मेरे पहले प्यार की कामुकता भरी चुदाई

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मेरे प्यारे दोस्तो, मेरा नाम हेमन्त शर्मा है। मैं जयपुर में रहता हूँ। मैं पहली बार कहानी लिख रहा हूँ। अगर कोई गलती हो जाये तो माफ कर देना। लड़कियाँ चूत में उंगली करने के लिये और लड़के मुठ मारने के लिये तैयार हो जायें।

यह कहानी है मेरे घर के सामने वाले घर में रहने वाली एक प्यारी सी लड़की रिया की। वह उस समय 23 साल की थी। वह देखने में बहुत ही खूबसूरत थी, उसका फिगर 32 30 32 था। वह उस समय एम बी ए कर रही थी। मैं उससे दोस्ती करने की फिराक में रहता था पर मुझे मौका नहीं मिल रहा था।

पर वो कहते हैं ना कि ‘भगवान के यहॉं देर हैं पर अंधेर नहीं!’ एक दिन अचानक ही मुझे उससे बात करने का मौका मिल गया और मैंने उससे दोस्ती करने के लिये बोल दिया। उसने भी मुझे हा कर दिया। फिर हमने एक दूसरे को अपने अपने फोन नम्बर दिए और लिये. और फिर हमारे बात करने का सिलसिला चालू हो गया।

फिर मैंने एक दिन उसे प्रपोज कर दिया और अपने दिल की बात बता दी। वो भी मुझसे प्यार करती थी तो उसने भी हाँ कर दी। फिर हम अक्सर फोन पर ही सेक्स की बातें करने लगे, हम फोन सेक्स से ही एक दूसरे का पानी निकालने लगे। मैं उसे फोन पर ही कई बार चोद चुका था और उसे अब असली में चोदने की कहने लगा। पहले तो उसने काफी मना किया पर एक दिन वो मान ही गयी।

मैंने उसे एक होटल में आने को बोला तो उसने हिचकिचाते हुए हाँ कर दी और फिर वो और मैं एक तय समय पर होटल में मिले।

और फिर वहाँ पर वो दास्तान लिखी गयी जिसका मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा था।

होटल में पहुँचते ही हम दोनों एक दूसरे के गले लग गये और एक दूसरे को किस करने लगे। यह हम दोनों का पहला चुम्बन था और हम दोनों ही खड़े खड़े थकने लगे तो फिर मैं उसे दीवार के पास ले गया और दीवार के सहारे टिका कर उसे बटरफ्रलाई किस करने लगा। बटरफ्रलाई किस एक बहुत ही सेन्सेसनली किस है. दोस्तो जिसने भी ये किस की होगी उसे ये पता होगा। यह एक अलग ही अहसास था हम दोनों के लिये… हम दोनों एक दूसरे में समा जाना चाहते थे।

अब हम दोनों एक दूसरे को किस करने और काटने लगे। मैं किस करते करते उसके दोनों उरोजों को सहलाने और दबाने लगा, कभी उसकी गर्दन पर तो कभी उसके होंठों पर कभी उसके कानों पर काटने लगा। अब हम दोनों बैड पर आ गये और ऐसी पोजीशन ली कि हम दोनों ही एक दूसरे के निचले होंठ को चूस सकें।

हम लोग काफी देर तक होंठों को काटते और चूसते रहे, हमारी जीभ आपस में एक दूसरे से टकरा रही थी। यह एक अलग ही अहसास था जिसे मैं शब्दों में बयान नही कर पाऊँगा।

अब मैंने उसकी कमीज उतार दी, मेरी जान रिया काली ब्रा में बहुत ही सेक्सी लग रही थी, उसके गोरे गोरी चूचे उसकी ब्रा में से बाहर आने को बेताब हो रहे थे। मैंने उन्हें ब्रा के ऊपर से ही सहलाया और दबाया तो रिया ने अपनी आँखें बन्द कर ली।

