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नमस्कार दोस्तो, मैं अमित, आपने मेरी कहानी गर्लफ्रेंड की मर्द का लंड देखने की इच्छा पढ़ी और उस पर आपके मेल मिले. आपके लिए मैं फिर से उस घटना के आगे की कहानी लेकर आया हूँ कि कैसे मैंने अपनी गर्लफ्रेंड की चूत में अपना डाल कर उसकी सील तोड़ी, उसको जवानी का पूरा मज़ा दिया और अपनी ज़िंदगी का पहला सेक्स किया.
पिछली कहानी में खुशबू ने मेरा लंड चूसा और फिर वो घर चली गई थी. घर जाकर उसने फ़ोन किया कि वो घर पहुंच गई है. वो शायद जल्दी में थी या कोई और भी उसके पास था, तो उसने रात में बात करने का बोल कर फ़ोन रख दिया.
रात को उसने फ़ोन किया तो उसे थोड़ी शर्म आ रही थी. मैंने उसकी शर्म समझ कर उससे आज के दिन की बात का जिक्र उस समय नहीं किया, बस इधर उधर की बातें की. ऐसे ही बातें होती रहीं, तो उसने कहा- आज का दिन उसे बहुत अच्छा लग रहा है. मैंने कहा- क्यों आज ऐसी क्या ख़ास बात है? उसने कहा- बस ऐसे ही. मैंने कहा- क्यों नहीं ख़ास होगा.. आज आपकी एक इच्छा पूरी जो हो गई है. उसने शर्माते हुए कहा- क्या मतलब जी? मैंने कहा- लंड देखना था न आपको.. जो आज आपने देख लिया.
ऐसे ही हमारी बात आगे बढ़ती गई. उसने कहा- मुझे ये सब याद करके मज़ा आ रहा है.. और कुछ कुछ हो भी रहा है. मैंने कहा- किधर कुछ कुछ हो रहा है? उसने शर्माते हुए कहा- शायद नीचे.. मैंने कहा- मुझे भी बिल्कुल वैसा ही हो रहा है. उसने कुछ नहीं कहा, बस जरा सा ‘हम्म..’ कर के रह गई.
मैंने उससे खुलते हुए पूछा- तो कैसा लगा मेरा लंड? उसने भी कहा- मज़ा आ गया देख कर और उसका पानी निकल कर जब वो छोटा सा हो गया था, तो मन कर रहा था कि इसको चूस के फिर से खड़ा कर दूँ. मैंने कहा- आपने फिर ऐसा क्यों नहीं किया? तो वो हँस दी.
मैंने कहा- हम अब कब फिर से मिलेंगे? इस पर उसने कहा- उसमें क्या है, अभी मिल लो, मैं अपने घर में हूँ और तुम अपने घर हो.. हम दोनों फ़ोन पर मज़े ले लेते हैं. मैंने कहा- ठीक है.. तो मैं भी लंड को हाथ में लेकर बात कर रहा हूँ और हिला भी रहा हूँ.. तुम क्या कर रही हो? उसने कहा- मैं अपनी चूत में उंगली कर रही हूँ, तुम्हारे लंड की गर्मी याद आ रही है.. और सोच सोच कर मज़ा आ रहा है.
इसके बाद हम दोनों बात करते हुए कल्पनाओं में ही फोन सेक्स चैट करने लगे.
मैंने अपने लंड की जोर जोर से मुठ मारते हुए कहा- मैं आपकी चूत में अपना लंड डालना चाहता हूँ. उसने कहा- मैं भी आपके लंड को अन्दर लेना चाहती हूँ, मुझे लंड दे दो.. अब रहा नहीं जा रहा.. आह.. जल्दी से अन्दर डाल दो और मेरी तन की आग को शांत कर दो. मैंने कहा- हां अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है, अब जल्दी से अपनी चूत के रस से मेरे लंड की प्यास बुझा दो.
ऐसे ही गरमागरम बातें करते करते मैं और वो झड़ गए.
