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मेरे अज़ीज़ दोस्तो, कैसे हैं आप सब! मैं शालू … शालू गुप्ता! मैंने अपनी एक समस्या हिन्दी सेक्स कहानी की इस प्रसिद्ध साईट अन्तर्वासना के माध्यम से आपके सामने रखी थी जो अन्तर्वासना पर चाचा ने मुझे चूत में उंगली करते देखा नाम से छपी थी। आपने वो पढ़ी और अपने सुझाव दिये। कुछ लोगों पर मुझे गुस्सा भी आया जो मुझसे मेरी फ़ोटो मांग रहे हैं, कुछ मेरी मारना चाहते हैं। कुछ ने कहा ‘पीछे की मरवा लो चाचा से…’ और ‘मुँह में ले लो… बदले में वो वीडियो डिलीट करवा दो।’ मगर कुछ दोस्तों ने मुझे सलाह दी कि अपनी मम्मी को बोल दो चाचा के बारे में। कुछ ने कहा कि चाचा को सख्ती से मना कर दो, वो बस डरा रहे हैं, वो घर पर किसी को वीडियो नहीं दिखाएंगे और अगर तुमने अपने चाचा की बात मान ली तो वो हमेशा तुम्हें इसी तरह से ब्लैक मेल करेंगें और सतायेंगे. हो सकता है तुम्हारा कौमार्य भी भंग कर दें।
मुझे कुछ मेल मिले जिसमें मुझे कहा गया कि मैं कहानी मे सेक्सी शब्दों का इस्तेमाल करूँ तो इस बार में कोशिश करूंगी कि मेरी कहानी में अश्लील शब्द भी शुमार हों ताकि पाठकों को मजा भी आए, लड़कों के लंड खड़े हो जाएँ और लड़कियों की चूत गीली हो जाए।
हाँ तो … मुझे इतना तो यकीन था कि चाचा घर पर किसी को वीडियो नहीं दिखाएंगे. मगर डर भी था कहीं किसी सोशल साइट पर ना डाल दें। अगर ऐसा हुआ तो मैं तो जीते जी मर जाऊँगी। अब क्या होगा? क्या करूँ? कैसे मैं अपने चाचा को समझाऊं?
मम्मी ने मुझसे पूछा- बेटा तू कुछ परेशान सी दिख रही है, क्या बात है? तो मैं बस सर दर्द का बहाना बना कर अपने रूम में बंद हो गयी।
शाम का समय हो गया, मम्मी की आवाज़ आयी- शालू बेटी, दरवाज़ा खोल बेटा, देख तेरी सहेली तुझसे मिलने आयी है। अनमने मन से मैंने उठकर दरवाज़ा खोल कर देखा तो मेरी दोस्त शाज़िया मम्मी के पास खड़ी थी। मैंने उसको रूम के अंदर ही बुला लिया।
वो अंदर आते ही मुझ से लिपट गयी और धीरे से मेरे पिछले उभारों को भींच कर बोली- कैसी है मेरी जान? “ठीक हूँ!” मैं उसे छोटा सा जवाब देकर चुप हो गयी।
पहले मैं आपको शाज़िया के बारे में बता दूँ, उसकी उम्र लगभग 20 साल ही है, मुझसे थोड़ी भारी है, फिगर होगा 34 32 34, मोटी आंखें कद 5’6″, एकदम खुले विचारों वाली बिंदास लड़की कई बार अपनी चूत मरवा चुकी है। मुझे सब बात देती है। सच पूछो तो मुझे अन्तर्वासना सेक्स कहानी की लत भी उसी ने लगाई थी।
अचानक मुझे चाचा की बात का ध्यान आया और सोचा कि क्यों नना इस से ही कोई सलाह लूं! और किसी को बताने की तो मुझ में हिम्मत थी नहीं।
“शाज़िया यार… एक प्रॉब्लम है यार… कोई रास्ता दिखा प्लीज?” मैंने उससे कहा। “हाँ बोल ना, क्या बात है?” उसने पूछा।
