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मेरी इस कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने मेरी पड़ोसन भाभी का सेक्स समाधान किया. मेरा नाम अजय है, मैं एमपी के भोपाल का रहने वाला हूँ. अपनी 12वीं कंप्लीट करने के बाद इंजीनियरिंग की काउंसलिंग में मुझे पुणे का एक कॉलेज मिला. कॉलेज अच्छा था, सो मैंने पुणे शिफ्ट होकर पढ़ने का सोचा. एड्मिशन से लेकर रहने तक का सब अरेंजमेंट किया. रहने के लिए मेरे डैड के दोस्त का फ्लैट खाली था, जिसे उन्हें रेंट पर देना था, तो उन्होंने बोला कि मैं वहां जाके रहूँ. सो मैं और एक मेरा फ्रेंड वहां चले गए. रेंट बहुत कम था क्योंकि वो डैड के फ्रेंड का ही फ्लैट था, सो हमें ज़्यादा रेंट नहीं देना था. लेकिन हमारा फ्लैट चौथी फ्लोर पर यानि टॉप फ्लोर पर था.
मेरा पहला दिन तो सब सामान जमाने में ही निकल गया था.. मैं सामान लगाने में ही बहुत थक गया था, तो सो गया.
सुबह 5 बजे जब मेरी नींद खुली तो सोचा चलो थोड़ा घूमकर सुबह का आनन्द लिया जाए, सो बस मॉर्निंग वॉक पर निकल गया. मैं आस पास घूमकर वापस आया तो बिल्डिंग की छत पर आ गया. उधर मस्त मौसम था, मैं वहां जाकर वर्क आउट करने लगा.
मुझे वर्क आउट करना बहुत पसंद है. मैं रेग्युलरली वर्क आउट करता हूँ. जब मैं भोपाल में था, तो उधर एक जिम में रेग्युलरली जाता था. इस कारण मेरा शारीरिक बिल्डअप बहुत अच्छा है. मेरा कद 5 फुट 10 इंच है.. पर्फेक्ट बॉडी है.
अब मैं छत पर वर्क आउट करने लगा. वर्क आउट के लिए कुछ सामान तो था नहीं, तो मैं यूं ही पुशअप लगाने लगा. में पुशअप का पहला दौर कंप्लीट करके उठा तो मुझे लगा कि शायद मेरे पीछे कोई है. मैं मुड़ा तो देखा मेरे पीछे एक मैरीड लेडी दरी पर बैठी है. मैंने अंदाज लगाया कि शायद वो भी छत पर योगा करने आई हैं.
मैंने उन्हें ध्यान से देखा.. वो दिखने में औसत शरीर की थीं लेकिन वो गोरी बहुत ज्यादा थीं. उनके बाल, आँखें और लिप्स वगैरह बहुत ही आकर्षक थे. मतलब कुल मिला कर वो ऐसा आइटम था कि उसके हुस्न से नजरें ही हटें. उनका फिगर अराउंड 36-30-34 का होगा.
मैंने थोड़ी देर उनको देखा और अपना वर्क आउट कंटिन्यू करने लगा. कुछ देर बाद मैं वापस नीचे आ गया.
ऐसे दो हफ्ते निकल गए, वो मुझे कभी कभी योगा करते हुए छत पर मिल जाती थीं. लेकिन हम दोनों कभी कुछ बात नहीं करते थे.. ना ही स्माइल आदि देते थे. मतलब कुछ भी ऐसा नहीं हुआ, जिससे हम दोनों में कोई बातचीत शुरू हो सके.
एक दिन मैं पार्किंग में बाइक लेने गया, मुझे कुछ सामान लाना था. तो देखा वही भाभी स्कूटी स्टार्ट कर रही हैं लेकिन उनसे स्कूटी स्टार्ट नहीं हो रही थी. वो अपने बेटे को स्कूल छोड़ने जा रही थीं.
मैंने उनसे पूछा- मैं कुछ हेल्प करूँ? पहले उन्होंने मुझे देखा, फिर बोलीं- नहीं आप परेशान मत हो.. अभी स्टार्ट हो जाएगी. मैंने बोला- लाइए मैं देखता हूँ, कोई बात नहीं.
मैं उनकी स्कूटी के पास गया, तो वो नीचे उतर कर एक तरफ हो गईं और उन्होंने मुझे स्कूटी दे दी.
मैंने स्कूटी को स्टैंड पर लगाकर किक लगाई, कुछ किक्स में स्कूटी स्टार्ट हो गई. उन्होंने मुझे स्माइल दी और थैंक्स बोलकर चली गईं.
