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अब तक की मेरी इस चुदाई की कहानी में आपने पढ़ा कि मेरी मौसी का लड़का लाल जी भी मुझसे पट गया था और हम दोनों चूमा चाटी में लग गए थे. मैं उसके लंड की मुठ मारने लगी थी और वो मेरी चुत रगड़ने लगा था. इसी बीच पीयूष भी हमारे साथ शामिल हो गया. उसने मुझसे पहले खेल शुरू करने का कहा तो मैंने उससे अपनी चुदास जाहिर करते हुए पहले एक बार सेक्स करने करने की कह दी.
अब आगे..
तब मैं बोली- ठीक है पीयूष, पर अभी मेरा बहुत दिल कर रहा है… बस 5 मिनट के लिए आ जाओ या इंतजार करो. मुझे कुछ हो रहा है पहले जल्दी से कर लो मुझे, फिर तुम्हारा दोस्त भी आ रहा है, तो जैसे ही वह आएगा अपन तीनों खेल शुरू करेंगे, फिर सुहागरात वाला खेल भी खेलेंगे.
तब जाकर पीयूष बोला- ठीक है जैसा तुम बोलो, मेरा भी तुम्हें देख कर बहुत मन करने लगा है. ये कहते हुए पीयूष अपना पैन्ट खोलने लगा. मैं बोली- पूरा पैंट मत उतारो, कोई आ गया तो खेल खराब हो जाएगा. पीयूष बोला- आने दो.. बस 5-10 मिनट की तो बात है.. चलो जल्दी जो भी है कर लेते हैं.
ऐसा कहकर पैंट उतार कर पीयूष सिर्फ अंडरवियर में आकर मेरे पीछे से चिपक गया और बोला कि वन्द्या थोड़ी देर के लिए पेटीकोट पूरा उतार दो. मैं बोली- तुम ही खोल दो. वह बोला- लालजी मामा, आप थोड़ा 2 मिनट रुक जाओ.
लालजी रुक गया, पीयूष मेरे पेटीकोट की गांठ को खोलने लगा, साथ ही मेरी नाभि को भी चूमने लगा. वो बोला- वन्द्या, तुम बहुत बड़ी सेक्सी आइटम हो, आज तक इतनी सेक्सी नाभि और ब्लाउज में इतने मस्त चूचे मैंने आज तक नहीं देखे, तुम्हारी कमर बहुत सेक्सी है. यह कहते हुए उसने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, पेटीकोट नीचे खिसक कर गिर गई.
अब मैं लालजी और पीयूष के सामने सिर्फ ब्लाउज और पैंटी में खड़ी थी. उधर लालजी का लौड़ा ज़िप से बाहर निकला था, वह बहुत ही बड़ा और बड़ा मोटा भी था.
इतने में लालजी ने भी अपने पैन्ट का बेल्ट और बटन खोल कर पैन्ट को नीचे उतार दिया और टीशर्ट भी उतार दी. वो नीचे बनियान नहीं पहने था तो लालजी सिर्फ अब अंडरवियर में मेरे सामने हो गया. पीयूष भी अंडरवियर और ऊपर शर्ट में था, तो वह भी अपने शर्ट की बटन खोलने लगा और उसने भी शर्ट को उतार दिया.
इसके बाद पीयूष ने अपना अंडरवियर उतार फेंका, उसका लंड लंबा था, पर पतला था, पीयूष नया लड़का था, पर लालजी मेरे बराबर का था. मैं दोनों के लंड की तरफ देखने लगी. तभी लालजी बोला- तुमने हिंदी ब्लू फिल्म मोबाइल में देखी है? तो पीयूष बोला- सारा दिन लालजी भैया यही करता हूं.
तब लालजी बोला- फिर तो ठीक है.. मैं भी पोर्न फिल्म बहुत देखता हूं, आज मैं वन्द्या की गांड मारूंगा और चोदूंगा. वन्द्या की गांड चूत से भी ज्यादा जबरदस्त है. क्या मस्त सेक्सी चिकनी उठी हुई गांड है.. अहहह आहहहह.. मैं बहुत लकी हूं जो आज इस मौके पर आ पहुंचा. पीयूष तुम आगे से इसकी चूत में लंड डाल लेना.. चलो दोनों शुरू हो जाते हैं. लालजी बोला- वन्द्या, चल हम दोनों का लौड़ा चूस, जैसे फिल्मों में अंग्रेजों के लंड लड़की चूसती हैं.