मैंने उसको अपने चाचा की सारी करतूत पूरे विस्तार से बताई कि कैसे मैं अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी पढ़ा कर अपनी चूत में उंगली करके अपनी वासना को शांत करने की कोशिश कर रही थी और कैसे मेरे हरामी चाचा में मेरी नंगी चूत की वीडियो बना ली अपने मोबाइल से! मेरी बात सुनते ही मेरी परम सखी हंस कर बोली- तो मरवा ले ना चाचा से … कब तक उंगली से रगड़ेगी अपनी चूत को? तेरे चाचा का भी काम हो जाएगा और तुझे भी मज़ा आएगा। “मुझे नहीं लेना ऐसा मज़ा चाचा से … तुझे ज़्यादा चढ़ी है तो तू डलवा ले चाचा से अपनी चूत में!” मैंने गुस्से से कहा तो वो चुप हो गयी।
कुछ देर खामोश रह कर शाज़िया बोली- चल ठीक है, तेरे बदले मैं चली जाऊँगी तेरे ठरकी चाचा के पास उनकी शर्त पूरी करने, तेरे बदले मैं अपनी चटवा लूँगी और उनका चूस कर पी भी लूंगी। “तू पागल है? पता भी है क्या बोल रही है तू? वो तेरा बॉयफ्रेंड नहीं … चाचा हैं मेरे, तू उनसे कैसे चटवा सकती है?” मैं ज़ोर से बोली।
“शालू मेरी जान … वो चाचा तेरे हैं मेरे नहीं, मैं तो उन्हें बॉयफ्रेंड ही समझ लूंगी, तू चटवाने की बात कर रही है, मैं तो उनका लौड़ा अपनी चूत के अंदर भी डलवा लूँगी।” “नहीं तो तू बता कोई और रास्ता है तेरे पास?”
मैं चुप हो गयी … और उसकी बात सही भी थी, मेरे पास तो और कोई रास्ता था ही नहीं। “मगर क्या मेरे चाचा मेरे बदले तेरे साथ सब करने को तैयार होगा?” और अगर तुझे पेलकर भी चाचा ने मेरी वीडियो डिलीट नहीं की तो?” मैंने पूछा। “उसके लिए हमें पूरा प्लान बनाना पड़ेगा.” उसने कहा।
आगे की कहानी बताने से पहले मेरा आप से एक आग्रह है कि प्लीज जो लोग मुझे मेल कर रहे हैं कि एक बार मुझ से मरवा लो, मेरा चूस लो, प्लीज वो लोग ऐसे मेल ना करें।
हम दोनों ने सोच विचार कर एक प्लान बनाया। मगर उस प्लान को कामयाब करने के लिए ज़रूरी थी मेरे चाचा को मनाना कि वो मेरी जगह शाज़िया के साथ वो सब करने को मान जाये। शायद किस्मत को भी यही मंज़ूर था क्योंकि मम्मी किसी काम से शायद छत पर गयी थी और चाचा फिर से मेरे कमरे आ गए। उन्हें लगा होगा कि मैं कमरे में अकेली मिलूंगी. मगर आशा के विपरीत शाज़िया को देख कर वो दरवाज़े पर ठिठक गए और वापस जाने लगे।
तभी शाज़िया ने मुझे इशारा किया तो मैंने आवाज़ लगाई- चाचा जी, कुछ काम था क्या? आइये ना वापस क्यों चल दिये? “नहीं, काम तो कुछ नहीं था, यूँ ही देख रहा था, तुम्हारी मम्मी कह रही थी तुम्हारी तबियत ठीक नहीं है, देखने आया था! वैसे भी जब इंसान आंख बंद करके उंगली से मेहनत करता है तो थक तो जाता है.” यह कह कर चाचा हंसते हुए हमारे पास बैठ गए।
