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दोस्तो, आप मेरी कहानी याराना से तो परिचित ही होंगे! अगर नहीं तो पहले याराना के सभी भाग पढ़ें।
पिछले भाग भाई बहन, ननदोई सलहज चुदाई से आगे राजवीर के शब्दों में:
एक दूसरे की बीवियों को चोदने के बाद सुबह 9 बजे जब मेरी नींद खुली तो देखा कि सीमा पास में नहीं थी। मैंने अपने कपड़ों को सम्भाला और कमरे से बाहर आया। हाल में भी सीमा नजर नहीं आई तो सोचा कि ऊपर छत का बाथरूम इस्तेमाल करने ऊपर गयी होगी। अतः मेरे कदम रीना और श्लोक के कमरे की तरफ बढ़ने लगे। दिल जोर जोर से धड़क रहा था कि शायद दोनों नंगे बेड पर सो रहे होंगे।
मैंने दरवाजे पर हाथ दिया तो दरवाजा खुला हुआ था। तेज धड़कन के साथ मैंने पलंग पर नजर दौड़ाई तो देखा कि श्लोक अकेला बिस्तर पर नग्न चादर में लिपटे हुए गहरी नींद में सोया हुआ था. मैं श्लोक के पास गया और उसे जगाया। होश आते ही उसने एक मुस्कान के साथ मुझे देखा और कहा- अरे जीजू, आप यहाँ? दीदी कहाँ है? मैं- कैसी रही रात? श्लोक- जीजू, जीवन का सुख पा लिया बस शब्दों में बयान नहीं हो पाएगा। आप बताओ?
मै- अभी शब्दों में बयान नहीं कर पाऊंगा। किंतु जब मैं उठा तो सीमा मेरे साथ बिस्तर पर नहीं थी; उसे ढूंढते हुए मैं यहां आया तो देखा कि रीना भी तुम्हारे साथ बिस्तर पर नहीं है। दोनों कहां जा सकती हैं? श्लोक- क्या सीमा भी बिस्तर पर नहीं है?
श्लोक ने अपने कपड़े संभाले और दोनों को ढूंढते हुए हम हॉल में आ गए। दोनों वहां भी नहीं थी। फ्लैट के ऊपरी हिस्से में एक शानदार शो पीस रूम बना हुआ था। नीचे उन्हें ना पाकर हम दोनों ऊपर की तरफ बढ़े। मन में एक अजीब सा डर बैठ गया था कि दोनों एक साथ कहां जा सकती हैं? वह भी एक असाधारण रात बीतने के बाद कहीं उन्हें अब अपने किए पर पछतावा तो नहीं हो रहा है जिसका शोक मनाने साथ में कहीं चली गई हैं।
ऊपरी कमरे का दरवाजा मैंने खोला, श्लोक भी मेरे साथ था। तो जो देखा उसे देख कर मैं हैरान रह गया और शायद श्लोक भी।
कमरे के बीचोंबीच टेबल पर एक बड़ा केक रखा हुआ था। कमरे को कुछ मोमबत्तियों से सजाया हुआ था और दोनों अप्सराएं नहा धोकर सज संवर कर हमारा इंतजार कर रही थी। जैसे ही हम जीजू साले कमरे में प्रविष्ट हुए, रीना और सीमा दोनों ने एक साथ गाना शुरू कर दिया- अप्रैल फूल बनाया तो उनको गुस्सा आया … अप्रैल फूल बनाया तो उनको गुस्सा आया। और दोनों जोर-जोर से हंसने लगी।
उनकी इस हंसी ठिठोली का कारण हम समझ नहीं पा रहे थे क्योंकि जहां तक हमें पता था फूल तो हमने उन्हें बनाया था। इस तरह हैरान हुए श्लोक और मैं एक दूसरे को देखते रह गए और एक दूसरे से समझने की कोशिश कर रहे थे कि आखिर हो क्या रहा है?