लाल जी ने अपना अंडरवियर उतार दिया और पूरा नंगा हो गया. मेरी आंख में बिल्कुल अलग सा सेक्स का नशा चढ़ गया था. वे दोनों आए और मुझसे लिपट गए. लाल जी बोला- अब यह तेरी पैन्टी उतारते हैं वन्द्या.. मुझे तेरी चूत देखनी है.
वह मेरी पैंटी उतारने लगा. जैसे ही पैन्टी नीचे खिसकाने लगा, नीचे मेरी कुंवारी चूत दिखी तो लालजी ने सीधे मेरी चूत में अपने होंठ रख के चुम्मी ले ली. वो बोला- आह बहुत मस्त खुशबू है वन्द्या तेरी चूत की.. उंहहहह ओह..
लालजी बोला- वन्द्या तुम बताओ कि तुम्हें प्रॉब्लम तो नहीं होगी क्योंकि तीन तीन नए लड़कों को झेल लोगी.. उनसे चुदाई करवा लोगी? मैं बोली- मुझे तो दो से चुदवाने का मन तो पहले से ही था.. तुम आ गए तो अब देख लूँगी यार. पहले तो सिर्फ मैं और पीयूष खेल रहे थे, फिर उसने अपने दोस्त का बताया, तो मैं ही बोली कि पीयूष को कि बुला ले अपने दोस्त को, इतने में तुम आ गए. मैं जो सेक्स की कहानी पढ़ती हूं और जो मैंने मैगजीन देखी है, उसमें एक लड़की एक बार में तीन चार पांच मर्द तक से एक साथ करवा लेती है और बहुत इंजॉय करती है. इसलिए मेरा भी ऐसा करने का बहुत मन होने लगा, मैंने सोचा भी नहीं था ये सब.. बस अब मुझे पागल कर दो और जो भी मेरे अन्दर हो रहा है, उसे शांत कर दो.
इतना ही मैंने कहा कि तभी लालजी बोला- यहां कुछ बिछाने के लिए होगा. तो मैंने कहा- हां, वहां देख नीचे एक रजाई रखी है, उसे बिछा ले, फिर झाड़ देना.
लालजी ने रजाई को लाकर वहीं फर्श पर बिछा दिया और मुझसे बोला- चल वन्द्या, तू रजाई में लेट जा, आज तुझे चोद चोद कर पागल कर दूंगा. वो मेरी कमर पर हाथ रख कर एक हाथ मेरे ब्लाउज में से दूध दबाते हुए मुझे दो कदम पर बिछी रजाई पर ले गया. वो बोला- वन्द्या तू बहुत सेक्सी माल है, मैंने कभी सोचा नहीं था, पर आज तुझे ऐसा देखकर मैं पहली नजर में पागल हो गया.
लालजी मेरे होंठ चूमते हुए रजाई में पकड़ कर मुझे लिटाने लगा. जैसे ही मैं सीधी लेटी तो पीयूष बोला- अब सुन वन्द्या.. हम तीनों बहुत गंदी गालियां और गंदी बातें करेंगे.. इसी में बहुत मजा आता है. जैसे स्टोरी में या फिल्म में होता है. मैंने भी कहानी में माँ भैन की गालियां देते हुए चुदाई की स्टोरी को पढ़ा था. मैंने हां में सिर हिलाया और बोली- मुझे भी ऐसा ही मन करता है.
लालजी और पीयूष दोनों मेरे साथ बिस्तर में लेट गए. मुझे बीच में लिटा दिया और दोनों अगल-बगल लेट गए. अब मेरे बदन पर सिर्फ ब्लाउज था और मैं पूरी नंगी थी. मेरे सामने तरफ पीयूष बैठ गया और पीछे लाल जी दोनों मेरे बदन से चिपक गए. दोनों के लंड मेरी जांघों में चुभने लगे.
