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कहानी का पिछला भाग: अपने चोदू को माँ का पति बनवाया-3 अमीषा ने माँ से कहा- माँ, तुम को यह तो सोचना चाहिए था कि घर पर एक जवान लड़की है. अगर उसे पता लग गया तो फिर क्या होगा। मुझे तो पहले से ही शक़ था मगर मैं कुछ बोलकर आपको अपनी नज़र से गिराना नहीं चाहती थी। मुझे तो यह भी पता है कि तुमने अपनी अलमारी में छुपाकर जो डीवीडी रखी हैं उनमें क्या है? मैं सब देख चुकी हूं।
यह सुनकर लीना एकदम चुप हो गई और फिर उसने अमीषा से पूछा- तुमको कैसे पता कि उसमें क्या है? अमीषा ने फिर बताया कि कैसे उसने वो सब देखी हैं। अपनी माँ को कइयों से चुदाती देखा है। लीना ने कहा- तुम सही कह रही हो, मगर वो सब तुम्हारे पिता और उनके दोस्तों के साथ की हैं। जब तुम पैदा भी नहीं हुई थी। तुम्हारे पैदा होने के बाद तो मैंने जिसे अपना पति मान लिया था उसके साथ जो करना होता था, करती थी। मगर उसके जाने के बाद सच कह रही हूँ कि सिवाय इस आदमी के किसी और के साथ कुछ भी नहीं किया।
अमीषा सपाट चेहरे के साथ बोली- मगर अब तो जान गई ना कि तुम्हारे दोस्त ने मुझको भी चोदा हुआ है। इसलिए अब हम दोनों सौतन बन गई हैं। इसका माँ के पास कोई जवाब नहीं था। वो फिर माँ से बोली- इसका एक ही इलाज़ है, अब मुझ से कुछ भी छुपाना बंद कर दो और खुलकर करो उससे और मुझे अपना पार्ट्नर बना लो।
लीना बहुत हैरानी से अपनी बेटी अमीषा की तरफ देख रही थी कि उसकी बेटी क्या कह रही है। कुछ देर बाद लीना बोली- नहीं यह नहीं हो सकता। अमीषा ने कहा- तुम्हारी मर्ज़ी जो चाहो करो। मगर अब मुझ को ना टोकना कि मैं क्या कर रही हूँ। चूत तुम्हारे पास है, और वो मेरे पास भी है। तुम्हें भी एक लंड चाहिए और मुझे भी। अब यह तुम पर निर्भर है कि तुम क्या चाहती हो। अब हम दोनों ही एक दूसरे को जान चुकी हैं। अगर कुछ छुपकर करना है तो फिर किसी ना किसी को तो अपना राज़दार बनाना ही पड़ेगा। अगर मेरी जगह कोई दूसरी लड़की होती तो तुम बहुत जल्दी से मान जाती। मगर जो मैं देख चुकी हूँ उसको तो नहीं झुठला सकती ना। मेरे से पूछो तो तुम उससे शादी कर लो और जब तक मेरी शादी नहीं हो जाती तक तक उसे बेटी चोद बनाकर रखो। फिर तुम जो चाहो उससे करना।
लीना बोली- वो शादी नहीं करना चाहता। अमीषा ने पूछा- क्यों? “वो बोल रहा था कि मैं नहीं चाहता कि मुझको शादी करते ही बाप बनना पड़े।” मां ने जवाब दिया। अमीषा ने कहा- इसका मतलब कि वो मेरी वजह से तुमसे शादी नहीं करना चाहता। तो फिर आज या कल जब वो आए तो तुम अपने कमरे का दरवाजा बंद ना करना। जब तुम लोग चुदाई कर रहे होंगे तभी मैं अंदर आ जाऊंगी, बाकी का काम तुम मुझ पर छोड़ो।
उसी दिन शाम को जब वो आया तो कुछ देर बाद लीना उसे अपने कमरे में ले गई मगर आज उसने दरवाजा अंदर से बंद नहीं किया था।
जब अमीषा को लगा कि अब वो पूरी चुदाई में मस्त हो गये होंगे, तभी वो दरवाजा खोलकर अंदर चली गई। जब उसने अमीषा को देखा तो वो एकदम से हैरान हो गया। अमीषा ने उससे कहा- पापा, अपनी बेटी को नहीं चोदोगे क्या? अब उसकी ऊपर की साँस ऊपर और नीचे की नीचे रह गई; वो कुछ बोल ही नहीं पाया; उसने लीना से पूछा- यह तुम्हारी बेटी है? लीना ने सिर हिला कर हां में जवाब दिया।
यह सब देखकर वो सन्न रह गया। अमीषा ने कहा- सॉरी, मैं बाद में आती हूँ, आप लोग अपना काम चालू रखो, वरना मुझे बद्दुआ दोगे।
