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दोस्तो, मैं राजवीर देहरादून से… कैसे हैं आप सब! आप सब ने मेरी पिछली सेक्स स्टोरी कामुकता भरी नारी के जिस्म का भोग पढ़ी, आप में से काफी पाठकों के मेल प्राप्त हुए, अच्छे लगे पढ़ कर, कुछ फालतू के मेल भी थे जो गालियों से लिप्त थे, उन पाठकों के लिए यही कहूंगा- सेम टू यू!
खैर दोस्तो, आज मैं आपको एक कामुक स्त्री की कहानी सुनाऊंगा। जिसमें से कुछ कहानी संजू ने मुझे बताई है जो इस कहानी का ही पात्र है और बाकी जो मेरे और उस कपल के बीच घटित हुई। वैसे मेरी नज़र में हर स्त्री कामुक है अगर वह बोल्ड हो जाये तो!
यह कहानी है जयपुर के एक कपल की, उनका नाम संजू मंजू है। संजू 38 साल और मंजू 35 साल की है। संजू एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता है और मंजू 35 साल की हाउसवाइफ है। उनके 2 बेटे भी हैं जो 4 और 7 साल के हैं।
संजू से मेरी बात मेल में ही हुई थी। संजू ने मेरी कहानी पढ़ी थी, इसलिये संजू ने मुझसे अपनी फेंटेसी बताई कि वो अपनी पत्नी को किसी और से चुदता हुआ देखना चाहता है। मुझे बहुत अच्छा लगता है जब कोई स्त्री या पुरुष अपनी फीलिंग्स मेरे सामने रखता है.
सेक्स ही सब कुछ नहीं होता स्त्री पुरुष की फीलिंग्स भी मायने रखती है। और मेरा नमन है हर उस पुरुष को अपनी बीवी को उसके शाररिक सुख के लिए किसी और से चुदवाने में पीछे नहीं रहते जिससे कि उनकी बीवी नये नये लिंग के मजे ले सके और उन्हें चुदती देखकर खुद को संतुष्ट कर लेते हैं.
लेकिन संजू की एक समस्या थी कि वो तो अपनी पत्नी को किसी और पुरुष के साथ सेक्स करता देखना चाहता था। किंतु उसकी पत्नी मंजू इन सब के लिए तैयार नहीं थी… होती भी कैसे… कोई भी भारतीय नारी गैर मर्द के साथ सेक्स लिए एकदम से हाँ नहीं बोलेगी।
संजू की बात सुनकर मैंने उन्हें देहरादून आने का सुझाव दिया। जिस पर संजू बोला आ तो हम दोनों जायेगें, लेकिन होगा कैसे मंजू नहीं मानी तो क्या होगा? मैंने संजू को समझाया कि जब भी मंजू के साथ सेक्स करते हो तो मंजू से दूसरे पुरुष के साथ संबंध बनाने के लिए उत्तेजित किया करो। जब मंजू अपने चरम पर हो तो उस समय उसको बोला करो कि जान तुम बहुत सेक्सी हो मैं थक गया हूँ, अब किसी और को बुला लूं क्या?
संजू ने ऐसी ही किया. अगले दिन संजू मुझे मेसेज कर बोला- यार, ऐसा सुन कर तो वो चिढ़ गयी, करने भी नहीं दिया। मैंने उसे भरोसा दिलाया कि बस कुछ दिन उसे ऐसे ही छेड़ो वो भी तब जब उसका होने वाला हो वो धीरे धीरे मजे लेने लगेगी।
आगे की कहानी संजू के शब्दों में:
मैं अगले आफिस से घर पहुँचा तो मंजू ने अभी भी मुँह फुलाया हुआ था। मैंने डिनर किया और चुपचाप लेट गया।
मंजू किचन का काम खत्म करके कमरे में आई और नाइटी पहनने लगी। उसका जिस्म देख कर मैं फिर से उसको किसी और से चुदवाने की कल्पनाओं में खो गया।
अचानक रजाई हिली तो ख्याल टूटा देखा तो मंजू रजाई ओड़ कर मेरी तरफ पिछवाड़ा कर लेट गयी है। मैंने उसे उठाया और पूछा- क्यों नाराज हो? मंजू- आप ये सब मत बोला करो, मुझे पंसद नहीं है.
