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सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार! मेरा नाम सुखमनप्रीत कौर है. मैं पंजाब के औद्योगिक शहर लुधियाना में रहती हूँ. मेरे परिवार में मेरी माता जी, जो एक स्कूल टीचर हैं और मेरा भाई है. मेरी उम्र 26 साल है, कद पांच फुट सात इंच है. मेरा रंग दूध जैसा गोरा है. मेरा साइज 34-26-36 का है. मेरा कभी भी कोई बॉयफ्रेंड नहीं रहा है.
मेरी यह कहानी कुछ महीने पहले की है मेरी भाई मुझसे छोटा है, वो यूनिवर्सिटी में पढ़ता है. उसका एक दोस्त सैमी (नाम बदला हुआ) जो एक ब्लैक नीग्रो युवक था. मैं आपको उसके देश का नाम नहीं बता सकती. वो हिंदी काफी अच्छी बोल लेता था.
वो अक्सर ही हमारे घर अपनी पढ़ाई करने के लिए आ जाता था. उसका कद 6 फुट से ज्यादा था. उसका बदन काला था, लेकिन बहुत फिट था और देखने में बहुत मज़बूत लगता था. मेरी उससे अच्छी दोस्ती हो गई थी. वैसे तो सैमी और मेरा भाई अपनी पढ़ाई करते थे. कई बार मेरे भाई के कमरे से उस वक्त सैमी मेरे कमरे में आ जाता था, जब मेरा भाई सो जाता था. मेरे भाई का कमरा ऊपर था और मेरा कमरा नीचे था. उस वक्त मेरी मम्मी तो स्कूल में होती थीं.
चूंकि हम दोनों अच्छे दोस्तों की तरह आपस में बातें करते थे, इसलिए उसे भी इसमें कुछ गलत नहीं लगता था. हम दोनों बातें करते हुए मजाक करते रहते थे. इस दौरान ऐसे ही मज़ाक में वो कई बार मेरी बांहों को भी पकड़ लेता था.
एक दिन की बात है, सैमी ऊपर से नीचे आया और मेरे कमरे में चला आया. मैं उस वक्त नहा रही थी. वो बेड पर बैठ गया, मुझे इसका पता नहीं था क्योंकि मैं नहा कर अपने बदन पर सिर्फ तौलिया ही डालती हूँ.
जब मैं नहा कर बाहर कमरे में आई, उस वक्त मेरी चप्पलें गीली थीं और मेरे कमरे का फर्श बहुत फिसलता है. जब मैंने सैमी को देखा, तो मैं घबरा गई और तेजी से मुड़ कर वापिस जाने लगी. तभी मेरा पैर फिसल गया, मैंने अपने दोनों हाथ नीचे लगा दिए.. मगर मेरा तौलिया नीचे आ गया और मैं पीछे की तरफ से पूरी नंगी सैमी के सामने हो गई.
इससे पहले कि मैं अपना तौलिया सैट करती.. मुझे सैमी ने आकर पकड़ लिया, उसने कहा- तुमको चोट तो नहीं लगी? यह कहते हुए उसने मुझे पैरों पर खड़ा करने की कोशिश की. उसने मुझे पीछे से पकड़ा हुआ था, जिससे उसने मेरी नंगी हो चुकी गांड को पहले ही देख लिया था.
अब उसके हाथ की उंगलियां मेरे मम्मों को टच कर रही थीं. उसने मेरे चूचे भी देख लिए थे और उसने मेरी चूत की तरफ भी देखना शुरू कर दिया था.
तभी मैंने उसकी तरफ देखा और मुझे देखते ही समझ में आ गया कि यह चुदाई के मूड में आ गया है और ये मेरी आज चूत न मार ले.
तभी जब उसने मुझे खड़ा किया, उसका लंड मेरे चूतड़ों को टच कर रहा था. मुझे उसके खड़े लंड का एहसास हुआ तो महसूस किया कि उसका लंड अपनी हरकत में आने लगा था. लेकिन इस वक्त मेरे पैरों में दर्द हो रहा था.