मैंने अब उसकी ब्रा का हुक खोल दिया तो मेरे सामने दो बहुत ही सुन्दर और मुलायम चूचे थे जिन्हें अगर जोर से दबा दो तो लाल सेब हो जाते। रिया केवल अब पजामी पहने हुये थी जो मुझे बहुत ही उत्तेजित कर रही थी अब मैंने उसके दोनों उरोजों को दबाना चालू कर दिया और वो सिसकारी लेने लगी। मैं उसके चूचुकों को पकड़ कर उमेठने लगा तो मेरी रिया उत्तेजना के मारे कराहने लगी।

मैंने जब उसके चूचों को चूसना चालू कर दिया तो वो मेरा सिर दबाने लगी जैसे वो मुझे अपने चूचों में समा लेना चाहती हो। मैं उसके चूचुकों को अपने होंथोब से चूसने लगा और बीच बीच में दांतों से काटने लगा तो वो दर्द के मारे कराहने लगी, उसकी सेक्सी आवाज मुझे उत्तेजित कर रही थी।

मैं उसकी चूत को पजामी के ऊपर से ही दबाने सहलाने लगा और फिर उसकी पजामी में मैंने अपना हाथ डाल दिया। उसकी पैन्टी उसकी चूत के स्राव से गीली हो चुकी थी। मुझे ऐसा लग रहा था मानो मैंने एक गर्म भट्टी पर रख दिया। मैं उसकी चूत को सहलाने लगा और साथ में उसके दोनों चूचों को दबा और चूस रहा था।

अब मैंने उसकी पजामी को उसके जिस्म से अलग करना था तो मैं उसकी टांगों पर बैठा, उसकी पजामी इलास्टिक वाली थी, मैंने पजामी में अपने दोनों हाथों की उंगलियाँ घुसाई और पजामी को नीचे सरकाने लगा. लेकिन उसकी पेंटी भी पजामी के साथ उतरने लगी तो उसने अपनी पेंटी को पकड़ लिया पर पजामी को उतर जाने दिया.

तो वो अब सिर्फ पैन्टी में आ गयी, पैन्टी में मानो वो किसी काम की देवी लग रही थी जो मुझसे चुदने जा रही थी। मैं उसकी पैंन्टी को भी उसके शरीर से अलग करने लगा तो उसने हिचकिचाते हुए अपनी पेंटी को भी उतर जाने दिया।

अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी। थोड़ी देर के लिये मैं उसे इस रूप में निहारने लगा। आज मैं पहली बार किसी लड़की को नंगी देख रहा था। वक्त जैसे थम सा गया हो मेरे लिये। मैं उसे एकटक देखे जा रहा था।

मैंने अब उसके दोनों पैरों को खोल दिया और उस स्वर्ग के द्वार को चूमने लगा। जिस चीज का मैं इतने बेसब्री से इंतजार कर रहा था, आज वो मेरे सामने थी।

मैं उसकी चूत को चाटने लगा तो वो ‘आह आह…’ की आवाजें करने लगी। मैंने अपनी उंगली उसमें डालने की कोशिश की लेकिन उसकी चूत बहुत ही टाईट थी। मैंने अपनी उंगली को उसके थूक से गीला किया और आहिस्ता आहिस्ता उसे अन्दर करने लगा।

अब जल्द ही मेरी उंगली अन्दर बाहर होने लगी, वो उत्तेजना के मारे अपना सिर इधर उधर करने लगी। मैंने अपनी उंगली की स्पीड बढ़ा दी। उसका शरीर अकड़ने लगा और वो झर गयी।

मैं उसकी चूत चाट चाट कर उसका पानी पीने लगा तो मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं कोई अमृत पी रहा हूँ। वो अब निढाल सी होकर बैड पर पड़ी थी.

अब मैं खड़ा हुआ और उसके सामने अपना लंड कर दिया। उसने मेरी तरफ देखा और बड़े ही प्यार से अपने गुलाब से होंठों को खोल दिया और मैंने अपना लंड उसके मुंह में दे दिया। वो उसे किसी बच्चे की तरह चूसने लगी जैसे वो कोई लॉलीपॉप हो। मैं जोर जोर से उसके मुंह को चोदने लगा और कुछ ही देर में उसके मुंह में झर गया। उसने मेरा पानी पी लिया जैसे कोई गन्ने चूस रहा हो, एक भी बूंद उसने बेकार नही जाने दी।

