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इस सेक्स कहानी के पिछले भाग मेरी अंतरंग डायरी: मेरी सेक्सी बहन की वासना-1 में आपने पढ़ा:
मेरी बहन मुझसे अपनी चूत चुदवाने के बाद बोली- क्यूँ भाई, तू तो बहनचोद बन गया आज? मैं बोला- काहे की बहन, ना तो हमारी माँ एक है, ना ही पिता. मैं ऐसे रिश्ते नहीं मानता. तूने धोखे से मुझे गर्म कर दिया, वरना मैं ये ऐसा कभी ना करता! वो बोली- खुली चूत देख के जिसका लंड ना मचले, वो मर्द नहीं! मैं बोला- हाँ, जब तूने मेरी पट्टी हटाई, चेहरे के सामने तुम्हारी शानदार चूत देख कर मान मर्यादा सब भूल गया. वो बोली- और तेरा मोटा मूसल देख के मैं सब भूल गयी. अब तो घर में ही दुनिया का सबसे शानदार लंड हाज़िर है. मज़ा आ जाएगा. मैं बोला- नहीं, बार बार ऐसे करना ठीक नहीं. डैड को पता चल गया तो वो बहुत दुखी होंगे. वो बोली- दुखी? उन्हें तो हार्ट अटॅक आ जाएगा. सही कहा तुमने, हमें कंट्रोल में रहना चाहिए. उसने अपने कपड़े पहने और मुझे गुडबाइ किस किया, बोली- ऐसा नहीं होना चाहिए था. मैं बोला- शायद!! और वो चली गयी.
मैं बाहर जाकर मिसेज़ रानी को गोद में उठा अंदर लाया. मैंने रूम अंदर से बंद कर लिया और दोनों साथ में सो गये चादर डाल के! सुबह किसी ने दरवाज़ा नॉक किया. साथ ही रामू काका की आवाज़ आई. मैं डर गया. मिसेज़ रानी अभी भी नंगी सोयी हुए थी, मैं बोला- काका अभी टायलेट में हूँ, थोड़ी देर बाद आना. वो चले गये.
मैंने मिसेज़ रानी को जगाया, वो अपना सर पकड़े उठी, बोली- हैंग ओवर से सर फटा जा रहा है. मुझे चलना चाहिए अब! मैंने ओला कैब बुक कर दिया, वो कपड़े पहन कर पीछे के दरवाज़े से निकल गयी. जाते हुए मुझसे बोली- किसी दिन फ़ुर्सत से बचा हुआ काम पूरा करूँगी. मैं सिर्फ मुस्कुरा दिया.
तैयार होकर मैं ब्रेकफास्ट के लिए टेबल पे बैठा. वहाँ डॉली और उसकी माँ पहले से बैठी थी. मैं मुस्कुराते हुए डॉली को गुड मॉर्निंग बोला. उसने वही पहले जैसे रूखा सा जवाब दिया. वो टेबल पे ऐसे व्यवहार कर रही थी जैसे कल कुछ हुआ ही नहीं हमारे बीच… वही उसका पुराना रयूड सा बिहेवियर मेरी ओर…
मुझे हैरानी हुई. सारा दिन उसका बिहेवियर वेसा ही रहा जैसे पहले हर दिन होता था. मुझे वो फिर पहले वाली डॉली दिखने लगी. लड़कियों का नेचर आप कभी प्रिडिक्ट नहीं कर सकते. कल रात जो लड़की मेरे लंड पे उछल उछल के चुद रही थी, आज ऐसे जैसे कुछ हुआ ही ना हो.
मैं अपने कमरे में जा के नेट ब्राउज़ करने लगा. फेसबुक पे देखा कि कीकु ने फ्लाइयिंग क्लब ज्वाइन कर लिया, वो शुरू से पाइलट बनाना चाहता था.
किसी तरह दिन कटा. डाइनिंग टेबल पर पूरा परिवार साथ बैठा था. डॉली मेरे बगल वाली कुर्सी पर थी. उसका बिहेवियर बाकी दिन जैसा ही था, ना कुछ बातचीत, ना हाय हेलो… सारा दिन में उसी के बारे में सोच रहा था. मैं अब उसे पहले की तरह हेट नहीं करता था, कल के बाद सब बदल गया मेरे अंदर. लेकिन उसके बिहेवियर से मैं पागल हुए जा रहा था.
मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसके जाँघ पे रखा, टेबल के नीचे से. उसने मेरा हाथ हटा दिया. मैं खाना खाकर अपने कमरे में चला गया और सोने की कोशिश कर रहा था मगर अपनी सौतेली बहन डॉली के बर्ताव की ओर दिमाग़ जा रहा था. मैंने सोचा, उससे बात करनी पड़ेगी मुझे.
उसका बेडरूम भी मेरी तरह पहले फ्लोर पे था, मैं उसके कमरे के दरवाजे पर गया, दरवाजा थोड़ा सा खुला था, वो बेड पे लेटी सोई हुई थी, उसने सफेद पैंटी और सफेद बनियान जैसी टॉप पहनी हुई थी. दरवाजे से मेरी बहन के बड़े बड़े हिप्स ही दिख रहे थे.
मैं धीरे से रूम में गया, और उसकी जाँघ पर हाथ रखा कर हिला कर देखा, वो पूरी नींद में थी. उसकी चिकनी जाँघ पर हाथ रखते ही मुझे कल की याद आ गयी. उसकी यही सुडौल गान्ड मेरे कमर पे थप थप कर रही थी. मैं अपना हाथ उसके चूतड़ों की ओर ले गया, उन्हें सहलाने लगा. मेरा दिमाग़ अब कल वाले मोड में जा रहा था.
मैं बेड पे चढ़ के उसके पास गया, उसे पास से देखा. उसने ब्रा नहीं पहनी थी, उसके खड़े हुए चूचुक टॉप से दिख रहे थे.. वो बाईं करवट सोई थी. बहुत ही प्यारी लग रही थी ऐसे सोये हुए वो!
मैं पीछे हटा और उसके कूल्हों को सहलाने लगा. धीरे से उसकी गान्ड भी चूम ली. कल जो मुझे बिच (कुतिया) लग रही थी, आज उतनी ही प्यारी लग रही थी. मैं धीरे से अपना सर उसकी दोनों जांघों के बीच ले गया. उसकी चूत की भीनी खुशबू मुझ तक आने लगी. मैं उसे जगाना नहीं चाहता था, बस प्यार करना चाहता था.
पैंटी के ऊपर से ही मैंने उसकी गान्ड चूम ली. अब मुझ से रहा नहीं जा रहा था, मैं और पास जाके उसके पेट पे हाथ फिराने लगा. उसकी नाभि से होते हुए अपना हाथ धीरे से उसकी पैंटी में डाला. मेरा हाथ अब उसकी चिकनी चूत पे था. मैंने सहलाना शुरू किया, थोड़ा ‘उन्ह उन्ह…’ की आवाज़ करी उसने तो मैं रुक गया. वो अभी भी सोई थी, शायद कोई सेक्सी सपना देख रही थी. मैंने उसकी प्यारी सूरत देखी, उसके कान को किस कर लिया.
उसने गर्दन उचकाई और जाग गयी. अचानक किसी को पास देख वो झट से दूर हटी, वो बोली- अरे तुम कब आए? मैं बोला- अभी ही… तुम्हें सोती देख जगाया नहीं, तुम्हारे उठने का वेट करने लगा. वो मुस्कुराई, बोली- अच्छा! तो सुबह तक ऐसे ही वेट करने का इरादा था क्या? मैं बोला- हां शायद!
वो बोली- अच्छा जी, तो मेरे बेड पे क्यूँ आए? मैं बोला- तुम्हारी खूबसूरती निहारने! वो बोली- क्यूँ? कल ही तुमने बोला, सही नहीं हुआ तो अब क्यूँ आए? मैं बोला- तुम्हारा बिहेवियर रयूड था दिन भर मेरे साथ. मैं हर्ट था, बात करने आया था.