मैं उनका इशारा समझ गयी और शर्म के मारे मुंह नीचे करके बैठ गयी। मैंने शाज़िया को इशारा किया तो वो बोली- चाचा जी, बुरा ना माने तो एक बात कहूँ? “हाँ बोलो ना क्या बात है?” चाचा जी ने कहा।
शाज़िया- आप शालू के साथ ये सब क्यों करना चाहते हैं, वो आपकी भतीजी है। चाचा ने चौंक कर मेरी तरफ देखा- ओह, तो तुमने इसको भी बता दिया, ठीक है अब तुम्हारी वीडियो सबको में दिखाऊंगा। चाचा भड़क गए।
“चाचा जी. प्लीज आप गुस्सा मत होइए … देखिये अगर शालू बदनाम होगी तो बेइज़्ज़ती तो आपके सारे घर की होगी, आपकी भी होगी!” शाज़िया उनको समझाने लगी- आप ये सब अपनी गर्लफ्रैंड के साथ कीजिये ना या कोई लड़की देख लीजिए।
चाचा बोले- देख शाज़िया, मैंने कई लड़कियां और औरतों के साथ सेक्स किया है। मगर जब से शालू की चूची देखी हैं मेरे दिलो दिमाग पर बस शालू ही छायी हुई है। और मैंने तो इसे चोदने की बात भी नहीं की, बस ये एक बार मुझे से अपनी चूत चटवा ले और मेरा लण्ड चूस कर माल पी ले तो मैं इसकी वीडियो डिलीट कर दूंगा।
“चाचा जी, प्लीज आप मेरी बकात समझने की कोशिश कीजिये … ये आप के साथ ये सब नहीं कर सकती। वैसे अगर आप चाहें तो हम आपके लिए कोई दूसरी लड़की का इंतज़ाम कर देंगे।” “तुमने क्या मुझे रंडीबाज समझ रखा है?” चाचा गुस्से से बोले- मैं किसी रंडी के साथ सेक्स नहीं करता, सिर्फ घरेलू लड़की को ही चोदता हूँ, वो सहमति से …ज़बरदस्ती नहीं।
“अगर मैं आपके लण्ड का पानी पी लूँ, फिर तो आप वीडियो डिलीट कर दोगे?” शाज़िया बोली। चाचा एकदम चौंक गए- तुम पियोगी मेरा लण्ड? पता भी है क्या बोल रही हो तुम? “जी पता है … और ये सब मैं अपनी सहेली के लिए कर रही हूँ।”
मगर तुम्हारे साथ ये सब कहाँ करूँगा? रात को तो तुम यहाँ रुक नहीं सकती।” “यहां नहीं, आपको मेरे घर आना होगा, वो भी दो दिन बाद … क्योंकि दो दिन बाद मेरे घर पर कोई नहीं होगा। सब लोग शादी में जाएंगे रिश्तेदार के यहां, बस मैं और मेरा छोटा भाई होंगे, छोटा भाई सुबह कॉलेज चला जायेगा तो हमारे पास 10 बजे से 1 बजे तक का वक्त होगा।”
चाचा बोले- ठीक है … मगर पहले मुझे अपनी चूची और चूत यहीं दिखाओ। “चाचा, दरवाज़ा खुला है, और कोई भी आ सकता है. अब आप प्लाज़ दो दिन वेट कर लो!” मैंने कहा तो चाचा ने मुझे ही दरवाज़ा बन्द करने का आर्डर दे दिया। मैं मजबूरी में उठकर दरवाज़ा बद करके आयी तो देखा कि तब तक चाचा शुरू हो चुके थे, उन्होंने फटाफट शाज़िया की टीशर्ट ऊपर उठायी और उसके उभार को मसलने लगे।
मुझे देख कर बोले- शालू, अपनी फ़्रेंड की ब्रा खोलो पीछे से! मैं तो जड़ हो गयी … मुझे जितनी शर्म आ रही थी चाचा के सामने, वो उतना ही मेरे साथ बेशर्मी कर रहे थे.
