चचेरे भाई से चूत चुदाई पहली बार

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मेरा नाम प्रीति है और मेरी उम्र 20 साल की है। मैं पंजाब से हूँ। मेरा एक भाई है और दो कजिन है काजल और रोहित। काजल 22 साल की है और रोहित 19 साल का। मेरी कहानी मेरी चूत की चुदाई यात्रा है।

जब मैं 18 साल थी तो मेरी बहन काजल को हमारे किरायेदार ने चोद दिया. इस बात पे बहुत बवाल हुआ जब ताई ने काजल और उस आदमी को नंगे चुदाई में लगे पकड़ लिया। तब उस आदमी को घर से निकाल दिया और काजल का एक बार कॉलेज जाना बंद हो गया।

मैंने जब अपनी बहन काजल से चुदाई के बारे में पूछा तो उसने बताया कि इस में बहुत मज़ा आता है। वो काजल को पिछले 6 महीने से चोद रहा है। काजल ने जब विस्तार से लंड और चूत और उसके बीच हुए सेक्स के बारे में बताया तो मेरी चूत गीली हो गयी। उस दिन के बाद मैं काजल से हर रात उसकी चुदाई की कहानियां सुनती और बाथरूम में उंगली से अपनी चूत की आग को ठण्डा करती। दिन पर दिन मेरा सेक्स करने को दिल मचल रहा था पर दिक्कत यह थी कि ना मेरा कोई बॉयफ्रेंड था और काजल का काम बंद हो गया था।

काजल और मैं दोनों लेस्बियन सेक्स करने लगी पर लंड के बिना चूत शांत नहीं हो पा रही थी। हम दोनों अब एक दूजी की राज़दार थी, हमें लंड की ज़रूरत थी।

इस बीच काजल ने एक धांसू बात कही कि क्यों न रोहित भाई से आग बुझा ली जाए। एक बार मेरे पैरों तले ज़मीन खिसक गई कि कैसे काजल अपने आप को अपने सगे भाई से चुदवा सकती है औऱ मुझे अपने कज़िन से पर कोई चारा नहीं था।

काजल ने कहा- पहले तू भाई रोहित को पटा ले… क्योंकि सगी बहन को वो ना सही, कजन बहन को वो आसानी से चोदेगा।

काजल ने मेरे और रोहित के लिए एक दिन सेट किया जब काजल के मम्मी पापा कहीं बाहर गए थे रोहित और काजल अकेले थे। काजल मुझे बताया उसने रोहित को कई बार मुठ मारते देखा है क्यों ना इस बात पे उसे ब्लैकमेल किया जाए? आज घर पे कोई नहीं है और वो मुठ ज़रूर मारेगा।

मेरा दिल ज़ोर ज़ोर धड़क रहा था जब मैं काजल के घर गयी। उसने बताया कि उसने रोहित के रूम की खिड़की की कुंडी खोल दी है और उसमें से हम नज़ारा देख सकते हैं। हम दोनों टीवी देखने लगी और इंतज़ार करने लगी।

हमारी नज़र अपने भाई पर थी, उसने लैपटॉप लिया और अपना कमरा बंद कर लिया। काजल मुझसे बोली- जा मेरी जान, अपने लिए भी लंड का इंतज़ाम कर और मेरे लिए भी।

थोड़ी देर बाद मैंने और काजल ने खिड़की से चुपके से पर्दा हटा कर देखा तो हमारी योजना कामयाब थी, रोहित ने अपनी लोअर नीचे की हुई थी और अपना लंड बाहर निकाल के रखा हुआ था, मेरी और काजल की आँखें मिली 6 इंच का सुन्दर लंड देख के।

काजल ने मुझे एक्शन बोला और मैंने खिड़की खोली और अंदर आ गयी, मुझे अचानक देख कर रोहित भाई डर गया, उसने अपना लंड लोअर में डाल लिया पर लैपटॉप न बंद कर सका. और लैपटॉप पर मज़ेदार फ़िल्म चल रही थी, एक बड़े लंड वाला काला नीग्रो एक छोटी सी लड़की को धकापेल चोद रहा था।

मैंने रोहित से कहा- यह क्या कर रहे थे भाई? उसने घबराते हुए कहा- कुछ नहीं, तुम यहाँ कैसे आयी? मेरा दिल बहुत जोर से धड़क रहा था, मैंने रोहित से कहा- तू यह सब क्या कर रहा था? वो बोला- तू जा यहां से!

मैंने प्लान के मुताबिक कहा- ज़्यादा बन मत भाई… मैं ताई को और काजल को बता दूँगी कि तू क्या कर रहा था। वो थोड़ा डर गया और बोला- किसी से मत कहना, तू जो बोलेगी मैं करूँगा। मैंने डरते डरते कि, पता नहीं यह मानेगा या नहीं, बोल दिया- मुझे चुदने का मन हो रहा है तेरा लंड और ब्लू फिल्म देख के! एक बार तो वो बोला- नहीं, तू मेरी बहन है.