अगले दिन सुबह जब हम छत पर मिले तब इस बार उन्होंने मुझे देखकर स्माइल दी. मैंने भी उन्हें स्माइल दी. फिर ऐसे ही जब भी हम मिलते, वो स्माइल देतीं और चुपचाप निकल जातीं.
एक दिन शाम के वक़्त मैं गार्डन में ही बैठकर जीएफ से बात कर रहा था, तभी उनका बेटा साइकल से गिर गया. मैं तुरंत उसके पास गया, उसके घुटने में नॉर्मल चोट आ गई थी. मैं उसे उठाकर उसके घर ले गया. भाभी ने गेट खोला तो वो अपने लड़के को घायल देख कर एकदम से घबरा गईं.
“इसको क्या हुआ?” मैंने बोला- कुछ नहीं गार्डन में साइकल से गिर गया था, नॉर्मल सी चोट है, पट्टी करना पड़ेगी.
उस दिन मैं पहली बार उनके घर गया. वो मेरे जस्ट सामने वाले फ्लैट में ही रहती थीं. मैंने उनके बेटे को अन्दर बेडरूम में लेटाया और भाभी ने उसकी पट्टी कर दी. इसके बाद मैं वापस आ गया.
अगली सुबह हम फिर सुबह छत पर मिले, तो मैंने उनसे पूछा कि बेटा कैसा है आपका? वो बोलीं- ठीक है, सोया हुआ है अभी. फिर वो मुझे थैंक्स बोलने लगीं, तो मैंने बोला- अरे भाभी इसमें थैंक्स की क्या बात है, मेरी जगह कोई भी होता तो यही करता. फिर उन्होंने मुझसे बात करना शुरू कर दी और पूछने लगीं कि कौन से कॉलेज में हो.. क्या करते हो वगैरा!
इस तरह हमारी बात होना शुरू हो गई. उन्होंने मुझे थैंक्स बोलने के लिए शाम को घर पर खाना खाने का बोला.
मैंने बहुत मना किया लेकिन वो बोलीं- नहीं.. तुमने दो बार मेरी हेल्प की, इतना तो मैं कर ही सकती हूँ. फिर मैंने हां बोल दिया. शाम को मेरे गेट पर बेल बजी, मैंने गेट खोला तो भाभी सामने थीं. वे बोलने लगीं- खाना रेडी है, आ जाओ. मैंने बोला- मैं दस मिनट में आता हूँ.
मैं थोड़ी देर बाद उनके घर गया. भाभी ने गेट खोला. उनका बेटा सोफे पर बैठा हुआ वीडियो गेम खेल रहा था. भाभी का बेटा चौथी क्लास में था. मैं जैसे ही गया, वो मुझे थैंक्यू बोलने लगा. मैंने उसको वेलकम बोला और उसके पास जाके बैठ गया. मुझे भी गेम्स का बहुत शौक है, सो मैं भी उसके साथ खेलने लगा. हम दोनों बहुत मस्ती कर रहे थे.
थोड़ी देर में भाभी ने बोला- चलो आप दोनों खाना खा लो.
हम सभी खाना खाने लगे और बातें करने लगे. उसी वक़्त भाभी मुझसे मेरे बारे में और भी कुछ बात करने लगीं. उन्होंने मेरे बारे में पूछा कि कहां से आए हो, कहां पढ़ते हो.
मैंने भी उनके बारे में पूछा. उनका नाम सुमन था और उनके बेटे का नाम रोहन था. उनके घर में 3 लोग ही थे, उनके पति का दूसरी सिटी में तबादला हो गया था, वो सरकारी जॉब में थे. लेकिन बेटे की पढ़ाई की वजह से भाभी यहीं रहती थीं और उनके पति बाहर. वे महीने में 2-3 दिन के लिए आते थे.
इस तरह की बातों के बीच उस दिन हम लोगों ने खूब मस्ती की, खूब बातें की. भाभी का बेटा मुझसे बहुत घुल मिल गया था. मैंने उसे मेरे गेम्स के बारे में बताया तो वो बहुत एग्ज़ाइटेड हो गया था.
अगले दिन बेटा मुझे बुलाने आया कि चलो गेम खेलते हैं.. प्लीज़ चलो. मैं उसके साथ चला गया. भाभी ने मुझे स्माइल दी और मैं वहीं काउच पर बैठे बैठे गेम खेलने लगा. ऐसे धीरे धीरे मेरा आना जाना उनके घर में काफी बढ़ गया था हमारे फोन नंबर भी एक्सचेंज हो गए थे.