मगर तभी शाज़िया ने मुझे इशारा किया तो मैंने उसके पीछे जाकर ब्रा का हुक खोल दिया. चाचा ने मेरी सहेली शाज़िया की ब्रा को उसके बदन से अलग किया और मुझसे बोले- तुम भी अपनी चूची दिखाओ। मैं ना ना करने लगी तो चाचा फिर धमकी पर आ गए, बोले- सिर्फ चूची खोलकर दिख दो, बाकी तो दो दिन बाद शाज़िया के साथ कर लूंगा।
मजबूरी में मैंने अपनी टीशर्ट ऊपर की और ब्रा तो मैं पहनती ही नहीं थी घर पर … बस चाचा ने आहिस्ता से शाज़िया की एक उभार को मुंह में ले लिया और चूसने लगे और एक हाथ आहिस्ता से मेरे उभार पर रख कर आगे का दाना मसल दिया। मुझे जोर का दर्द हुआ और मैंने चाचा का हाथ झटका कर टीशर्ट नीचे कर ली. मगर शाज़िया आंख बंद कर मज़े से चुसवा रही थी। चाचा का एक हाथ उसके लोअर की इलास्टिक में गया और लोअर नीचे!
शाज़िया ने चौंक कर आँख खोली मगर तब तक चाचा की उंगली उसकी पैंटी की इलास्टिक तक पहुँच चुकी थी।
मेरा दिल बहुत ज़ोर से धडक रहा था, शर्म भी आ रही थी, डर भी लग रहा था कि कहीं चाचा शाज़िया के साथ यहीं ना शुरू हो जायें। और सच कहूँ तो उन्हें देख कर मुझे भी कुछ कुछ हो रहा था। इससे पहले कि चाचा शाज़िया की पैंटी उतारते, बाहर से मम्मी की आवाज सुनाई दी. चाचा शाज़िया की ब्रा को अपनी जेब में रखते हुए बोले- अब दो दिन तक ये मेरे पास रहेगी! और शाज़िया की तरफ आँख मार कर कर बाहर चले गए।
“कमीनी, तू तो यहीं शुरु हो गयी? कम से कम मेरा तो ख्याल कर लेती!” मैंने बनावटी गुस्से से शाज़िया से कहा. “क्या करूँ यार, 6 महीने से ज़्यादा हो गए लण्ड लिए हुए, खैर अब तू तैयार हो जा दो दिन बाद के लिए! जब तेरे चाचा मेरे साथ सेक्स करेंगे तो तुझे उनकी वीडियो बनानी है, वो भी ऐसे कि मेरा चेहरा ना दिखे।” “मैं तुझे चाचा के आने से पहले ही दूसरे कमरे में छुपा दूंगी जहां से तुझे सब दिखता रहेगा और तू वहां से पूरी विडियो बना पायेगी.”
“ठीक है, मैं तैयार हूं मगर एक बार फिर सोच ले … कुछ गड़बड़ तो नहीं होगी?” मैंने पूछा। “कुछ नहीं होगा यार … वैसे वो ज़्यादा से ज़्यादा मुझे चोद ही तो लेंगे बस, उसके लिए में तैयार हूँ. वैसे भी मुझे नए लण्ड की तलाश थी तो तेरे चाचा ही सही!” “तू तो पक्की बेशर्म है!” मैंने उसको धप्प मारी।
कुछ देर बात करने के बाद वो चली गयी।
अब मैं उस दिन का इंतज़ार करने लगी।
जैसे तैसे दो दिन कटे और वो दिन आ गया जब मुझे मुसीबत से निजात मिलनी थी। मैंने शाज़िया को फ़ोन किया और फिर एक बार प्रोग्राम कन्फर्म किया। वो बोली- तू घबरा मत, सब ठीक होगा, तू मेरे घर आ जा। मेरा भाई कॉलेज के लिए निकलने वाला है। “ठीक है, मैं आ रही हूँ!” यह कह कर मैंने कॉल डिसकनेक्ट की और तैयार होकर अपनी सहेली शाज़िया के घर को निकल गयी।
कहानी जारी रहेगी. [email protected]
कहानी का अगला भाग: मुसीबत से निजात मिली मज़े के साथ-2
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