मैंने उससे कहा- जो हमने अभी किया.. हम वो सच में कब करेंगे? उसने कहा- जल्दी ही…
उसने फ़ोन पर गुड नाईट कहा और फ़ोन रख दिया. हम सो गए. इसके बाद अब मैं और वो रोज रात में सेक्स की बातें करने लगे और मुठ मारने लगे. ऐसा करते करते करते पूरा एक हफ्ता बीत गया, हम रोज मुठ मारते और अपनी तन की आग को शान्त करते.
मैंने उससे कहा- कब आ रही हो मेरे पास? उसने कहा- कल सोमवार है, कल आऊँगी. मुझे विश्वास नहीं हुआ, मैंने पूछा- कल? उसने कहा- हां कल पक्का.
तब मैं कल का इन्तज़ार करने लगा, सुबह मैंने नहा कर लंड के बाल साफ किए. खुशबू की याद एक बार मुठ मारी और तैयार हो कर उसे कॉल किया. उसने कहा- मैं घर से निकल चुकी हूँ
मैं उसका इंतज़ार करने लगा और अपने लंड को हाथ में लेकर उससे बातें करने लगा कि आज उसे चूत का पानी मिलेगा. ये सुन और समझ कर मेरा लंड भी टाइट हो गया. ऐसा करते करते वो समय भी आ गया, जब खुशबू दरवाजे पर आ गई.
मैं लंड को पैन्ट में एड्जस्ट करके दरवाजे पर गया और दरवाजा खोला. वो बहुत सुंदर लग रही थी. उसने वही ड्रेस पहनी थी, जो मैंने उसे लास्ट टाइम में गिफ्ट की थी. सच में क्या झकास माल लग रही थी.
मैंने उसे अन्दर बुलाया और बैठाया. मैंने कहा- बहुत सेक्सी लग रही हो. उसने कहा- आपकी चॉइस बहुत बढ़िया है.. ये ड्रेस मुझे बहुत बहुत पसंद आई है.
मैंने उसे पानी दिया और उसके पास बैठ गया. वो अपने आप चिपक कर मेरे पास बैठ गई. मैंने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और उससे बातें करने लगा. मैंने कहा- आज हम वो सब करेंगे जो हम फ़ोन पर करते हैं. उसने कहा- हाँ, लेकिन यहां नहीं.. बेडरूम में.
तो हम दोनों बेडरूम में चले गए. हम वहां जाकर लेट गए. वो मेरे सीने पर सिर रख कर लेट गई.
मेरा सीना कुछ ज़्यादा ही चौड़ा है और उस पर बाल भी हैं. उसने शर्ट के बटन खोल दिया और मेरे सीने के बालों पर हाथ फेरते हुए बातें करने लगी.
मुझे नीचे कुछ हो रहा था, लंड पहले से ही बहुत टाइट था, अब तो खुशबू के पास में होने से तो और ही अकड़ गया था. बस अब लंड चूत में मिलन के लिए आतुर था, पर मैंने जल्दीबाज़ी नहीं की और उसके बालों को सहलाने लगा.
वो बहुत खुश लग रही थी, उसे शायद डर भी लग रहा था. मैंने हाथ नीचे ले जा कर उसकी टी-शर्ट को ऊपर करके दिया और उसकी कमर और पीठ को सहलाने लगा. उसे मज़ा आ रहा था, उसकी दिल की धड़कन से पता चल रहा था कि वो डरी और उत्सुक भी है.
मैंने हाथ को कुछ ऊपर ले जाकर उसकी ब्रा के हुक पर हाथ फेरने लगा. तब वो उठी और उसने मुझसे शर्ट उतारने को कहा. साथ ही अपनी टी-शर्ट उतार दी. अब वो ऊपर से ब्रा में और मैं ऊपर से नंगा था. वो फिर से मेरे सीने से चिपक गई. उसके बदन की गर्मी मुझ में जोश पैदा कर रही थी.
मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी नंगी पीठ पर हाथ फेरने लगा. साथ ही मैं उसके गाल पर किस करने लगा, उसके दिल की धड़कन तेज हो गईं.. न ही मैंने कुछ बोला, ना उसने. हम दोनों बस चुदास के मज़े लेने लगे.
फिर मैंने उसको एक ही झटके में अपने नीचे ले लिया और उसके ऊपर लेट गया. उसे इस झटके से करने के कारण मज़ा आ गया, उसकी हल्की सी आह भी निकल गई.