तभी पीयूष बोला- मामा, आज यह हम दोनों की बीवी है. ऐसा वन्द्या ने खुद बोला हुआ है. तब मैं बोली- हां, दो की नहीं तीन की बीवी हूं.. तुम्हारे आने वाले दोस्त की भी हूँ, पर अभी तुम दोनों की हूं. तो लालजी बोला- वन्द्या तू अभी बीवी नहीं, तू अभी हमारी रंडी है.. बीवी जब शादी का खेल खेलेंगे तब बनेगी कुतिया.
मुझे यह बात जाने क्यों अच्छी लगी पीयूष भी बोला कि वन्द्या यह बहुत मस्त माल है साली.. अभी इसे हम रंडी बनाकर चोदेंगे. मैं लाल जी को बोली- लाल जी तुम बहुत मस्त मर्द हो! और पीयूष को कहा- एक बार अपने दोस्त को और जल्दी से फोन लगा दे भोसड़ी के.
पीयूष ने फोन उठाया और अपने दोस्त को लगाया. वह बोला- बस रास्ते में हूं 10 से 15 मिनट में पहुंच जाऊंगा. लालजी बोला- जब तक उसे टाइम लगेगा आने में.. अपन एक राउंड चुदाई का कर देंगे.
बस उन दोनों एक साथ मुझे चूमना शुरू कर दिया. लालजी मेरे पीछे तरफ आके मेरे पैर की एड़ी से मुझे चूमने लगा और चाटने लगा. पीयूष मेरे माथे से शुरू हो गया. पहले मेरे माथे को फिर मेरी आंखों को फिर मेरे नाक को चूमने लगा.
पीयूष बोला- वन्द्या, तेरी नाक बहुत सेक्सी है.. इतनी सेक्सी नाक और अच्छी बनावट की मैंने किसी हीरोइन की भी आज तक नहीं देखी.. लगता है वन्द्या तेरे नाक में लंड डाल दूं.
वो नाक चूसता रहा, चूमता रहा. ये बात हर कोई कहता है कि मेरी नाक बहुत खूबसूरत और बहुत ज्यादा सेक्सी लगती है. फिर उसने मेरे होंठों को चूमा और चूसने लगा. मैं बहुत गर्म होने लगी. मैंने पूरा मुँह खोल दिया तो पीयूष मेरी जीभ को अपनी जीभ से चाटने लगा और अपने होंठों से चूसने लगा. मैं भी पीयूष की जीभ को चूसने लगी और उसके होंठों को अपने दांतों से काटने लगी. मैंने उसे ज़ोर से कस के अपनी बांहों में दबा दिया.
तभी लालजी मेरे पीछे से जांघों को चूमते हुए मेरे पीछे गांड के छेद तक पहुंच गया और अपनी जीभ को जैसे ही मेरी गांड में टच कराया, मैं बिल्कुल अकड़ गई. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था, वह पूरी गांड को अपनी जीभ से चाटने लगा.
लालजी बोला- साली वन्द्या, तेरी गांड बहुत बहुत हॉट है.. भैन की लौड़ी क्या उठान है तेरे चूतड़ों के.. काश और पहले तुम मुझसे खुल जातीं तो हम आज तक में हम दोनों कितनी बार मस्त चुदाई कर चुके होते, पर कोई बात नहीं तुमसे सेक्सी कोई नहीं है.. बहुत हॉट हो. तुम्हारी गांड को वन्द्या जो भी देखेगा, वह भोसड़ी का पागल हो जाएगा और तुझे चोदे बिना नहीं रह पाएगा.
मुझे लाल जी की यह बात बहुत अच्छी लगी. फिर लालजी मेरी पूरी गांड को मस्ती से चाटता रहा और वो मेरी गांड के छेद में अन्दर तक जीभ घुसाए दे रहा था. मैं उछल उछल पड़ती थी, जाने क्या हो रहा था, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था.
इधर अब मेरे ब्लाउज के ऊपर से ही पीयूष मेरे मम्मों को जोर से अपने हाथों से दबाने लगा. पहली बार मुझे दूध दवबाने से इतना अच्छा लग रहा था.