सीमा- क्या हुआ श्लोक बाबू? कुछ समझ में नहीं आ रहा है? समझने की कोशिश भी मत कीजिए। यह आपके बस का नहीं है। और हंसने लगी. मैं- यह सब क्या है रीना? रीना- मेरे प्यारे राजवीर! बड़ी मेहनत से केक बनाया है पहले केक खा लीजिए अपने मूर्ख बनने की खुशी में। मैं- मूर्ख बनने की खुशी? मैं कुछ समझा नहीं? सीमा- अरे प्यारे जीजू, कहा ना … आपको कुछ समझ नहीं आएगा। पहले केक तो खाइए।
दोनों ने केक काटा, एक एक टुकड़ा लेकर हमारी तरफ बढ़ी। रीना ने मुझे तथा सीमा ने श्लोक को खिलाया तथा थोड़ा थोड़ा खुद खाया और दोनों सामने वाले सोफे पर बैठ गई। हम दोनों हैरान चकित होकर अब भी उनकी तरफ देख रहे थे।
मैं सोच रहा था शायद रीना और सीमा ने कुछ गलत समझ लिया है। तब रीना बोली- मेरे प्यारे भाई श्लोक तथा मेरे प्यारे पति राजवीर … अब यह बताइए कि हमें गर्भनिरोधक गोली कौन लाकर देगा? आप हमें खिलाएंगे या हमें खुद ही खरीदनी पड़ेगी? और दोनों हंसने लगी. मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था।
इस पर श्लोक ने पूछा- क्यों? आप ऐसा क्यों कह रही हो दीदी? रीना- अरे मेरे प्यारे भाई श्लोक, तुम तुम्हारे जीजा जी के साथ अभी रहने लगे हो। उनके साथ कुछ ही समय बिताया है। लेकिन मैं उनकी पत्नी हूं; उनके साथ मैंने बहुत समय बिताया है। मुझे लगता है मैं उनकी रग रग से वाकिफ हूं।
इस बात पर मैं समझ गया था कि रीना को शायद मेरे किए हुए का अंदाजा हो गया था। रीना- डियर राजवीर! एक बार अदला बदली क्या कर ली, आपको तो इसका चस्का ही लग गया। इस चक्कर में आपने एक भाई और बहन की चुदाई करवा दी। वाह राजवीर वाह!
इतना सुनते ही श्लोक के चेहरे का रंग उड़ गया, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया शायद वह डर गया था। मैं- इसका मतलब तुम्हें पता है। लेकिन अगर तुम्हें पता है तो तुम इस अदलाबदली में शामिल क्यों हुई? रीना- क्यों? यह चस्का क्या तुम्हें ही लग सकता है? पतियों की अदला बदली का चस्का हमें नहीं लग सकता? इस बार फिर सीमा और रीना दोनों हंसने लगी।
सीमा- हां, लेकिन इस अदला-बदली में एक बुराई थी। भाई और बहन का साथ में सोना। लेकिन भाई अगर अपनी बहन को नंगी देख कर अपने हाथ से अपने आप को संतुष्ट कर सकता है तो उस लिंग को अपनी बहन की चूत में डाल कर संतुष्ट करने में क्या बुराई है।
सीमा की इस बात पर मैं हैरान हो गया कि सीमा और रीना को इस बारे में भी पता है कि हमने उन्हें नशीली दवा देकर उनके नग्न शरीर के दीदार किए थे। अब मैं समझ गया था बाजी मेरे हाथ में बिल्कुल नहीं है; अपना एटीट्यूड मुझे साइड में रखकर उन्हीं से पूछना होगा।
तब मैं बोला- ओ! तो तुम लोगों को सब पता है। मतलब खेल में रहा था लेकिन खिला तुम दोनों रही थी? लेकिन यह सब तुम्हें कैसे पता चला और कब पता चला और मालूम होते हुए भी इस खेल में तुम दोनों शामिल हुई तो कैसे हुई? कृपया मुझे शुरु से समझाइए।
सीमा- जीजू! आपने क्या वह कहावत सुनी है शेर को कभी ना कभी सवा शेर मिल ही जाता है। आपको सवा शेरनियां मिल गई हैं। आपको क्या लगता है याराना आप दोनों का ही हो सकता है? क्या ननद और भाभियां कभी यार नहीं बन सकती? यहां आने के बाद जैसे आपकी दोस्ती रंग ला रही थी वैसे हमारी दोस्ती भी मजबूत होती जा रही थी। जब आप दोनों ऑफिस में चले जाएंगे तो हम दोनों क्या करेंगी? केवल बातें ही तो करेंगी!