मैंने उसे समझाया- मैं कौन सा असली में कर रहा हूँ? ये तो बस मस्ती है पगली ताकि तुमको मज़ा आ जाये। मंजू- मुझे कोई मज़ा नहीं लेना, मैं नहीं चाहती कि कोई हमारे बीच आये, मैं बस तुमसे प्यार करती हूं।
उसके मुंह से ऐसा सुनकर मुझे खुशी और अफसोस दोनों हो रहे थे. खुशी इस बात की मेरी बीवी पतिव्रता है और अफसोस इस बात का कि मेरी फेंटसी का क्या होगा?
लेकिन कहते है ना एक तो मर्दजात, ऊपर से खुरापात, जब दोनों हो एक साथ तो मच जाए उत्पात।
मैंने उसे बहलाया- ठीक है, नहीं करेंगे किसी के साथ में! लेकिन क्या हम दोनों आपस में भी नहीं बोल सकते? इसमें तो तुमको कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए? मंजू फिर न नुकुर करने लगी लेकिन मेरे कहने पर मान गयी कि ठीक है आप बोल लेना लेकिन मुझे पसन्द नहीं आया फिर मैं नहीं बोलूंगी. मैंने कहा- ठीक है.
मैंने मौका देखते ही मंजू को कस लिया, वो भी चुदासी हो गयी पिछली रात मज़ा आते आते जो रह गया था। फिर से उसको चूसना शुरू कर दिया, अब वो भी मज़ा लेने लगी. मैंने जैसे ही उसकी चूत में लंड सटाया, मंजू ने खुद ही झटके से अपनी गांड ऊपर उठायी और लंड चूत में ले लिया. यह देख मुझे भी जोश आ गया और मैं उसको गपागप की आवाज के साथ चोदने लगा.
कुछ देर चुदाई के बाद मंजू अकड़ने लगी, उसका होने वाला जो था, वो बोलने लगी- तेज और तेज संजू… आह हहहह सससस और तेज करो! मैं फिर से बोल पड़ा- जान, सच में तुम बहुत जोशीली हो गयी हो, तुमको तो एक कड़क लन्ड और डलवाना पड़ेगा! मंजू कुछ नहीं बोली, बस सुनती रही.
यह देख मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ी, फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसके बाल खींचने लगा और उसकी मस्त गांड पर हाथ से थपकी मारनी शुरू कर दी और बोलने लगा- देखो जान, जब तुम किसी और से चुदोगी तो वो तुम्हें ऐसे घोड़ी बना के चोदेगा और तुम्हारे बाल खींचेगा, ऐसे तुम्हारी गांड पर मारेगा! मंजू बेचारी पर हवस इतनी हावी हो चुकी थी कि वो न तो मना कर पा रही थी न ही कुछ बोल पा रही थी, बस सुन कर मजे लिए जा रही थी.
फिर मैंने मंजू को बोला- देखो जान, उस आदमी ने तो तुम्हारी गांड पे नाखून चुभा दिए और जोर जोर से थप्पड़ जड़ दिए! जो जो मैं कर रहा था, वही किसी और के नाम से मंजू को बोल रहा था और वो झड़ने को तैयार थी. मुमकिन है जब झड़ने वाला हो तो कोई भी संयम नहीं रख सकता. मैंने मंजू की पीठ चूमते हुए कहा- जान, तुम्हें मज़ा आ रहा है ना उस आदमी का लन्ड लेने में? मंजू की गर्दन खुद व खुद जोश में हाँ का इशारा कर गयी मेरे लिए यह जीत की पहली सीढ़ी थी.
मैंने मंजू से पूछा- तुम उस आदमी से कैसे चुदवाना चाहोगी? ऐसे ही या किसी और पोजीशन में? मंजू तुरन्त नीचे लेट गयी और मुझे अपने ऊपर खींचने लगी. मैंने भी लंड उसकी चूत में घुसा दिया और फिर मंजू के ऊपर लेट कर ही उसके कान में बोला- जान, वो आदमी तुम्हें इतना चोद रहा है, उसकी कमर को तो कस लो!