मैं बोली- अओह.. पीयूष और जोर से दबाओ न साले दबा और जोर से.. उंहहह आहहहह.. लालजी बोला- पीयूष, वन्द्या का ब्लाउज खोल दे. अब ब्लाउज का कोई काम नहीं.
पीयूष ब्लाउज के बटन खोलने लगा और जैसे ही ब्लाउज की बटन खुले, अन्दर मैंने कुछ नहीं पहना था, तो दूध बिल्कुल नंगे हो सामने आ गए. पहली बार पीयूष और लालजी ने मेरे खुले नंगे मम्मों को देखा, दोनों ने लगभग एक साथ कहा- आह.. वन्द्या क्या मस्त बूब्स हैं तुम्हारे.. क्या गजब कड़क चूचे हैं, बहुत सेक्सी रांड हो.
यह कहते हुए पीयूष ने ब्लाउज को उतार फेंका. मैं अब बिल्कुल पूरी तरह नंगी हो चुकी थी. मेरे बदन में एक भी कपड़ा नहीं था. उन दोनों ने भी अपने बनियान उतार फेंकी. अब हम तीनों पूरे नंगे हो चुके.
इतने में लालजी मेरे सामने तरफ हाथ करके एक उंगली मेरी चूत में रखकर अन्दर जैसे ही घुसाने लगा. मैं चीख उठी, मैं बोली- आह.. अब मुझसे नहीं बर्दाश्त हो रहा, तुम दोनों ने क्या कर दिया कि मैं मदहोश हो गई. इधर एक हाथ से लालजी और एक हाथ से पीयूष मेरे मम्मों में चलाने लगे, दोनों एक एक चूचे को दबा रहे थे.
तभी मैं अपने हाथ उधर करके उन दोनों के लंड को ढूंढने लगी. मैंने पीयूष का लंड पकड़ा और हाथ से रगड़ने लगी. इतने में लाल जी ने अपनी उंगली मेरी चूत में घुसा दी. दर्द से मैंने जोर से पीयूष का लौड़ा दबा दिया. वह चीख उठा- क्या कर रही है वन्द्या रंडी क्या लंड तोड़ देगी.. माँ की लौड़ी. उधर लालजी बोला- ले मादरचोद वन्द्या.. पहले मेरा लंड चूस. वो पीयूष को बोला- पीयूष तू वन्द्या की चूत को चाट.. बहुत टेस्टी है.. बहुत गर्म है, देखना तेरी जीभ ना जल जाए.
लालजी ने मेरी पीठ को चाटते हुए मेरे मुँह के सामने अपना लंड ला दिया. उसका बहुत ही बड़ा लंड था. मेरे हाथ की कलाई के बराबर मोटा और आठ इंच लंबा लंड मेरे मुँह के सामने आ गया. मैंने उसके लंड को अपने हाथ से पकड़ लिया. जैसे ही लालजी के लंड के सुपारे की चमड़ी को नीचे खींचा उसका लाल गुलाबी आंवला जैसा सुपारा मेरे सामने आ गया. मैंने सुपारे को ऊपर नीचे किया. उसके लंड की एक बहुत ही अजीब सी खुशबू मेरे नाक में समा गई.
तभी नीचे पीयूष मेरी चूत को अपने जीभ से चाटने लगा, तो मैं एकदम जोश में लालजी का लौड़ा अपनी जीभ से चाटने लगी. लालजी मेरे बाल पकड़ कर अपना लौड़ा मेरे मुँह में घुसाने लगा. लालजी का लंड इतना मोटा और बड़ा था कि वो एक बार में मेरे छोटे से मुँह में घुस ही नहीं रहा था.
मैं बोली- लालजी इतनी कम उम्र में तेरा लंड इतना बड़ा कैसे हो गया? कुछ दवाई खाता है क्या.. या लंड की मालिश करता है?
मेरी यह सेक्स भरी चुदाई की कहानी आपको कैसी लग रही है, आप अपने मेल मुझे भेज सकते हैं. [email protected] कहानी जारी है.
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