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नमस्कार दोस्तो, बहुत बहुत धन्यवाद सभी अन्तर्वासना के पाठकों को आप लोगों ने मेरी कहानी मौसी के साथ बिताई कुछ रातें को पसंद किया.
मैं एक बार फिर अपना परिचय दे रहा हूँ। दोस्तो, मैं राजसिंह उत्तर प्रदेश में कानपुर के पास के जिले का रहने वाला हूँ और मैं इस समय कानपुर शहर में रहता हूँ। मैं अन्तर्वासना सेक्स कहानी का नियमित पाठक हूँ। मैं अन्तर्वासना की कोई भी हिंदी कहानी नहीं छोड़ता हूँ।
मैं चूत का बहुत बड़ा पुजारी हूँ। बात 2014 की है, बहुत दिनों तक मुझे कोई चूत नहीं मिली, कई दिनों तक चूत की तलाश की लेकिन मुझे कोई नहीं मिल रही थी। मैंने कॉल बॉय राज सिंह के नाम से फर्जी आई डी नेट पर बना दी और उसमें अपना व्हट्सप्प नम्बर भी डाल दिया लेकिन बहुत दिनों तक कोई व्हट्सप्प मैसेज नहीं आया।
एक रात मैंने देखा कि एक न्यू नंबर से व्हट्सप्प पर ‘हाय…’ का मैसेज आया तो मैंने भी ‘हाय…’ लिख कर जवाब दिया। मैंने पूछा- कौन हैं आप? तो उधर से रिप्लाई आया कि वो प्रिया है। मैंने सोचा शायद कोई लड़का है जो लड़की बन कर मुझे परेशान कर रहा है।
मैंने दूसरे दिन उसी नंबर पर व्हट्सप्प कॉल कर दी। उधर से बहुत ही प्यारी आवाज किसी लड़की की आई, मैंने पूछा- आप कौन हैं? लड़की ने बोला- मैं प्रिया हूँ। उसने पूछा- आप कॉलबॉय हो? मैंने हाँ में जवाब दिया।
उसने मेरी फोटो मांगी तो मैंने अपनी फोटो भेज दी। मैंने उससे कहा- आप अपने बारे में कुछ बतायें। उसने बताया कि वो एक शादीशुदा महिला है, उसकी उम्र 27 साल है, लखनऊ की रहने वाली है।
मुझे पता था कि उसे मेरा नंबर कहाँ से मिला फिर भी मैंने उससे पूछा- मेरा नंबर कहाँ से मिला? उसने बताया कि उसे मेरा नंबर नेट से मिला। मैंने उससे पूछा- क्या चाहती हो मुझसे? उसने खुल के बोला- आप कॉल बॉय हो, क्या कर सकते हो? मैंने बोला- सब कुछ … आप क्या चाहती हैं? वो बोली- मैंने आपकी फोटो देखी है, आप हमें पसंद हैं।
उसने बताया- मेरे पति एक बिजनेसमैन हैं, वो बहुत बिज़ी रहते हैं, ज्यादातर बाहर रहते हैं। जब भी वो सेक्स करते हैं तो जल्दी डिस्चार्ज हो जाते हैं, मैं संतुष्ट नहीं हो पाती हूँ, तड़पती रहती हूँ। मैं बहुत प्यासी हूँ, मेरी प्यास बुझा दो। मैंने कहा- ठीक है, कब और कहाँ आना होगा? और कौन सा फ्लवर का कॉन्डोम पसंद है? उसने कहा- अगले हफ्ते आइये, मेरे पति दो दिन के लिए बाहर जा रहे हैं। मैंने कहा- ठीक है।
फिर मैं एक हफ्ते बाद तय दिन 5 दिसम्बर को लखनऊ पहुँचा। मैं करीब 11 बजे चारबाग स्टेशन पंहुचा तो मौसम बहुत ठंडा था। स्टेशन पहुँच कर मैंने प्रिया को कॉल की तो उसने 30 मिनट प्रतीक्षा करने को कहा। मैं प्रिया का इन्तजार करने लगा.