मंजू ने तुरन्त मेरी कमर कस ली.
फिर मैंने उसे उस आदमी के कानों को काटने को कहा, उसने मेरे कान को काट दिया. अब मंजू एकदम मेरे काबू में थी मानो उससे जो बोलो करवा लो! मैंने मंजू से कहा- जान, तुम उस आदमी से कुछ नहीं बोलोगी क्या? मंजू- फ़क मी… चोदो मुझे… आज बहुत मज़ा आ रहा है! और करो… आह हहहहह ऊऊऊईईई ईईईई! करते करते मंजू मुझे कसती चली गयी और मैंने पूरी गति से उसको चोदना चालू कर दिया.
देखते ही देखते मंजू और मैं निढाल हो गए कुछ देर बाद मैंने मंजू से पूछा- कैसा लगा? वो बस मुस्कुरा कर चुप हो गयी.
मेरे जोर देने पे उसने कहा- मैं तो बस आपको फील कर रही थी! मैं चुप था क्योंकि मुझे अभी भी समझ नहीं आया था कि मेरी बीवी सच बोल रही है या झूठ…
फिर मैंने नई तरकीब निकाली जिससे कि वो मेरे साथ में खुल के बात कर सके! लेकिन उसके लिए मुझे जरूरत थी किसी ऐसी जगह की जहां बस हम दोनों रहें, फैमली नहीं!
कुछ ही दिन में एक ऐसा मौका भी मिल गया, मेरे दोस्त राहुल की शादी थी, उसका टूर एंड ट्रेवल्स का बिजनेस है, उसकी शादी में हमें नोयडा जाना था, बच्चों के टेस्ट थे तो हम उन्हें मम्मी पापा के साथ घर में ही छोड़ आये थे.
नोयडा पहुँच कर हम शादी शामिल हुए, वहां कुछ अंग्रेज भी आये हुए थे. मैंने राहुल से पूछा कि ये तेरी बारात में क्या कर रहे हैं? तो उसने हमे उनसे मिलवाया और बताया कि ये जब भी इंडिया आते हैं, मैं ही इंडिया के टूर पर घूमाता हूँ, लिहाजा मेरी इनसे अच्छी दोस्ती हो गयी है.
उन अंग्रेजों में एक था विलियम जो मेरी वाइफ को देख रहा था बार बार… मेरी वाइफ भी उसे देख मुस्करा रही थी. फिर वहां काफी रात हो जाने के कारण मैंने होटल ले लिया और मदिरा मेरे बैग में पहले से ही थी, मेरे दिमाग में तरकीब सूझी, मैंने आज मंजू को भी शराब पीने के लिए बोला. पहले तो उसने मना किया लेकिन बाद में वो मान गयी.
हम दोनों ने एक हाफ के आस पास खत्म कर दिया. मैं तो शराब पीता ही रहता था, लिहाजा मुझे थोड़ी कम चढ़ी हुई थी, मंजू कभी कभी बियर पीती थी तो उसको नशा ज्यादा हो गया, अब मंजू बहकने लगी थी, उसके अंदर का जोश छलकने लगा था. छलके भी क्यों न… कहते हैं कि 34 से 40 वर्ष की महिला को सेक्स की भूख तेज होती है, वो उसी दौर में थी.
अब मंजू मुझे किस करने लगी और मैं भी उसको चूमने लगा. देखते ही देखते हम नंगे हो गये और बिस्तर में एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे. आज मंजू ज्यादा खुल गयी थी शराब का असर जो था. मैंने मंजू से पूछा- क्या बात है जान, आज बड़ी प्यासी लग रही हो? बहुत आग लगी है क्या चूत में? मंजू मस्ती में थी, बोली- हाँ लगी है, बुझा दो नहीं तो कहीं और चली जाऊँगी.
