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नमस्ते भाइयो, लड़कियो, भाभियो दीदी सेक्स चाहने वाली सभी चुत वाली माल.. आप सभी को मेरे लंड का सलाम.
मेरा नाम अर्जुन सिंह है और मैं बिहार में रहता हूं. मैं एक स्टूडेंट हूँ, फिलहाल स्टडी कर रहा हूँ. मेरी उम्र 21 साल की है और मैं बाकी लोगों की तरह झूठ नहीं बोलूंगा, पर मेरे लंड महाराज का साइज 9.5 इंच है.. पूरा पक्का नापा हुआ है. मुझे मालूम है कि भारत में इतने बड़े लंड नहीं पाए जाते हैं, लेकिन मुझे ऊपर वाले ने लम्बा और मोटा लिंग दिया है.
मेरे घर में माँ पापा और मैं हूँ. माँ घर का सारा काम करती हैं और पापा सरकरी नौकरी करते हैं.
अब वक्त आ गया है कि लड़कियां भाभियां अपनी चूत में उंगली डाल लें और भाई लोग अपना लंड हाथ में पकड़ लें.
आज से 5 साल पहले हमारे घर किराये पर रहने एक नया जोड़ा आया. लड़के की उम्र 25 साल होगी और लड़की 23 की रही होगी. उस वक़्त मैं छोटा था तो इन सबके बारे में मुझे उतना पता नहीं था. वो दोनों लवर थे और कहीं से भाग कर आए थे. उन दोनों ने शादी कर ली थी. मेरे घर वालों ने उनकी समस्या समझी और उनको किराये पर एक कमरा दे दिया. वो दोनों खुशी से रहने लगे.
मुझे उस वक़्त ऐसी वैसी कोई फीलिंग्स नहीं आई. मैं उन दोनों को भैया और दीदी बोलता था. लड़के का नाम तरुण (बदला हुआ) और लड़की का नाम मिताली (बदला हुआ) था. मिताली दीदी मुझे अपने छोटे भाई जैसा मानती थीं. सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था. कभी कभी मैं जब खेलने जाता था तो उनके कमरे से ‘आआहठह ऊऊठहह ईईईईए अअअअअ ऊऊऊऊ.. धीरे करो थुप्पप्प थाप.. अप्पप्प..’ की आवाज़ आती थी. जिससे मुझे देखने की बहुत इच्छा होती थी, पर नहीं देख पाता था.
इसी तरह करीब 5 साल गुजर गए और आज मैं 21 का हो गया हूं और मिताली दीदी 28 की हो गयी हैं. उनका एक 2 साल का बेटा भी है, जो आज भी मिताली दीदी का दूध पीता है.
मैंने बहुत बार मिताली दीदी के मम्मों के दर्शन किए हैं. मैं जब भी उनके मम्मों को देखता हूँ तो मुझसे रहा नहीं जाता और मैं बॉथरूम में जाकर लंड हिला लेता हूँ और मिताली दीदी को अपने सपनों में ही चोद लेता हूँ.
मिताली दीदी का पति तरुण, दीदी से प्यार तो करता था. पर वो कहते हैं न कि लंड एक चूत को अगर रोज रोज ले, तो उसका जी भर जाता है. तरुण भैय्या का भी यही हाल था. वो किसी रंडी लड़की के चक्कर में आ गए थे और वो रोज रात में उस रंडी लड़की के पास जाने लगे थे.
मिताली दीदी इस सबसे बहुत उदास रहने लगीं.. वो बहुत रोती थीं. मुझे अच्छा नहीं लगता था, पर मैं कुछ कर भी नहीं सकता था.
इस बात को लेकर दोनों में बहुत लड़ाई भी होने लगी और बात तलाक तक आ गयी. कुछ महीने पहले ही उन दोनों का तलाक हो गया. उनका बेटा मिताली दीदी के साथ रहने लगा. तरुण भैय्या ने मिताली दीदी को छोड़कर उस रंडी लड़की के साथ शादी कर ली. मिताली दीदी पढ़ी लिखी हैं तो वो अपना गुजारा खुद कर रही हैं. हमारे घर वालों ने भी मिताली दीदी का बहुत साथ दिया. वो मुझे अपने भाई से भी बढ़कर मानती हैं.
इस तरह से जिंदगी चल रही थी. मैंने बहुत बार मिताली दीदी को नंगी नहाते हुए देखा है. मिताली दीदी दिखने में एकदम माल हैं, उनका फिगर मुझे चुदाई के वक़्त पता चला था, जोकि 35-28-32 का था. दीदी उस बहुत मस्त लगती थीं, जब वो अपने बेटे को दूध पिलाती थीं. उस वक्त मैं उनके मम्मों को देखता रहता था. दीदी के मम्मों को देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता था और पैंट में तंबू बना देता था. तब मिताली दीदी ये देखकर मुस्कुरा देती थीं, पर कुछ बोलती नहीं थीं. मैं जाकर बॉथरूम में लंड हिला लेता था.