मैंने उसकी ब्रा को निकाल कर उसको सीने से चिपका लिया. उसके नर्म मक्खन सी चूचियों की गर्मी से मेरा प्रीकम निकल गया. मैं उसको मुँह पर किस करने लगा. उसने भी पूरा साथ दिया. हम दोनों ने काफी देर तक एक दूसरे को किस किया.
मैंने उसके गले पर अपनी जीभ से किस करना चालू कर दिया, तो उसने मुझे अपने हाथों से जोर से दबा लिया. अब मैं समझ गया कि वो गरम हो गई है. मैंने उससे कहा- मैं आपकी चूत देखना चाहता हूँ.
उसने कुछ नहीं कहा तो मैंने उसकी पैन्ट को खोल के उसे उतार दिया. वो सिर्फ ब्रा और पैन्टी में रह गई थी. इस पर उसने कहा- आप भी अपना उतारो न.
तो मैंने अपनी पैन्ट उतार दी, मेरा लंड का टोपा अंडरवियर के ऊपर से झाँक रहा था. मैं उसके पैरों के बीच में आ गया और उसके पैरों को एक एक करके किस करने लगा. उसके पैरों पर एक भी बाल नहीं था. मैं कभी उसके पैरों की उंगलियों को मुँह में लेता, तो कभी उसकी पैंटी के साइड में खुली हुई चिकनी जाँघों को किस करता. इससे वो चिहुंक जाती. तब मैंने आगे बढ़ कर अपने दोनों हाथों से उसकी चुचियों को दबा लिया. अपने मुँह को उसकी पैन्टी के साइड में ले जाकर जीभ और दांतों से चूत को चूसने लगा.
उसने अपनी पैंटी को अपने हाथ से साइड में करके मेरी जीभ को अपनी चूत पर लगाने के लिए जगह बना दी. मैं उसकी चूची की घुंडी को मसलने लगा और नीचे चूत में अपनी जीभ से उसकी चुत के दोनों होंठों के बीच में किस करने लगा. आह.. कितना मज़ा आ रहा था. उसकी चूत गीली होने लगी और उसने कहा- पैंटी निकाल दो.
तो मैंने अपने दांतों से उसकी पैंटी को नीचे कर दिया. उसी वक्त उसने अपनी हिप उठा दी, जिससे मैंने उसकी पैंटी को थोड़ा नीचे तक खींच दिया. फिर मैंने अपने हाथों से उसकी पैंटी निकाल दी, अब वो पूरी नंगी थी. उसे देख कर मेरा बुरा हाल था. बस लंड जल्दी से उस के अन्दर देने का मन हो रहा था. फिर भी मैंने अपने आपको रोका और उसके साइड में लेट कर उसे किस करने लगा.
उसने कहा- अब अपना सामान भी तो बाहर निकालो. मैंने कहा- तुम ही इसे निकाल दो.
तो वो उठ कर मेरे पैरों के बीच में आ गई और उसने मेरे अंडरवियर पर हाथ फेर कर कहा- अरे ये तो तैयार है. मैंने कहा- ये तो बहुत देर से तड़फ रहा है, अब बस इसे प्यार कर लेने दो और इसे वो सब कुछ दे दो, जो ये चाहता है.
उसने अपने होंठों से लंड की टोपी, जो बाहर की ओर झलक रही थी, उस पर किस कर दिया. मुझे एक अजीब सी सिरहन हो गई और मैं आँखें बंद करके मज़ा लेने लगा.
उसने अपने हाथों से मेरी अंडरवियर उतार दी. अब हम दोनों पूरे नंगे थे. वो मेरे ऊपर लेट गई. मैं लंड से उसकी चूत को छूने लगा, कितनी गर्म चूत थी.
मैंने अपने हाथों से लंड को उसके पैरों के बीच में कर दिया. वो मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगी. मैं अपने हाथों से उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा, कितना सुखद अनुभव हो रहा था! ऐसा लग रहा था कि ऐसा सुख हमेशा मिलता रहे.
