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हाय दोस्तो, मेरा नाम राज है और मैं नीमच मध्यप्रदेश में रहता हूँ, मैं पिछले 3 महीने से ये सेक्सी चुत की कहानियां पढ़ रहा हूँ और मुझे भी ये कहानियां पढ़ना अच्छा लगता है. एक दिन मैंने भी सोचा कि क्यों न मैं भी अपनी कहानी आपके साथ शेयर करूँ.
सेक्स की इच्छा हर इंसान को होती है, पर किसी की जल्दी पूरी हो जाती है, तो कोई यूं ही लंड हिलाता रह जाता है. मैं भी उनमें से एक था, जो कब से इस अहसास से दूर था. पर मेरी किस्मत में भी वो दिन आया जिसका मुझे इंतजार था और जब मैंने पहली बार सेक्स किया.
मेरी कहानी आज से एक साल पुरानी है. जब मैं अपने रिश्तेदार के यहां एक शादी में गया था और वहाँ पर शादी के मजे ले रहा था. तभी मेरी नजर वहाँ एक लड़की पर पड़ी, जो शादीशुदा थी और उसकी उम्र लगभग 30 साल की होगी. लेकिन फिर भी क्या गजब की परी जैसी लग रही थी. ऐसा लगा कि बस देखता ही रहूँ. क्या जिस्म था उसका.. और उसके मम्मों को देख कर तो मैं पूरी तरह पागल ही हो गया था कि काश मिल जाए तो मजा आ जाए.
तभी शायद उस लड़की को भी शक हो गया था कि मैं उसे देख रहा हूँ, तो वो मुँह बनाते हुए उठ कर वहाँ से चली गई और मैं देखता रह गया. मैंने सोचा शायद उसे बुरा लगा होगा तो मैं वहीं एक कुर्सी पर बैठ गया.
तभी थोड़ी देर बाद वो लड़की फिर आई और खाने की टेबल की ओर चली गई तो मैं भी उसके पीछे चला गया और खाने की प्लेट लेकर खाना खाने लगा. वो अकेले खाना खा रही थी तो मैं उसके पास चला गया और उसको सॉरी बोला- आपको शायद मेरा देखना पसंद नहीं आया.. परंतु आप मुझे बहुत खूबसूरत लगी थी इसलिए आपको देखता ही रह गया. तभी वो बोली- मैं शादीशुदा हूँ. तो मैंने उसे बोला- शादीशुदा लड़की खूबसूरत नहीं होती है क्या?
यह सुनकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई और बोली- मेरा नाम कविता (काल्पनिक) है और यहाँ शादी में आई हूँ. मैं भी मुस्कुरा दिया. फिर बोली कि आपको मैं कितनी खूबसूरत लगती हूँ? तो मैंने कहा कि इतनी कि बस देखता ही रहूँ. उसने कहा कि ऐसी खूबसूरती किस काम की, जो सिर्फ देखी ही जा सके. उसे तो महसूस किया जा सकता है. मैंने भी ऐसे ही पूछ लिया कि महसूस करने के लिए निकटता जरूरी होती है, क्या हम दोस्त बन सकते हैं? फिर उसने मुझे उसका मोबाइल नंबर दिया और कहा- ठीक है, मुझे काल करना.
शादी से आने के बाद भी मुझे बस वो ही वो दिख रही थी. फिर मैंने उसके दिए गए नंबर पर फोन किया तो उसने बोला कि थोड़ी देर बाद इसी नम्बर पर फोन करूंगी.
फिर उसने शाम को फोन किया तो मैंने काफी देर तक उसके साथ बात की. उसकी बातों से लगा कि वो कुछ परेशान सी थी. जब मैंने पूछा तो उसने बताया कि उसकी शादी को एक साल हो गया है पर मेरे पति मुझे खुश नहीं रख पाते हैं और कभी कभी झगड़ा भी करते हैं. शायद उनकी किसी लड़की से दोस्ती है तो मुझे वक्त नहीं देते हैं. उसकी बातों से मुझे थोड़ा दुःख हुआ और उससे कहा कि सब ठीक हो जाएगा.
फिर उसने बोला- क्या आप कभी मुझसे मिलने आ सकते हो? यह सुनकर मैं तो खुशी से झूम उठा और उसको हाँ बोल दिया. उसने मुझे बुधवार को मिलने के लिए कहा कि मेरी एक सहेली है और हम उसके घर पर मिलेंगे क्योंकि वो दिन में आफिस चली जाती है.
फिर मैं बुधवार को घर से जल्दी निकल गया क्योंकि उसका शहर थोड़ा दूर था. मैं 11 बजे तक उसके दिए हुए पते पर पहुँचा तो वो घर के बाहर खड़ी थी.
मैं तो बस उसे देखता ही रह गया, गुलाबी साड़ी में वो बिल्कुल कयामत लग रही थी. फिर हम घर के अन्दर चले गए. अन्दर जाने के बाद मुझे सोफे पर बैठा कर वो चाय बना कर लाई और हमने साथ में चाय पी. तब तक मैं उसे ही देखता रहा.
वो मुस्कुरा कर बोली- ऐसे क्या देख रहे हो? मैंने कहा- आपकी खूबसूरती देख रहा हूँ, जिसे मैं आज महसूस करना चाहता हूं. तो उसने कहा कि दूर बैठने से भी खूबसूरती महसूस होती है क्या?
उसके मुँह से ये सुनते ही मैं उसके पास चला गया और उसको बांहों में भर लिया. वो भी मेरा साथ देते हुए मुझसे लिपट गई. फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और उसको किस करने लगा. मेरी इस हरकत से वो बेकाबू सी हो गई और सोफे पर बैठ गई.