लगभग 25 मिनट के बाद प्रिया का कॉल आया, मैंने हेल्लो कहा. उसने पूछा- कहाँ हो। मैंने पूछा- आप कहाँ हैं? उसने बताया- ओवर ब्रिज के नीचे सफेद कार में हूं! और कार का नंबर बताया।
मैं ओवर ब्रिज के नीचे पंहुचा और कार से बाहर निकलने को कहा. वो कार से बाहर निकली, सर्दी की वजह से ओवर कोट में थी। वो उस समय गज़ब की हूर लग रही थी … एक कुछ पल तो मैं उसे देखता ही रह गया. उसने मुझे देख लिया था हाथ हिला कर उसने इशारा किया, मैं उसके पास गया और हाथ मिलाया. उसने गाड़ी में बैठने को कहा मैं गाड़ी में बैठ गया.
थोड़ा इधर उधर की बातें की, उसने पूछा- सफर कैसा रहा? मैंने कहा- ठीक रहा। बातें करते करते कब उसका घर आ गया पता ही नहीं चला। उसने कार अंदर की, हम घर के अंदर गये. बहुत बड़ा घर था और बहुत ही अच्छा घर था उसका।
उसने कहा- आप नहा लीजिये, मैं नाश्ता लगाती हूँ. और उसने मुझे अपने पति के कपड़े दिये.
मैं बाथरूम में घुस गया, गर्म पानी से नहाया, अपना लण्ड अच्छी तरह से साफ किया। लण्ड की झांटें मैं पहले ही साफ करके आया था। नहा के मैं बाहर निकला तो देखा प्रिया सूट सलवार में थी। उसका फिगर 34 32 34 था, बहुत गोरी थी. उसने आवाज़ दी- कहाँ खो गये? मैंने कहा- आपकी खूबसूरती में! उसने कहा- आप मज़ाक कर रहे हैं! मैंने कहा- नहीं… आप वाकयी बहुत खूबसूरत हैं.
उसने कहा- थैंक्स … अब जल्दी सेनाश्ता कर लीजिए तब तक मैं चेंज करके आती हूं यह बोल कर वो चेंज करने चली आई मैं नाश्ता करने लगा। मैं नाश्ता कर चुका था और प्रिया जी का इन्तजार करने लगा.
लगभग 10 मिनट बाद प्रिया जी आई। मैं प्रिया जी को देखता ही रह गया, लाल साड़ी नाभि के नीचे से बंधी हुई थी, गोरा पेट, हल्का सा मेककप, होंठों पर लाल लिपस्टिक मांग में सिंदूर, माथे पर छोटी सी बिंदी, किसी परी से कम नहीं लग रही थी।
मैं उनके पास गया और माथे पर किस किया और धीरे से बोला- प्रिया जी, आप बहुत खूबसूरत हैं. वो कुछ नहीं बोली और आँखें बंद कर ली.
मैंने उसके गालों पर किस किया और गले से लगा लिया और उनकी सपाट पीठ को सहलाने लगा. फिर पीछे गर्दन पर चुम्बन किया. प्रिया मुझे कस के अपनी बांहों में जकड़े हुई थी. मैंने उनके कान के पीछे चूमना शुरू किया तो वो कामुकता से मदहोश होने लगी. मेरा लण्ड बुरी तरह से अकड़ने लगा।
मैंने धीरे से प्रिया को अपने से दूर किया और उनके माथे पर किस किया फिर दोनों आँखों पर किस किया। प्रिया ने आँखें बंद कर ली.
