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दोस्तो, अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज.कॉम पर मेरी यह पहली कहानी है. मेरा नाम समीर है, मैं जोधपुर का रहने वाला हूँ. मेरा लंड 6.5 इंच लम्बा और 2.4 मोटा है. मैं बीकॉम की पढ़ाई कर रहा हूँ. मेरे घर में मैं और मेरे पापा मम्मी रहते हैं.
यह बात करीब 6 महीने पहले की है. मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी. मेरे पड़ोस में वर्ष और पूजा नाम की दो बहनें रहती थी. पूजा का फिगर करीब 32-28-30 का था. पूजा को जो भी देखता वो मुठ मारने को मजबूर हो जाता था. पूजा एक सीधी सादी लड़की थी. मैंने कभी उसको गंदी नजर से नहीं देखा था, पर हां पूजा की बहन वर्षा को मैं उससे प्यार करता था और ऐसा लगता था कि वर्षा भी मुझसे प्यार करती थी पर हमने कभी आपस में प्यार का इजहार नहीं किया था.
समय के साथ साथ हमारे बीच आकर्षण बढ़ता गया और एक दिन हम दोनों ने मिल कर आपस में एक दूसरे को आई लव यू बोल दिया. लेकिन हम दोनों का प्यार सेक्स से परे था. या यों कहो कि हम अभी इतने आगे नहीं बढे थे कि सेक्स जैसी कोई बात होती.
कुछ ही माह बाद वर्षा की शादी तय हो गई. उसकी शादी जिस लड़के से तय हुई थी वो जयपुर के एक रईस खानदान से था. अच्छा घर और वर देख कर पूजा के घर वालों ने वर्षा की शादी तय कर दी.
इधर पूजा हमारे प्यार के बारे में जानती थी. उसको समझ आ गया था कि वर्षा का प्यार खत्म होने का समय आ गया है. मैं भी वर्षा की शादी तय हो जाने से मायूस हो गया था पर शायद मुझमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि मैं वर्षा के लिए उसके घर वालों से शादी की बात कर सकूँ.
एक दिन पूजा ने मुझसे मिलने को कहा मैंने हां कह दिया. मैं 12 बजे मिलने चला गया. पूजा ने मुझसे कहा- मेरी बहन की तो शादी होने वाली है, तुम तो अकेले हो जाओगे. मैंने दुखी होकर कहा- मेरी किस्मत ही खराब है. पूजा मुझे घूर घूर कर देख रही थी. फिर पूजा ने मुझसे कहा- समीर मैं तुम्हें कैसी लगती हूँ? मैंने कहा- तुम अच्छी हो… पर तुम ऐसा क्यों पूछ रही हो? पूजा ने कहा कि देखो मेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं है… क्या तुम मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाओगे?
पर मैंने ना कह दिया और वो रोते हुए झुक सी गई और उसके दूध दिखने लगे. वो बोली- मैं तुम्हें बहुत प्यार करती हूँ. मैंने उसके मम्मे देख कर सोचा कि ये लड़की भी सेक्सी है और राजी भी दिख रही है.
मैंने उससे हां कह दिया. पूजा मुझसे लिपट गई और ‘आई लव यू’ कहने लगी. मैंने भी उसके होंठों को अपने होंठों से लगा लिया और जोर जोर से उसके होंठों को चूमने और काटने लगा. करीब 5 मिनट के बाद हम दोनों अलग हुए.
अब हम दोनों की प्रेम कहानी पटरी पर दौड़ चली थी. दरअसल ये प्रेम कम था वासना का खेल अधिक था.
करीब एक महीने तक हम दोनों मिलते रहे. मैं पूजा को चोदना चाहता था, पर मैंने कभी उसको इस बात के लिए नहीं बोला. मुझे लगा कि कहीं ये बुरा मान गई तो मेरे लंड का क्या होगा. मैंने सोचा कि क्या पूजा को खुद चुदाने का मन नहीं करता होगा. लेकिन ये भी सच था कि मैं पूजा को चुदाई के नजरिए से ही देखता था.