एक दिन मैं अपनी जीएफ को कुछ अपनी पिक्स सेंड कर रहा था, तो वो ग़लती से भाभी के नंबर पे फॉरवर्ड हो गईं.
थोड़ी देर बाद भाभी का रिप्लाई आया कि मुझे पता है तुम हैंडसम हो, मुझे पिक्स भेजने की क्या ज़रूरत थी.. और इसी के साथ बहुत सारी हंसने वाली स्माइलीज भेज दीं. मैंने भी रिप्लाई किया कि मैं अपनी फ्रेंड को सेंड कर रहा था, गलती से आपके नम्बर पर चली गईं. भाभी का रिप्लाइ आया कि फ्रेंड या जीएफ? तो मैंने बोला- जीएफ.
भाभी का रिप्लाइ आया- मतलब जीएफ है जनाब की. मैंने हंसने की स्माइली के साथ बोला- हां है. भाभी मुझसे बोलीं- उसकी पिक्स सेंड करो. मैंने भेजी तो भाभी बोलीं कि मस्त है. मैंने बोला- हाँ वो तो है.
भाभी पूछने लगीं कि शादी का भी सोचा है? मैंने बोला- नहीं शादी नहीं हो सकती, कुछ रीज़न्स हैं. भाभी बोलीं- फिर भी साथ में हो? मैंने बोला कि हां जीएफ ने बोला, जब तक साथ रह सकते हैं… रहते हैं. फिर हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे.
अगले दिन मॉर्निंग में छत पर भाभी मेरे पास आकर खड़ी हो गईं, मैं पुशअप मार रहा था. भाभी हंसते हुए बोलीं- बस बस ज़्यादा मत करो.. बेचारी जीएफ की जान निकालोगे क्या? ये कह कर भाभी हंसने लगीं.
मैं स्माइल देते हुए बोला- नहीं एक्सर्साइज़ किसी और की जान निकालने के लिए कर रहा हूँ. इतना कह कर मैं भी हंसने लगा.
वो दो मिनट के लिए एकदम से चुप हो गईं फिर नीचे फ्लैट में आ गईं. उस रात मैंने उन्हें मैसेज किया ही था कि भाभी का तुरंत रिप्लाइ आया- सोए नहीं अभी तक? मैंने बोला- नहीं.. लेट सोता हूँ. “हम्म…”
मैंने पूछा- आप नहीं सोईं? तो बोलीं- नींद नहीं आ रही. मैंने मज़ाक में बोला- पति की याद आ रही है क्या? भाभी बोलीं- नहीं नहीं.. लेकिन यूं ही पता नहीं नींद नहीं आ रही. मैं बोला- आ जाओ छत पर.. बात करते हैं. भाभी बोलीं- नहीं रात बहुत हो गई है, कोई देखेगा तो अच्छा नहीं लगेगा. मैं बोला- तो मेरे फ्लैट में आ जाओ. भाभी बोलीं- नहीं.. उधर तो बिल्कुल नहीं. मैं बोला- अरे आ जाओ.. भरोसा करो कुछ नहीं करूँगा.
मैंने हंसते हुए स्माइली बना कर भेज दी. तो रिप्लाइ आया- डर तुमसे नहीं है, कोई देखेगा तो पंगा हो जाएगा. मैंने बोला- नहीं देखेगा.. इस फ्लोर पर अपन दोनों ही हैं. बहुत ज़ोर देने पर भाभी बोलीं- ठीक है गेट खोल कर रखो, मैं आती हूँ.
मैंने बाहर की लाइट बंद की ताकि फ्लोर पर अंधेरा हो जाए और गेट खोल दिए. थोड़ी देर में भाभी जल्दी से अन्दर आईं और गेट अन्दर से लगा लिए.
फिर मुझे देखकर बोलीं- कोई ने देख लिया तो उस दिन मेरी वाट लग जाएगी. मैं बोला- डोन्ट वरी भाभी ऐसा कुछ नहीं होगा.
फिर भाभी मेरे पास आकर बैठ गईं. मैं काउच के सहारे नीचे बैठा मूवी देख रहा था. वो भी मेरे साइड में बैठ गईं और पूछने लगीं- कौन सी मूवी है? मैंने बोला- हॉलीवुड की है. वो भी मूवी देखने लगीं.
फिर बोलीं- कॉलेज नहीं जा रहे आजकल? मैंने बोला- नहीं.. क्लास कम लगती हैं.. इसलिए घर पर ही पढ़ लेता हूँ. फिर हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे. मैंने पूछा- कुछ पियोगी? भाभी बोलीं- नहीं.