मैंने सैमी से कहा- मैं चल नहीं सकती हूँ मुझे दर्द हो रहा है.
इस सब में मैं यह भूल ही गई कि मैं एक बंदे के सामने नंगी हूँ.. क्योंकि दर्द आपको सब कुछ भुला देता है.
सैमी ने मुझे उठाया, मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं. उसने मुझे बेड पर लिटा दिया, मेरे पैर में दर्द हो रहा था और मोच आ गई थी. इस वक्त मेरे घर में हमारे अलावा सिर्फ मेरा भाई था, जो ऊपर के कमरे में सो रहा था, उसको मेरे गिर जाने के बारे में कुछ पता नहीं था कि नीचे क्या हो रहा है.
तभी मुझे सैमी ने कहा- तुम घबराओ मत.. मैं हूँ ना. मैंने उसको बताया कि दूसरे कमरे में मूव दराज में रखी है, वो ले आओ.
वो मूव लेने चला गया और मैं नंगी बेड पर पड़ी रही. मैं दर्द से तड़फ रही थी और अपने कपड़े भी नहीं पहन सकती थी. ना ही सैमी ने मुझे कोई कपड़ा दिया था. तभी वो मूव ले आया.
मैंने उसको कहा कि मेरा तौलिया दे दो. उसने कहा- सॉरी. उसने मेरे ऊपर तौलिया डाल दिया. फिर उसने मेरे पैर पर मूव लगाई और पैर सहलाए, जिससे मेरा दर्द कुछ कम हुआ.
मुझे बहुत शर्म आ रही थी, पहली बार मुझे किसी मर्द ने नंगी देखा था. इस बात का असर मैं उस पर साफ़ देख सकती थी. उसका लंड थोड़ा सा खड़ा हो गया था, जिसका पैंट में से पता चल रहा था.
तभी उसने मुझसे पूछा- तुम कपड़े खुद पहन लोगी? मैंने कहा- मुझे अलमारी में से निकाल के दे दो. उसने मुझे मेरी पेंटी, ब्रा, सलवार और कमीज निकाल कर दे दिया.
मैंने उससे कहा कि अब तुम जाओ मेरा भाई आ गया, तो वो गलत सोचेगा. सैमी तुरंत चला गया.
इस चोट का मेरा दर्द तो, दो दिनों बाद मूव लगाने से हट गया था. पर अब मेरी सैमी के लिए भावनाएं बदल गई थीं. वो इस घटना के बाद कई दिन तक हमारे घर नहीं आया.
फिर एक दिन वो आया और मुझे मिलने मेरे भाई के साथ मेरे कमरे में आया. मैं उसकी आँखों में मेरे लिए भूख देख सकती थी. मैंने भी उसको हंसी मज़ाक में इशारा कर दिया था कि मैं तुम्हारा उधार चुकाने के लिए तैयार हूँ.
कुछ दिनों बाद सैमी घर आया. उसने मेरे भाई के साथ पढ़ाई की और उसके सो जाने के बाद वो नीचे मेरे कमरे में आ गया. मैंने अपना दुपट्टा नहीं लिया हुआ था. जब वो कमरे में आ गया, तब मैंने दुपट्टा ले लिया.
तभी वो हंस पड़ा. मैंने पूछा- तुम हंस क्यों रहे हो? उसने कहा- सुखमन, मैंने सब कुछ तो देख लिया है.. अब क्यों शरमा रही हो?
मैं भी उसकी बात पर मुस्करा पड़ी और वो समझ गया कि मेरी तरफ से आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी है. उसने मुझे कहा- तुम बहुत खूबसूरत हो. मैंने कहा- तुम भी बहुत अच्छे हो जो तुमने उस दिन मुझे संभाला. जब वो जाने लगा उसने मेरे गालों पर हल्का सा चूमा और बोला- मैं तुमसे प्यार करना चाहता हूँ.