यह सुनते ही मेरे तो लंड में तनाव आ गया, मैंने भी उसे चूमते हुए पूछ लिया- किसके पास जाओगी जानेमन? तो मंजू चुप हो गयी.
मैंने उसको निर्वस्त्र कर दिया और खुद भी निर्वस्त्र हो गया. मंजू अब बेसुध सी पड़ी थी और नशे में ना जाने क्या बड़बड़ाये जा रही थी. मैंने उसकी टांगों को खोला और उसकी जांघों को चाटना शुरू कर दिया. मेरी बीवी मंजू मचलने लगी- आह हहहहह ससससस संजू… अब तड़पा क्यों रहे हो? चोदो मुझे!
लेकिन मैंने उसकी बातों को अनसुना करते हुए उसकी चूत में मुँह डाल दिया और चूसने लगा. मंजू मचल उठी- ओह हहहह… संजू प्लीज़ करो न! मैंने भी उसको तड़पाना जारी रखा.
फिर मैंने अपने कैमरे को निकाल के रिकॉडिंग शुरू कर दी और कैमरे को बिस्तर के सामने रख दिया ताकि सब साफ साफ रेकॉर्ड हो सके और मंजू को बोला- तुम्हें कैसा लंड पसंद है? मंजू नशे में थी लेकिन चुप हो गयी. मैंने फिर से उसे उकसाया तो वो बोल पड़ी- मोटा और लंबा… जो मेरी चुत को फाड़ दे मेरी!
उसकी बातें मुझे मदहोश करने लगी थी और मेरी बातों ने उसे भी और जोश चढ़ा दिया, अब वो नशे में भी थी और जोश में भी मैंने फिर मंजू से पूछा- आज शादी में अंग्रेज को बहुत लाईन दे रही थी तुम? उसे ही बुला दूँ क्या? मंजू बोल पड़ी- हाँ बुला दो उसे!
मैं मंजू के उपर चढ़ गया और उसकी चुत में लंड सटा कर उसके कानों में बोला- जान सोचो, मैं ही तुम्हरा विलियम हूँ. कस लो मुझे! इतना सुनते ही मंजू ने मुझे कस लिया और किस करने लगी. मैंने लन्ड उसकी चुत में घुसा दिया और झटके मारने शुरू कर दिए. उसने हर शॉट में ‘आह ओह्ह हहहह विलियम… फ़क मी…’ बोलना शुरू कर दिया.
उसकी बातें सुन सुन कर मेरा लंड भी टाइट हो गया जिसका पूरा मज़ा अब मंजू ले रही थी. मेरा हर झटका उसकी चुत के अंदर तक जाता हुआ उसे सातवें आसमान पर ले जा रहा था, अब वो खुल के बड़बड़ाने लगी- संजू, मुझे विलियम से चुदने में मज़ा आ रहा है… उम्म्ह… अहह… हय… याह… चोदो और चोदो मुझे!
और देखते ही देखते मंजू और मैं निढाल हो गये.
कुछ देर बाद मैंने जो रिकॉडिंग की थी, वो बंद की और नंगा ही सो गया. हम दोनों ही रात को नग्न सोये थे, लिहाजा सुबह लंड राज मस्ती में आ गये और तन गए. अब मेरा मंजू की गांड के बीच में सटा हुआ था, मैंने मंजू की गर्दन में किस करना शुरू कर दिया, मंजू उतावली हो गयी, अपनी गांड को हिलाने लगी.
हम एक दूसरे के होठों को चूस रहे थे.
मंजू ने अपना एक हाथ नीचे किया और मेरे लन्ड को अपनी चुत में फंसा दिया और कमर हिलाने लगी. मैं भी मस्ती में उसकी चुदाई करने लगा. चुदाई करते करते मैंने मंजू से कहा- कल रात तो तुम विलियम से चुदी… मज़ा आया या नहीं? वो शरमा के चुप हो गयी और मुझे कस के गले से चिपका लिया.