आप यह सेक्स कहनी अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज.कॉम पर पढ़ रहे हैं.
एक दिन मैंने सोचा कि क्यों ना एक बार कह कर देखा जाए. मैं रात के 10 बजे पूजा के घर के पीछे छुप कर सबके सोने का इंतजार करने लगा. जब सब सो गए तो मैं पूजा के कमरे के पास गया. मैंने पीछे से उसकी खिड़की तक पहुँच बनाई और छिप कर उसे देखने की कोशिश करने लगा. मैंने अपनी आँखों से जो सीन देखा, वो देख कर मुझे बड़ा अजीब सा लगा. मैंने देखा पूजा पूरी नंगी होकर पतली साईज का एक बैगन अपनी चूत में घुसा रही थी और मेरा नाम ले रही थी- आह… समीर फक मी समीर…
मैं ये सब देख कर हैरान रह गया. फिर पूजा ने अपना मोबाइल उठाया और कुछ करने लगी. इतने में मेरे पेंट में मेरा मोबाइल हिलने लगा. मेरा मोबाइल साईलेंट पर था. मैंने मेरा मोबाइल उठाया और देखा कि पूजा ने काल किया था.
मैंने फोन उठाया, पूजा ने कहा- जान, आज तुम्हारी बहुत याद आ रही है. मैंने कहा- याद आ रही है तो बोलो क्या मैं आ जाऊं? पूजा चहक कर बोली- हां प्लीज़, आ जाओ… मैंने पूछा- क्या दोगी? पूजा- तुम जो माँगोगे मैं वो दूँगी. मैंने कहा- तुम अपने कमरे की खिड़की खोलो.
पूजा ने खिड़की खोली तो मैं अन्दर घुस आया. पूजा मुझे देख कर हैरान हो गई. पूजा बोलने लगी- तुम मेरे घर के पास कब आए? मैंने उसे किस करते हुए बोला- पूजा वो सब छोड़ो… आज मैं ये ही कहने आया था कि आई लव यू… पूजा मुझे किस करने लगी और मुझे आई लव यू टू कहने लगी.
हम दोनों ने एक दूसरे को अपनी बांहों में भींच लिया और हमारे जिस्मों को एक करने की कोशिश करने लगे.
सच में पूजा में बहुत चुदास भरी थी. उसने मुझे चूमते हुए ही मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाने लगी.
मैंने उससे पूछा- क्या देने का कह रही थीं? पूजा ने लंड को भींचते हुए कहा- इसको दूंगी. मैंने उसकी चूची मसलते हुए कहा- किसको क्या दोगी कुछ नाम भी तो लो जानेमन. उसने मेरी छाती पर मुक्का मारते हुए कहा- ज्यादा सताओ मत बस समझ लो मैं क्या कहना चाहती हूँ.
मैंने कहा- नहीं आज तो जब तक तुम खुद अपने मुँह से नहीं कहोगी… मुझे कुछ समझ में नहीं आने व़ाला है. मैंने बहुत दिन तुम्हारा इन्तजार किया है अब तो तेरे मुँह से सब कुछ सुन कर तसल्ली होगी. पूजा मेरी कान में फुसफुसाती हुई बोली- मेरी चुत को तेरा लंड चाहिए. मैंने कहा- तेरी चुत को मेरा लंड क्यों चाहिए… जरा खुल कर बोलो रानी. पूजा ने खुलते हुए कहा- साले हरामी मेरी चुत को तेरा लंड किसके लिए लेना है तुझे पता नहीं है? मैंने ढीठता दिखाते हुए कहा- नहीं पता.
पूजा मुझे काटते हुए गाली देते हुए कहा- मादरचोद, अपने लंड से मेरी चूत फाड़ दे… अब समझ गया भोसड़ी के कि और कुछ समझना है.