उसकी इस गुजारिश से मेरे शरीर में एक अजीब सी कम्पन होने लग गई. मैंने उसको एकदम से अपनी छाती से लगा लिया और हमने एक दूसरे के होंठ चूसने शुरू कर दिए. सैमी ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगा. उसी वक्त मुझे उसका फूलता हुआ लंड अपनी चूत से टच करता हुआ महसूस हो रहा था, लेकिन मुझे डर भी था कि कहीं मेरा भाई ना आ जाए.
तभी मैंने सैमी को कहा- तुम कभी फिर आना, जब घर पर कोई ना हो. वो मुझे जोर से चूम कर चला गया जाते जाते मैंने उसके लंड को पकड़ कर उसे जरूर आने का इशारा किया, तो उसने भी मेरे दूध दबा कर मुझे चोदने की हामी भर दी.
आखिर वो दिन भी आ गया. उस दिन मेरा भाई और माता जी रिश्तेदारी में गए हुए थे और वो शाम से पहले आने वाले नहीं थे. इस बात का सैमी को मेरे भाई से पता चल गया था. वो मेरे घर आ गया. मैंने दरवाजा खोला और सैमी मेरे कमरे में आ कर बैठ गया.
मैंने उस दिन नीले रंग की सलवार और सफ़ेद रंग का कमीज सैट पहना हुआ था. अभी मैं शीशे के सामने अपने बालों को सैट कर रही थी कि सैमी ने मुझे पीछे से अपनी बांहों में ले लिया. उसने मुझे उठा कर बेड पर अपनी गोदी में बिठा लिया और मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया. उसने मेरे गालों को चूसते हुए दांतों से चबाना भी शुरू कर दिया. मैं गर्म होने लगी थी. फिर उसने मेरी गर्दन पर किस किया और मेरी कमीज को उतार दिया. मैंने सफ़ेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी. उसने बिना देरी किये हुए मेरी ब्रा खोल दी और मेरे गोरे मम्मे उसके सामने फुदकने लगे थे.
तभी सैमी ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे मम्मों को अपने हाथों में लेकर उनको निचोड़ना शुरू कर दिया.
मैं तो अपने होश खो बैठी थी, मुझे तो यह भी याद ना रहा कि मैं कहां हूँ.
फिर उसने एक मम्मा अपने मुँह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया. जैसे जैसे सैमी मेरे मम्मों को चूस रहा था, वो उतने ही टाईट होते जा रहे थे.
कभी कभी वो मेरी चूचियों को अपने दांतों से काट लेता, जिससे मेरी आवाज़ निकल जाती ‘आह आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आई..’
उसने मेरे दोनों मम्मों को 15 मिनट तक चूसा होगा. फिर उसने अपनी जीभ मेरे पेट पर फेरनी शुरू कर दी. तभी उसने मेरी सलवार के नाड़े को खोल दिया और सलवार को निकाल दिया.
अब मैं अपनी गुलाबी पेंटी में उसके सामने थी. मेरी पेंटी पहले कभी भी इतनी गीली नहीं हुई थी. उसने चूत पर हाथ लगाया तो मुझे कम्पन सा हुआ. इसी बीच सैमी ने मेरी पेंटी भी उतार दी और मेरी कुंवारी चूत एक काले नीग्रो आदमी के लंड सामने चुदने तैयार थी. मैंने सुबह ही अपनी चूत पर शेविंग की थी. सैमी मेरी गोरी चूत पर टूट पड़ा और अपनी जीभ से चूसने लगा. मैं सिसकारियां लेने लगी. उसने जबरदस्त तरीके से चूस चूस कर मेरी चूत में से कई बार पानी निकाल दिया था.
जब उसने अपने कपड़े उतारे और मेरी नज़र उसके लंड पर गई, तो मैं तो देखती ही रह गई. सैमी का काला लंड बहुत लम्बा और मोटा था.