मैं उसे उकसा रहा था कि वो होश में भी बोले लेकिन वो नहीं बोल रही थी. मैंने लन्ड उसकी चुत से निकाल दिया और उसकी चुत की दरार पर रगड़ने लगा, इसके साथ साथ उसके बूब्स दबाने लगा वो जोश में थी तो लंड निकलने से परेशान हो चली… ऊपर से उसकी चुत के बाहर लन्ड की रगड़ और चूचियों का चूसा जाना उससे बर्दाश्त नहीं हुआ, वो कहने लगी- संजू अंदर डालो प्लीज़! मैंने उससे पूछा- पहले ये बताओ कि कल रात मज़ा आया? उसने फिर मेरी बात को अनसुना कर दिया और अंदर डालने को कहने लगी.
मैंने भी इस बार फिर वही प्रश्न पूछा, वो बोली- हाँ आया, बहुत आया! मैंने फिर उसे बोला- विलियम को फिर से फील करो! तो वो न नुकर करने लगी.
अब मैंने भी हार नहीं मानी और उसकी चुत चाटना शुरू कर दिया, वो पागल हो गयी थी, उसे मोटा लन्ड चाहिये था और मैं उसे चूस चूस कर बेचैन कर रहा था. उसकी भूख बढ़ गयी थी, वो किसी भी कीमत में चुदने को राजी थी, लिहाजा मेरे आगे उसने हार मान ली और बोल पड़ी- विलियम, फ़क मी… चोदो मुझे… फाड़ दो इस चुत को!
मैं एक बार फिर से संजू से विलियम बन कर उसे चोदने लगा.
सच में दोस्तो, जो भी पति अपनी पत्नी को किसी और पुरुष के साथ देखना चाहते हैं, वो ही इस आनंद को महसूस कर सकते हैं जो मैं महसूस कर रहा था. मैं अपनी पत्नी को किसी और से चुदवाना चाहता हूं, इसका मतलब यह नहीं कि मैं कुछ कर नहीं सकता, बल्कि इसका मतलब है कि यह मेरी इच्छा है, एक जूनून है कि मेरे सामने किसी और से चुदे जब वो जोश में सिसकारियां ले रही होगी, उसे देख कर ही मेरा माल झड़ जायगा, मुझे सुख की अनुभूति होगी और मेरी बीवी को कुछ नया स्वाद मिलेगा. ऐसा मेरा मानना है और हर उस आदमी का यही मानना होगा जो मेरी तरह फीलिंग रखते हैं.
अधिकतर पुरुषों को दूसरे की बीवी को देख कर तो जोश बहुत आता है लेकिन जब उनकी खुद की बीवी की बात करो तो सांप सूंघ जाता है, ऐसा नहीं होना चाहिये. बीवियों को भी हक़ है, उन्हें भी अधिकार है खुल के मजे लेने का! आप में से बहुत सारे लोग वाइफ स्वेप, थ्रीसम सेक्स करना चाहते हैं और उनकी बीवी उन्हें मना कर देती है. क्या आप जानते हो क्यों मना कर देती है वो? क्योंकि आप अपनी बीवी का दिल और विश्वास ही नहीं जीत पाए हो… पहले विश्वास जीतो, फिर देखो कि वो खुल के आपका साथ देगी.
अब हम रोज सेक्स करते समय किसी और को फील करते थे, इसका मज़ा ही अलग आ रहा था और मेरी ये सब सच में करने की लालसा बढ़ती जा रही थी, मंजू का भी हाल कुछ ऐसा ही था, बस वो इस बात से डर रही थी कि कहीं कोई बदनाम न कर दे! उसका डर जायज भी था.
देखते ही देखते जून का महीना आ गया, मैंने राज को सारी बात बता दी क्योंकि छुट्टियां पड़ी थी, बच्चे नाना नानी के यहां चले गये थे तो हम दोनों ने सोचा क्यों न ऋषिकेष घूम कर आया जाए! आगे क्या हुआ अगली कहानी में
दोस्तो, यह कहानी थी जयपुर के एक कपल की जो अपने संजू के ही शब्दों से सुनी. आगे की कहानी का इंतजार कीजिये. आप मुझसे बात करना चाहते हैं तो मेरी मेल औऱ फेसबुक की आईडी यह रही! [email protected]
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