कुंवारी लड़की को हिल स्टेशन लेजाकर चोदा

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अन्तर्वासना पर सेक्स स्टोरीज पढ़ने वाले सभी दोस्तों को मेरी तरफ से नमस्ते। मैं आज पहली बार अन्तर्वासना पर अपनी ज़िन्दगी के सेक्स अनुभव को आप सब के सामने पेश कर रहा हूँ, लिखने में कोई भूल हो तो माफ़ कीजियेगा।

सबसे पहले मैं अपने बारे में बता दूँ, मेरा नाम राहुल है और मैं गुजरात के एक छोटे से शहर का रहने वाला हूँ। मैं 26 साल का हूँ, मेरी हाइट 6 फीट है और दिखने में स्मार्ट हूँ। मेरा लंड 7″ लम्बा और 2″ मोटा है जो किसी भी लड़की को संतुष्ट करने के लिए काफी है। मुझे लम्बी और पतली लड़कियां बहुत पसंद हैं।

बात उस वक्त की है जब मैं 23 साल का था, तब मुझे चैटिंग करने का बहुत शौक था और मेरी बहुत सारी ऑनलाइन फ्रेंड्स भी थी। उनमें से एक लड़की थी ज्योति; 5 महीनों से हमारी थोड़ी बहुत चैटिंग होती थी। नवम्बर में जिस दिन मेरा बर्थडे था, तब उसने भी मुझे जन्मदिन की बधाई दी और हमारी खूब चैटिंग हुई। मैंने उससे उसका मोबाइल नंबर माँगा तो उसने दे दिया और फिर हमारी कॉल पे घंटों तक बात होती रहती।

उसकी आवाज और बात करने का तरीका इतना प्यारा था कि उससे बात किये बिना मेरा मन ही नहीं मानता था। बातों ही बातों में हम करीबी दोस्त बन गए और उसने एक दिन मुझसे कहा कि वो मुझसे मिलना चाहती है और साथ में कहीं घूमने जाना चाहती है।

वो पुणे में पढ़ाई के लिए आई हुई थी और फ्लैट किराये पर लेकर अपनी सहेलियों के साथ रहती थी. मैंने उसके साथ 3 दिन लोनावला जाने का प्लान बनाया और वो भी मान गयी। दिसम्बर का महीना था, मैं पहले पुणे गया और उससे पहली बार मिला। यूँ तो हम रोजाना ही बात करते थे मगर सामने देखकर वो थोड़ा शर्मा रही थी।

मैं ज्योति के बारे में बता दूँ आपको… वो दिखने में तो सामान्य थी मगर उसका फिगर ऐसा था कि देखने वाले देखते ही रह जाते। एकदम पतली कमर और उसकी हाइट 5.4 फीट और उसका फिगर लगभग 34-26-32 होगा। उसको देखते ही मेरे मुँह में पानी आ रहा था और अपनी किस्मत पर खुश हो रहा था।

पुणे से हम साथ में लोनावला के लिए बस में निकले; पूरे रास्ते मैं बस उसको निहार रहा था और मेरा लंड उत्तेजना से कड़क हो रहा था। शायद उसने देख लिया था मेरी इस हालत को… लेकिन वो बस मुझे देखकर मुस्कुराती रही।

लोनावला पहुँच के हम अपने बुक किये हुए होटल गए और हम तैयार होकर सबसे पहले खाना खाने गए। फिर हमने बहुत सारी जगह घूमी और खूब एन्जॉय किया। शाम के वक़्त अचानक बारिश होने लगी और ठण्ड भी बहुत ज्यादा बढ़ गयी। फिल्मों की तरह मैंने भी अपनी जैकेट उतारकर उसे ओढ़ा दी और फिर हम लोग एक कैफ़े के अन्दर चले गए और बारिश रुकने का इंतजार करने लगे।

जैसे ही बारिश थोड़ी कम हुई तो हम होटल की तरफ रवाना हो गए। होटल पहुँच कर हमने कपड़े बदले और ठण्ड कम करने के लिए वोडका और नाश्ता मंगवाया। हमने नाश्ता किया और वोडका पिया। वोडका पीने के बाद हम दोनों को हल्का खुमार आने लगा।