इसी तरह 2 महीने निकल गए. इस रक्षाबंधन को मिताली दीदी ने मुझे राखी भी बांधी थी. इस तरह हम दोनों भाई बहन की तरह रह रहे थे.
वो कभी कभी मेरी गांड पर चपत लगा देतीं और कभी कभी मैं उनको इधर उधर छू लिया करता था. मुझे बहुत मजा आता था, शायद उनको भी मजा आता होगा.
पर अचानक एक दिन ऐसा हुआ, जिसका मुझे बहुत दिनों से इंतज़ार था. एक दिन मेरी माँ को मायके जाना था और पापा भी साथ जाने वाले थे. मुझे जाने का मन नहीं था तो मैं नहीं गया. मम्मी ने मिताली दीदी को मेरा ध्यान रखने को बोला और वे दोनों चले गए.
उसी शाम को मिताली दीदी ने कहा कि आज कोई नहीं है तो बाहर से खाना लाते हैं. मैंने भी हां कर दी और बाहर से खाना ले आया. हम दोनों ने रात में खाना खाया और अपने अपने कमरे में चले गए.
मैं दीदी के बारे में सोच ही रहा था कि दरवाजे पर दस्तक हुई. मैंने दरवाजा खोला तो मिताली दीदी सामने थीं. मैंने पूछा- क्या हुआ?? उन्होंने कहा- मैं आज तेरे कमरे में सोऊंगी. क्योंकि पूरा घर खाली है इसलिये एक कमरे में हम दोनों सो जाते हैं.
मुझे कोई प्रोब्लम नहीं थी बल्कि मेरी तो शायद किस्मत चमकने वाली थी, मैंने कहा- ठीक है.. मुझे कपड़े बदलने हैं तुम एक मिनट के लिए बाहर जाओ. मिताली दीदी- अरे तू तो छोटा बच्चा जैसा है.. मेरे सामने बदल सकता है. मैंने कहा- मैं छोटा बच्चा नहीं हूँ.. अब मैं बड़ा हो गया हूं. दीदी- अच्छा दिखने से तो बच्चा लगता है.
ये बात मेरे मुँह पर थप्पड़ के जैसा लगा मैंने गुस्से में कह दिया- अगर मैं चाहूँ तो अभी बच्चा तक पैदा कर सकता हूँ. इस बात पर वो हँसने लगीं और मेरे करीब आकर बोलीं- इतने साल से तो कुछ कर नहीं पाया.. और अब तू बच्चा पैदा करेगा.
वो मेरे इतने करीब थीं कि उनकी गरम सांसें मुझसे टकरा रही थीं. हम दोनों एकदम चुप थे, बस एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे, दिल की धड़कनें भड़क रही थीं.
तब अचानक मिताली दीदी ने अपने लाल होंठ मेरे होंठ पर रख दिए और स्मूच करने लगीं. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, फिर भी समझा गया कि दीदी सेक्स चाहती है. अचानक दीदी ने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से मेरे बालों को.. और बहुत जोर से मेरे होंठों को चूसते हुए काटने लगीं.
मुझे भी मजा आने लगा था. मैंने भी किसिंग शुरू कर दी. हम दोनों करीब 15 मिनट तक किस करते रहे. मिताली दीदी का बेटा बहुत गहरी नींद में सो रहा था.
हम दोनों ने उनके बेटे को देखा और फिर से किस करने लगे. किस करते करते मैंने उनकी नाइटी को उतार दिया. अब वो मेरे सामने बस पैंटी में थीं. मैंने उनको खुद से दूर किया और एक नज़र ऊपर से नीचे तक दीदी के नंगे बदन को देखा. वो भी सेक्सी अंदाज़ में खड़ी थीं कि बस लंड हाहाकार करने लगा.
तभी वो मेरे पास आईं और मेरी शर्ट और पैंट दोनों उतार दिए. मैं भी अंडरवियर में रह गया था.. और वो भी अपनी चड्डी में थीं. मैं उनके कड़क मम्मों को चूसने लगा. मुझे बहुत मजा आ रहा था, जिस चूचे को मैंने उनके बेटे को चूसते हुए देखा था, उसको आज मैं चूस रहा था.