रीना- यहां शिफ्ट होने के बाद मैंने जब सीमा और श्लोक के सेक्स में तेज चिल्लाने की आवाज सुनी तो उसके अगले दिन आपके ऑफिस जाने के बाद मैंने सीमा से इसके बारे में बात की। यह बोलकर कि मैं तुम्हारी ननद हूं। अगर कोई समस्या हो तो मुझे इसके बारे में बताओ। सीमा ने मुझे श्लोक के सेक्स के बारे में बताया। अतः इस बात से हम एक दूसरे से इस प्रकार की बातें करने लगे थे। राजवीर! जब तुमने मुझे श्लोक और सीमा के सेक्स के बारे में पहली बार पूछा था तब मुझे श्लोक के बारे में पता था। लेकिन मैं तुम्हें बता नहीं पाई क्योंकि तुम्हें नहीं बताना चाहती थी कि हम ननद-भाभी इस तरह के बातें भी करती हैं। फिर धीरे धीरे हम अपने बेडरूम की बातें एक दूसरे से शेयर करने लगी। राजवीर के बारे में … श्लोक के बारे में … और अपने बारे में … हमने एक दूसरी से सब बांटा। हां श्लोक का इस तरह से स्खलित होना मेरे लिए एक पहेली था। लेकिन मैंने उसके बारे में कभी गलत विचार अपने मन में नहीं आने दिया। हालांकि सीमा ने मुझसे कह दिया था कि काश मेरे साथ भी जीजू जैसा प्यार से प्यार करने वाला हमसफर होता। लेकिन हमने इस बात को हमेशा मजाक में ही लिया। हम दोनों ननद भाभी अब यार थी।
सीमा- फिर एक दिन में ऐसा हुआ जिसकी हमें आशा नहीं थी। मैंने अपने कमरे में एक बॉक्स देखा छुपा हुआ। जब उसे खोला तो पाया कि उसमें एक तरह की ड्रग्स है जिस पर लिखा हुआ था कि वह विदेश से आयात की गई है। मैं तो चिंतित हो गई ये क्या है। क्या जरूरत है कि श्लोक को ऐसी दवा जो कि विदेश से मंगाई जा रही है। कहीं उसकी तबीयत तो खराब नहीं। जिसके बारे में उसने मुझे नहीं बताया। तब मैंने रीना दीदी से उसकी किसी बिमारी के बारे में पूछा। लेकिन रीना दीदी ने मुझसे कहा श्लोक बचपन से एकदम स्वस्थ है। ऐसा कुछ नहीं है. फिर हमने नेट पर उस दवा के बारे में सर्च किया कि वह दवा किस किस चीज की है तब हमें पता चला कि यह दवा नींद में उत्तेजना का समावेश है। लोग इसे खिलाकर धोखे से किसी के साथ सेक्स करते हैं। हम दोनों इस बात पर हक्के-बक्के रह गई क्योंकि हम तो अपनी मर्जी से उनके साथ प्यार कर रही थी; फिर उन्हें इस दवा की क्या जरूरत है।
रीना- तब मुझे शक हुआ आपके करामाती दिमाग पर राजवीर … माना कि दवा श्लोक के कमरे में मिली थी किंतु कुछ समय से मैंने नोटिस किया था कि आप दोनों पहले से कुछ ज्यादा ही घुलमिल रहे थे। हमें आप दोनों पर शक हुआ। तब मैंने सीमा को बताया कि हो सकता है यह दवा हम दोनों को खिलाकर अदला बदली करके सेक्स करने के लिए मंगाई गई हो।