उसने लंड हिलाते हुए मुझे लंड को चूसने को कहा. मैंने लंड को चूसना शुरू कर दिया. कुछ देर बाद उसका लंड भीमकाय रूप लेकर खड़ा हो गया. सैमी ने मुझे 69 में उल्टा कर लिया. मेरी चूत उसके मुँह में थी और उसका लंड मेरे मुँह में था.
वो मज़ा में कभी भूल नहीं सकती. हमारी चूमा चाटी बहुत हो चुकी थी. अब समय था, जब मेरी फूल जैसी चूत को चोदने के लिए एक मूसल एकदम कड़क हो कर मेरे सामने तन्ना रहा था.
सैमी ने मुझे बेड के कोने पर लिटा दिया और मेरी टांगों को उठा दिया उसने अपने 10 इंच लम्बे और खीरे से मोटे लंड से मेरे चूत को सहलाना शुरू किया. अब किसी भी वक्त मेरी कुंवारी चूत फट सकती थी. मैंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं. उसने थोड़ा सा धक्का मारा, मुझे दर्द हुआ लेकिन लंड अन्दर नहीं गया. कुछ देर बाद सैमी ने एक ज़ोर से झटका मारा और लंड मेरी चूत की झिल्ली को फाड़ता हुआ थोड़ा सा अन्दर चला गया. मेरी चीख निकल गई- आई… मम्मी मर गई.
फिर न जाने क्या हुआ कि मेरी आवाज मेरे हलक में ही अटक कर रह गई मेरी आँखों के सामने अँधेरा छा गया.. और ऐसा लगा, जैसे मेरी चूत में एक लोहे का गरम सरिया अन्दर तक पेल दिया गया हो. मेरी आँखों की पुतलियां फ़ैल गईं.
ये सब देख कर सैमी रुक गया और मेरे होंठों को चूसने में लग गया और साथ में मेरे मम्मों को मसलने लगा. उससे मुझे कुछ देर बाद दर्द कम महसूस होने लगा. अब चूत की परपराहट भी कम होने लगी थी और लंड के प्रीकम से चूत को चिकनाई मिलने लगी थी.
धीरे धीरे सैमी ने लंड को अन्दर बाहर करना शुरू किया. दस मिनट बाद उसका पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर जा रहा था और मेरा दर्द भी बहुत कम हो गया था. अब मेरी चूत लंड के साइज के हिसाब से खुल गई थी. इस वक्त मेरी टांगें पूरी तरह से खुली हुई थीं और हवा में उठी थीं. कुछ देर तक यूं ही चोदने के बाद जब मुझे मजा आने लगा तो सैमी ने लंड बाहर खींच लिया. जिससे मेरी चुत को ऐसा लगा जैसे उसका मनपसन्द खिलौना उससे छीन लिया गया हो. मैंने सैमी की तरफ गुस्से से देखा और आँखों से पूछा कि लंड क्यों निकाल लिया?
तभी सैमी ने मुझे आँख मारते हुए मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया और पीछे से मेरी चुत में लंड पेल कर पूरी तेज़ी से मुझे चोदने लगा. मेरी चुत को मानो राहत मिल गई थी, लेकिन पीछे से पूरा लंड एक बार में घुसेड़ने से मुझे फिर से दर्द हुआ. मगर अब मुझे मालूम था कि लंड क्या चीज होती है.. इसलिए मैं गांड उठाए हुए उसके लंड को अपनी चुत में अन्दर तक महसूस करती रही.
अब ‘पचक…पचक..’ की आवाज़ आ रही थी और मेरे मुँह से ‘आह… आह… आई.. आई…मम्मी शीई.. शी..’ निकल रहा था.
कुछ ही देर बाद मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा था और मैं भी अपनी गांड साथ में हिलाए जा रही थी. सैमी मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ भी मार रहा था. वो मुझे चोदते हुए अंग्रेजी में बोल रहा था- कम ऑन यू बिच.. मैं उसको जवाब दे रही थी- आह.. मेरी चूत को फाड़ दो बेबी..