अब मैंने उससे 69 के लिए कहा तो उसने 69 में आ कर अपनी चूत मेरे मुँह पर दे दी और मेरा लंड अपने मुँह में लेने की कोशिश करने लगी. उसने कहा- आज तो आपका लंड कुछ ज़्यादा ही तगड़ा सा हो गया है.
मैंने उसकी चूत के होंठों को अपने होंठों से खींच कर उसके अन्दर किस किया तो उसने भी लंड को मुँह में ले लिया.
अब जितना मैं उसे किस करता, उतना ही वो मेरे लंड को चूसती. इससे मेरा मज़ा दुगना हो रहा था. मैं सोचने लगा कि जब मुँह में इतना मज़ा आ रहा है तो चूत में लंड को कितना मज़ा आएगा. ये सोच कर मैंने एक उंगली भी उसकी चूत में डालनी शुरू कर दी. मेरी उंगली अन्दर जा रही थी और मेरा लंड उसके मुँह में था. उसे मज़ा आ रहा था.
आह कितनी गरम और गीली चुत थी, मैंने उंगली को निकाला और उस पर लगे पानी को अपने मुँह में लेकर चूस लिया. वो नमकीन सा टेस्ट मैं कभी नहीं भूल सकता, आज भी वो टेस्ट मुझे याद है.
मैंने अपनी जीभ को अन्दर डालने की कोशिश की और उसको जोर से किस करने लगा. उसने भी जोर जोर से मेरा लंड मुँह में अन्दर बाहर करने लगी. मुझे लगा, अब मेरा निकल न जाए.. तो मैंने अपनी उंगली को उसकी चूत में डाल कर अन्दर बाहर करना शुरू किया, अपनी जीभ से उसकी चूत होंठों के ऊपर रगड़ने लगा, वो अपनी गांड जोर जोर से हिलाने लगी और उसने अपना पानी छोड़ दिया. साथ ही उसने मेरा लंड भी अपने मुँह से निकाल दिया और मेरे ऊपर ही लेटी रही.
उसकी चूत का पानी निकल कर बाहर आ रहा था, जो मैं चप चप करते हुए पी रहा था.
मैंने उसकी चूत को फिर से किस किया तो वो चिहुँक गई.
कुछ देर के बाद हम दोनों फिर से गरमा गए. अब उसने कहा- लंड अन्दर डालो.. अब रहा नहीं जा रहा है. मैंने उसे नीचे लिटा कर उसकी टांगों के बीच में आकर अपना लंड जो कि काफी गीला था, उसकी चूत के होंठों के बीच में सैट किया और लंड का टोपा अन्दर डाल दिया. टोपा डालने से ही चूत की फांकें चौड़ा गईं, इससे वो डर गई और उसने अपने पैरों से मेरी गांड को जकड़ लिया.
मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके मुँह को किस करने लगा. जब वो थोड़ा रिलैक्स सी हुई, तो मैंने जोर से धक्का दे दिया. मेरा आधा लंड उसकी गीली चूत में घुसता चला गया. उसने पहले तो जोर से मुझे पकड़ा और फिर मुझे धक्का दे दिया ताकि मेरा लंड उसकी चूत से निकल जाए, पर मैंने उसे जोर से दबा रखा था. उसकी आँखों से दर्द के आंसू निकल रहे थे.
हमारा पहली बार सेक्स का अनुभव था. मैं अब उसके ऊपर ही लेटा रहा और थोड़ी देर कुछ नहीं किया. थोड़ी देर बाद उसने कहा- बहुत दर्द हो रहा है… मुझे नहीं करना. मैंने उसे समझाया कि अब दर्द नहीं होगा, अब तो मज़ा आएगा.
हालांकि मुझे भी नहीं पता था कि अब आगे क्या होगा, पर मैं उसके अन्दर से अपने लंड को बाहर नहीं आने देना चाहता था. मैंने उसके पैरों को फिर से ऊपर किया और पैरों को फैला कर उसके अन्दर जोर से धक्का लगाया, उसकी चीख निकल गई और वो रोने लगी. मैंने अपना लंड थोड़ा खींचा और फिर से अन्दर किया. मुझे उस चूत के अन्दर गीला सा लगा, पर मैं बिना कुछ सोचे बस लंड आगे पीछे करने लगा.