सीमा- रीना दीदी की इस बात पर मैं आश्चर्यचकित हो गई क्योंकि रीना और श्लोक तो भाई बहन है। श्लोक ऐसा अपनी बहन के लिए कैसे सोच सकता है। तब रीना दीदी ने मुझे समझाया श्लोक ने अपनी पढ़ाई शुरुआत से बाहर विदेश में ही की है। मुझे लगता है उसका मन ऐसा कर सकता है और तुम्हें पता नहीं उसके साथ उसके जीजू है उनका दिमाग भी ऐसी बातों में बहुत चलता है। तब सीमा को विश्वास नहीं हुआ कि राजवीर अपनी बीवी को उसी के भाई से चुदवा देंगे क्योंकि राजवीर जीजू तो उसके लिए आदर्श थे। इस पर मैंने सीमा को हमारी रणविजय प्रिया के साथ अदला बदली वाली बात बताई।
सीमा- और प्यारे जीजू आपका वह याराना तो था ही इतना उत्तेजना पैदा करने वाला किस्सा कि मुझे समझ में नहीं आया कि मैं आश्चर्यचकित हो जाऊं या उत्तेजित हो जाऊं। आपसे मैं इतना आकर्षित थी कि रीना दीदी और श्लोक के बारे में न सोचकर मैंने प्रिया को अपने स्थान पर रखा और आपके साथ चुदाई के मीठे सपने देखने लग गई; रिश्ते नाते सब भूल गई थी क्योंकि यहां तो सभी बिगड़े हुए हैं तो क्यों मैं सुधर कर अपने मन को मारूं। वैसे भी मैं कर तो कुछ गलत थी ही नहीं, केवल सोच ही तो रही थी। अतः मेरा आपको देखने का नजरिया बदल गया। दिल में अब हवस ने जगह ले ली। हां, रीना दीदी का श्लोक के बारे में सोचना गलत हो सकता था क्योंकि ये दोनों भाई बहन थे। मैं इतनी उत्तेजित थी कि आपके पहले वाले याराना का किस्सा मैंने रीना दीदी से बार बार सुना। इस पर रीना दीदी समझ गई थी कि मेरा लगाव शायद राजवीर से हो गया है अतः एक बार उन्होंने मजाक में कही दिया कि एक बार राजवीर के साथ प्रिया बनकर देख लो पता चल जाएगा। लेकिन इसमें एक समस्या थी श्लोक और रीना दीदी तो भाई बहन है तो हम नहीं कर सकते थे। लेकिन श्लोक और राजवीर ऐसा सोच रहे हो वह हमें पता नहीं था। घर में इस ड्रग्स का होना हमारे मन में संदेह पैदा कर रहा था।
रीना-अतः हमने जानबूझ कर भी अनजान बनने का फैसला लिया; ड्रग्स को हमने देख कर अनदेखा कर दिया। सीमा ने ड्रग्स पर नजर रखना शुरू किया और एक दिन वह दिन आया जब दवा अपनी जगह पर नहीं थी। खाना बनाते वक्त सीमा ने मुझे इस बारे में बताया तब हमें लगा कि आज आप लोग हमें वह दवा खिलाएंगे। अतः हमने चुपचाप उस दवा को खाने का फैसला किया। हमारे दिमाग ने संकेत दे दिए थे कि शायद इस आइसक्रीम में ही वह दवा है। दवा खाते ही जैसे हम अपने अपने कमरे में गई, हमने अपने मोबाइल को फ्लाइट मोड पर डाला और कैमरा चालू करके कमरे के एक कोने में इस तरह छुपा दिया कि उससे कमरे का पलंग साफ नजर आए।
रीना- मैंने तो अपना फोन कोने में रख दिया किंतु सीमा का फोन उस वक्त डिस्चार्ज था। अतः वह अपना फोन रख नहीं पाई। बाकी के काम करते वक्त हमारा यह निष्कर्ष निकला कि कोई बात नहीं एक कमरे के मोबाइल से ही पता चल जाएगा यह सब माजरा क्या है। बाकी उस रात क्या हुआ ये तो आपको पता ही है। सुबह में एकदम से नींद आने का आभास था। आप लोगों के ऑफिस जाने के बाद मैंने अपना मोबाइल निकाला और रात में आप का किया धरा देखा। किस तरह राजवीर ने मेरे कपड़े उतारे और थोड़ी देर बाद श्लोक मेरे कमरे में था। श्लोक ने मुझे देख देख कर अपने आप को अपने