हम दोनों बिल्कुल चिपके खड़े थे, मेरे दोनों हाथों को वो अपने हाथों में जकड़े हुए थी, मेरी साँसें उनकी सांसों से टकरा रही थी। मैंने हल्का सा उनके होंठों पर चुम्बन लिया और कहा- प्रिया जी, आँखें तो खोलिये! प्रिया ने धीरे से आँखें खोली पर मुझसे नजर नहीं मिलाई।
मैंने अपने हाथों को छुड़ाया, उनके चेहरे को दोनों हाथों से पकड़ा, उनके होंठों पर अपने होंठ रख लिए और किस करने लगा. बहुत रसीले होंठ थे उनके … वो मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैं उनके होंठों को चूस रहा था वो मेरे होंठों को चूस रही थी. होंठ चूसते चूसते प्रिया ने मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल दी, फिर एक दूसरे की जीभ चूसने लगे और एक दूसरे को बहुत कस के बांहों में जकड़े हुए थे।
लगभग 15 मिनट तक हम लोग प्रगाढ़ चुम्बन करते रहे, फिर अलग हुए. प्रिया बोली- चलो, बेडरूम में चलें। मैंने पूछा- कहाँ है बेडरूम? प्रिया ने इशारे से बैडरूम बताया और बैडरूम की तरफ चलने को हुई। मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और अपनी गोद में उठा लिया. वो शर्मा गई।
मैं उन्हें बैडरूम में ले गया, बेड पर लिटा दिया और मैं उनके ऊपर आ गया, पूरे चेहरे पर किस करने लगा। फिर गर्दन पर किस करना शुरू किया तो वो चुदास से मदहोश होने लगी, सिसकारियाँ लेने लगी. मैं किस करने के साथ साथ हल्का सा काट भी लेता था गर्दन में, गालों पर!
फिर मैंने उनकी साड़ी का पल्लू हटा दिया और उनके दूधों को ब्लाउज़ के ऊपर से ही दबाने लगा. वो और तेज़ी सिसकारियाँ लेने लगी और उनकी साँसें बहुत तेज़ चलने लगी। ब्लाउज़ के नीचे गोरा सपाट पेट और गहरी नाभि देखकर मैं पागल हो गया, पूरे पेट पर जीभ फिराने लगा और नाभि में जीभ डाल दी. वो उछल पड़ी और उन्हें जोश आने लगा। वो लगातार मेरे बालों को सहलाये जा रही थी।
10 मिनट ये सब करने के बाद मैं ऊपर आ गया और उनके ब्रा के हुक खोलने लगा। जैसे ही पूरा ब्लाउज़ खुला, सफेद रंग की ब्रा में 34 इंच के बड़े बड़े दूध बाहर आने को बेताब थे। प्रिया के दूध उनकी ब्रा से हल्के से बाहर आ गए थे। मैं उनके दूधों को ब्रा के ऊपर से सहलाने लगा दबाने लगा। फिर मैं उनके उरोजों को ब्रा के ऊपर से ही काटने लगा।
फिर मैंने प्रिया को उठाया और ब्लाउज़ उतार दिया, पीछे से ब्रा का भी हुक खोल दिया और उन्हें लिटा दिया. ब्रा हटते ही प्रिया के बड़े बड़े स्तन उछल कर बाहर निकल आये। गोरे गोरे चूचों पर भूरे रंग के निप्पलों ने मुझे और उत्तेजित कर दिया।
मैं प्रिया जी के बड़े बड़े दूधों पर टूट पड़ा, एक दूध हाथ से दबाने लगा तो एक दूध का निप्पल मुख में लेकर चूसने लगा। प्रिया जोश में आकर मेरे बालों को और जोर से सहलाने लगी। मैं बारी बारी से दोनों दूधों को चूसने लगा और निप्पलों को लाल कर दिया। चूसते चूसते कभी कभी निप्पलों को काट भी लेता तो वो उछल पड़ती।
लगभग दस मिनट के बाद मैंने प्रिया की दोनों बाँहें ऊपर की और अंडर आर्म जीभ से चाटने लगा।
