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नमस्कार.. आज की कहानी में मैं आपको बताऊँगी कि कैसे मैं एक गाँव के देसी बॉय से चुदी. आपने मेरी पिछली कहानी दीदी के देवर से चुद गई पढ़कर मुझे जो सन्देश भेजे, उनके लिए मैं आभारी हूँ.
मेरा नाम नेहा है और मैं थोड़ी फैशन वाली लड़की हूँ. मैं अपने घर का काम भी करती हूँ और कभी कभी जॉब भी करती हूँ, जो कि मैं ऐसे ही टाइम पास के लिए करती हूँ ताकि मेरा दिन घर से बाहर निकल जाए. मैं कभी कभी अपनी सहेलियों के साथ वर्कआउट करने के लिए एक फिटनेस ट्रेनर के पास जाती हूँ जो कि एक लेडी है. वो हम जैसी सोच वाली लड़कियों का वर्कआउट करवाती है. मेरे वर्कआउट करने से मेरा जिस्म का आकार बहुत ही आकर्षक बन गया है, जो किसी भी लड़के को मेरे जिस्म का दीवाना बना सकता है. मेरी गांड पीछे से थोड़ी उभरी हुई है. मेरी चूत पर बाल नहीं रहते हैं, मैं अपनी चूत को साफ़ रखती हूँ.
मेरे ऑफिस में गाँव का लड़का काम करने के लिए आया था. उसको कुछ नहीं आता था, तो सर ने उसको मेरे साथ रख दिया ताकि मैं उसको कुछ बता सकूं. हम दोनों लोग काम करते करते थोड़े घुल मिल गए थे.
एक दिन मैं अपनी सहेलियों के साथ बाजार जा रही थी, तो वो लड़का मुझे बाजार में मिल गया. वो मुझे समोसे खाने के लिए बोलने लगा. मैं उसको मना करने लगी क्योंकि मेरी सहेलियां भी मेरे साथ थीं. वो मुझे जोर देने लगा- चलिए ना मैडम … आप प्लीज चलिए, समोसे खायेंगे!
तो मैं मान गयी और मैं और मेरी सहेलियां हम सब लोग समोसे खाने के लिए दुकान में चले गए. मेरी सहेलियां समोसे खाने के बाद बाहर आ गईं और मैं उस लड़के से बातें करने लगी.
हम दोनों लोग ऑफिस में एक दूसरे से बात करने का समय नहीं मिलता था. मुझे गाँव के लोग बहुत अच्छे लगते है क्योंकि गाँव के लोग थोड़े व्यावहारिक होते हैं और वो लड़का भी व्यावहारिक था.. साथ ही मेरी केयर भी करता था.
हम लोग अब थोड़े घुलमिल गए थे और जब भी हम दोनों लोग ऑफिस के काम से समय मिलता था, हम दोनों लोग बाहर आकर कुछ खाते थे और एक दूसरे से बातें करते थे और हँस बोल लेते थे. वो मुझे अपनी जिन्दगी के बारे में बताता था और मैं भी उसको अपनी जिन्दगी के बारे में बताती रहती थी.
एक दिन हम दोनों लोग शाम को ऑफिस से काम करने के बाद बाहर खाने गए थे, तो वो मुझे अपने बारे में बताने लगा. उसने मुझे बताया कि गाँव में उसकी एक गर्लफ्रेंड थी, जिससे वो बहुत प्यार करता था लेकिन वो उसको धोखा दे गई और उससे ब्रेकअप कर हो गया.
मैं ये बातें सुनकर उसे अपने ब्रेकअप की भी कहानी बताने लगी क्योंकि मेरा भी कुछ दिन पहले ही ब्रेकअप हुआ था. इसलिए फिलहाल मैं भी सिंगल थी.
हम दोनों लोग अपनी अपनी लाइफ की बातें करते करते एक दूसरे को थोड़ा बहुत समझ गए थे.
अब सीन ये था कि फिलहाल हम दोनों लोग सिंगल थे और हम दोनों को एक अच्छे रिलेशनशिप की जरूरत थी.