फ़िर पता नहीं थोड़ी देर सोचने के बाद बोला- मुझे भी तेरी फ़ुद्दी लेनी है पर काजल घर पे है। मैंने कहा- तू उसकी परवाह न कर, वो टीवी देखते देखते सो गई गयी है।

मेरे चचेरे भाई ने मुझे अपने गले से लगा लिया और कहा- यह बात हम दोनों के बीच रहनी चाहिए।

जब रोहित ने मुझे गले से लगा कर मेरे शरीर पर हाथ फेरना शुरू किया तो मेरे शरीर में चीटियां सी रेंगने लगी क्योंकि यह किसी लड़के की पहली छुअन थी मेरे कच्चे नाजुक कुंवारे बदन पर। उसने मुझे पटक कर बेड पे लिटा दिया और मेरे कमीज के ऊपर से मेरे मुम्मे दबाने लगा। मैं सिसकारियां भरने लगी।

पहले उसने मेरा कमीज़ उतार के साइड पे रख दिया और ब्रा को ऊपर उठा के मेरा एक चूचा अपने मुँह में डाल के चूसने लगा, भाई मेरे दूसरे चूचे को बारी बारी से दबा रहा था, यह अभी शुरुआत थी और मैं ज़न्नत में थी।

कुछ देर बाद उसने मेरी सलवार का नाड़ा खोल दिया मेरी पेंटी की इलास्टिक में हाथ डालकर पेंटी और सलवार दोनों एक झटके में उतार दी। मैंने जोश मे आकर एकमात्र ब्रा जो मेरे शरीर पर बाक़ी रह गयी थी, वो भी उतार दी. रोहित ने अपना लोअर और टीशर्ट उतार कर साइड में रख दिया। अब हम दोनों भाई बहन नंगे थे।

भाई ने अपनी चचेरी बहन को बांहों में भर लिया! आह क्या नज़ारा था… दो नंगे जवान जिस्म, भाई बहन के।

मेरे बूब्स उसकी छाती से दब रहे थे वो मेरी पीठ पर, गांड पर, फ़ुद्दी पर हाथ फिरा रहा था। मैं पहले से ही तैयारी करके आई थी, मैंने अपनी चूत की झांटें क्रीम लगाकर साफ़ कर रखी थी और मेरी चूत चमक रही थी.

कुछ देर बाद उसने मुझे लिटा कर मेरी टाँगें खोल दी और मेरी फ़ुद्दी पर अपने होंठ रख दिये। मेरे मुँह से जोर की सिसकारी निकली और मेरे पूरे बदन में एक करन्ट सा दौड़ गया।

फ़िर क्या कहूँ… उसने पाँच मिनट तक मेरी जम के फ़ुद्दी चूसी और मेरा पानी निकाल दिया।

थोड़ी देर बाद जब मैं होश में आई तो उसने कहा- अब मेरी बारी मजा लेने की! और अपना 6 इंच का लौड़ा मेरे मुंह के रास्ते मेरे हलक में उतार दिया।

मैंने भी लॉलीपॉप की तरह चूस चूस कर भाई का लौड़ा लाल कर दिया। उसके बाद उसने लौड़े ने पानी छोड़ दिया जिसकी पहली पिचकारी मेरे हलक के अंदर छूटी, उसने मेरा सिर दबा लिया और जब तक उसके लौड़े ने वीर्य की अंतिम बूंद नहीं निकाली, छोड़ा नहीं। मैंने भी सारा माल गटक के पी लिया। मेरा भाई रोहित बोला- बहना… तू बहुत बड़ी रंडी बनेगी, तेरी चूत मे में गर्मी बहुत है।

थोड़ी देर में मैंने उसका लौड़ा फ़िर से खड़ा कर दिया। अब पहली बार मेरी चूत में लौड़ा जाना था और हैरत की बात यह थी कि वो लौड़ा मेरे चचेरे भाई का था। मैंने उसका लौड़ा चूस के खड़ा कर दिया।

अब रोहित ने मुझे बेड पे लिटा के मेरी कमर के नीचे तकिया लगा दिया जिससे मेरी चूत खुल के उसके लौड़े के सामने थी। वो मेरी टांगों के बीच आ गया और मेरी मेरी चूत पर लौड़े का टोपा घिसने लगा, मेरी चूत की खुजली बढ़ गयी। मैंने सिसकारियां लेते हुए कहा- भाई अब डाल दे मेरी फ़ुद्दी में अपना लौड़ा और बना ले अपनी बहन को अपनी रंडी!