मैं भी उसके पास बैठ कर उसे चूमने लगा, जिससे उसकी साड़ी नीचे सरक गई थी. मैंने अपने दोनों हाथों से उसे बांहों में ले लिया था और धीरे धीरे मैं अपने एक हाथ से ब्लाउज के ऊपर से उसका मम्मों को दबाने लगा.
क्या कमाल का फिगर था उसका!
फिर मैं उसको वहां से उठा कर बेडरूम में ले गया और बेड पर लिटा दिया. खुद भी उसके ऊपर लेट गया और उसे लगातार किस करता रहा. उसके मम्मों को भी दबाता गया.
फिर मैंने धीरे धीरे उसके ब्लाउज के हुक खोल दिए और ब्लाउज को निकाल दिया. उसने अन्दर गुलाबी रंग की ब्रा पहन रखी थी, जिसमें से उसके दूध के जैसे गोरे मम्मे फंसे से दिखाई दे रहे थे. मैंने बिना देर किए उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और ब्रा को अलग कर दिया. कसम से उसके मम्मों को देख कर मैं पागल हो गया और पूरी ताकत से उसके मम्मों को दबाने लगा.
तभी उसने अपने एक दूध को हाथ में पकड़ कर उसका निप्पल मेरे होंठों पर रख दिया. मैं भी उसके मम्मों को मुँह में डाल कर उसका रस पीने लगा और एक हाथ से दूसरे चूचे को दबाता रहा.
फिर बहुत देर तक मैं उसके मम्मों को दबा कर उनका रस पीता रहा. तब वो बोली- अब देर मत करो, मैं बहुत दिनों से इस चीज के लिए तरस रही हूँ.. प्लीज आज वो तरस पूरी कर दो.
मैंने नीचे से उसकी साड़ी और पेटीकोट को खोल कर निकाल दिया और उसकी लाल रंग की पेंटी को भी निकाल कर अलग कर दी. उसकी चुत एकदम साफ थी. फिर मैंने भी अपनी जींस और अंडरवियर खोल दी, तो मेरा खड़ा लंड देख कर वो बोली कि ये तो मेरे उनसे काफी बड़ा है.. मुझे दर्द होगा. मैंने लंड हिलाया और कहा एक बार ले लोगी तो बार बार लेने के लिए मचलोगी.
फिर मैंने धीरे धीरे उसकी सेक्सी चूत को अपनी उंगलियों से सहलाना शुरू कर दिया तो वो एक मछली की तरह तड़पने लगी और आहें भरने लगी.
मैंने भी देर ना करते हुए उसे सीधे लेटा दिया और उसकी दोनों टांगों को चौड़ा कर दिया. फिर अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर रख कर हल्का सा धक्का दिया तो वो दर्द के कारण तड़प उठी और उसने मेरा हाथ पकड़ लिया.
मैं भी उसके ऊपर लेट कर उसे किस करने लगा. अब मुझे लगा कि उसका दर्द कम हो गया तो देर ना करते हुए एक दो झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया. दर्द से परेशान वो चिल्ला उठी, परंतु मैं भी उसके मम्मों को दबाता रहा और हल्के हल्के झटके मारता रहा. थोड़ी देर बाद जब उसका दर्द कम हो गया तो उसने अपने हाथों से मेरी कमर को पकड़ लिया और वो भी मेरा साथ देने लगी.
इसी के साथ मेरा जोश और उत्साह भी बढ़ गया और मैंने जोर से झटके मारना शुरू कर दिए.
मेरे इन झटकों से उसे कितनी खुशी मिल रही थी, यह उसकी आह भरी सिसकारियों में महसूस कर रहा था. पूरा कमरा उसकी सिसकारियों से गूँज रहा था. मेरे झटकों से उसके मम्मे ऊपर नीचे हो रहे थे. इससे उसे और भी मजा आ रहा था.
वो मुझसे बोली- ओह राज, कितने दिन से मैं इस खुशी के लिए तरस रही थी, जो मुझे आज तुमसे मिली है, क्या तुम आगे भी मुझसे मिल सकते हो? मैंने भी हाँ कर दी क्योंकि मुझे पहली बार किसी लड़की के साथ ये मौका मिला था तो उसे गँवाना नहीं चाहता था.
फिर करीब 20 मिनट के बाद उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और जोर जोर से आह भरने लगी. मैं समझ गया कि वो अब झड़ने वाली है तो मैंने और तेज झटके लगाने शुरू कर दिए. फिर थोड़ी देर बाद वो झड़ गई, पर मैं अभी भी नहीं थका था और वैसे ही झटके लगाए जा रहा था.
कुछ मिनट के बाद मैं भी झड़ गया और बांहों में भर कर उसे किस करने लगा. बहुत देर तक हम ऐसे ही चिपके रहे, फिर हमने कपड़े पहने.
मैं मार्केट जाकर खाना लाया. हमने साथ में खाना खाया. उस दिन हमने 3 बार और सेक्स किया, जिसमें दोनों को खूब मजा आया.
उसके बाद 6 महीने तक मैंने उसके साथ सेक्स का मजा लिया और उसकी सेक्सी चुत को भी दिया. पर फिर बाद में उसके पति की नौकरी कहीं दूर शहर में हो गई तो हम मिल नहीं पाए और इसी तरह मुझे फिर सेक्स के लिए मौका नहीं मिला.. जोकि शायद मैं अब भी चाहता था.
दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी? अपने सुझाव मुझे जरूर भेजें. मेरी मेल आईडी है. [email protected] या मुझे फेसबुक पर मैसेज करें. Raj Neemuch धन्यवाद.
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