मुझे उसकी इस बिंदास भाषा से थोड़ा आश्चर्य हुआ कि साली ये तो गाली दे रही है. मैंने भी उसकी चूची के निप्पल को खींचते हुए गाली दी- साली रंडी, आ जा आज तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँ.
यह कह कर मैंने पूजा को गोद में उठाया और बेड पर लिटा दिया. मैं पूजा को किस करने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी. फिर मैं पूजा के ऊपर चढ़ गया और उसे किस करने लगा. मेरा एक हाथ पूजा के दूध पर जम गया. मैं धीरे धीरे उसके मम्मों को दबाने लगा. मैंने हल्के से मम्मे दबाए थे तो पूजा कुछ नहीं बोली.
मैंने अपना दूसरा हाथ उसके दूसरे मम्मे पर रख दिया और जोर जोर से दोनों मम्मे दबाने लगा. पूजा के मुँह से ‘अहह आहा…’ की मधुर आवाज आने लगी. मैंने देर ना करते हुए पूजा की पेंटी में हाथ घुसेड़ दिया और चूत में दो उंगलियां घुसा दीं. पूजा बेकाबू हो रही थी. अब मैंने उसकी पेंटी को खींच कर खोल दिया.
मेरे सामने उसकी मस्त चूत थी… आह उसकी चुत एकदम गुलाबी थी… चुत में हल्की हल्की सी झांटें थीं. चूत की खुशबू मुझे पागल कर रही थी. मैं उसकी चुत को चाटने लगा. पूजा ‘आ हहह आआ समीर…’ करने लगी. मैं जोर जोर से चुत चाटने लगा.
पूजा बोली- मुझे और मत तड़पाओ साले पेल दे लौड़ा. उसकी चुदास देखा कर मैं पूरा नंगा हो गया. पूजा बोली- तुम्हारा लंड कितना बड़ा है. मैं बोला- जान मुँह में ले लो इसे…
पूजा मेरा लंड चूसने लगी. कुछ ही मिनट बाद मैंने पूजा को लिटा दिया और उसकी चूत के मुँह पे लंड टिका दिया.
मैंने उसको आँख मारी और एक तगड़ा शॉट दे मारा. मेरा पूरा का पूरा लंड चूत में घुस गया. पूजा चिल्लाने लगी. मैंने पूजा के होंठों को चूमते हुए दबा लिया. उसकी आवाज घुट कर रह गई. अब पूजा छटपटा रही थी. कुछ मिनट बाद पूजा का दर्द कम हुआ. मैं उसको जोर जोर से चोदने लगा.
इसके बाद मैंने पूजा को घोड़ी बनने को कहा. पूजा झट से घोड़ी बन गई तो मैंने पीछे से लंड पेल कर उसे बहुत चोदा. कुछ देर बाद में हम दोनों एक साथ झड़ गए. उस रात हमने 3 बार सेक्स किया. उस दिन के बाद से हमें जब भी मौका मिलता था, हम दोनों सेक्स का मजा करते थे.
एक महीने बाद पूजा की बहन वर्षा की शादी हो गई. उसकी शादी के बाद मैं फरवरी 2017 को जयपुर में मेरे मामा के घर गया था. उधर रहते हुए मुझे 7 दिन हो गए थे, मैंने पूजा से बात नहीं की थी. मैंने एक दिन मेरे फ्रेंड को फोन किया और उसे बोला- पूजा से बात करवा दे.
पर मेरे फ्रेंड ने बोला- पूजा का 5 दिन पहले एक्सीडेंट हुआ था और उसकी मौत हो गई थी. मैं एकदम से सन्न रह गया. मैं सोचने लगा कि शायद मुझे पूजा से ही प्यार था… उसकी मौत की खबर ने ही मुझे इस बात का अहसास कराया था. मैं आज भी अपनी बिंदास पूजा से प्यार करता हूँ. पूजा मुझे बहुत याद आती है.
दोस्तो, कैसी लगी मेरी कहानी, मुझे आप लोगों की राय का इंतजार रहेगा मेरी ईमेल आईडी है. [email protected]
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