ज्योति खिड़की के पास जाकर बाहर का नजारा देख रही थी। उस वक़्त उसने सफेद रंग की नाइटी पहनी थी और बहुत ही सेक्सी लग रही थी। उसे और उसके फिगर को देखकर मुझसे रहा नहीं गया और उसके पास जाकर पीछे से मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया।

वो अनुभव इतना प्यारा था, मुझे करंट लग रहे थे। उस ठण्ड के मौसम में वो हग और भी ज्यादा अच्छा लग रहा था। ज्योति ने भी मेरा साथ दिया और ऐसे ही कुछ देर हम बाहर का नजारा देखते रहे। कुछ देर बाद उसने घूमकर मेरे सीने पर सिर रख लिया और मुझसे चिपक गयी। मुझसे और इंतज़ार नहीं हो रहा था, मैंने उसका चेहरा अपने हाथों से ऊपर किया, तो उसने आँखें बंद कर ली, और फिर मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए।

उसके होंठों का रस इतना मीठा लगा रहा था कि बस पूछो मत। कुछ ही देर में हम दोनों बहुत गर्म होने लगे और एक दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे। मेरा एक हाथ उसकी कमर पर था और दूसरे हाथ से उसके बूब्स को दबा रहा था। जब भी उसके बूब्स को दबाता तो वह मादक सिसकारियां लेती जिससे मेरा जोश और भी बढ़ रहा था।

10-15 मिनट बाद हम अलग हुए और फिर मैंने ज्योति को बेड पर लिटा दिया। रूम की लाइट्स डिम कर दी और उसके पास आकर उसके जिस्म पर अपनी उंगलियाँ फिराने लगा। इससे वो और भी गर्म हो रही थी। फिर मैंने उसकी नाइटी को उतार दिया और अब वो सिर्फ ब्रा पेंटी में थी और मैं उसके पूरे बदन को चूमने लगा। उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए और मैं सिर्फ अंडरवियर में था।

फिर मैंने उसकी ब्रा भी खोल दी, तो उसकी साँसें और भी तेज हो गयी और कामुक आवाजें निकलने लगी। उसके बूब्स बहुत ही सॉफ्ट थे और निप्पल गहरे गुलाबी थे। मैंने एक बूब को एक हाथ से दबा दिया और दूसरे बूब को दूसरे हाथ से पकड़ के निप्पल को अपने मुँह में भर लिया। जैसे ही मैं उसके निप्पल को चूसने लगा वो आह… उम्म… की आवाजें निकालने लगी और मेरा सिर अपने बूब्स में दबाने लगी।

इसी तरह मैं उसके दोनों बूब्स को बारी बारी चूसने लगा, और जब वो बहुत ज्यादा गर्म हो गयी तो मैंने एक हाथ से उसकी पेंटी भी निकाल दी। उसकी चूत भी उसके निप्पल की तरह गुलाबी थी और एकदम मुलायम, एक भी बाल नहीं, और फूली हुई।

उसकी चूत बहुत गीली हो गयी थी और जैसे ही मैंने अपनी उंगली से उसकी चूत को छुआ तो वो चिहुँक उठी और मुझसे जोर से चिपक गयी और कहने लगी- आई लव यू राहुल! और मैंने भी उससे ‘आई लव यू’ कहा। वो मुझे किस करने लगी पागलों की तरह और मेरे शरीर को सब जगह चूमने लगी।

फिर उसने मेरी अंडरवियर निकाल दी और लंड को अपने हाथों में लेकर कहने लगी- ये तो बहुत बड़ा है। और उसे आगे पीछे मसलने लगी। यह हमारा पहली बार सेक्स था इसलिए मैंने उसे चूसने के लिए नहीं कहा।