उसके हब्शी लंड ने मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया था. कुछ देर बाद सैमी बेड पर लेट गया और मुझे ऊपर बिठा लिया. अब तो उसने जो मेरी चुदाई की, क्या कहूँ.. मैं कम से कम 5 बार झड़ी होऊंगी. इसी बीच उसने अपना वीर्य मेरी चूत में ही निकाल दिया.
हमने कुछ देर आराम किया और फिर मैंने देखा मेरी चूत लाल हो गई थी और बेडशीट पर भी मेरा खून लगा हुआ था. सैमी मुझे और चोदना चाहता था, लेकिन मेरी चूत में तो बहुत दर्द हो रहा था. मुझे पेशाब करवाने के लिए भी सैमी अपनी गोद में उठाकर ले कर गया था.
बाथरूम से वापिस लाकर उसने मुझे बिस्तर पर लेटाया और फिर से मुझे चोदने के लिए आगे आया तो मैंने सैमी से कहा- अब तुमने मेरी चूत ले तो ली ही है.. अभी दुबारा जिद न करो. तुम मुझे फिर किसी और दिन चोद लेना, मैं कौन सा मना कर रही हूँ. मगर आज रहने दो.. मुझसे चला भी नहीं जा रहा, घरवाले आएंगे तो उनको शक हो सकता है.
लेकिन अभी मैं बोल ही रही थी कि सैमी मेरे ऊपर चढ़ गया और उसने मेरे मम्मों को चूसना और निचोड़ना शुरू कर दिया. मैं दर्द के बावजूद फिर से मस्त होने लगी. इसी बीच उसने मेरी टांगें उठाईं और अपना लंड मेरी फटी हुई चूत में डाल दिया. उसने मेरे होंठों को अपने होंठों से बंद कर दिया और धकापेल चालू कर दी.
वो एक ही समय में मेरे मम्मों को भी निचोड़ रहा था और मेरे होंठों को चूस रहा था. साथ में मेरी चूत की चुदाई कर रहा था. इतनी बार झड़ने से मेरे अन्दर बिल्कुल भी ताकत नहीं बची थी. उसने इस बार मुझे इतना ज़ोर से और इतनी देर तक चोदा कि मैं अधमरी कुतिया जैसी हो गई. यूं लग रहा था मानो एक साथ मेरे ऊपर आठ दस कुत्तों ने चढ़ कर मुझे चोदा हो. सच में सैमी के लंड ने मेरी जान ही निकाल दी थी.
इस बार, अब तक मैं कई मर्तबा झड़ गई थी. उसने एक बार फिर से अपना वीर्य मेरी चूत में ही डाल दिया, जिसके कारण मुझे बाद में गोली खानी पड़ी थी.
अब सैमी मेरे ऊपर ही लेट गया और हम दोनों ने एक दूसरे से कस के चिपक गए और कुछ देर के लिए हम सो गए. कुछ देर बाद मैं उठी और टाइम देखा, तो मेरे मम्मी और भाई आने वाले थे. मैंने सैमी से कहा- अब तुमको जाना होगा.
उसने जाने से पहले मेरी कुछ फोटोज भी लीं और मुझे किस भी किया. उसके जाने के बाद मैं फिर से नहाई, लेकिन मुझे चलने में बहुत मुश्किल हो रही थी. जिस वजह से उस दिन मैंने पेट खराब होने का बहाना लगा दिया. मेरे घरवालों को शक नहीं हुआ क्योंकि मैं उनके सामने बिल्कुल भी नहीं चली. अगले दिन मेरा पेट सच में खराब हो गया था. कुछ दिनों तक मेरे शरीर में कई तकलीफें भी आईं. मेरे मम्मे भी टाइट और बड़े हो गए और अब मुझे पेंटी का साइज भी बदलना पड़ा क्योंकि इसके बाद भी सैमी मेरी चुदाई करता रहा था.
मुझे उम्मीद है मेरी यह वर्जिन चूत की पहली चुदाई की सच्ची कहानी आपको पसंद आई होगी. आपके मेल का इन्तजार रहेगा. धन्यवाद. [email protected]
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