कुछ देर बाद मैंने उन्हें उठाया और खड़ा किया, उनकी साड़ी निकली और पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। नाड़ा खुलते ही पेटीकोट नीचे जमीन पर सरक गया। प्रिया ने पैंटी नहीं पहनी थी तो पेटीकोट सरकने के बाद चिकनी चूत चमक उठी। मैंने झट से अपने कपड़े उतारे और नंगा हो गया। अब हम दोनों लोग पूरे नंगे थे।
प्रिया को मैंने अपनी ओर खींचा और गले लगा लिया, हम दोनों के नंगे जिस्म एक दूसरे से चिपके हुए थे, बहुत आनन्द आ रहा था जो शब्दों में बयां नहीं कर सकता। वो मेरी नंगी पीठ सहला रही थी और मैं उनके चूतड़ दबा रहा था. कुछ देर ऐसे ही खड़े रहने के बाद उनकी गर्दन पर किस करने लगा और धीरे धीरे पूरा चेहरा जीभ से चाट लिया।
फिर मैं बेड पर लेट गया और प्रिया को अपना लण्ड चूसने को बोला. प्रिया जी ने बिना देर करते हुए झट से लण्ड हाथों में लेकर थोड़ा सहलाया, फिर मुंह में लेकर चूसने लगी। वो लण्ड ऐसे चूस रही थी जैसे जन्मों की प्यासी हो। उनका चेहरा लण्ड चूसते हुए बहुत सुंदर लग रहा था।
लण्ड चूसने से मेरा निकलने वाला ही था। मैंने उनके रोक दिया और बिस्तर पर गिरा दिया, उनकी टाँगें फैला कर उनकी चूत पर अपना मुंह रख दिया और उनकी चूत चाटने लगा; वो अपने हाथों से मेरे सर को चूत में दबाने लगी और जोर जोर से सिसकारियाँ लेने लगी, कहने लगी- डाल दो अपना लण्ड मेरी चूत में! फाड़ दो इसे… बहुत दिनों से प्यासी है।
मैं उनकी चूत के दाने को मुंह में लेकर चूसने लगा, उनकी चूत पानी छोड़ने लगी। मैं उठा और फिर 69 की पोजीशन में आ गया, वो मेरे लण्ड को चूस रही थी, मैं उनकी चूत चाट रहा था। कुछ देर 69 की पोजीशन में रहने के बाद मैं उठा और फिर मोटे मोटे दूधों पर टूट पड़ा, फिर उनकी टाँगें चौड़ी की, चूत पर अपना लण्ड रखा और अंदर डालने लगा।
चूत चिकनी होने के कारण लण्ड आसानी चूत में चला गया। मैंने थोड़ा सा लण्ड बाहर निकाला और जोर से झटका अंदर मारा। उनकी चीख निकल गयी। कुछ देर ऊपर से ही चोदने के बाद मैं नीचे लेट गया और प्रिया को अपने ऊपर बिठा लिया; वो मेरे ऊपर आकर उछल उछल के चुदने लगी और उनके दूध भी उछल रहे थे। मैंने दोनों दूधों को हाथों से पकड़ लिया और नीचे से झटके लगाने लगा। फिर उनसे कहा- कंडोम तो लगाया ही नहीं? प्रिया बोली- कोई बात नहीं!
मैंने उन्हें उठाया और खड़ा लिया, उनका एक पैर बेड पर रखा और दूसरा जमीन पर, नीचे लण्ड चूत में डाल कर चोदने लगा और एक दूसरे की जीभ चाटने लगे। फिर मैंने उन्हें अपनी फेवरेट पोजीशन डॉगी स्टाइल में झुकाया और पीछे से उनकी चूत में लण्ड डाला और पीछे से चोदने लगा. इस दौरान वो एक बार झड़ चुकी थी।
मैं पीछे से कस कस के झटके देने लगा और उनके पीछे से ही बहुत कस कस के दूध भी दबाने लगा। ए सी चलने के बाबजूद हम दोनों पसीने में तर थे। मेरा झड़ने वाला था, मैंने झट से लण्ड निकाला और बेड पर लिटा दिया और ऊपर आकर चोदने लगा और पूछा- कहाँ निकालूं? वो बोली- अंदर ही निकालो।
मैं और तेज से चोदने लगा और हम दोनों एक साथ झड़ गये। झड़ने के बाद मैं उनके ऊपर ही लेटा रहा।
फिर उसके बाद उस दिन मैंने प्रिया जी को दो बार और चोदा.
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