जब वो चला गया तो लीना ने कहा- वो बहुत हैरान हुआ था तुमको देखकर … मगर कुछ बोला नहीं। अमीषा ने कहा- रूको, मैं तुम्हारे सामने उसको फोन करती हूँ और उसे स्पीकर पर रखती हूँ। तुम सुनना वो कैसा इंसान है, माँ, एक बात समझ लो हर एक लंड कुछ दिनों बाद जिस चूत को चोद रहा होता है उससे ऊब जाता है और नई चूत की तलाश में रहता है यही बात इसकी भी है। अब देखो मैं उसको किस तरह से तुमसे शादी के लिए तैयार करती हूँ।
अमीषा ने उसको फोन मिलाकर स्पीकर पर रख दिया। उधर से- हेलो? अमीषा- हेलो? उधर से- बोलो, क्या बात है? अमीषा- बहुत दिन हो गये हैं, कोई प्रोग्राम बनाओ ना। उधर से- तुमने तो मुझे पापा बना लिया यह सब बोलकर। अमीषा- तो क्या ग़लत कहा था, जब तुम मेरी माँ को चोदोगे तो मेरे बाप ही हुए ना? उधर से- यह भी सही कह रही हो। फिर मैं तुमसे क्या करूँ? अमीषा- कोई बात नहीं तुम बेटीचोद बन जाओ … इसमें हर्ज क्या है? उधर से- इसका मतलब हुआ कि तुम मुझे अब बेटीचोद बना कर ही रहोगी।
अमीषा- मेरी चूत तो कई बार तुम्हारा लंड अंदर करवा चुकी है। इसलिए तुम मेरी माँ से शादी कर लो और जब भी मौका मिले बिना माँ को पता लगे मुझे चोदा करो। उधर से- बात तो सही कह रही हो। अमीषा- तुम मेरी माँ को प्रपोज़ करो। उधर से- अगर वो नहीं मानी तो मैं फिर उसके पास जाने के लायक भी नहीं रहूँगा। अमीषा- तुम प्रपोज़ तो करो, मैं माँ को मना लूँगी। उधर से- तुम मरवा मत देना मुझे। अमीषा- तुम कल आओ मैं यहीं पर रहूंगी। तब मैं ही बात शुरू करूँगी। उधर से- ओ.के.
फिर फोन बंद करके अमीषा ने मां से बात की और उसको भी मना लिया। इसी से घर की बात घर में रहेगी और किसी को कोई प्राब्लम नहीं होगी।
अगले दिन वो आया तो अमीषा ने देखा कि वो माँ से कुछ बात करने लगा. तभी वो उन दोनों के पास आकर बोली- हैलो, पापा कैसे हो? वो बोला- अभी मैं तुम्हारा पापा नहीं हूँ।
अमीषा ने मां का हाथ पकड़कर उसके हाथ के ऊपर रखकर कहा- आज से तुम मेरे पापा हो। इस बात की मोहर लगवाने के लिए कल मंदिर में मेरे साथ चलना। दोनों अमीषा को देखने लगे। अमीषा ने दोनों से पूछा- क्या किसी को कोई प्राब्लम है? तो अभी बता दो वरना मंदिर में जाकर कुछ मत कहना। दोनों ने चुप रहना ही ठीक समझा।
इस तरह से दोनों की शादी भी हो गई और वो अमीषा का बाप भी बन गया। मगर बाप भी ऐसा था जिसका ध्यान अमीषा की चूत पे ही रहता था। जब भी लीना इधर उधर होती थी और कोई भी मौका मिलता तो वो अमीषा की चूत पर सवार हो जाता।
एक दिन वो अमीषा से बोला कि उसका अरमान उन दोनों मां बेटी को साथ साथ चोदने का है। अमीषा ने तुरंत सहमति देते हुए मां को मनाने की जिम्मेदारी उसको ही दे दी। वो बोला- तुम्हारी मां कभी नहीं मानेगी जब तक तुम उससे नहीं कहोगी। अमीषा से मौका देखकर बात करने का आश्वासन दिया।
अब एक दिन अमीषा ने लीना से पूछा- मम्मी, सच सच बताना … तुम्हें पापा दिल से चोदते हैं या लगता है कि बस अपनी कोई ड्यूटी पूरी कर रहे हैं? लीना ने कहा- नहीं अमीषा, वो पूरे मज़े से चोदता है। शादी के बाद तो और ज़ोरदार चुदाई करता है, मुझे किसी तरह का कोई गिला शिकवा नहीं है। “अच्छा माँ, यह बताओ किसी दिन भी ऐसा हुआ है कि वो रात को तुम्हें छोड़कर कहीं और गया हो?” “नहीं!” “तो इसका मतलब हुआ कि जो मैंने कहा था उस पर मैं पूरी खरी उतरी हूँ।” अमीषा से इतराते हुए कहा।