वो बोली- तुम लड़के भी ना, बड़े बुद्धू होते हो. अचानक से क्या मैं माँ के सामने फ्रेंड्ली हो जाती. उन्हें अजीब नहीं लगता. कहाँ हम कभी बात भी नहीं करते थे. और वो तुम क्या बेवकूफी कर रहे थे डाइनिंग टेबल पे? मैं बोला- सॉरी. तुमसे दूरी बर्दाश्त नहीं हो रही थी. दिन भर तुम्हारे बारे में ही सोच रहा था.
वो मुस्कुराई- इतना मत सोचना, प्यार ना हो जाए कहीं अपनी बहन से ही! मैं भड़क गया- तुम मेरी बहन नहीं हो! वो हँसने लगी- ओह, लगता है मैंने कुछ ज़्यादा ही तड़पा दिया दिन में… मेरे पास आओ!
मैं बेड से उठ कर उसके पास गया. वो बोली- सच बोलूं तो मैं तुम्हें ही सपने में देख रही थी. मैं मुस्कुराया. उसने मेरे उंगली पकड़ी और सोफे की तरफ मुझे ले जाने लगी. फिर उंगली छोड़, मेरी ओर पलटी, इशारा कर मुझे अपनी ओर बुलाया.
मैं पास गया वो मुझे किस करने लगी. मैंने अपनी दोनों बांहें उसकी कमर पे डाली और उसके कामुक बदन को सहलाने लगा. उसके तने हुए चूचुक टॉप के ऊपर उभरे साफ दिख रहे थे. मैंने उसका टॉप उपर उठाया और उसके बूब्स बाहर निकाल लिए.
उसने मुझे किस करते अपने हाथों से मेरे हाथ नीचे कर दिए और अपने बूब्स टॉप्स से फिर छिपा लिया. मुझे आज उसका दूसरा ही रूप दिख रहा था… बड़ा ही प्यारा. मैं जब ही टॉप ऊपर करने लगता, वो उसे नीचे कर देती.
मैंने अब टॉप के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए. उसका पके आम जैसे बूब्स प्यार से दबाने लगा. हमारे चूमने की आवाज़ रूम में सुनाई दे रही थी. उसने फिर मेरे हाथ अपने बूब्स से हटा दिया और मुस्कुराई. मैं अपने हाथ से उसकी पीठ सहलाने लगा. प्यार से मैं उसे स्मूच किए जा रहा था.
अब मैं सोफे पे बैठ गया और उसे अपनी जांघों पे बिठा लिया. उसका चेहरा पास लाकर उसके सुर्ख गुलाबी होंठों को चूमने लगा. मैंने फिर उसका टॉप उठाने की कोशिश करी, उसने फिर से नीचे कर दिया.
मुझे इस प्यार भरे गेम में मज़ा आने लगा. मैंने इस बार थोड़ा ज़ोर लगाकर उसका टॉप उपर किया, उसके बूब्स अपने मुँह में ले लिए. वो आह कर बैठी, अब वो मुझे नही रोक रही थी. मैंने उसके दोनों बूब्स हाथ में लिए और बारी बारी उन्हें चूसने लगा.
उसने अब खुद से अपनी टॉप निकाल दी, वो सिसकारी मार मार कर मेरे चूसने का मज़ा लेने लगी. मैंने उसके निप्पल अपने दांतों से धीरे से दबाना शुरू कर दिया. वो और गर्म हुए जा रही थी. वो अपने होंठ काटते हुए, उम्म उम्म की आवाज़ें निकाल रही थी.
मैं उसे दोनों बांहों में उठा कर खड़ा हुआ और उसे बेड पे लिटा दिया. उसके पैर को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. फिर उसके ऊपर जाकर उसके बूब्स दबाते उसे किस किया. मैंने अब अपने हाथ उसके पैंटी पर डाले और उसे निकालने की कोशिश करी लेकिन उसने अपनी पैंटी ज़ोर से पकड़ ली. वो मुझे भड़काये जा रही थी. उसने मेरे हाथ पैंटी से हटाए और अपनी ओर खींच कर स्मूच करने लगी.