मैंने बोला- आप ड्रिंक करती हो? भाभी बोलीं- नहीं. मैंने बोला कि नहीं या अब नहीं करतीं? तो भाभी हंसते हुए बोलीं- शादी के पहले की है.. लेकिन अब नहीं.
फिर मैं बियर के दो कॅन लेकर आया और एक उनको दिया. भाभी बोलीं- नहीं.. मुझे नहीं पीना. मैंने बोला- थोड़ा टेस्ट ही कर लो.. अब इतना चोरी छुपे आई हो तो कुछ ग़लत काम करके तो जाओ. इस बात पर हम दोनों ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे. फिर वो बियर पीने लगीं.
थोड़ा पीने के बाद बोलीं- बस अब नहीं. मैंने बोला- इसे तो फिनिश कर लो. भाभी बोलीं- नहीं.. थोड़ा सिर घूम रहा है. मैंने बोला- बस इतने में ही? तो भाभी बोलीं- हां काफ़ी साल बाद पी है तो एकदम से सिर घूमने लगा. मैंने बोला- ठीक है.
फिर मैंने बियर ख़त्म की.
हम दोनों बातें करने लगे. भाभी मेरी जीएफ के बारे में पूछने लगीं- कितनी जीएफ हैं. मैंने बोला- जीएफ एक ही है. भाभी बोलीं- और बाकी जीएफ’स नहीं हैं क्या? मैं हंसते हुआ बोला- नहीं यार, बाकी सब केवल फ्रेंड्स हैं.
मेरे यार बोलने से भाभी मेरी तरफ देखने लगीं.
फिर मैंने उनसे बोला- कुछ पर्सनल सवाल पूछ लूँ? भाभी बोलीं- हां पूछो. मैंने बोला- आपके हज़्बेंड और आपकी उम्र में काफ़ी डिफरेन्स है. भाभी बोलीं- हां वो मुझसे काफ़ी बड़े हैं. घर वालों ने शादी फिक्स की, तो मैंने मना नहीं किया. वैसे वो अच्छे हैं.
फिर मैंने मज़ाक में स्माइल मारते हुए कहा- आपको हैंडल कैसे किया होगा उन्होंने? मैं स्माइल देते हुए हंसने लगा. भाभी हंसते हुए बोलीं- मैं खुद हैंडल हो गई थी. फिर मैं बोला- जंगली बिल्लियां पालतू कभी नहीं होतीं. मेरी इस बात पर भाभी चुपचाप मेरे सामने नज़रों से नज़रें मिलाकर मुझसे बोलने लगीं- अच्छा मैं जंगली बिल्ली हूँ? मैंने बोला- हां हो. भाभी बोलीं- बहुत अनुभव है? मैंने बोला- अनुभव नहीं.. नॉलेज है लेकिन अब महसूस भी करना चाहता हूँ.
वो एकदम शांत हो गईं, मुझे देखती जा रही थीं. हमारी नज़रें एक दूसरे से लगी हुई थीं. फिर नज़रें हटा कर मुझसे बोलीं- अब मैं जाती हूँ.. नींद आ रही है.
भाभी उठ कर गेट की तरफ जाने लगीं. मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और पीछे अपने खींच लिया. मैंने उन्हें पीछे से कमर के पास से पकड़ लिया और उनकी गर्दन के पास से उनकी बदन की खुश्बू सूंघने लगा.
वो हड़बड़ाती हुई आवाज़ में बोलीं- प्लीज़ स्टॉप.. मैं मैरीड हूँ. मैंने बोला- जानता हूँ.
फिर मैंने उनका चेहरा अपनी तरफ किया. एक हाथ बालों की तरफ पकड़ के दूसरे हाथ से कमर पकड़ कर उन्हें अपने करीब कर लिया. उनको किस करने लिए उनके करीब जाने लगा. वो मुझे पीछे धक्का दे रही थीं लेकिन उनके धक्के में वो दम नहीं था, जो एक औरत की ना में होता है. वो बस दिखावे जैसा था. शायद अन्दर ही अन्दर वो भी ये सब चाहती थीं.
दोस्तो, सुमन भाभी का सेक्स उफान पर था. आगे क्या हुआ, कहानी के अगले भाग में पढ़ें और अपने विचार मुझे मेल करें! कहानी जारी है. [email protected]
कहानी का अगला भाग: पड़ोसन भाभी का सेक्स-2
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