लीना ने भी खुलते हुए उससे पूछा- क्या तूने भी अपने लिये कोई लंड ढूंढ लिया है जो आजकल तुझे चोदता है? क्योंकि इसको तो मैंने कभी तुम्हारे साथ देखा नहीं? अमीषा ने कहा- माँ छोड़ो ना मेरी चूत को, तुम अपनी चुदवाती रहो, उसी से मुझे लगता है कि मैं भी चुद गई। लीना ने कहा- नहीं बेटी, जब तुमने इतना मेरे लिए किया है तो मैं तुझे भी उससे चुदवाकर ही रहूंगी। “माँ वो कैसे?” अमीषा ने पूछा। माँ ने कहा- मैं उससे कहूँगी कि अमीषा को एक दिन मेरे सामने चोदो ताकि मैं उसके मुँह पर भी लंड पाने की खुशी देख सकूँ। उस बेचारी ने मेरे लिए बहुत कुर्बानी की है।
अंधे को क्या चाहिए था? जो अमीषा कहना चाहती थी वो तो खुद मां ने ही बोल दिया।
दो तीन दिन बाद माँ ने अमीषा को बुलाकर कहा- आज रात को तुम मेरे कमरे में ही सोना। रात को अमीषा जब लीना के कमरे में आई तो माँ पूरी नंगी लेटी हुई थी, उसने अमीषा को भी कपड़े उतारने को कहा। उसने भी झट से कपड़े उतार दिए।
थोड़ी देर बाद वो आ गया, वो सिर्फ एक अंडरवीयर में ही था उसमें से उसका लंड खड़ा हुआ पूरा नज़र आ रहा था। जैसे ही उसने अमीषा को देखा तो वो भी उतार दिया और अपने लंड को खुली हवा में हिलाने लगा। वो अमीषा को देखकर झटके मार रहा था। उसी वक़्त अमीषा की माँ उठी और उसके लंड को चूसने लगी।
कुछ देर बाद उसने उसको हटाया और बोला- मैं लेट जाता हूँ, तुम अपनी चूत मेरे मुँह पर रखकर बैठ जाओ, मैं उसे चूसूंगा. और अमीषा से कहा- तुम मेरे लंड पर बैठ जाओ और खुद ही धक्के मारो ताकि मुझे भी पता लगे कि तुम्हारी चूत मेरे लंड से प्यार करती है या नहीं। अब वो अमीषा की माँ की चूत को जोर जोर से चूमने चाटने और उसके मटर को काटने लग गया और अमीषा उसके लंड पर जोर जोर से धक्के मार रही थी। कमरे का माहौल पूरा सैक्सी हो गया था। उसने कभी सोचा नहीं था कि माँ की चूत मुँह पर और बेटी की चूत लंड पर। दिल पूरा दीवाली मना रहा था।
लीना की चूत ने पानी छोड़ दिया जिसे वो पूरा पी गया और लीना बाथरूम में भागी. तब उसने अमीषा से कहा- तुम सही में पूरा ड्रामा करना जानती हो। अमीषा ने बताया कि उसको कुछ भी नहीं कहना पड़ा यह सब मां ने खुद ही किया है। वो तुमसे बहुत प्यार करती है मगर उसने समझा हुआ है मेरी चूत पूरी तरह से सूखी है इसलिए इसकी सिंचाई करवा रही है।
जब लीना वापिस आई तो वो अमीषा से बोला- अब तुम घोड़ी बन जाओ, मैं तुम्हें पीछे से डालूँगा। इस तरह से उसने अपना लंड अमीषा की चूत में घुसा दिया उधर लीना से बोला- तुम इसके मम्मों को दबाओ! और वो खुद अमीषा की माँ के मम्मों को दबाने लग गया।
कुछ देर बाद वो लीना से बोला- तुम अपनी टाँगें अमीषा के इधर उधर करके अपनी चूत को मेरे मुँह पर लगा दो ताकि मैं तुम दोनों को एक साथ मज़ा दे सकूँ। इस तरह से उसने अमीषा को चोदते हुए उसकी माँ की चूत चाटी।
जब उसका पानी निकल गया तो वो कुछ देर आराम करने लगा।
फिर अमीषा ने कहा- माँ, अब तुम अपने पति को संभालो, मैं जा रही हूँ क्योंकि यह तुम्हारी अमानत है। अमीषा उसको आँख मार कर कमरे से बाहर आ गई।
जब आधी रात तक वो लीना को पूरी तरह से चोद चोदकर उठा तो वो पूरी तरह से थक चुकी थी और उसको नींद आ गई। जैसे ही लीना सोई, वो अमीषा के कमरे में आकर उसकी चूत पर चढ़ गया, उसके मम्मों को दबा दबाकर बोलने लगा- यह मेरी अमानत है इसके अंगूर मेरे हैं, टाँगों के बीच की लकीर मेरी है, लकीर में खिला काँटा मेरा है इसलिए मैं अब तुझे अच्छी तरह से चोदूँगा। अमीषा ने कहा- पापा, मैंने कब मना किया आपको? चोदो जितना चोद सकते हो। इतना बोलकर अमीषा ने अपनी मां के पति के लंड के स्वागत में अपनी टांगें फैला दी।
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