हम दोनों लोग अब एक दूसरे से चैटिंग भी करने लगे और कुछ दिन के बाद हम दोनों लोग फ़ोन पर भी बातें करने लगे.
हम दोनों लोग ऑफिस में एक साथ काम करते थे, तो हम दोनों लोग की हमेशा एक दूसरे से बातें होती रहती थीं. उसने एक कमरा किराये पर लिया हुआ था और वो उसमें अकेला रहता था.
मैं कई बार उसके रूम पर ऑफिस के काम की वजह से गयी थी, चूंकि वो मेरे साथ काम करता था, इसलिए ये एक सामान्य सी बात थी. मेरी उससे ऑफिस के काम को लेकर कई बार बाहर से ही उससे बात भी हुई थी, जिस वजह से आस पास रहने वाले भी इस बात को जानने लगे थे और हमारे मिलने को कुछ गलत नहीं समझते थे.
एक दिन वो मुझे अपने रूम ले आया. हम दोनों लोग एक दूसरे थोड़ा बहुत मजाक कर रहे थे. वो अपनी गर्लफ्रेंड के बारे में बताने लगा कि आज उसको अपनी गर्लफ्रेंड की याद आ रही है.
तभी उसने मुझे ‘आई लव यू’ बोल दिया. मैं कुछ बोल ही नहीं पाई क्योंकि मैं भी उसको पसंद करने लगी थी. मैं और वो हम दोनों लोग एक दूसरे को देखते रह गए.
वो लड़का गाँव का था तो उसको कभी कभी दारू पीने की आदत थी. मुझे नहीं पता था कि वो अपने रूम में दारू रखता है. लेकिन उस समय वो दारू नहीं बियर रखे हुए था. मैं भी कभी कभी बियर पी लेती हूँ.
उस लड़के ने मुझे बियर पीने के लिए बोला, तो मैं मान गयी. हम दोनों लोग उसके रूम पर साथ में बियर पीने लगे. हम दोनों को बियर पीने के बाद थोड़ा नशा सा होने लगा और हम दोनों मस्ती में एक दूसरे को गले लगाने लगे.
वो मुझे किस करने लगा और नशे की हालत में मैं भी उसको किस करने लगी. हम दोनों एक दूसरे को बहुत देर तक चुम्मा चाटी की और उसके बाद उसने मुझे अपने बिस्तर पर खींच लिया. उसका बिस्तर नीचे ही था क्योंकि वो एक सस्ते से किराये के कमरे में पर रहता था, जिस वजह से उसको पलंग वगैरह नहीं मिला था. इसलिए उसने नीचे ही बिस्तर लगाया हुआ था. लेकिन उसका बिस्तर अच्छा नर्म और गुदगुदा था.
उसने मुझे अपने बिस्तर पर लिटाने के बाद मेरी सलवार का नाड़ा खोल दिया और धीरे से मेरी सलवार को नीचे करते हुए मेरी सलवार को निकाल दिया.
मैं पेंटी में हो गयी थी. वो मेरी चूत की खुशबू को सूंघने लगा. अगले कुछ ही पलों में वो मेरी पेंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर अपना हाथ फेर रहा था. मेरी चूत से धीरे धीरे पानी निकलने लगा. अब उसने मेरे ऊपर के टॉप को भी निकाल दिया. मैं उसके सामने ब्रा और पेंटी में आ गयी.
वो मेरे ऊपर आकर मेरे होंठों को चूसने लगा और मैं अपनी आँखें बंद करके अपने होंठों को उससे चुसवा रही थी. मुझे भी अब सेक्स चढ़ गया था और मैं भी उसको किस करने लगी.
हम दोनों लोग एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे, कभी कभी वो मेरे होंठों को काट भी रहा था.. जिससे मुझे एक अजीब सी सनसनी सी चढ़ रही थी. वो मेरे गालों को जीब से चाटते हुए चूम रहा था. हम दोनों लोग ऐसे ही एक दूसरे को बहुत देर तक किस करते रहे. उसने कुछ देर चूमने के बाद मेरी ब्रा और पेंटी को निकाल दिया और मैं उसके सामने के एकदम मादरजात नंगी हो गयी.