अब हम दोनों बिस्तर पर निढाल होकर लेटे थे और एक दूसरे के नंगे शरीर से खेल रहे थे। मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. अब मैं उसके सामने आ गया और उसकी टांगों को उठा लिया और अपने लंड को उसकी मुनिया पर लगाया और एक जोर से धक्का लगाया। मेरे लंड का टोप उसके अन्दर चला गया और वो एकदम से चिल्ला उठी।

मैंने उसके मुंह पर हाथ लगाया और एक जोर का झटका फिर से लगाया, अब मेरा आधे से ज्यादा लंड अन्दर जा चुका था। उसकी चूत से खून आने लगा। उसकी झिल्ली फट चुकी थी. अब मेरी रिया एक औरत बन चुकी थी, आज एक कली एक फूल बन चुकी थी।

उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे।

मैं थोड़ी देर रुका, उसे सहलाने और किस करने लगा। अब वो थोड़ी शान्त हो चुकी थी, अब मैं धीरे धीरे धक्के मारने लगा, वो भी अब मेरा साथ देने लगी और कमर उचका उचका कर मेरे हर धक्के का जबाव दे रही थी। मैं बीच बीच में उसके चूचों को सहला और दबा रहा था।

वो आह आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह आह की आवाजें निकाल रही थी, उसकी कामुक ध्वनि से पूरा कमरा गूंज रहा था जो मुझे पागल कर रही थी।

अब मैंने उसे खड़ी किया और घोड़ी बनने को कहा और फिर उसे चोदने लगा। वो बहुत ही मस्ता रही थी, अब वो झरने की कगार पर थी तो उसने जोर जोर से करने को कहा। मैंने अब अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसका शरीर अकड़ गया और उसका कामरस मेरे लंड से होता हुआ मेरे आंडों तक पहुँच रहा था. मैं भी झरने की कगार पर था तो मैंने धक्के लगाना जारी रखा और मैं भी झर गया।

मैं उसके ऊपर ही गिर गया। ऐसे लग रहा था जैसे हम दोनों एक दूसरे में समा गये हो। दो जिस्म एक जान का अहसास हो रहा था। एक दैवीय अहसास हम दोनों को हो रहा था। हम दोनों के चेहरे पर संतुष्टि के भाव स्पष्ट नजर आ रहे थे। हम दोनों एक दूसरे की बांहों में थे और एक दूसरे के शरीर को सहला रहे थे और हमारे होंठ एक दूसरे से मिले हुए थे।

हम दोनों ही इस दैवीय अहसास में खो जाना चाहते थे। यह एक बहुत ही प्यारा पल था जिसमें सिर्फ हम दोनों थे।

लंड महाराज फिर से सलामी देने लगे तो मैंने उसे गोदी में उठाया और उसे बाथरूम ले गया और उसकी चूत को अच्छे से साफ किया। मैंने फव्वारा चालू कर दिया, फव्वारे की बूंदें हम दोनों के शरीर पर पड़ रही थी और हम दोनों की आग को भड़का रही थी। मैंने उसे दीवार के सहारे थोड़ा सा झुकाया और पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और झटके मारने लगा।

मैंने उसके दोनों स्तनों को पीछे से पकड़ लिया और चूचुकों कों मरोड़ने लगा। वो अब दर्द के मारे कराह रही थी जो मुझे और भी उत्तेजित कर रहा था। मैंने उस अब सीधा किया और उसकी एक टांग को उठा दिया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। पानी की बूंदों ने इस अहसास में चार चांद लगा दिये थे। दोस्तो, जिस जिसने भी पानी की बूंदों के बीच में चुदाई की है, वो अच्छे तरह से इस अहसास को जानते होंगे।

हम दोनों एक दूसरे के कंधे पर काटने लगे। दोनों के लव बाइट्स हमारे प्यार के गवाह थे। हम दोनों ही एक साथ झर गये। पानी की बूँदें हमारे शरीर पर पड़ रही थी।

फिर हम वापस कमरे में आ गये और एक दूसरे की बांहों में नंगे ही सो गये। इसके बाद तो हमने खूब चुदाई की।

मेरी कहानी आपको अच्छी लगी या नहीं? अपनी राय और कमेंटस मुझे इस इमेल [email protected] पर मेल करें।

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