फिर मैं उसे नीचे लिटाकर उसकी चूत को अपनी उंगली से मसलने लगा तो वो गर्म होने लगी और जैसे ही मैं उंगली थोड़ी अन्दर डालता तो वो उछल पड़ती। उसकी चूत से रस टपक रहा था तो मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ रख दी और उसकी चूत की पलकों को उँगलियों से खोलकर चाटने लगा। पहले तो वो मना करने लगी पर जैसे ही मेरी जीभ उसकी चूत को चाटने लगी तो जोर जोर से सिसकारियां भरने लगी। उसकी चूत का स्वाद इतना अच्छा था कि मैं उसकी गीली चूत को चाटता रहा और वो मेरे सिर को अपनी चूत में दबाने लगी।

कुछ ही देर में वो अकड़ने लगी और फिर झड़ गयी; मैंने उसका सारा कामरस पी लिया।

मैं देर ना करते हुए उसके ऊपर आया, उसकी टाँगें फैला दी और उसकी मखमली चूत पर अपने लंड को रगड़ने लगा तो वो जोर जोर से आवाजें निकालने लगी और बोली- क्यों तड़पा रहे हो अपनी जान को राहुल… डाल दो इसे जल्दी से अन्दर! और इंतजार नहीं होता, मुझे हमेशा के लिए अपना बना लो।

मैंने उसकी दोनों टांगों को पकड़ के लंड को उसकी चूत पर लगाया और एक झटका लगाया तो मेरे लंड का सुपारा उसकी चूत के अन्दर चला गया और वो चिल्ला उठी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैं रुक गया और उसके बूब्स को मसलने लगा तो उसे थोड़ा बेहतर लगने लगा। फिर मैंने एक और जोर से धक्का मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरते हुए अन्दर तक घुस गया।

ज्योति दर्द के मारे चिल्लाई और रोने लगी, छटपटाने लगी। मैंने उसको हग कर लिया और उसे किस करने लगा और कहा- आई लव यू ज्योति। कुछ देर में वो सामान्य होने लगी तो मैंने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू किया।

शायद उसे अभी भी दर्द हो रहा था और खून भी अभी तक निकल रहा था, मगर उसे मजा भी आने लगा और सिस्कारियां भरने लगी। मैंने अपनी रफ़्तार धीरे धीरे बढ़ा दी और साथ ही उसके बूब्स चूसने लगा।

कुछ ही देर में कमरे में फच फच की आवाजें गूंजने लगी और वो मादक आवाजें निकाल रही थी- आःह और जोर से राहुल… उम्म… यह सुन कर मैं उसकी चूत की गहराई तक धक्के लगाने लगा।

कुछ देर बाद उसका शरीर अकड़ने लगा तो मैं रुक गया और उसे किस करने लगा और उसके बूब्स को अपने मुंह में भरकर चूसने लगा। मैं चाहता था वो थोड़ी देर और मेरा साथ दे, जब वो सामान्य हुई तो मैंने फिर से रफ़्तार बढ़ा कर जोर जोर से धक्के लगाने शुरू किये। मेरा लंड उसकी टाइट चूत की दीवारों से रगड़ता हुआ उसकी बच्चेदानी पर जाकर लग रहा था।

कुछ ही देर में वो फिर से अकड़ने लगी और अपने चरम पर पहुँच गयी। उसने मुझे कसके पकड़ लिया और वो झड़ने लगी। उसका गर्म लावे जैसा कामरस बहता हुआ महसूस हो रहा था। उसके चेहरे पे संतुष्टि और ख़ुशी दिख रही थी.

पर मेरा अभी बाकी था; मैं थोड़ा सा ऊपर हुआ, उसके दोनों बूब्स कसके अपने हाथों से पकड़ लिए और पूरी रफ़्तार से धक्के लगाने लगा और कुछ ही देर में मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और उसके ऊपर निढाल होकर चिपक कर हग कर लिया।

हम दोनों इतनी ठण्ड में भी पसीना पसीना हो गए थे और इसी तरह एक दूसरे से चिपक कर थक कर सो गए।

थोड़ी देर बाद नींद खुली और हम दोनों फिर शुरू हो गए. उस रात मैंने उसे 3 बार और चोदा और सो गए।