हाथ से संतुष्ट किया. उस वक्त मुझ पर हवस हावी नहीं हुई; ना सीमा को देखकर यह सब अच्छा लगा। हमारे पति हमारे साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं। सीमा और मैं काफी रोई भी; लेकिन जैसे समय निकला। एक बात पर हमें बाद में गर्व महसूस हुआ उन्होंने हमारे शरीर को देखा तो सही पर धोखे से हमारे साथ चुदाई नहीं की। यह काम तो वे लोग हमें चोरी छिपे भी देख सकते थे अतः हमें यह अच्छा लगा।
हम दोनों समझ चुकी थी कि चाहे हम भाई-बहन ही सही लेकिन अदला-बदली की योजना कहीं ना कहीं आपके दिमाग में चल रही है। और श्लोक भी इसमें शामिल हो चुका है। शुरुआत में सीमा और मुझ में इसके लिए थोड़ा गुस्सा था लेकिन गुस्से की जगह धीरे-धीरे हवस ने ले ली कि किस तरह श्लोक ने मुझे देखकर कमरे में मुठ मारी। यह देख कर कभी-कभी मुझे उत्तेजना होने लगती। उस वीडियो को मैंने कई बार देखा और उसके बहुत देर तक स्खलित न होने वाले लिंग को देख देखकर अपने मन में गुदगुदी पैदा की। किस तरह एक भाई अपनी बहन को नग्न देखकर मुट्ठ मार रहा है। अब हम दोनों सहेलियां बन गई थी, एक दूसरी से गंदी गंदी बातें करने लगी थी। एक दूसरे के पति से चोदम चोद की बातें करने लगी थी। जब सीमा को मेरी किसी बात पर गुस्सा आता तो वह कहती आपको तो देखना एक दिन अपने पति से इतना बुरा चुदवाऊंगी कि आपकी हड्डियां टूट जाएगी। उसकी इस धमकी से में उत्तेजना में पागल हो जाती थी।
फिर एक दिन सीमा ने मुझसे कहा कि हमें क्या करना चाहिए कि हमारे पतियों का काम आसान हो जाए और अदला बदली करके वह हमें और हम भी उन्हें भोग लें। इस पर मैंने सीमा से कहा- मेरी प्यारी भाभी सीमा, हमें कुछ करने की जरूरत नहीं है। हमारी तरफ से करने वाला, सबकी तरफ से करने वाला, हमारा प्यारा राजवीर यह सब करने के बारे में सोच ही रहा होगा।
उसके कुछ दिनों बाद राजवीर ने हमें अनंत बाबा की कही हुई समस्या बताई। जब हमने सोचने का वक्त मांगा और आप दोनों छत से नीचे चले गए तब हम राजवीर की बातों पर बहुत हंसी। राजवीर ने आनंद बाबा का सहारा लेकर क्या बहाना बनाया है। हम दोनों खुशी से झूम उठी और एक दूसरी के गले लगी। आखिर लिंग बदलकर स्वाद चखने का समय आ गया था। अब जब भाई ही बुरा है तो बहन सुधर कर क्या करेगी. शायद मैं श्लोक को करने भी ना दूं लेकिन श्लोक तो मुझे देख कर मुठ मारता ही रहेगा। इतना कहकर रीना हंसने लगी।
सीमा ने आगे बताया- नीचे आकर हमने असहाय औरतों के तरह नाटक किया कि हां हमें आपका किया हुआ फैसला मंजूर है हम बदलकर बच्चे पैदा करेंगी। उसके बाद हमने सच का सामना तो किया लेकिन हमारा पूरा सच आप को नहीं बताया। हमने इसके लिए आज का दिन चुना था क्योंकि आज 1 अप्रैल है … मूर्ख दिवस ! मूर्खों का दिवस! ताकि मूर्ख बनने पर आपको बुरा भी ना लगे और जब भी अप्रैल फूल आए तो हम सबके चेहरे पर एक मुस्कान हो और इस दिन की याद हो!