लगभग दस मिनट तक मैंने दीदी के दोनों मम्मों को चूसता रहा और उनका मीठा दूध पीता रहा. फिर मैंने उनकी पैंटी उतार दी. उनकी गोरी फूली हुई चूत मेरे सामने थी. उन्होंने मेरा अंडरवियर उतार दिया और मेरे लम्बे लंड महाराज को हैरानी से देखते हुए मस्त होकर लंड चूसने लगीं.
उनके मुँह में लंड चुसवाते समय मैं मानो जन्नत में था. कसम से मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आया.
उन्होंने कई मिनट तक मेरा लंड चूसा. मैं एक बार झड़ भी चुका था और उन्होंने मेरा सारा माल गटक लिया था, तब भी दीदी मेरे लंड को चूसती रहीं. इससे लंड फिर से जवान होने लगा था.
मैंने अब मिताली दीदी की चूत को चाटना शुरू किया. उनकी चूत से बहुत भीनी खुशबू आ रही थी. मैं मजे में चूत चूस रहा था. करीब दस मिनट में वो झड़ गईं.
अब मैं उनको नीचे जमीन पर लिटाया और उनके ऊपर चढ़ गया. इतना मजा करने के बीच में हम दोनों ने एक दूसरे से एक भी शब्द नहीं बोला था. मैंने उनके ऊपर आकर अपने 9.5 इंच के लंड उनकी चूत की फांकों में पर रखा और एक धक्का दे मारा. उनके मुँह से एक ‘आआआआऊऊ..’ की चीख निकल गई. मैंने उनको तुरंत किस कर लिया और जोर से चुम्मा लेने लगा. मेरे लंड का सुपारा दीदी की चूत के अन्दर फंसा था. मैंने एक मिनट इंतज़ार किया. जब वो नार्मल हुईं तो मैंने एक जोर से धक्का मारा. इस बार उनको हल्का दर्द हुआ और लंड 7 इंच अन्दर घुस गया.
अब मैं हल्के हल्के से उनकी बुर में धक्का मारने लगा. कुछ देर बाद उनको मजा आने लगा और मैं और जोर से धक्का मारने लगा. इस वक्त मेरा पूरा लंड दीदी की चुत के अन्दर उनकी बच्चेदानी तक जा रहा था. वो जोर जोर से ‘आआह.. ऊऊऊऊह ईईईईए हम्ममम्म.. जोर से.. आह मजा आरहा है.. आह..’ कर रही थीं. मुझे जन्नत के होने का एहसास हो रहा था. वो भी मजे से गांड उछाल कर मेरा साथ दे रही थीं. हम दोनों ने करीब 30 मिनट तक चुदाई की. इस बीच वो 3 बार झड़ चुकी थीं और मैं अब तक टिका हुआ था. वो थकने लगी थीं.
दस मिनट बाद मैं झड़ने वाला था, तो मैंने बस इतना पूछा- कहां??? दीदी- अन्दर.. बस.. मैं जोर से धक्का मारता गया और अचानक मेरे लंड ने अन्दर उल्टी कर दी और हम दोनों एक दूसरे पर ढेर हो गए.
कुछ देर बाद फिर से तूफ़ान उठा और फिर एक बार लंड ने चूत की सवारी की. इस तरह हमें चुदाई करते करते सुबह 3 बज गए थे. आखिरी बार हम दोनों यूं ही लंड फंसाए पड़े पड़े सो गए.
हम दोनों 10 बजे उठे, वो भी तब, जब दीदी का बेटा उठकर रोने लगा था. उसकी रोने की आवाज से हम दोनों की आंख खुली और हम दोनों की नजर मिली.
मिताली दीदी उठीं और बिना कुछ बोले नंगे ही बेटे को दूध पिलाने लगीं. मैं वैसे ही जमीन पर लेटा रहा. मिताली दीदी का बेटा दूध पीते पीते सो गया. मिताली दीदी उठ कर बाथरूम में जाने लगीं. मैं उन्हें पीछे से देख रहा था. अचानक मिताली दीदी मुड़ीं और मुझे आंख मारकर बाथरूम में चली गईं. उन्होंने दरवाजा लॉक नहीं किया था. मैं समझ गया और उठ कर बाथरूम में चला गया. वहां मैंने मिताली दीदी की एक बार फिर से चुदाई की और गांड भी मारी.
दीदी की गांड चुदाई की कहानी अगले भाग में लिखूंगा, तब तक के लिए सभी चूत और लंड वाले भैया लोगों को उनके माल आइटम जैसी भाभियों को मेरे तने हुए लम्बे लंड का सलाम.
आपको मेरी दीदी सेक्स कहानी अच्छी लगी या नहीं, प्लीज मुझे बताइये. मुझे आपके मेल का इंतज़ार रहेगा. [email protected]
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