सुबह जब हम उठे तो ज्योति से चला भी नहीं जा रहा था। हमने नाश्ता रूम में ही मंगवाया। मैं बाजार से दर्द की दवाई और नारियल तेल की शीशी लेकर आया। मैंने उसे गर्म पानी से चूत धोने के लिए कहा और दर्द की दवाई दी, साथ में तेल से मालिश भी कर दी।

2-3 घंटे के बाद उसका दर्द बिल्कुल कम हो गया और हम एक दूसरे से रोमांस करने लगे और एक दूसरे को बांहों में भरकर चूमने लगे। हम एक दूसरे की जीभ के साथ खेल रहे थे और फ्रेंच किस किये।

फिर हमने मोबाइल में पोर्न मूवी देखी जिसमें 69 पोजीशन दिखा रहे थे। मूवी देखकर हम दोनों बहुत गर्म होने लगे और सारे कपड़े खोल कर उस मूवी की तरह 69 पोजीशन में आ गए। उसने मेरे लंड को पहली बार चूसना शुरू किया; पहले तो वो ऊपर ऊपर से चूम रही थी, मगर जैसे ही मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अन्दर डाल कर चाटना शुरू किया, तो उसने भी पूरा लंड अपने मुँह में लेकर लोलीपोप की तरह चूसना शुरू कर दिया।

कुछ देर बाद हम दोनों एक दूसरे के मुँह में ही झड़ गए और ज्योति भी मेरा सारा रस पी गयी। फिर कुछ देर वो मेरे लंड के साथ खेलती रही, और मेरा लंड फिर से लोहे जैसा कड़क हो गया। फिर मैंने उसे घोड़ी की तरह बैठाया और एक ही बार में पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया। उसकी चूत गीली होने की वजह से उसे ज्यादा दर्द नहीं हुआ।

फिर मैंने पूरी रफ़्तार से उसे उसी तरह बहुत देर तक चोदा। उसे अब बहुत मजा आ रहा था और सिसकारियां भर रही थी। उसी वक़्त मैंने तेल की शीशी ली और बहुत सारा तेल उसकी गांड के छेद पर डाल दिया और उसकी चूत चोदते चोदते एक उंगली उसकी गांड के छेद में डाल दी।

वो अचानक हुई इस हरकत से चिहुंक गयी और पूछने लगी- यह क्या कर रहे हो राहुल? तो मैंने कहा- देखती जाओ मेरी जान, तुम्हे बहुत मज़ा आएगा। मैं अपनी उंगली को और तेज अन्दर बाहर करने लगा और साथ ही चोदने की रफ़्तार भी बढ़ा दी, उसको और भी ज्यादा मज़ा आने लगा.

फिर मैंने दूसरी उंगली भी उसकी गांड में डाल दी। वो चिल्लाने लगी पर उसे मज़ा भी आ रहा था; मुझे लगा यही सही मौका है, और मैंने अपना लंड उसकी गीली चूत में से निकाल के एक ही झटके में उसकी गांड में डाल दिया।

वो दर्द के मारे चिल्लाने लगी और छटपटाने लगी, कहने लगी- हट जाओ, ऐसा क्यों किया, आई हेट यू।

मगर मैं उसकी कमर को चूमता रहा और अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स को मसलता रहा, साथ ही गांड में लंड को भी आगे पीछे करता रहा। तेल की वजह से कुछ ही देर में लंड आसानी से अन्दर जाने लगा और अब ज्योति को भी मज़ा आ रहा था और उह्ह उम्म्म की आवाजें निकाल रही थी।

उसकी गांड टाईट होने के कारण कुछ ही देर में मैं उसकी गांड में ही झड़ गया। फिर हम थक कर एक दूसरे की बाहों में फिर से सो गए।

इस तरह से मैंने उसे 3 दिनों में 10-11 बार अलग अलग स्टाइल में चोदा और फिर हम वापस आ गए।

उसके बाद हमने 2 बार और ऐसा ही प्लान बनाकर खूब चुदाई की।

इसके बाद के मेरे सेक्स अनुभवों को मैं अगली बार पेश करूँगा। आपको मेरी ज़िन्दगी की यह हसीन कहानी कैसी लगी? मुझे ईमेल करें. [email protected]

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