वॉयफ्रेंड से पार्ट टाइम हज्बेंड बन गए. उसकी इस बात से हम दोनों ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे. फिर एक दूसरे को कस के गले लगाया और खूब देर तक किस किए.
सिम्मी के साथ आगे और क्या क्या हुआ, वो अगली कहानी में बताऊँगा. यह हिंदी सेक्स कहानी आपको अच्छी लगी या नहीं … नीचे दिए ईमेल पे आप अपने कमेंट भेज सकते हैं. [email protected]
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