मुझे उस पर बहुत प्यार आ रहा था. किसी तरह मैंने नोकझोंक करते उसकी पैंटी उतारी. उसकी दोनों टाँगें ऊपर करके उसकी चूत में उंगली करने लगा. साथ ही उसके चूत के दाने चाटने लगा. वो ‘आहह आहह उम्म उम्म…’ कर के सिसकारियाँ मार रही थी. वो बोली- आह, अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा. उसने अपनी दोनों टाँगों से मेरे सर को पकड़ के चूत पे दबा दिया, बोली- उम्म!!! चोद दो मुझे!
मैंने अपनी जीभ उसके चूत में डाल दी और उसे जीभ से चोदने लगा. वो इतना गरम हो चुकी थी, उसका पूरा रस में मुँह में आ रहा था.
मेरा लंड अब हिचकोले मार रहा था. मैंने उसे उठा के खड़ा किया, उसकी एक टाँग उठा कर बेड में किया और उसे थोड़ा झुकाया, इसी पोज़िशन में मैंने अपना लंड उसके चूत के मुहाने पे सेट किया. चूत इतनी गीली थी, लंड घप्प से अंदर चला गया. वो चिंहुक उठी.
मैंने अब दनादन लंड पेलना शुरू कर दिया अपनी बहन की चूत में! वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ मार रही थी- उहह!! ओहोहो!! उम्म!!! उसे मैंने अब बेड पे लिटा दिया, उसकी एक टाँग उठा के गान्ड के छेद का फैलाया, और धीरे से अपने लंड का टोपा घुसा दिया. मैंने उसके दोनो बूब्स पकड़े और लंड उसकी गान्ड में पूरा घुसा कर बहन की गांड मारनी शुरू कर दी.
वो उम्म उम्म कर रही थी, सिसकारियाँ ले रही थी. मुझे उसकी सूरत देख बहुत प्यार आ रहा था. मैं झुका और उसकी दोनों टाँगों को बॉडी से चिपका कर उसे कमर से पकड़ के बेड से उठा लिया. अब उसका चेहरा मेरे सामने था. मैंने उसे ऐसे ही गोद में उठाए गान्ड मारने लगा. उसे स्मूच करते उसे तेज़ी से चोदने लगा.
अब उसे बेड पे लिटाया, और उसके चूत में अपना लंड डाल दिया. उसकी चूत आग की भट्टी बन चुकी थी. वो ‘फक मी हार्ड… चोदो मुझे… फाड़ दो मुझे!’ बोल के सिकसकारियाँ भरने लगी. वो ज़ोर से चिल्लाई- आह! मैं छूटने वाली हूँ. हार्डर हार्डर!
मैं और ज़ोर धक्के मारने लगा. उसकी चूत के रस से मेरी झान्टें भी भीग गयी. वो आह आह कर काम्पी और उसके चूत ने लावा छोड़ दिया. इसी बीच मैं भी चरम पर पहुँच गया और मैंने पूरा रस बहन की चूत में उड़ेल दिया.
मैं उसकी बगल में जाकर लेट गया और गहरी साँस लेने लगा. वो पलट के मेरे छाती पे अपनी ठोड़ी गड़ा के मुझे देखने लगी. वो इतनी प्यारी लग रही थी. आज उसका ऐसा रूप देखा, मुझे उससे प्यार हो गया. मैंने उसकी दोनों बाजू पकड़ी और उसे अपनी ओर खींचा, धीरे से उसे किस करते बोला- आई एम फॉलिंग इन लव विद यू!
उसने बोला- डोंट… इट विल ओन्ली हर्ट अस बोथ. लेट्स जस्ट हॅव फन अंटिल वी केन. कीप एमोशन असाइड.(ना ना… इससे हम दोनों का नुकसान होगा. जब तक हम करा सकते हैं, मजा लेटे रहेंगे. भावनाओं को बीच में मत लाओ!)
उसके मुँह से ऐसी बातें सुन मेरा प्यार और बढ़ रहा था. मैंने अपने दिमाग़ पे कंट्रोल किया, मन ही बोला ‘सी इज़ राइट!’ (ये सही कह रही है!)
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