श्लोक को तो कुछ समझ नहीं आ रहा था वह तो हक्का-बक्का होकर अपनी बहन और बीवी दोनों की तरफ देखे जा रहा था।
सच बताऊं तो मेरे पास भी उस वक्त शब्द नहीं थे कि मैं क्या बोलूं! शेर को वास्तव में सवा शेरनियां मिल गई थी।
तब मैं केक के पास गया और उसमें से एक टुकड़ा काटकर खुद खाया और बोला- अगर तुम दोनों को सब पता था इसका मतलब तो ये हुआ कि तुम दोनों इस स्वैपिंग में खुद की खुशी से शामिल थी। सीमा- हम कब तक आपकी वासना भरी नजरों से बच पाती, वैसे भी हमारे पतियों को खुश रखना हमारी जिम्मेदारी है तो हम आपको निराश कैसे कर सकती हैं. और वैसे भी इस जिम्मेदारी को निभाने में तो हमारी वासना का भी समाधान है। मैं- तो अब क्या? सीमा- अब जब हमने एक दूसरे को भोग ही लिया है और हम अब सब भ्रष्ट हो ही चुके हैं तो क्यों ना इस भ्रष्टाचार को भ्रष्ट होने की हद तक निभाया जाए।
रीना- प्यारे राज! बिगाड़ा तो आपने ही है हमें। तो फिर बिगड़ेपन का एक बार खुलकर फायदा उठाना है। सीमा- ऐसा फायदा उठाने की आप भी सोच रहे होंगे प्यारे जीजू और श्लोक। श्लोक- कैसा फायदा? रीना- भाई अदला-बदली तो कर ली। लिंग बदलकर स्वाद भी चख लिया अब तो मन में एक ही इच्छा है सामूहिक सेक्स की इच्छा। बड़ी फिल्में देखी है ग्रुप सेक्स की। जब चार लोगों को साथ में सेक्स करते हुए देखती हूं तो मन में अजीब सी गुदगुदी होने लगती है। दो मखमली लिंग जब एक शरीर पर रेंगते होंगे तो कितना रोमांच आता होगा। मैं- समझ नहीं आ रहा है कि कल जो बीता वो सपना था या अभी जो मैं देख और सुन रहा हूँ वो सपना है। श्लोक- जिस चीज़ के लिए हम कबसे पापड़ बेल रहे हैं आज वो हमें सामने से परोसी जा रही है। यह अविश्वसनीय है।
मैं- तो कब रखा जाए सामूहिक चुदाई का कार्यक्रम? सीमा- सेक्स कार्य में देरी कैसी? अगर रीना दीदी की चूत कल की चढ़ाई से सूजी नहीं है तो मैं तो आज ही तैयार हूँ। रीना- अरे आने दो, दो दो लन्ड का वार … एक है भाई और एक है यार!
रीना और सीमा बेशर्मों की तरह हंसने लगी. आज उनकी बातें कुछ ज्यादा ही वासना भरी हुई थी और कल की चुदाई से वो दोनों कुछ ज्यादा ही खुल गयी थीं। यह खुलापन, ये बिगड़ी बातें … यही तो याराना था और यही तो हमें चाहिए था।
सायंकाल को सामूहिक चुदाई का आयोजन होना था।
कहानी जारी रहेगी. [email protected]
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