वो मेरी एक चूची को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा. मैं अब हल्की हल्की आहें भर रही थी. वो मेरी एक चूची को चूस रहा था और दूसरी चूची को दबा रहा था. मेरी चूचियां बहुत बड़ी बड़ी हैं, जो उसके हाथ में भी नहीं आ रही थीं. वो मेरी बड़ी बेदर्दी से चूची को चाट और काट रहा था… कभी कभी तो मेरी चूची के के मेरे खड़े निप्पल को काट रहा था.
मैं एकदम चुदासी हो कर जोर जोर से आहें भर रही थी. जब वो मेरे निप्पलों को काट रहा था.. तब एक अजीब सी खुमारी चढ़ रही थी. मेरी चूची को चूसने के बाद वो मेरे निप्पलों को अपने होंठों में दबा कर काटने लगा. इसके बाद वो नीचे आ गया और मेरी चूत को चाटने लगा. जब पहली दफा उसने मेरी चूत पर अपनी जीभ को रखा तो मैं थोड़ी जोर से सिहर गई और गर्म आहें भरने लगी.
वो मेरी चूत को सुड़प सुड़प करके चाटने लगा. मेरी चुत रोने लगी तो उसने मेरी चूत के पानी को भी साथ में चाटना शुरू कर दिया. वो मेरी चूत को ऊपर नीचे सभी हिस्से को बहुत अच्छे से चाट रहा था. उसने मेरी चूत को इतना अधिक चाटा कि उसको लंड लीलने के लिए फैला सा दिया था. फिर मेरी चूत के अन्दर उसने अपनी जीभ डाल कर अपनी जीभ से मेरी चूत को चोदना चालू कर दिया. वो मेरी चूत को चाटते हुए मेरी चूची भी को भी दबा रहा था. मैं एकदम से चुदवाने के लिए मचल उठी थी.
वो सेक्स करने में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. उसको लड़की को गर्म करना अच्छे से आता था. उसने मेरी चूत को बहुत देर तक चाटा, जब तक कि मैं उसके सर के बालों को नोंचने नहीं लगी.. और उसके सर को अपनी चूत में दबाने नहीं लगी. मैं उससे चूत चटवाने के बाद झड़ गयी. मैं झड़ने के बाद थोड़ी ठंडी पड़ गयी थी.
कुछ देर बाद वो भी मुझे अपना लंड चूसने के लिए बोलने लगा, लेकिन मैं उसका लंड चूसने से मना करने लगी. उसने ज्यादा जबरदस्ती नहीं की. मुझे गाँव के लड़कों का लंड बहुत अच्छा लगता था क्योंकि उनका लंड बहुत बड़ा होता है और उनका लंड थोड़ा मोटा भी होता है.
वो अपने कमरे में एक तरफ बने किचन तक गया और वहां से तेल लेकर आया. मैं समझ गई थी कि अब वो अपने लंड पर तेल लगाकर मुझे चोदेगा.
वो अपने लंड पर तेल लगाने लगा और मेरी चूत पर भी तेल लगा दिया. फिर उसने मेरी टांगों को चौड़ा किया और टांगों के बीच में आकर वो मेरी चूत में अपना लंड डालने लगा. लेकिन उसका लंड फिसल गया.
फिर उसने मेरी गांड के नीचे अपना हाथ डाल दिया और मेरी चूत पर अपना लंड सैट करके एक झटके में अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया.
मैं उसके मोटे लंड की ठोकर सहन नहीं कर पाई, मेरा नशा हिरन हो गया और मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मुझे सच में बहुत दर्द हो रहा था. वो मुझे थोड़ा चुप कराने लगा, लेकिन मैं चुप नहीं हो रही थी. मुझे ऐसा लग रहा था कि उसने मेरी चूत में गरम सरिया पेल दिया हो.. सच में बहुत दर्द हो रहा था. मैं दर्द से छटपटा रही थी.
वो मेरे होंठों को चूसने लगा, जिससे मैं चिल्ला भी नहीं पा रही थी.. वो मेरे होंठों को लगातार चूसे जा रहा था.