कुछ धक्कों के बाद उसको मज़ा आने लगा और वो अपनी गांड हिलाने लगी उसने भी सीत्कार भरते हुए कहा- आह.. जोर जोर से अन्दर बाहर करो. मैं जोर जोर से अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा. उसने जोर से मुझे अपने हाथों से पकड़ लिया और फिर ढीली पड़ गई. मुझे उसकी चूत में कुछ गीला सा लगा.
मैंने कुछ धक्के लगाए और कहा- मेरा होने वाला है, कहाँ पर निकालूँ. उसने कहा- मेरा पहली बार है, अन्दर ही निकाल दो.
मैंने अपना रस उसकी चूत के अन्दर ही छोड़ दिया. उसने एक आह भरी और ढीली हो कर पड़ गई. मैं भी उसके ऊपर ही लेटा रहा. कुछ देर बाद में मैं उसके ऊपर से उठ कर उसकी साइड में लेटा तो मैंने देखा मेरे लंड पर उसकी चूत से निकला खून और मेरा सफेद वीर्य लगा था. मैंने कहा- खुशबू आपकी सील टूट गई है. उसने कहा- आपने ही तोड़ी है.
वो इतना कह कर मुस्करा दी.
मैंने उसे लंड पर लगा खून दिखाया, तब वो शर्मा कर मेरे सीने से लिपट गई. मैंने उससे कहा- मुझसे शादी करोगी? उसने कहा- इसके बारे में बाद में बात करेंगे.
हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे, बाद में वो उठ कर बाथरूम में गई. तब मैंने देखा उस का पानी खून और मेरा वीर्य सब बिस्तर पर पड़ा था. ये देख कर मुझे पता नहीं क्यों अच्छा लग रहा था.
मैं भी अपने कपड़े पहनने लगा, तब तक वो आ गई. उसने अपने आपको नंगी और मुझे कपड़े पहनते देखा तो शर्मा कर अपने कपड़े जल्दी से पहनने लगी.
मैंने कुछ नहीं कहा, जब उसने कपड़े पहन लिए, तो मैं उसके गले लगा और हम बेड पर ही बैठ गए, हमने किस की. मैंने उससे पूछा- कैसा लगा? उसने कुछ नहीं कहा, बस स्माइल दी. मैं सब समझ गया. अब वो जाना चाहती थी, तो मैंने उससे कहा- थोड़ा रुक जाओ.
उसने मुझे घड़ी दिखाई, पूरे तीन घंटे हो चुके थे.. तो मैंने उसे मना नहीं किया और उसे जाने दिया. मैंने उसे गिफ्ट दिया. इस बार ब्रा पैंटी का सैट था, जो मैंने ऑनलाइन मँगाया था. उसने इस बार इसे वहीं पर खोला और चैक किया और शर्मा गई. फिर वो सेक्सी स्टाइल में बोली- नेक्स्ट टाइम ये पहन कर आऊँगी.
अब वो चली गई, बाद में उसने फ़ोन किया और कहा कि उसे नीचे दर्द हो रहा है और चलने में दिक्कत हो रही है. मैंने कहा- आराम करो, सब ठीक हो जाएगा. वो रेस्ट करने चली गई. वो खुश थी.
आज मेरी खुशबू मुझसे प्यार करके खुश थी. इस कहानी को लिखने से मेरी सारी यादें फिर से ताज़ा हो गई हैं. आज मेरी किसी और से शादी हो गई है और उसकी भी किसी और से.. उसने मुझसे शादी नहीं की, लेकिन मेरी जीवन की वो पहली लड़की थी, जिससे मैंने सेक्स किया था. हम दोनों अब सब भूल कर अपनी अपनी लाइफ में खुश हैं.
दोस्तो, आपको ये प्यार भरी चुदाई की कहानी कैसी लगी जरूर बताएं, मेरा ईमेल आईडी है. [email protected]
अगली कहानी में मैं बताऊंगा कि मैंने अपनी पत्नी के साथ सुहागरात कैसे मनाई.. खुशबू के साथ मेरे संबंध क्यों नहीं बन सके और मैंने शादी से पहले खुशबू के साथ कितना मज़ा किया.
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