उसने ज़ोर का झटका दिया और अपना आधा लौड़ा मेरी चूत में उतार दिया, ऐसा लगा किसी ने जलती रॉड मेरी चूत में डाल दी हो। मेरी आँखों में आंसू आ गए पर वो धीरे धीरे लंड को अंदर सरकाता गया। अब भाई का लंड मेरे गर्भाशय से टकरा रहा था, जो बड़े लंड खाने वाली है वो जानती होंगी क्या मज़ा है जब लंड का सिरा अंत में जाकर टकराता है।

मेरी आँखों के सामने रंगीन सितारे झिलमिलाने लगे, मैंने रोहित को कस के भींच लिया और अपनी टाँगें उसकी कमर पे लपेट दी। अब धीरे धीरे मेरा दर्द कम हो रहा था और मज़ा आ रहा था। पूरे 15 मिनट तक मेरी चूत मेरे भाई का लौड़ा लेती रही। मेरी गीली चूत में उसका लौड़ा फिसलता अंदर और बाहर हो रहा था, मेरे चूतड़ और गांड के छेद पर उसके टट्टे चोट मार रहे थे, इससे कमरे में टप टप की आवाज़ आ रही थी.

मैं सिसकारियां भर रही थी, रोहित पेले ही जा रहा था।

अचानक मेरा शरीर अकड़ने लगा और ऐसा लगा कि मेरा सारा खून मेरी फ़ुद्दी की ओर आ गया और मेरी फ़ुद्दी ने पानी छोड़ दिया। मैंने रोहित को भींच लिया पर वो धकधक पेले जा रहा था, थोड़ी देर में वो बोला- आह… जान… आह… और उसने अपना गरमागर्म वीर्य मेरे पेट और बूब्स पर छोड़ दिया।

क्या बला का सीन था… मेरा पेट और नाभि उसके वीर्य से सराबोर हो गए। थोड़ा वीर्य मेरे गले और बूब्स पे भी आ के गिरा। भाई ने अपनी उंगली से वो माल इकट्ठा करके मेरे मुँह में डाल दिया मैंने भी पोर्न स्टार की तरह सारा रस चूस लिया, बाकी बचा अपने बूब्स और पेट पर रगड़ लिया।

रोहित मेरे बगल में लेट गया मेरे होंठ चूम के बोला- दीदी, तेरी फ़ुद्दी में तो जन्नत है। मैंने मुस्करा कर कहा- भाई तेरा लौड़ा भी कम नहीं है।

इसके बाद मैं कमरे के बाहर आई और रोहित से बोली- मैं देख कर आती हूँ कि काजल कहीं उठ तो नहीं गयी? मैंने कपड़े पहने और बाहर आ गयी, जब मैं काजल के कमरे में गयी तो वो बोली- वाह मेरी रानी, फ़ुद्दी में लौड़ा ले ही लिया, कैसा लगा भाई का लौड़ा? मैंने कहा- बस जन्नत है।

वो बोली- ऐसे ही मैं राजू किरायेदार का लौड़ा खाती थी, अब यह सोच तू तो फ़ुद्दी की आग बुझा के आ गयी; अब मेरा भी कुछ कर। मैंने कहा- करते है कुछ! तभी मेरे दिमाग एक आईडिया आया, मैंने कहा- कोई बात नहीं, हमारे पास अभी 3 दिन हैं, इन 3 दिन में तो मैं तुझे भाई के लंड से चुदवा ही दूँगी। वैसे तू है बड़ी रंडी… अपने भाई का लौड़ा लेना चाहती है। वो बोली- लौड़े का काम चूत को फाड़ना है, चाहे वो किसी की भी हो, और चूत का काम लौड़ा खाना है चाहे वो भाई का हो। मैंने कहा- चल तू सो अभी, मैं करती हूँ तेरा काम।

मैं कमरे में गयी तो रोहित ने मुझे फिर पकड़ लिया, मेरा भी मूड बन गया पर काजल बड़ी बेसब्री से चुदने को तैयार थी। मैंने भाई से कहा- काजल जाग रही है. वो थोड़ा निराश हो गया.

दिल मेरा भी लौड़ा लेने को कर रहा था क्योंकि भाई के हाथ मेरे मुम्मे और फ़ुद्दी पे रेंग रहे थे। उसने मेरी सलवार का नाड़ा खोल के सलवार घुटनों तक कर दी और मुझे बेड के किनारे घोड़ी बना लिया, मैंने भी झुक के अपनी फ़ुद्दी खोल ली पीछे की ओर।

उसने लंड पे थूक लगा कर मेरी फ़ुद्दी पे रखा और एक झटके में अंदर उतार दिया। आह क्या आनन्द था इस तरह कपड़े पहने हुए सिर्फ फ़ुद्दी और लंड का मिलन करवाने में।

अब शुरू हुए लगातार धक्के… जो 10 मिनट तक चले, बीच में उसने मुझे चित लिटा कर लगातार चोदा जिससे मेरा पानी निकल गया। उसका भी पानी मेरी फ़ुद्दी में पिचकारियों के रूप में जज़्ब हो गया। मैं भाई के लंड का गरम गरम पानी अपनी फ़ुद्दी में पाकर निहाल हो गई और चढ़ी हुई साँस को नॉर्मल करने लगी।

मैंने सलवार को ऊपर किया और नाड़ा बांध लिया, उसने भी अपनी लोअर टीशर्ट पहन ली। उसने कहा- दीदी, किसी से बोलना नहीं कि हमने यह सब किया है। मैंने हां में सर हिला दिया।

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