थोड़ी ही देर में मैं भी थोड़ा आराम महसूस करने लगी. मैं भी उसके होंठों को चूसने लगी. जब मेरी चूत का दर्द थोड़ा सा कम हुआ तो वो अपना लंड मेरी चूत में अन्दर बाहर करने लगा. वो मुझे धीरे धीरे चोद रहा था और मैं आहें भरते हुए उससे चुदवा रही थी. वो मेरी जांघों को सहला रहा था और मुझे मस्ती से चोद रहा था. वो अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल रहा था और मुझे धीरे धीरे चोद रहा था.
हम दोनों लोग चुदाई करते करते एक दूसरे को किस भी कर रहे थे. जब उसका लंड मेरी चूत में जा रहा था तो मैं आहें भर रही थी. उसने मेरी चूत पर तेल लगाया था तो उसका लंड मेरी चूत में बड़ी आसानी से आ जा तो रहा था. पर मेरी कसी हुई चूत में उसका पूरा लंड जा रहा था तो मैं थोड़ा दर्द भी महसूस कर रही थी. वैसे मुझे उससे चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था और हम दोनों लोग की चुदाई धीरे धीरे तेज होने लगी और मेरी सिस्कारियां भी तेज हो गईं.
हम दोनों लोग चुदाई कर रहे थे और एक दूसरे के जिस्म को चाट रहे थे. उसने मुझे बताया कि उसको चूत चाटने में बहुत अच्छा लगता है. वो मेरी चुदाई कर रहा था और कभी कभी मेरी चुदाई करते करते मेरी चूची को चूस रहा था. वो मेरी रसीली चूत की गहराई में अपना लंड डाल कर मेरी चूत को चोद रहा था और मैं आहें भर रही थी.
मैं कहे जा रही थी- आह जान चोदो ना और जोर से जान आह मजा आ रहा है.
वो मेरी चूत को जोर जोर से चोद रहा था. हम दोनों लोग चुदाई करते करते झड़ने वाले थे, इसलिए वो मुझे जोर जोर से चोदने लगा. मैंने भी अपनी गांड उठाते हुए लंड लीलना चालू कर दिया था. इसी कारण से वो भी मुझे थोड़ी जोर लगाकर चोदने लगा और मैं भी अपनी गांड उठा उठाकर उससे चुदवाते हुए चरम सुख का मजा ले रही थी.
हम दोनों लगभग बीस मिनट चुदाई करने के बाद झड़ गए. झड़ जाने के बाद हम थोड़ा आराम करने लगे. इतनी गजब चुदाई हुई थी कि हम दोनों इस मदमस्त चुदाई करने के बाद बेहद थक गए थे. कब नींद लग गई, हम दोनों को पता नहीं चला और हम दोनों लोग नंगे ही एक दूसरे की बांहों में सो गए. उसका लंड मेरी चूत को टच कर रहा था.
कुछ देर आराम करने हम दोनों उठे और एक दूसरे को किस करने के बाद हम दोनों ने एक बार और चुदाई का मजा लिया.
उसके बाद मैं अपने कपड़े पहन कर तैयार हो गयी. हम दोनों को चुदाई करते करते बहुत देर हो गई थी. वो मुझे बाइक से मुझे मेरे घर छोड़ कर चला गया.
उसके बाद हम दोनों लोग अगले दिन ऑफिस में मिले. हम दोनों एक दूसरे को देख कर स्माइल कर रहे थे.
अब तो हम दोनों लोग का जब भी मन करता था, हम दोनों उसके रूम पर जाकर चुदाई करते थे.
आप सबको मेरी देसी चूत की देसी चुदाई कहानी कैसी लगी. आप सब मुझे मेल करके बताएं. आप सब मुझे फीडबैक जरूर दें, इससे मुझे कहानी लिखने में थोड़ा मदद मिलती है. आप सबके फीडबैक से ही मैं ये देसी बॉय की कहानी आप सबको बता रही हूँ. मैं अपनी दूसरी कहानी बहुत ही जल्द लिखने की कोशिश करूँगी. [email protected]
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